अकबर बीरबल की कहानियाँ Best Akbar Birbal Short Stories in Hindi

आज के इस लेख में हमने अकबर बीरबल की कहानियाँ (Best Akbar Birbal Short Stories in Hindi) प्रस्तुत की है। यह अकबार और बीरबल की ज्ञानवर्धक विश्व प्रसिद्द कहानियाँ हैं जिन्हें बच्चे बहुत पसंद करते हैं और जीवन में बहुत कुछ अच्छा सीखते हैं।

अकबर और बीरबल (Akbar and Birbal) को कौन नहीं जनता? क्या आपको पता है अकबर बीरबल की कहानियाँ विश्व प्रसिद्ध हैं और उनकी हर एक कहानी में हमें कुछ ना कुछ सिखने का मौका मिलता है?

पढ़ें: अकबर बीरबल की 3 मज़ेदार कहानियां 

अकबर बीरबल की 5 विश्व प्रसिद्द कहानियाँ Best 5 Akbar Birbal Short Stories in Hindi

यह वह moral stories हैं जो सीख देने के साथ-साथ बहुत मजेदार और रोचक भी होते हैं। पहले अकबर-बीरबल की कहानियों के एपिसोड टेलीविज़न पर भी खूब देखना पसंद करते थे। चलिए जानते हैं वह बेहतरीन अकबर बीरबल की कहानियाँ कौन सी हैं –

1. बीरबल और चोर की कहानी (Birbal caught the thief Story in Hindi)

एक बार राजा अकबर के प्रदेश में चोरी हई। इस चोरी में एक चोर नें एक व्यापारी के घर से बहुत ही कीमती सामान चुरा लिया था। उस व्यापारी को इस बात पर तो पूरा विश्वास था कि चोर उसी के 10 नौकरों में से कोई एक था पर वह यह नहीं जानता था की वह कौन है।

यह जानने के लिए की चोर कौन है ! वह व्यापारी बीरबल के पास गया और उसने बीरबल से मदद मांगी। बीरबल नें भी इस बात पर हाँ कर दिया और अपने सिपाहियों से कहा कि सभी 10 नौकरों को जेल में डाल दिया जाये।

यह सुनते ही उसी दिन सिपाहियों द्वारा सभी नौकरों को पकड़ लिया गया। बीरबल नें सबसे पुछा कि चोरी किसने किया है परन्तु किसी नें भी यह मानने को इंकार कर दिया की चोरी उसने किया है।

बीरबल नें थोड़ी देर सोचा, और कुछ देर बाद वह दस समान लम्बाई की छड़ी ले कर आये और सभी चुने हुए लोगों को एक-एक छड़ी पकड़ा दिया। पर छड़ी पकडाते हुए बीरबल नें एक बात कहा ! उस इंसान की छड़ी 2 इंच बड़ी हो जाएगी जिस व्यक्ति नें यह चोरी की है। यह कह कर बीरबल चले गए और अपने सिपाहियों को निर्देश दिया की सुबह तक उनमें से किसी भी व्यक्ति को छोड़ा ना जाये।

जब बीरबल नें सुबह सभी नौकरों की छड़ी को ध्यान से देखा तो पता चला उनमें से एक नौकर की छड़ी 2 इंच छोटी थी। यह देकते ही बीरबल ने कहा ! यही है चोर।

बाद में यह देख-कर उस व्यापारी नें बीरबल से प्रश्न किया कि कैसे उन्हें पता चला की चोर वही है। बीरबल नें कहा कि चोर नें अपने छड़ी के 2 इंच बड़े हो जाने के डर से रात के समय ही अपने छड़ी को 2 इंच छोटा कर दिया था।

कहानी से शिक्षा (Moral)

सत्य कभी नहीं छुपता इसलिए जीवन में कभी भी झूट मत बोलो।

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2. बीरबल को पूछे गए तीन प्रश्न (3 Question Asked to Birbal Story in Hindi)

बीरबल, राजा अकबर के बहुत प्रिय थे। वह अपने बहुत सारे निर्णय बीरबल की चालाकी और बुद्धिमानी के बल पर सभा में लेते थे। यह देख कर कुछ दरबारीयों के मन में बीरबल के प्रति घृणा जागृत हो गयी। उन दरबारियों नें मिल कर बीरबल को बादशाह अकबर के सामने निचा दिखने के लिए एक योजना बनाया।

एक दिन भरी सभा में उन दरबारियों नें अकबर के समक्ष कहा कि अगर बीरबल हमारे 3 प्रश्नों का उत्तर दे देंगे तो हम मान जायेंगे की बीरबल से बुद्धिमान कोई नहीं। बीरबल की बुद्धि की परीक्षा लेने के लिए बादशाह अकबर हमेशा तईयार खड़े रहते थे। यह बात सुनते ही राजा अकबर नें हाँ कर दिया।

3 प्रश्न कुछ इस प्रकार के थे –

प्रश्न 1: असमान में कितने तारे हैं?
प्रश्न 2: इस धरती का कंद्र कहाँ है?
प्रश्न 3: इस पृथ्वी में कितने पुरुष और महिला हैं?

यह सुनते ही अकबर ने तुरंत बीरबल से कहा! अगर तुम इन प्रश्नों के उत्तर नहीं दे पाओगे तो तुम्हे अपने मुख्यमंत्री के पद को त्यागना पड़ेगा।

पहले प्रश्न के उत्तर के लिए, बीरबल एक घने बालों वाले भेड़ को घर ले आये और कहने लगे की जितने बाल इस भेड़ के शारीर में हैं उतने ही तारे असमान में हैं। अगर मेरे दरबारी मित्र इस भेड़ के सभी बाल गिनना चाहें तो गिन सकते हैं।

दुसरे प्रश्न के उत्तर के लिए, बीरबल जमीन पर कुछ रेखाएं खीचने लगे और कुछ देर बाद उन्होंने एक लोहे की छड़ी को गाड़ दिया और कहा यह है धरती का केंद्र बिंदु। अगर मेरे दरबारी दोस्त मापना चाहते हैं तो स्वयं माप सकते हैं।

तीसरे सवाल के उत्तर में बीरबल बोले, वैसे तो यह बताना बहुत ही मुश्किल है कि इस दुनिया में पुरुष कितने हैं और महिलाएं कितनी हैं क्योंकि इस दुनिया में कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनको उस गणना में नहीं जोड़ा जा सकता जैसे की हमारे यह दरबारी मित्र। अगर इस प्रकार के लोगों को हम मार डालें तो हमें गणना करने में भी आसानी होगी।

यह सुनते ही सभी दरबारियों नें सर निचे कर लिया। तभी राजा अकबर में हँसते हुए कहा ! बीरबल, तुमसे चालक और बुद्धिमान कोई नहीं।

कहानी से शिक्षा (Moral)

सफलता प्राप्त करना का कोई न कोई रास्ता जरूर होता है बस अपनी बातों पर दृढ़ संकल्प रखना जरूरी है।

3. बीरबल और अंगूठी चोर की कहानी (Birbal and The Ring thief Story in Hindi)

एक दिन भरे दरबार में राजा अकबर नें अपना अंगूठी खो दिया। जैसे ही राजा को यह बात पता चली उन्होंने सिपाहियों से ढूँढने को कहा पर वह नहीं मिला।

राजा अकबर नें बीरबल से दुखी मन से बताया कि वह अंगूठी उनके पिता की अमानत थी जिससे वह बहुत ही प्यार करते थे। बीरबल नें जवाब में कहा! आप चिंता ना करें महाराज, मैं अंगूठी ढून्ढ लूँगा।

बीरबल नें दरबार में बैठे लोगों की तरफ देखा और राजा अकबर से कहा !  महाराज चोरी इन्हीं दर्बर्यों में से ही किसी ने किया है। जिसके दाढ़ी में तिनका फसा है उसी के पास आपका अंगूठी हैा।

जिस दरबारी के पास महाराज का अंगूठी था वह चौंक गया और अचानक से घबराहट के मारे अपनी दाढ़ी को धयान से देखने लगा। बीरबल नें उसकी हरकत को देख लिया और उसी वक्त सैनिकों को आदेश दिया और कहा! इस आदमी की जांच किया जाए।

बीरबल सही था अंगूठी उसी के पास थी। उसको पकड़ लिया गया और कारागार में कैद कर लिया गया। राजा अकबर बहुत खुश हुए।

कहानी से शिक्षा (Moral)

एक दोषी व्यक्ति हमेशा डरता रहता है।

4. राज्य के कौवों की गिनती की कहानी (Crows in the Kingdom Story in Hindi)

एक दिन राजा अकबर और बीरबल राज महल के बगीचे में टहल/घूम रहे थे। बहुत ही सुन्दर सुबह थी, बहुत सारे कौवे तालाब के आस पास उड़ रहे थे। कौवों को देखते ही बादशाह अकबर के मन में एक प्रश्न उत्पन्न हुआ। उनके मन में यह प्रश्न उत्पन्न हुआ कि उनके राज्य में कुल कितने कौवे होंगे?

बीरबल तो उनके साथ ही बगीचे में टहल रह थे तो राजा अकबर नें बीरबल से ही यह प्रश्न  कर डाला और पुछा ! बीरबल, आखिर हमारे राज्य में कितने कौवे हैं? यह सुनते ही चालक बीरबल ने तुरंत उत्तर दिया – महाराज, पुरे 95,463 कौवे हैं हमारे राज्य में।

महाराज अकबर इतने तेजी से दिए हुए उत्तर को सुन कर हक्का-बक्का रह गए और उन्होंने बीरबल की परीक्षा लेने का सोचा। महाराज नें बीरबल से दोबारा प्रश्न किया ! अगर तुम्हारे गणना किये गए अनुसार कौवे ज्यादा हुए?

बिना किसी संकोच के बीरबल बोले हो सकता है किसी पड़ोसी राज्य के कौवे घूमने आये हों। और कम हुए तो! बीरबल नें उत्तर दिया, ” हो सकता है हमारे राज्य के कुछ कौवे अपने किसी अन्य राज्यों के रिश्तेदारों के यहाँ घूमने गए हों।

कहानी से शिक्षा (Moral)

जीवन में शांत मन से विचारों को सुनने और सोचने से, जीवन के हर प्रश्न का उत्तर निकल सकता है।

5. बीरबल की खिचड़ी कहानी Birbal’s Khichdi Story in Hindi

यह एक ठण्ड के मौसम की सुबह थी। राजा अकबर और बीरबल सैर कर रहे थे। उसी वक्त बीरबल के मन में एक विचार आया और वो राजा अकबर के सामने बोल पड़े एक आदमी/मनुष्य पैसे के लिए कुछ भी कर सकता हैं। यह सुनते ही अकबर नें पास के झील के पानी में अपनी उँगलियों को डाला और झट से निकाल दिया, पानी बहुत ही ठंडा होने के कारण।

अकबर बोले क्या कोई ऐसा व्यक्ति है जो पैसे के लिए पूरी रात इस झील के ठन्डे पानी में खड़ा रह सके। बीरबल नें कहा, ” मुझे पूरा यकीं हैं मैं किसी ना किसी ऐसे व्यक्ति को जरूर ढून्ढ लूँगा। यह सुनते ही अकबर नें बीरबल से कहा, ” अगर तुम इस प्रकार के किसी मनुष्य को हमारे पास ले कर आओगे और वह यह कार्य करने में सफल हो गया तो हम उसे सौ स्वर्ण मुद्राएँ देंगे।

अगले ही दिन बीरबल खोज में लग गए और उन्हें ऐसा आदमी मिल गया जो बहुत ही गरीब था और सौ स्वर्ण मुद्राओं के लिए उस झील के पानी में पूरी रात खड़े रहने को राज़ी हो गया। वह आदमी झील के पानी में जा कर खड़े हो गया।

राजा अकबर के सैनिक भी उस गरीब मनुष्य को रात भर पहरा देने के लिए झील के पास खड़े थे। वह पूरी रात उस झील के पानी में गले तक खड़ा रहा। अगले दिन सुबह उस आदमी को दरबार में राजा अकबर के पास लाया गया। बादशाह अकबर नें उस व्यक्ति से पूछा, ” तुम पूरी रात कैसे इतने ठन्डे पानी में अपने सर तक डूब कर रह पाए।

उस गरीब व्यक्ति नें उत्तर में कहा, ” हे महाराज में पूरी रात आपके महल में जलते हुए एक दीप को रातभर देखता रहा, जिससे की मेरा ध्यान ठण्ड से दूर रहे। अकबर ने यह सुनते ही कहा, ” ऐसे व्यक्ति को कोई इनाम नहीं मिलेगा जिसने पूरी रात मेरे महल के दीप की गर्माहट से ठन्डे पानी में समय बिताया हो।

यह सुन कर वह गरीब आदमी बहुत दुखी हुआ और बीरबल से उसने मदद मांगी। अगले दिन बीरबल दरबार में नहीं गए। जब राजा परेशान हुए तो उन्होंने अपने सैनिकों को उनके घर भेजा। जब सैनिक बीरबल के घर से लौटे, तो उन्होंने राजा अकबर से कहा कि जब तक बीरबल की खिचड़ी नहीं पकेगी वह दरबार में नहीं आएंगे।

राजा कुछ घंटों के लिए रुके और उसी दिन शाम को वह स्वयं बीरबल के घर गए। जब वह वह पहुंचे तो उन्होंने देखा कि बीरबल कुछ लकड़ियों में आग लगा कर निचे बैठे थे, और कुछ 5 फीट ऊपर एक मिटटी के एक कटोरे में खिचड़ी पकाने के लिए लटका रखा था।

यह देखते ही राजा और उनके सैनिक हँस पड़े। अकबर बोल पड़े, “यह खिचड़ी कैसे पक सकती है जबकी चावल से भरा कटोरा तो आग से बहुत दूर है।

बीरबल नें उत्तर दिया, “अगर कोई आदमी इतनी दूर से एक दीपक की गर्मी से पूरी रात झील के ठंडे पानी में समयबिता सकता है तो यह किचड़ी क्यों नहीं पक सकती है।राजा अकबर को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने उस गरीब आदमी को उसका इनाम(सौ स्वर्ण मुद्राएँ) प्रदान किया।

कहानी से शिक्षा (Moral)

जीवन में दुसरे लोगों की मेहनत/परिश्रम के महत्व को समझना चाहिए और हर किसी व्यक्ति को सम्मान देना चाहिए।

अगर आपको ये 5 बेहतरीन अकबर बीरबल की कहानियाँ (Best Akbar Birbal Short Stories in Hindi) अच्छी लगी हो तो comment के माध्यम से अपने सुझाव भेजें।

76 thoughts on “अकबर बीरबल की कहानियाँ Best Akbar Birbal Short Stories in Hindi”

  1. हैलो फ़्रेंड्स आप की वैबसाइट मुजे बहुत ही पसंद आई, आप ने अकबर बीरबल की कहानी भी बड़िया तरीके से लिखी है, आई एएम इम्प्रेस

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  2. मुझे आपकी अकबर-बीरबल की कहानियँा बहुत पंसद आयी है|
    Very very nice stories of akbar-birbal…

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  3. Thank you very much Vijay. Aapne Bahut hi Acchi kahani share ki hai , ek bahut achha moral ke saaath apne ise present kiya. Future mein aur aise kahani share jarur kijiyega.

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  4. The stories are very nice.
    but i can’t understand one thing
    who is the editor and the author of these stories
    can you please tell
    please……….

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  5. ❝ ये बात हवाओं को भी बताये रखना,
    रौशनी होगी चिरागों को भी जलाये रखना,
    लहू देकर जिसकी हिफाजत की हमने,
    ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना। ❞
    **Happy Republic Day**

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