हिन्दी दिवस पर निबंध Essay on Hindi Diwas in Hindi

हिन्दी दिवस पर निबंध Essay on Hindi Diwas in Hindi

इस लेख में हिन्दी दिवस पर निबंध (Essay on Hindi Diwas in Hindi) लिखा गया है। इसमें हिन्दी दिवस या हिन्दी पखवाड़ा क्या है, हिन्दी दिवस का महत्व, हिन्दी दिवस कब मनाया जाता है, इसका इतिहास और हिन्दी दिवस समारोह के बारे में विस्तार से बताया गया है।

हिन्दी दिवस या हिन्दी पखवाड़ा क्या है? What is Hindi Diwas or Hindi Pakhwada?

विविधताओं से समृद्ध हमारे भारत देश को एक अन्य चीज भी अनोखा बनाती है, जो है यहां पर बोलचाल की भाषाएं। दुनिया की सबसे प्राचीन माने जाने वाली भाषाओं में से एक संस्कृत के पश्चात भारत में हिंदी एक प्रसिद्ध भाषा है। गौरतलब है कि हिंदी दिवस को हिंदी पखवाड़ा भी कहा जाता है।

हिंदी पूरे विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। भारत में लगभग आधी आबादी से भी अधिक हिंदी के वक्ता हैं। 14 सितंबर 1949 के दिन हिंदी को भारतीय संविधान में राजभाषा का दर्जा दिया गया था।

जिसके अगले ही साल 26 जनवरी 1950 में भारतीय संविधान को लागू किया गया। क्योंकि हिंदी हमारी मातृभाषा है, इसलिए हिंदी दिवस के दिन सभी भारतीय इसे एक उत्सव के रूप में मनाते हैं। हिंदी पखवाड़ा या हिंदी दिवस सभी मातृभाषा प्रेमियों के लिए बड़ा ही खास दिन होता है।

हिन्दी दिवस का महत्व Importance of Hindi Diwas in Hindi

‘भाषा’ यह शब्द सुनने में भले ही साधारण सा लगे, लेकिन यह सच है की बिना भाषा के कभी भी विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले हमारे देश में सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा हिंदी को बोलने में आज कई लोगों को शर्म आती है। 

यह खेद की बात है की हिंदी को भारत में ही इतना सम्मान नहीं दिया जा रहा, जितना कि उसे मिलना चाहिए। लोगों को विदेशी भाषा इंग्लिश बोलने में बड़ा ही गर्व महसूस होता है, लेकिन हिंदी बोलने में दिक्कत होती है। हिंदी दिवस ऐसे ही लोगों को उनके महान भाषा हिंदी के इतिहास को बताता है।

हिंदी दिवस आज मनाया जाना बहुत ही जरूरी है। लोगों को कभी भी अपनी मातृभाषा को बोलने में शर्म नहीं करना चाहिए। हिंदी दिवस को अब तक राजभाषा तो घोषित किया गया है, लेकिन अभी भी राष्ट्रभाषा का दर्जा इसे नहीं मिला है। तथाकथित वेस्टर्न कल्चर को अपनाने वाले और हमारी भाषा और संस्कृति को पीछे छोड़ने वाले लोगों के मुंह पर हिंदी दिवस एक तमाचा है।

कई प्रयासों के बाद इस नए समय में हिंदी भाषा को महत्व प्रदान किया जाना प्रारंभ हो गया। हिंदी भाषा के महत्व को स्थापित करते हुए खुद हमारे भारत के प्रधानमंत्री अब संयुक्त राष्ट्र संघ और दूसरी बड़ी सम्मेलनों में हिंदी भाषा में सभी को संबोधित करते हैं। 

यह सभी भारत वासियों के लिए एक गर्व की बात है कि भारत में दौरे पर आने वाले बड़े-बड़े विदेशी राजनेता भी संबोधन के प्रारंभ में कुछ शब्द हिंदी में बोलते हैं, उसके बाद अपनी भाषा में भारतवासियों को संबोधित करते हैं। 

बदलते भारत में हिंदी भाषा के बढ़ते महत्व की कल्पना इस बात से की जा सकती है, कि सालों पहले हमारी मातृभाषा को विदेशों में जरा भी सम्मान नहीं दिया जाता था। उल्टा इसका मजाक बनाया जाता था और हिंदी बोलने वालों को अपमानित भी किया जाता था। लेकिन आज समय बिल्कुल विपरीत है। 

यह बेहद अच्छी तथा आश्चर्य की बात है, कि बढ़ते समय के साथ ही हिंदी भाषा सुनने और बोलने वाले लोगों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। अर्थात लोगों को अब अपनी मातृभाषा की कदर हो गई हैं। भारतीयों के अलावा विदेशियों को भी अब हिंदी भाषा को सीखना बड़ा ही दिलचस्प लगता है।

हिन्दी दिवस कब मनाया जाता है? When is Hindi Diwas Celebrated?

14 सितंबर के दिन हर वर्ष भारत में हिंदी दिवस मनाया जाता है। हालांकि विश्व हिंदी दिवस हर वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। 14 सितंबर 1949 में हिंदी को भारतीय संविधान द्वारा राजभाषा का दर्जा मिला, जिसके पश्चात हर साल हिंदी दिवस अथवा हिंदी पखवाड़ा मनाया जाने लगा।

हिन्दी दिवस का इतिहास History of Hindi Day

हिंदी भाषा की बात करें तो इसका इतिहास बेहद पुराना है। वैदिक काल में संस्कृत के बाद हिंदी भाषा का प्रचलन हुआ था। लगभग 12वीं शताब्दी के आसपास इसकी लोकप्रियता बेहद बढ़ गई थी। 

कई विद्वानों द्वारा इस भाषा में विभिन्न साहित्य का निर्माण भी किया गया। अमीर खुसरो, जिन्हे साहित्य की दुनिया के एक अमर कलाकार माना जाता है। उन्होंने हिंदी भाषा में भी कई कविताओं और शायरियों का निर्माण किया था।

आजाद भारत में हिंदी को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिलवाने के लिए कई महान लोगों ने कड़े संघर्ष किए थे। जिनमें व्यौहार राजेंद्र सिंहा, काका कालेलकर, सेठ गोविंददास और हजारी प्रसाद द्विवेदी जैसे कई साहित्यकारों का नाम शामिल है। 

आखिरकार 14 सितंबर के दिन भारत को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 में एक अधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को मान्यता प्रदान की गई थी। हिंदी दिवस इसीलिए भी सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि इसी दिन व्यौहार राजेंद्र सिंहा का 50वांजन्मदिन भी था।

हिंदी साहित्य सम्मेलन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने खुद 1918 में हिंदी को जनमानस की भाषा कहकर संबोधित किया था। गांधी जी ने यह भी कहा था की हिंदी को राजभाषा बनाना चाहिए। 

इसके अलावा वर्ष 1977 में पहली बार भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में खड़े होकर हिंदी भाषा में सभी को संबोधित किया था।

हिंदी भाषा के वक्ताओं द्वारा चारों तरफ इसका प्रचार करने और हिंदी भाषा के उत्थान के उद्देश्य से 14 सितंबर से 21 सितंबर तक हिंदी दिवस के मौके पर हिंदी सप्ताह अथवा राजभाषा सप्ताह का आयोजन होता है।

हिन्दी दिवस समारोह Hindi Diwas Celebration

हिंदी भाषा के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए हिंदी दिवस के दिन तमाम प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा हिंदी भाषा को बोलने के लिए प्रोत्साहन भी दिया जाता है। 

मातृभाषा के प्रचार प्रसार के लिए यह एक बड़ा अनोखा दिन होता है। विशेषकर हमारी नई पीढ़ी को हिंदी भाषा के प्राचीन इतिहास और महत्व को उनकी स्मृति में संजोए रखने के लिए हिंदी दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।

लगभग सभी स्कूल और कॉलेजों में भाषा के महत्व का प्रदर्शन करते हुए हिंदी दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, जिसमें अपनी मातृभाषा पर कविताएं, शायरियां, भाषण प्रतियोगिता, निबंध लेखन, पाठक प्रतियोगिता इत्यादि आयोजित होता है। इसके अलावा तमाम सरकारी संस्थानों जैसे कि बैंक, दफ्तर इत्यादि में हिंदी भाषा के प्रयोग पर जोर दिया जाता है।

हिंदी दिवस से पूरे एक हफ्ते तक इस अवसर पर कई प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित होती है। जिसका मूलभूत उद्देश्य यही रहता है कि अधिक से अधिक इस भाषा को बढ़ावा दिया जाए और दूसरों को भी इसे बोलने में गौरव महसूस करके का प्रचार-प्रसार हो।

इसी पूरे सप्ताह में हिंदी भाषा के प्रति कुछ अनोखा करने वाले लोगों को पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जाता है। ‘राष्ट्रभाषा गौरव पुरस्कार’ तथा ‘राष्ट्रभाषा कीर्ति पुरस्कार’ जैसे सम्मानो को समितियों द्वारा वितरित किया जाता है।

हिंदी दिवस का दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस दिन लोगों को अपने मूल भाषा के प्रति सम्मान को प्रदर्शित करने का अवसर मिलता है। वास्तव में हिंदी अथवा कोई भी भाषा सीधे लोगों की भावनाओं से जुड़ी होती हैं। 

इन्हें केवल एक दिन के त्यौहार की तरह मनाने के बदले इसे पूरे साल ही मनाया जाना चाहिए। तात्पर्य यह है कि भारतीय होने के नाते हमें हिंदी को केवल हिंदी दिवस के दिन ही नहीं बल्कि साल के पूरे दिन सम्मान देना चाहिए और इसे मातृभाषा की तरह अपना कर गौरवपूर्ण होकर बोलना चाहिए, यही हिंदी दिवस का सार है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने हिन्दी दिवस पर निबंध (Hindi Diwas Essay) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको जानकारी से भरपूर लगा होगा। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें।

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