• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
1hindi.com new logo 350 90

1Hindi

Indias No. 1 Hindi Educational & Lifestyle Blog

  • Educational
    • Essay
    • Speech
    • Personality Development
    • Festivals
    • Tech
  • Biography
  • Business
  • Health
    • स्वस्थ भोजन
  • Quotes
  • Stories
  • About Me
Home » Biography » स्वामी विवेकानंद की जीवनी Swami Vivekananda Biography in Hindi

स्वामी विवेकानंद की जीवनी Swami Vivekananda Biography in Hindi

Last Modified: January 12, 2023 by बिजय कुमार 4 Comments

स्वामी विवेकानंद की जीवनी Swami Vivekananda Biography in Hindi

इस लेख में आप स्वामी विवेकानंद की जीवनी Swami Vivekananda Biography in Hindi पढ़ेंगे। जिसमें आप उनका जन्म, प्रारम्भिक जीवन, शिक्षा, महान कार्य तथा मृत्यु के विषय में पढ़ेंगे।

स्वामी विवेकानंद एक महान हिन्दू सन्यासी थे जो श्री रामकृष्ण के प्रत्यक्ष शिष्य थे। उन्हें भगवान का रूप माना जाता है। विवेकनद जी का भारतीय योग और पश्चिम में वेदांत दर्शन के ज्ञान को बांटने का बहुत ही अहम योगदान है। वर्ष 1893 में उन्होंने शिकागो में विश्व धर्म संसद के उद्घाटन में एक बहुत ही शक्तिशाली भाषण दिया जिसमें उन्होंने विश्व के सभी धर्मों में एकता का मुद्दा उठाया।

Table of Content

Toggle
  • स्वामी विवेकानंद की जीवनी Swami Vivekananda Biography in Hindi
  • विवेकानंद का प्रारंभिक जीवन Early life of Vivekananda in Hindi
  • श्री रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद Ramakrishna Paramahansa and Swami Vivekananda
  • विश्व धर्म संसद में विवेकानंद का भाषण Vivekananda Speech– World Parliament of Religions.
  • मृत्यु Death

स्वामी विवेकानंद की जीवनी Swami Vivekananda Biography in Hindi

विवेकानंद ने पारंपरिक ध्यान का दर्शन दिलाया और निस्वार्थ सेवा को समझाया जिसे कर्म योग कहा जाता है। विवेकनद ने भारतीय महिलाओं के लिए मुक्ति और बुरे और बुरे जाती व्यवस्था को अंत करने का वकालत किया।

भारतीय लोगों और भारत देश का आत्मविश्वास बढाने में उनका बहुत ही अहम हाथ रहा और बाद मैं बहुत सारे राष्ट्रवादी नेताओं ने यह भी बताया की वे विवेकनद जी के सुविचारों और व्यक्तित्व से बहुत ही प्रेरित थे।

विवेकानंद का प्रारंभिक जीवन Early life of Vivekananda in Hindi

स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 कलकत्ता, बंगाल, ब्रिटिश भारत मैं एक परम्परानिष्ठ हिन्दू परिवार में हुआ था। उनका असली नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था। एक बच्चे के रूप में भी विवेकानंद में असीम उर्जा था और वह जीवन के कई पहलुओं से मोहित हो गए थे।

उन्होंने इश्वर चन्द्र विद्यासागर मेट्रोपोलीटैंट इंस्टीट्यूशन से अपनी पश्चिमी शिक्षा प्राप्त की। पढाई में वह अच्छी तरह से पश्चिमी और पूर्वी दर्शनशास्त्र में निपुण हो गये। उनके शिक्षक यह टिप्पणी किया करते थे की विवेकानंद में एक विलक्षण स्मृति और जबरदस्त बौद्धिक क्षमता थी।

स्वामी विवेकानंद बहुत बुद्धिमान थे और वे पूर्व – पश्चिमी दोनों प्रकार के साहित्य में निपूर्ण थे। विवेकानंद विशेष रूप से पश्चिम के तर्कसंगत तरीके को पसंद करते थे जिसके कारण धार्मिक अंधविश्वासियों को निराशा भी हुई। इस चीज के कारण स्वामी विवेकानंद ब्राह्मो समाज से जुड़े।

ब्राह्मो समाज एक आधुनिक हिन्दू अन्दोलत था जिसमें उससे जुड़े लोगों ने भारतीय समाज और जीवन को पुनर्जीवित करने की मांग की और अध्यात्मिक ज्ञान को बढ़ावा दिया। उन्होंने चित्र और मूर्ति पूजा जा विरोध किया।

हालाकिं ब्राह्मो समाज की समजदारी विवेकानंद को उतना आध्यात्मिकता नहीं दे सका। बहुत ही छोटी उम्र से हीउनके जीवन में अध्यात्मिक अनुभवों की शुरुवात हो गयी थी और 18 वर्ष की आयु में उन्होंने अपने मन में “भगवान के दर्शन” पाने का एक भारी इच्छा बना लिया था।

Video on Vivekananda Biography in Hindi

श्री रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद Ramakrishna Paramahansa and Swami Vivekananda

शुरुवात में कई बातों में रामकृष्ण परमहंस जी के विचार विवेकनंद से अलग थे। रामकृष्ण परमहंस जी एक अशिक्षित और साधारण ग्रामीण व्यक्ति थे जिन्होंने एक स्थानीय काली मंदिर में एक पद को लिया और वहां रहते थे तब भी उनके साधारण रूप में भी एक अत्याधुनिक अध्यात्मिक तेज़ दीखता था।

वे अपने मंदिर के माता काली के समक्ष तीव्र साधना करते थे और रामकृष्ण जी ने ना सिर्फ हिन्दू रसम रिवाज़ का पालन किया बल्कि सभी मुख्य धर्मों के आध्यात्मिक पथ को भी अपनाया। उनका यह मानना था कि सभी धर्मों का एक ही लक्ष्य है वो है एकता के साथ अनंत की खोज।

विवेकानंद के अध्यात्मिक शक्ति के विषय में रामकृष्ण को जल्द यह पता चल गया और जल्द ही उनका ध्यान विवेकानंद के ऊपर हुआ जो पहले रामकृष्ण के विचारों को सही तरीके से समझ नहीं पाते थे। विवेकानंद शुरुवात में रामकृष्ण के विचारों का विश्वास भी नहीं करते थे और उनके उपदेशों को बार-बार पूछते थे और उनकी शिक्षा के प्रति बहस भी करते थे।

हलाकि बाद में श्री रामकृष्ण परमहंस जी के सकारात्मक विचारों ने विवेकानंद के हृदय को पिघला दिया और वो भी रामकृष्ण से उत्पन्न होने वाले वास्तविक आध्यात्मिकता का अनुभव करने लगे। लगभग 5वर्षों के अवधि के लिए, विवेकनद को सीधे मास्टर श्री रामकृष्ण जी से सिखने का मौका मिला। उनसे शिक्षा लेने के बाद स्वामी विवेकानंद को चेतना और समाधी के गहरे स्थिति का अनुभव हुआ।

विवेकानंद ने अपने गुरु से जीवन भर इस प्रकार के निर्वाण के परमानंद का अनुभव प्रदान करने के लिए पुछा। परन्तु श्री रामकृष्ण का उत्तर आया – मेरे लड़के, मुझे लगता है तुम्हारा जन्म कुछ बहुत बड़ा ही करने के लिए हुआ है।

रामकृष्ण के मृत्यु के बाद, अन्य शिष्यों ने विवेकानंद को उनका नेतृत्व करने के लिए कहा ताकि वे भी रामकृष्ण जी के अध्यात्मिक  विचारों से अवगत हो सकें। हलाकि विवेकानंद के लिए व्यक्तिगत मुक्ति काफी नहीं था उनका ध्यान तो गरीब, भूखे लोगों की और था। विवेकानंद जी का कहना था मात्र मानवता से ही इश्वर या भगवान् को पाया जा सकता है।

कई वर्षों के तप और ध्यान के पश्चात् स्वामी विवेकानंद ने भारत के कई पवित्र स्थानों का भ्रमण करना शुरू कर दिया। उसके बाद वे अमेरिका – विश्व धर्म संसद, सन्यासी का भेस धारण कर गेरुआ वस्त्र पहन कर गए।

विश्व धर्म संसद में विवेकानंद का भाषण Vivekananda Speech– World Parliament of Religions.

स्वामी विवेकानंद ने साल 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद के उद्घाटन में एक बहुत ही शक्तिशाली भाषण दिया जिसमें उन्होंने विश्व के सभी धर्मों में एकता का मुद्दा उठाया।

उद्घाटन समारोह में विवेकानंद आखरी के कुछ भाषण देने वालों में से एक थे।  उनसे पहले भाषण देने वाले व्यक्ति ने अपने स्वयं के धर्म का अच्छाई और विशेष चीजों के बारे में बताया परन्तु स्वामी विवेकानंद ने सभी दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा कि उनका दृष्टिकोण मात्र  इश्वर के समक्ष सभी धर्मों की एकता है।

. (see Speech to Parliament)

उन्होंने अपना भाषण कुछ इन शब्दों में शुरू किया –

Sisters and Brothers of America,

It fills my heart with joy unspeakable to rise in response to the warm and cordial welcome which you have given us. I thank you in the name of the most ancient order of monks in the world; . . .

स्वामी विवेकानंद हिन्दू धर्म का प्रतिनिधित्व करने के लिए चीन गए थे। लेकिन विवेकानंद ने अपने धर्म को बड़ा और अच्छा दिखाने का कोई कोशिश नहीं किया बल्कि उन्होंने वहां विश्व धर्म सद्भाव और मानवता के प्रति आध्यात्मिकता भाव को व्यक्त किया।

The New York Herald ने विवेकानंद के विषय में कहा –

He is undoubtedly the greatest figure in the Parliament of Religions. After hearing him we feel how foolish it is to send missionaries to this learned nation.

निश्चित रूप से वो धर्म संसद में सबसे ज़बरदस्त व्यक्ति थे। उन्हें सुनने के बाद हम यह एहसास कर सकते हैं कि यह कितना मुर्खता है की हम अपने धर्म-प्रचारक इतने शिक्षित देश में भेजते हैं।

अमरीका में विवेकानंद ने अपने कुछ करीबी शिष्यों को ट्रेनिंग भी देना शुरू किया ताकि वे वेदांत की शिक्षाओं का प्रचार कर सकें। उन्होंने अपने शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अमरीका और ब्रिटेन दोनों जगह छोटे सेंटर शुरू कर दिए। विवेकानंद को ब्रिटेन में भी कुछ ऐसे लोग मिले जो वेदांत की शिक्षा को लेने में इच्छुक हुए।

मिस मार्गरेट नोबल उन्ही में से एक ध्यान देने वाला नाम था जिसका नाम बाद में मिस निवेदिता पड़ा। वह आयरलैंड की रहनेवाली थी जो विवेकनद की एक शिष्या थी। उन्होंने आपना पूरा जीवन भारतीय लोगो के लिए समर्पण कर दिया। पश्चिमी देशों में कुछ वर्ष समय बिताने के बाद विवेकानंद भारत वापस आगए। सभी लोगों ने उनका उत्साहपूर्ण स्वागत किया।

भारत लौटने के बाद स्वामी विवेकानंद ने भारत में अपने मठों का पुनर्गठन किया और अपने वेदान्तिक सिधान्तों के सच्चाई का उपदेश देना शुरू कर दिया। उन्होंने निःस्वार्थ सेवा के फायदों के बारे में भी बताया।

मृत्यु Death

4 जुलाई , 1902, बेलूर, भारत में 39 वर्ष की आयु में स्वामी विवेकानंद निधन हो गया। पर अपने इस जीवन के छोटे अवधि में भी वो बहुत कुछ सिखा कर गए जो आज तक पूरे विश्व को याद है। इसी कारण स्वामी विवेकानंद जी को आधुनिक भारत के संरक्षक संत का नाम दिया गया।

Filed Under: Biography Tagged With: swami vivekananda biography in hindi book, Swami Vivekananda in Hindi, swami vivekananda life history in hindi, स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय, स्वामी विवेकानंद की जीवनी, स्वामी विवेकानंद बायोग्राफी

About बिजय कुमार

नमस्कार रीडर्स, मैं बिजय कुमार, 1Hindi का फाउंडर हूँ। मैं एक प्रोफेशनल Blogger हूँ। मैं अपने इस Hindi Website पर Motivational, Self Development और Online Technology, Health से जुड़े अपने Knowledge को Share करता हूँ।

Reader Interactions

Comments

  1. Abdul hameed says

    December 7, 2017 at 10:24 am

    He is real hero of world

    Reply
    • Anonymous says

      January 27, 2021 at 11:01 am

      Yes he Is a real hero of world

      Reply
  2. neelesh says

    December 28, 2017 at 6:21 pm

    very nice, bhut hi badiya trike se btaya aapne thanks

    Reply
  3. Rashmi says

    September 20, 2019 at 8:04 pm

    You have written a very good article. You have given very interesting information about Swami Vivekananda. Here you have explained all the facts very beautifully.

    Reply

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Primary Sidebar

सर्च करें

Recent Posts

  • Starlink in India: क्या है, फ़ीचर, फ़ायदे, नुक़सान, कब तक
  • A+ स्टूडेंट बनने के टिप्स: सफलता के लिए सही मानसिकता
  • देशभक्ति पर स्लोगन (नारा) Best Patriotic Slogans in Hindi
  • सुरक्षा या सेफ्टी स्लोगन (नारा) Best Safety Slogans in Hindi
  • पर्यावरण संरक्षण पर स्लोगन (नारा) Slogans on Save Environment in Hindi

Footer

Copyright Protected

इस वेबसाईट के सभी पोस्ट तथा पृष्ट Copyrighted.com तथा DMCA के द्वारा कॉपीराइट प्रोटेक्टेड हैं। वेबसाईट के चित्र तथा कंटेन्ट को कॉपी करना और उपयोग करना एक गंभीर अपराध है।

Disclaimer and Note

इस वेबसाइट पर स्वास्थ्य से जुड़े कई टिप्स वाले लेख हैं। इन जानकारियों का उद्देश्य किसी चिकित्सा, निदान या उपचार के लिए विकल्प नहीं है। इस वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध टेक्स्ट, ग्राफिक्स, छवियों और सूचनाएँ केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से प्रदान की जाती हैं। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए कृपया योग्य चिकित्सक या विशेषज्ञ से परामर्श करें।

Important Links

  • Contact us
  • Privacy policy
  • Terms and conditions

Copyright © 2015–2025 1Hindi.com