बीके शिवानी – ब्रह्मकुमारी शिवानी की जीवनी Brahmakumari Shivani Biography in Hindi

इस लेख में आप ब्रह्म कुमारी शिवानी की जीवनी (Biography of Brahma Kumari Shivani in Hindi) पढ़ेंगे। इस लेख में ब्रह्माकुमारी शिवानी का परिचय, जन्म और शिक्षा, करियर, निजी जीवन,  ब्रह्माकुमारी संस्था, उन्हें प्राप्त अवार्ड और उपलब्धियां इत्यादि के बारे में संपूर्ण जानकारी दी गई है।

बीके शिवानी – ब्रह्मकुमारी शिवानी की जीवनी Brahmakumari Shivani Biography in Hindi

दुनिया भर में प्रसिद्ध ब्रह्मा कुमारी एक अध्यात्मिक संगठन है, जिसमें मुख्य रुप से महिलाएं लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से परोपकारी और अध्यात्मिक आंदोलन का नेतृत्व करती हैं। ब्रह्माकुमारी शिवानी जिन्हें शिवानी दीदी कहकर भी बुलाया जाता है, इस विश्वव्यापी ब्रम्हाकुमारी संगठन की एक प्रमुख हिस्सा हैं।

ब्रम्हाकुमारी जिसका अर्थ होता है, ब्रह्मा की बेटियां। यह एक ऐसा आंदोलन है, जिसे वर्ष 1930 में लेखराज कृपलानी जी के द्वारा स्थापना किया गया था। बीके शिवानी ब्रम्हाकुमारी संगठन का एक महत्वपूर्ण चेहरा हैं, जो दुनिया के विभिन्न देशों में जाकर मानवता का अध्यात्म के प्रति समर्पण की शिक्षाएं देती हैं।

अक्सर धार्मिक टीवी चैनलों, अखबारों और सोशल मीडिया पर धर्म का प्रचार करती हुई, सफेद साड़ी धारण किए हुए और मुख पर ललाट लिए हुए ब्रह्माकुमारी शिवानी हमेशा लोगों तक धर्म कर्म का प्रचार करती रहती हैं। 

अब तक लाखों लोगों के जीवन में शिवानी दीदी परिवर्तन ला चुकी हैं। कहा जाता है, कि ब्रह्मकुमारी संगठन से जुड़ने के पहले शिवानी एक साधारण लड़की थीं, जिन्हें अध्यात्म में जरा भी रुचि नहीं थी। 

शिवानी वर्मा से ब्रह्माकुमारी शिवानी बनने के बाद उन्होंने अध्यात्म की गहरी खोज की और लोगों को उनकी समस्याओं से उभारने के लिए अध्यात्मिक शिक्षा का प्रसार किया है।

ब्रह्माकुमारी शिवानी का जन्म और शिक्षा Birth and education of Brahma Kumari Shivani in Hindi

महाराष्ट्र के पुणे शहर में 31 मई 1972 के दिन ब्रह्माकुमारी शिवानी का जन्म हुआ था। बीके शिवानी के माता-पिता बहुत पहले से ही ब्रह्माकुमारी संगठन से जुड़े थे। बचपन से ही शिवानी दीदी एक ऐसे माहौल में पली बड़ी जहां पूर्ण रूप से अध्यात्मिक वातावरण था। 

शिवानी दीदी अपने स्कूल के दिनों में सबसे होनहार छात्रा थी, जो हमेशा अपने क्लास में प्रथम स्थान पर आती थी। पढ़ाई लिखाई में उनकी विशेष रुचि थी। 

प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने 1994 में पुणे विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। अगले कुछ वर्षों में शिवानी दीदी पुणे के भारती विद्यापीठ कॉलेज आफ इंजीनियरिंग में एक शिक्षिका के रूप में कार्य भी किया।

शिवानी दीदी के माता पिता बचपन से ही उन्हें ब्रम्हाकुमारी में जाकर ज्ञान साधना करने के लिए कहते रहते थे, जो उन्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं आता था। उनका मानना था कि जब वे अपने जीवन में पूरी तरह से संतुष्ट है और खुश है तो उन्हें बिना काम के दूसरे क्रियाकलाप करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

ब्रम्हाकुमारी संगठन में जुड़ने से पहले बीके शिवानी आत्मा और अध्यात्म में बिल्कुल भी विश्वास नहीं करती थी, लेकिन जब से उन्होंने निरंतर संगठन के रोजमर्रा ध्यान और साधना करना प्रारंभ किया तब उनके जीवन में एक बड़ा बदलाव आया। इसे महसूस करते हुए वे पूर्ण रूप से 1995 में ब्रह्माकुमारी संस्था के लिए समर्पित हो गई।

ब्रह्माकुमारी शिवानी का करियर Career of Brahma Kumari Shivani in Hindi

धर्म और अध्यात्म के प्रति शिवानी दीदी की रुचि तब उत्पन्न हुई, जब वे अपने माता-पिता के साथ उनके कहने पर ब्रह्माकुमारी संस्था में ध्यान करने और भाषण सुनने के लिए जाया करती थी।

बीके शिवानी ने स्वयं अपने कुछ इंटरव्यू में यह बताया है, कि किस प्रकार उन्हें पहले ब्रह्माकुमारी संस्था बिल्कुल निरर्थक प्रतीत होती थी, लेकिन जब से उन्होंने संस्था के कार्य और ध्येय को समझना प्रारंभ किया उन्हें अध्यात्म में रूचि होने लगी और अंततः 1995 में उन्होंने पूरी तरह से ब्रह्मचर्य का व्रत करके संस्था को अपना लिया।

मेडिटेशन, लाइफ स्किल्स, इनर ब्यूटी और डिप्रेशन जैसे कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर ब्रह्माकुमारी शिवानी कई टीवी चैनलों पर लोगों को शिक्षा देती हैं। शिवानी दीदी एक अच्छी लेखिका भी हैं, जिन्होंने कई पुस्तकें लिखी है, जो पूरी दुनिया में लोगों द्वारा खूब पसंद किए जाते हैं।

ब्रह्माकुमारी संस्था एक नजर में Brahma Kumaris Institution in Hindi

ब्रह्माकुमारी संस्था की स्थापना 1936 में दादा लेखराज कृपलानी द्वारा किया गया था। संस्था के लोग उन्हें सम्मान से ओम बाबा कहकर पुकारते हैं। कहा जाता है कि दादा लेखराज वर्तमान पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक अमीर जौहरी थे। 

लेकिन हमेशा से ही उनके अंदर ईश्वर को जानने की जिज्ञासा थी, जिसके बाद उन्होंने अपने सामाजिक जीवन को दूर रखकर अध्यात्मिकता की तरफ रुख किया। 

ब्रह्माकुमारी संस्था प्रमुख रूप से महिलाओं द्वारा संचालित किया जाता है। भारत से पितृसत्तात्मक रूढ़िवादी विचारधारा को दूर करने के लिए एवं लोगों में अध्यात्म का पुनर्निर्माण करने के लिए ब्रह्माकुमारी संस्था का निर्माण किया गया था। जन-जन में ईश्वर का संदेश पहुंचाने के लिए इस संस्था में महिलाओं के साथ साथ पुरुषों की भी विशेष भागीदारी है। 

ब्रह्माकुमारी की तरह ही एक दूसरे संस्था का निर्माण किया गया, जिसे ब्रह्माकुमार नाम दिया गया है। यह संस्था का एक अभिन्न शाखा है, जिसे पुरुषों द्वारा संचालित किया जाता है, जिन्हें ब्रह्मा कुमार कहा जाता है। 

इस संस्था का मुख्य रूप से प्रसारण कोलकाता से शुरू हुआ था। उसके बाद वर्तमान समय में राजस्थान के माउंट आबू में ब्रह्माकुमारी संस्था का मुख्यालय स्थापित किया गया। भारत के अलावा लगभग हजारों शाखाओं के मदद से यह संस्था दुनिया के तमाम बड़े देशों में कार्यरत है। 

शिवानी दीदी वर्तमान समय में प्रजापति ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विद्यालय संस्था की शिक्षिका हैं। अध्यात्मिक विद्यालय में पुस्तकों के ज्ञान के साथ धर्म का ज्ञान भी विद्यार्थियों को प्रदान किया जाता है।

ब्रह्माकुमारी शिवानी के अवार्ड और उपलब्धियां Awards and Achievements of Brahma Kumari Shivani in Hindi

वीमेन ऑफ द डिकेड अचीवर अवॉर्ड से ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी को उनके लोक कल्याण के किए गए संघर्षों के लिए प्रदान किया गया है। संस्था के साथ जुड़कर शिवानी दीदी ने अब तक लगभग लाखों लोगों के जीवन में परिवर्तन लाया है।

गिनती में भले ही दीदी शिवानी को उनके अमूल्य योगदान के लिए बड़े पुरस्कार अभी तक नहीं प्रदान किए गए हैं, लेकिन मानवता के लिए उन्होंने जो आंदोलन चलाया है, वह अपने लक्ष्य में सफल होता दिखाई देता है।

अक्सर टीवी चैनलों पर ब्रह्माकुमारी शिवानी से जुड़े हुए सीरीज चलाए जाते हैं, जो हिंदी और अंग्रेजी जैसे कुछ अन्य भाषा में भी होते हैं। 

2008 में पहली बार ‘अवेकिंग विद ब्रह्मा कुमारीज’ नामक एक टीवी चैनल कार्यक्रम चलाया गया था, जो आज तक लोगों द्वारा बहुत पसंद किया जाता है। ब्रह्माकुमारी शिवानी का मानना है, कि उनकी वास्तविक उपलब्धि लोगों को अपनी संस्कृति के तरफ पुनः जागृत करना है।

ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी की किताबें Books of Brahma Kumari Shivani Didi in Hindi 

एक प्रबल वक्ता के साथ साथ बीके शिवानी एक उत्कृष्ट लेखिका भी हैं, जो सदैव ईश्वर के संदेश को पन्नो पर उतारके एक जागरण अभियान चलाती हैं। उनके कई लेख अब तक पब्लिश हुए हैं। इसके अलावा ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी द्वारा लिखी गई कुछ महत्त्वपूर्ण पुस्तकें निम्न लिखित है –

  • मेरा सुख किसके हाथ 
  • असीम आनंद की ओर 
  • हैप्पीनेस अनलिमिटेड

ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी का परिवार व निजी जीवन Family and Personal Life of Brahma Kumari Shivani Didi in Hindi

ब्रम्हाकुमारी संगठन में जुड़ने से पहले ही शिवानी दीदी का विवाह विशाल वर्मा से हो गया था। शिवानी दीदी और उनके पति साथ मिलकर अपना एक अलग व्यापार करते थे। लेकिन जब से ब्रह्माकुमारी शिवानी ने अध्यात्म को अपने जिंदगी में उतारा तभी से वे केवल ईश्वर के रंग में रंग गई।

प्रतिदिन हर क्षण ब्रह्माकुमारी शिवानी केवल ईश्वर के संदेश को प्रसारित करने का काम करती हैं। शिवानी दीदी का मानना है कि आध्यात्मिक जीवन अपनाने के लिए परिवारिक जीवन का त्याग करना आवश्यक नहीं है।

क्योंकि अध्यात्म को समान्य जीवन में भी उतारा जा सकता है। शादीशुदा होने के बावजूद भी शिवानी दीदी पूर्ण रूप से ब्रम्हचर्य का पालन करती हैं।

ब्रह्माकुमारी संस्था का लक्ष्य महिला सशक्तिकरण से भिन्न नहीं है। हालांकि यह संस्था धार्मिक प्रचार प्रसार करती है, लेकिन साथ ही समाज से महिलाओं के लिए रूढ़िवादी विचारधाराओं का खात्मा करने के लिए भी कार्यरत है। 

शिवानी दीदी का कहना है कि प्रत्येक कुंवारी लड़की को विवाह न करने का हक है और प्रत्येक शादीशुदा महिलाओं को ब्रह्मचर्य का पालन करने का पूरा हक है। ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी अपनी संस्था के सभी सदस्य को अपना परिवार मानती हैं और एक साथ मिलकर लोक कल्याण का कार्य करती है।

ब्रह्माकुमारी शिवानी के 5 अनमोल कथन 5 priceless sayings of Brahma Kumari Shivani in Hindi

  • यदि आप दुनिया के एक ऐसे बेहतरीन शख्स से मिलना चाहते हैं, जो आपकी जिंदगी को बदल सकता है, तो दर्पण में स्वयं को देखें वह खास इंसान आपको दिख जाएगा।
  • जब आप अहंकार रूपी मैं को हम में परिवर्तित कर देते हैं, तो आपके भीतर रही हुई कमजोरी भी तंदुरुस्ती में अपने आप बदल जाती है।
  • लोग कहते हैं कि गलती करना सफलता का पहला चरण होता है, लेकिन वास्तव में गलती से सीख कर आगे बढ़ना वास्तविक सफलता की शुरूआत होती है।
  • अगर एक छोटे बच्चे को खिलौना ना दिया जाए तो वह कुछ देर ही रोएगा, लेकिन अगर उसे अच्छे संस्कार नहीं देंगे तो उसे पूरा जीवन रोना पड़ेगा।
  • सत्य उस डेबिट कार्ड की तरह है, जिसके लिए पहले मूल्य चुकाएं और बाद में आनंद लें। झूठ उस क्रेडिट कार्ड की भांति होता है, जिससे पहले जी भर कर आनंद उठाएं और बाद में कीमत चुकाएं।

3 thoughts on “बीके शिवानी – ब्रह्मकुमारी शिवानी की जीवनी Brahmakumari Shivani Biography in Hindi”

  1. Shivani didi jo kar rahe he uski aaj pure vishva ko bahut jarurat he, apne jivan ke laksh ko pehchano or adhyatmic life ki aur sab aage badhe. Yahi prarthna he. Om shanti

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  2. सिवानी दीदी की बातो को सुनने के बाद मन को बहुत ही सकुन मिलता है

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