सर्जिकल स्ट्राइक पर निबंध व जानकारी Essay on Surgical Strike in Hindi

सर्जिकल स्ट्राइक पर निबंध व जानकारी Essay on Surgical Strike in Hindi

आज के लेख में हम आपको बताएँगे की यह सर्जिकल स्ट्राइक क्या होता है, कैसे किया जाता है? साथ ही हम भारतीय सेना द्वारा किये गए सर्जिकल स्ट्राइक के विषय में भी बताएँगे।

सर्जिकल स्ट्राइक पर निबंध व जानकारी Essay on Surgical Strike in Hindi

सर्जिकल स्ट्राइक क्या है?

सर्जिकल स्ट्राइक एक विशिष्ट लक्ष्य पर अनिवार्य रूप में तेज़ गति तथा योजनाबद्ध तरीके से किया गया प्रहार अथवा हमला है। जिसका मकसद उस लक्ष्य विशेष को समाप्त करना होता है।

इसमें इस बात का खास ख्याल रखा जाता है कि यह प्रहार बहुत सीमित रूप में हो तथा इससे आस-पास के लोगों तथा संपत्ति का नुकसान न्यूनतम हो। सर्जिकल स्ट्राइक के द्वारा उन लक्ष्यों का निष्प्रभावीकरण किया जाता है, जिससे कि एक पूर्ण विकसित युद्ध का खतरा भी टल जाता है। 

सर्जिकल स्ट्राइक्स भारत की ‘कोल्ड स्टार्ट’ युद्ध नीति का हिस्सा हमेशा से रही हैं। भारत ने कई बार सर्जिकल स्ट्राइक्स के द्वारा नियंत्रण रेखा के आस-पास घुसपैठियों तथा आतंकवादियों को प्रवेश करने से रोका है। इन घुसपैठियों का मकसद भारत के महानगरों तथा जम्मू- कश्मीर राज्य में चुपके से प्रवेश कर जान- माल का नुकसान करना होता है। 

सर्जिकल स्ट्राइक कैसे की जाती हैं?

सर्जिकल स्ट्राइक हवाई हमले के माध्यम से अथवा शत्रु क्षेत्र में विशेष सैनिक दस्ते को हवाई जहाज से उतारकर अथवा जमीन के रास्ते से ही सैनिक टुकड़ी को भेजकर हमले किये जाते हैं। भारत के तीनों ही सैनिक दलों के पास अपने विशेष सैनिक दस्ते सर्जिकल स्ट्राइक के लिए तैयार रखे जाते हैं।

इन हमलों के लिए इंटेलिजेंस टीमें पहले से ही बाह्य एजेंसियों की मदद से हमले के लिए आवश्यक तथा महत्वपूर्ण सूचनाएं हासिल कर लेती है। यह विशेष सैनिक दस्ते बड़े ही गुप्त तरीके से भारत की इंटेलिजेन्स विभागों, इंटेलिजेंस ब्यूरो तथा आर. ए. डब्ल्यू. के साथ कार्यरत रहती हैं तथा अपनी योजना को स्वरुप प्रदान करती हैं। 

सेना द्वारा संचालित इन विशेष हमलों की प्रक्रिया अत्यंत जटिल होती है। इसकी योजना बनाते समय हर एक छोटी-बड़ी बात का ध्यान रखना होता है। इन योजनाओं के कार्यान्वयन में समन्वय की सबसे अधिक आवश्यकता होती है।

इसके लिए इन्हें ऑपरेशन कमांड से सी4 आई एस आर (C4ISR) की आवश्यकता विशेष रूप से होती है। जिसका अर्थ है- कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशन, कंप्यूटर्स, इंटेलिजेंस, सर्विलाइन्स, तथा रेकॉनेसेन्स।

भारतीय सेना की पैराशूट रेजिमेंट के पास अत्यधिक प्रशिक्षित पैरा-कमांडोस का दल है, जिनको विशेष तौर पर ऐसे ही लक्ष्यों अथवा मिशन को अंजाम देने के लिए तैयार किया जाता है। उसी तरह भारतीय जलसेना के पास मारकोस तथा वायुसेना के पास गरुड़ नाम की सैनिक टुकड़ियां हैं, जो सर्जिकल स्ट्राइक जैसी स्थितियों के लिए हमेशा तैयार रहती हैं।

सर्जिकल स्ट्राइक्स के लिए लड़ाकू विमानों की मदद से बम गिराकर भी शत्रु सेना का भरी नुकसान किया जा सकता है। इसका उपयोग अक्सर घनी आबादी वाले क्षेत्रों में किया जाता है, जहाँ पर भूमि से जाने पर सेना के दस्ते को अधिक खतरा होता है, वहां जहाज से बम गिराना अधिक कारगर साबित होता है। 

सर्जिकल स्ट्राइक्स से भारत को क्या हासिल हुआ?

मोरल विक्ट्री अर्थात नैतिक विजय

भारत के द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक्स से यह संदेश गया कि भारत किसी भी हमले के प्रतिकार के लिए पूर्ण रूप से तैयार है तथा भारत के अपनी नीतियों पर दृढ़ता से कायम है।

चुप्पी तोड़ना

सर्जिकल स्ट्राइक्स के बाद भारत के सभी सेना बलों में आत्मविश्वास का नया संचार हुआ है। तथा वे ऐसे हमले दोबारा करने के लिए तैयार रहने को प्रेरित होते हैं। भारतीय टुकड़ी को अपने लक्ष्य की पूर्ति के बाद बिना किसी जान-माल के नुकसान के, शत्रु देश से वापस लाना, भारत की कुशल तथा सटीक योजनाओं तथा नीति- निर्माताओं की सफलता ही है।

सैनिक सफलता

सर्जिकल स्ट्राइक की सफलता से शत्रु सेना में भय उत्पन्न किया जा सकता है। शत्रु सेना की जान- माल की क्षति तो होती ही है, साथ ही साथ उनके बुरे इरादे भी धराशायी हो जाते हैं।

इसका भविष्य क्या होना चाहिए?

सर्जिकल- स्ट्राइक्स का अति-राजनीतिकरण रोकना होगा: सर्जिकल स्ट्राइक्स के बाद से ही इसका अत्यधिक राजनीतिकरण किया गया, तथा सेना को बेवजह इस विवाद में घेरने की कोशिश की गई, जो बहुत ही शर्मनाक है।

सर्जिकल स्ट्राइक्स का मकसद देश की सुरक्षा को बनाये रखना होता है, यह चुनाव जीतने का कोई हथकंडा नही है।सुरक्षा- बलों में योग्यता निर्माण को बढ़ावा देना: भारतीय सुरक्षा बलों के पास त्वरित रूप से ड्रोन्स तथा निगरानी उपकरणों की उपलब्धता करवानी चाहिए।

अति- अपेक्षाओं से बचे: यह तो सभी को पता है कि एक या दो सर्जिकल स्ट्राइक्स से पाकिस्तानी सत्ता सुधरने वाली नही और न ही वह भारत के खिलाफ अपने बुरे हथकंडे अपनाना छोड़ेगी। 

सर्जिकल स्ट्राइक्स आतंकवाद का उत्तर नहीं हैं:

अगर किसी को यह लगता है कि सिर्फ और सिर्फ सर्जिकल स्ट्राइक्स के दम पर देश को आतंकवाद-मुक्त किया जा सकता है, तो यह उसकी भारी भूल है। एक आतंकी क्षेत्र को तबाह करना, आतंकवाद को तबाह नही करेगा।

क्योंकि आतंकवाद एक प्रभाव है, कारण नही। आतंकवाद को खत्म करने के लिए उसके स्त्रोत को समझना तथा अप्रभावी करना अधिक महत्वपूर्ण है।

भारत-पाकिस्तान शत्रुता का अंतिम समाधान केवल इसी शत्रुता का समाधान नही बल्कि समस्त कश्मीर तथा आतंकवाद का समाधान होगा। भारत पाकिस्तान सीमा विवाद की मुख्य जड़ कश्मीर है, तथा भारत में होने वाले आतंकी हमलों के लिए भी अप्रत्यक्ष रूप से यही उत्तरदायी है।

दो देशों के संबंध नही टूटने चाहिए, तथा बातचीत के लिए रास्ता हमेशा साफ़ होना चाहिए- आतंकवाद ख़त्म करने तथा समस्या को सुलझाने का यही सही, उचित तथा तार्किक तरीका है।

निष्कर्ष 

एक राष्ट्र जिसमे किसी तरह का आतंकवाद, शोषण, कालाधन, हत्याएं न होती हो, आज भी हर भारतवासी के लिए एक सपने जैसा है। शांति तथा सौहार्द्र हर मनुष्य की आंतरिक इच्छा होती है। हिंसा चाहे सीमा के इस पार हो या उस पार, उसे न्यायपूर्ण नही कहा जा सकता।

हत्याओं तथा युद्ध के माध्यम से अपना स्वामित्व जताना, सिर्फ अपनी प्यास बुझाने का तरीका है। अंत समय में, हर मनुष्य को, इन कुकृत्यों तथा विनाशों से दूर, अपार खुशियां, शांति तथा संतुष्टि की आवश्यकता होती है। अगर सभी देशों के नागरिक इस बात पर अमल करें, तो यह संसार भी रहने के लिए एक खुशियों तथा सम्पन्नताओं से परिपूर्ण स्वर्ग जैसा हो जाएगा। 

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