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सच्चाई या सत्य पर निबंध Essay on Truth in Hindi

Last Modified: January 4, 2023 by बिजय कुमार 6 Comments

सच्चाई या सत्य पर निबंध Essay on Truth in Hindi

सच्चाई या सत्य पर निबंध Essay on Truth in Hindi

जीवन में सत्य (सच) का बहुत महत्व है। हम उन्हीं व्यक्तियों को पसंद करते हैं जो सदैव सत्य बोलते हैं। झूठे और मक्कार लोगों को कोई पसंद नहीं करता है। किसी बात पर विवाद होने पर अदालत में जज भी यही पूछता है कि – सत्य क्या है? इस तरह हमारे जीवन में इसका बहुत अधिक महत्व है।

ऐसा कहा जाता है कि तीन चीजें छुपाए नहीं छुपती- सूरज, चंद्रमा और सत्य। जो लोग सत्य का, न्याय का पक्ष लेते हैं उनकी प्रशंसा सभी लोग करते हैं। सत्य का साथ देने वालों को इतिहास स्वर्णिम पन्नों पर दर्ज करता है। परंतु जो लोग झूठ, असत्य का साथ देते हैं उनकी चारों ओर आलोचना होती है।

सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र सदैव सत्य बोलते थे। वह अपने सत्य और न्याय के लिए जाने जाते थे। इसलिए आज भी उनकी कहानियां बड़े सम्मान के साथ सुनाई जाती हैं। उसके बारे में कहावत है

“चंद्र टरे, सूरज टरे, टरे जगत व्यवहार, पै दृढ़ हरिश्चंद्र को टरे न सत्य विचार”

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  • सच्चाई या सत्य पर निबंध Essay on Truth in Hindi
    • जीवन में सत्य का महत्व Importance of truth in Life
      • सत्य का मार्ग धर्म का मार्ग होता है
      • सत्य हमेशा कड़वा होता है
      • सत्य की पहचान करना आसान नहीं होता
      • ईमानदार और न्यायवादी व्यक्ति ही सत्य का पालन करता है
      • सत्य के मार्ग पर चलने से आत्म संतुष्टि और मोक्ष प्राप्त होता है
    • सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र Story of Harishchandra

सच्चाई या सत्य पर निबंध Essay on Truth in Hindi

जीवन में सत्य का महत्व Importance of truth in Life

सत्य का मार्ग धर्म का मार्ग होता है

जीवन में सत्य का बहुत महत्व है। शास्त्रों में कहा गया है कि सत्य का मार्ग धर्म का मार्ग होता है। महाभारत के युद्ध में पांडवों की जीत इसलिए हुई क्योंकि वे सत्य का मार्ग अपना रहे थे। सत्य का मार्ग धर्म का मार्ग कहा जाता है। इसे अपना कर ही जीत पा सकते हैं।

सत्य हमेशा कड़वा होता है

यह कहावत भी बहुत प्रसिद्ध है की सच हमेशा कड़वा होता है। कुछ लोग तो सत्य देखना ही नहीं चाहते हैं। वह बस अँधेरे में जीना चाहते हैं। इसके कुछ उदाहरण है। एक पिता को अपनी बेटी का विवाह अच्छे घर में करने के लिए दहेज (धन) देना होता है। यह भी एक सत्य है। लड़के वाले खुशी-खुशी लड़की वालों से दहेज (रुपया पैसा धन) ले तो लेते हैं पर जब उन्हें अपनी लड़की के विवाह में दहेज़ देना पड़ता है तो वे इसकी निंदा करने है।

सत्य की पहचान करना आसान नहीं होता

बहुत बार व्यक्ति इतना भ्रमित हो जाता है कि वह सत्य की पहचान नहीं कर पाता है। जब उसे असफलता और भटकाव महसूस होता है तब वह सत्य की पहचान कर पाता है। उदाहरण के तौर पर आजकल की बड़ी-बड़ी कंपनियां लोगों को वस्तुएं बहुत कम दाम में या फ्री में देने का प्रस्ताव देती हैं, परंतु कुछ भी फ्री नहीं होता। हर वस्तु की कीमत जुड़ी होती है।

ईमानदार और न्यायवादी व्यक्ति ही सत्य का पालन करता है

यह देखा गया है कि जो लोग ईमानदार होते हैं वह सदैव सच बोलते हैं। झूठे बेईमान और मक्कार लोग सदैव असत्य का फायदा लेकर अपना काम बनाते हैं। हम ऐसे लोगों से बचना चाहिए जो अपने फायदे के लिए (झूठ) असत्य बोलते हैं।

सत्य के मार्ग पर चलने से आत्म संतुष्टि और मोक्ष प्राप्त होता है

दोस्तों सत्य का साथ देना इतना भी सरल नहीं होता। व्यक्ति अनेक बन्धनों से बंधा होता है। वीर पुरुष ही सत्य के मार्ग पर चल पाते हैं। यह मार्ग इतना कठिन है कि हर किसी के बस की बात नहीं है। परंतु सत्य के मार्ग पर चलकर व्यक्ति को आत्म संतुष्टि मिलती है और उसे मोक्ष और यश प्राप्त होता है।

सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र Story of Harishchandra

अयोध्या में राजा हरिश्चंद्र राज करते थे। वह अपनी सत्य निष्ठा के लिए जाने जाते थे। एक बार उन्होंने सपना देखा कि उनके दरबार में एक तेजस्वी ब्राह्मण आया हुआ है। राजा हरिश्चंद्र ने स्वप्न में उस ब्राह्मण को अपना पूरा राज्य दान में दे दिया। वह ब्राह्मण और कोई नहीं स्वयं विश्वामित्र थे। अगली सुबह राजा इस घटना को भूल गए।

दूसरे दिन विश्वामित्र राजा हरिश्चंद्र के दरबार में आए और स्वप्न में दिए गए दान की बात कही। राजा ने सत्य का पालन किया। उन्होंने स्वप्न में अपना पूरा राज्य दान में देने की बात स्वीकार की। विश्वामित्र ने राजा हरिश्चंद्र से दक्षिणा मांगी। राजा हरिश्चन्द्र ने अपने मंत्री से राजकोष से स्वर्ण मुद्राएं लाने को कहा। परंतु विश्वामित्र ने आपत्ति की क्योंकि अपना पूरा राज्य तो वह पहले ही दान में दे चुके थे।

राजा हरिश्चंद्र ने अपना राज्य विश्वामित्र को साथ दिया। वो स्वयं को बेचने के लिए राज महल से बाहर चले गये। उन्होंने स्वयं को काशी नगर में बेचने का निर्णय किया। शाम तक उन्हें श्मशान घाट के मालिक ने खरीद लिया। राजा हरिश्चंद्र की पत्नी तारामती पूरी तरह निर्धन हो गई। वह एक साहूकार के घर चूल्हा चौका का काम करने लगी। राजा हरिश्चंद्र श्मशान पर रखवाली करने का काम करने लगे।

उन्हें जो कुछ धन प्राप्त हुआ उससे उन्होंने विश्वामित्र की दक्षिणा दे दी। एक दिन रानी के पुत्र रोहिताश्व की सांप काटने से अकाल मृत्यु हो गई। अपने पति राजा हरिश्चंद्र को डोम के रूप में कार्य करते देखकर रानी तारावती बहुत दुखी हुई। उनसे पुत्र का अंतिम संस्कार करने को कहा। परंतु राजा हरिश्चंद्र सत्य के मार्ग पर चलते रहे। उन्होंने रानी तारामती से शमशान का कर मांगा।

अंत में विवश होकर तारामती को अपनी साड़ी का आधा भाग फाड़ कर राजा हरिश्चंद्र को देना था। जैसे ही रानी तारावती अपनी साड़ी फाड़ने लगी; उसी समय आकाश में भयंकर गर्जना हुई। विश्वामित्र प्रकट हुए। उन्होंने रोहिताश्व को जीवित कर दिया।

वह प्रसन्न होकर राजा हरिश्चंद्र से बोले कि तुम्हारी परीक्षा हो चुकी है।  तुमने सत्य और धर्म का पालन किया है। इसलिए मैं तुम्हें तुम्हारा राज्य लौटाता हूं। राजा हरिश्चंद्र ने स्वयं को बेचकर भी सत्य का मार्ग नहीं छोड़ा। उनके जीवन से हम सभी को सत्य के मार्ग पर चलने की शिक्षा मिलती है।

आशा करते हैं आपको सत्य या सच्चाई पर यह सुन्दर निबंध (Essay on Truth in Hindi) अच्छा लगा होगा।

Filed Under: Essay Tagged With: ईमानदारी का महत्व

About बिजय कुमार

नमस्कार रीडर्स, मैं बिजय कुमार, 1Hindi का फाउंडर हूँ। मैं एक प्रोफेशनल Blogger हूँ। मैं अपने इस Hindi Website पर Motivational, Self Development और Online Technology, Health से जुड़े अपने Knowledge को Share करता हूँ।

Reader Interactions

Comments

  1. Priya diya says

    March 2, 2019 at 8:12 am

    This essay has helped me a lot in passing my exams. Thank you so much

    Reply
  2. Alaknanda Mishra says

    August 2, 2019 at 10:00 pm

    This one was too good. I was searching for a good speech and in one go I found this one…now there is no need of searching on other sites.

    Reply
  3. अच्छा निबंध says

    September 20, 2019 at 11:15 pm

    बहुत अच्छा निबंध सर

    Reply
  4. Manoj Kumar says

    March 13, 2021 at 9:00 pm

    बहुत अच्छा निबंध सर

    Reply
  5. Prem says

    July 29, 2021 at 6:34 pm

    Nice Truth of life . great

    Reply

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