ग्रहण टिप्स – सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण Solar Eclipse – Lunar Eclipse Tips and Rules in Hindi

ग्रहण टिप्स – सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण Solar Eclipse – Lunar Eclipse Tips and Rules in Hindi (Grahan Tips in Hindi)

इस आर्टिकल में आप ग्रहण के दौरान नियम, क्या करें, क्या नहीं, और ग्रहण क्या होता है के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

ग्रहण टिप्स – सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण Solar Eclipse – Lunar Eclipse Tips and Rules in Hindi (Grahan Tips in Hindi)

सूर्य ग्रहण क्या होता है? What is Solar Eclipse?

परिक्रमा के दौरान जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है जिससे पृथ्वी को देखने पर सूर्य पूर्ण या आंशिक रूप से ढँक जाता है। इस घटना को सूर्य ग्रहण कहते है। जयोतिष विद्या के अनुसार सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या के दिन होता है।

चंद्रमा सूर्य को 3 प्रकार से ढंकता है- पूर्ण सूर्य ग्रहण, आंशिक सूर्य ग्रहण और वलयाकार सूर्य ग्रहण की स्थिति उत्पन्न होती है। ग्रहण काल को शुभ नही माना जाता है। सूर्य ग्रहण का प्रभाव सभी जीवित जीवो को पड़ता है। इसमें मनुष्य, जानवर, पशु-पक्षी आते हैं।

2019 में पड़ने वाले सूर्य ग्रहण

2019 में –

  • खग्रास सूर्यग्रहण – 2 जुलाई 2019
  • खंडग्रास सूर्यग्रहण – 26 दिसंबर 2019

सूर्य ग्रहण में क्या करना चाहिये? What to do during Surya Grahan or Solar Eclipse?

सूर्य ग्रहण के दौरान इन चीजों को करें –

  • सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक लग जाता है इसलिए मंदिरों को बंद कर दिया जाता है।
  • सूर्य ग्रहण के दौरान मंदिर में जाना, पूजा करना मना होता है, ग्रहण काल में महामृत्युंजय मंत्र “ओम् त्र्यम्बकं यजामहे, सुगन्धिं पुष्टिवर्द्धनं, उर्वारुक्मिव बंधनात्, मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्” और गायत्री मंत्र “ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्”  का जाप करना चाहिये।
  • मन्त्रो का जाप करना चाहिये जिससे स्वास्थ्य सही रहे।
  • सूर्य ग्रहण के बाद दान करना चाहिये।
  • ग्रहण काल में फूल, पत्ते, लकड़ी नही तोड़नी चाहिये।
  • गर्भवती स्त्री को इसे नही देखना चाहिये क्यूंकि बच्चे पर बुरा असर पड़ता है।
  • किसी भी शुभ काम को नही करना चाहिये।

सूर्य ग्रहण काल में क्या न करें? What not to do during Surya Grahan or Solar Eclipse?

इन चीजों को बिलकुल ना करें सूर्य ग्रहण के दौरान –

  • ग्रहण काल में सब्जी नही काटनी चाहिये, भोजन नही पकाना चाहिये, न ही खाना चाहिये।
  • गर्भवती महिलाओं को सोना या सजना संवरना नही चाहिये।
  • ग्रहण काल में घर से बाहर नही निकलना चाहिये।
  • मूर्ति नही छूना चाहिये।
  • नदी में स्नान नही करना चाहिये।
  • किसी भी शुभ कार्य की शुरुवात नही करना चाहिये।
  • नाख़ून काटना, बाल काटना मना है।
  • सम्भोग नही करना चाहिये।
  • स्त्री प्रसंग नही करना चाहिये। आँखों से जुड़ी बीमारियाँ हो सकती है।
  • ग्रहणकाल में गर्भवती स्त्री को मृत व्यक्ति का मुंह नही देखना चाहिये।

ग्रहण खत्म होने के बाद क्या करना चाहिय? What to do after Surya Grahan or Solar Eclipse?

पूरे घर को गंगाजल से छिडकाव करना चाहिये।

चंद्र ग्रहण क्या होता है? What is Lunar Eclipse?

जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है तो यह चंद्रमा पर सूर्य की पड़ने वाली किरणों को रोकती है और छाया बना देती है। इस खगोलीय घटना को चंद्र ग्रहण कहते है। सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा एक सीधी रेखा में आ जाते हैं।

2019 में पड़ने वाले चंद्र ग्रहण

खंडग्रास चंद्रग्रहण – 16 जुलाई 2019

क्या होगा चंद्रग्रहण का प्रभाव?

27-28 जुलाई को 21 वीं सदी का सबसे बड़ा और पूर्ण चंद्रग्रहण लगेगा। इसे खगोल वैज्ञानिकों ने “ब्लड मून” Blood Moon का नाम दिया है। इस ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटा 43 मिनट की होगी। इस अवधि में चंद्रमा खूबसूरत लाल या भूरा दिखाई देगा। इस कारण कर्क रेखा क्षेत्र में ज्वालामुखी विस्फोट, आगजनी, चक्रवात, भूकंप, सुनामी जैसी घटनाये हो सकती है।

शुभ फल 

मेष, सिंह, मीन और वृश्चिक राशि को शुभ फल मिलेगा

मध्यम फल

कुम्भ, कर्क, तुला और वृष पर मध्यम फल मिलेगा

अशुभ फल

धनु, मकर, मिथुन, कन्या पर अशुभ फल मिलेगा। ऐसी लोगो को भगवान शिव की पूजा करनी चाहिये।

चंद्रग्रहण में क्या नही करना चाहिये? What not to do during Chandra Grahan or Lunar Eclipse?

  • इस अवधि में तेल मालिश नही करना चाहिये वरना त्वचा सम्बन्धी रोग होने का खतरा रहता है।
  • इस काल में सोना वर्जित है। अनेक रोग होने की सम्भावना रहती है। रोगी और बच्चे सो सकते हैं।
  • इस अवधि में पति पत्नी को सम्भोग नही करना चाहिये। इसे अशुभ माना गया है। इस अवधि में किये गये सम्भोग से उत्पन्न सन्तान में अनेक बुराइयां हो सकती है।
  • चंद्र ग्रहण काल में बना हुआ भोजन दूषित हो जाता है। इसलिए जैसे ही चंद्र ग्रहण शुरू हो भोजन में तुलसी के पत्ते डाल देने चाहिये। ऐसा करने से भोजन अशुद्ध नही होता है।
  • चंद्र ग्रहण में किसी तरह का पूजन नही करना चाहिये। मन्दिरों के दरवाजे भी इस अवधि तक बंद कर दिए जाते हैं। सिर्फ मन्त्रो का मानसिक जाप (मन में जाप) करना चाहिये। जैसे – ॐ नमः शिवाय, श्रीराम, सीता राम,
  • ग्रहण काल में दूध, दही, चटनी, आचार से परहेज करना चाहिये
  • रोगियों को इस काल में महा मृत्जुन्जय जाप करना चाहिये

ग्रहण की पौराणिक कथा Story on Grahan or Eclipse in Hindi

समुद्र मंथन के दौरान भगवान विष्णु ने मोहिनी नामक नर्तकी का रूप रख लिया और देवताओं को अमृत पिलाने लगे। पर राहू नामक असुर इस चाल को समझ गया और देवता का भेष बनाकर उसने भी अमृत पी लिया। जब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से राहू का गला काटा तो अमृत के कारण वो अमर हो गया। उसका सर राहू कहलाया जबकि धड़ को केतू कहा गया।

दोनों ही भाग अमर हो गये। ऐसा माना जाता है की देवताओं से बैर के कारण राहू और केतु सूर्य और चंद्रमा को ग्रहण के रूप में शापित करते हैं। हिंदू धर्म में ग्रहण को अशुभ और हानिकारक माना जाता है। लोगो और जीवो पर इनका बुरा असर पड़ता है। ग्रहण के दौरान जप, मंत्र और कुछ सावधानी रखकर इसके प्रभाव से बचा जा सकता है।

निष्कर्ष Conclusion

हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण को अशुभ और हानिकारक माना जाता है। पर आप हमारे बताये गये उपाय अपनाकर इनके हानिकारक प्रभाव से बच सकते हैं। आपको ये लेख कैसा लगे हमे जरुर बतायें।

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