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Home » Stories » Hindi Short Stories » 13 प्रेरक प्रसंग और प्रेरणादायक कहानियाँ Best 13 Motivational stories in Hindi – Prerak Prasang

13 प्रेरक प्रसंग और प्रेरणादायक कहानियाँ Best 13 Motivational stories in Hindi – Prerak Prasang

Last Modified: December 30, 2022 by बिजय कुमार 34 Comments

13 प्रेरक प्रसंग और प्रेरणादायक कहानियाँ Best 13 Motivational stories in Hindi - Prerak Prasang

13 प्रेरक प्रसंग और प्रेरणादायक कहानियाँ Best 13 Motivational Stories in Hindi – Prerak Prasang. यह 13 लघु प्रेरणादायक कहानियाँ (Short Stories in Hindi) जीवन में सफलता के कुछ मूल मंत्र के बारे में हमें बताते हैं।

हमें पूरा विश्वास है यह ज्ञानवर्धक प्रेरणादायक कहानियाँ आपके जीवन में एक नयी उमंग के साथ-साथ आपके सफलता के रास्ते में आने वाले सभी मुश्किलों को भी दूर करने में मदद करेंगे।

यह प्रेरक प्रसंग कहानियाँ (Prerak Prasang) आपकी ज़िन्दगी बदल सकते हैं। दोस्तों जिंदगी में कुछ पाना हो, या कुछ बड़ा करना हो उन सभी के लिए प्रेरक प्रसंग बहुत की उपयोगी सिद्ध होते है।

यह हमे मोटीवेट करते है, क्योंकि जब तक हमारे जीवन में कोई मोटवैशन नही होगा, तब तक हम आगे नही बढ़ सकते और ना ही सफल हो सकते है।

कई लोगो में सेल्फ मोटिवेशन होता है। जब की कुछ लोग बाहरी प्रेरणा से, प्रेरक प्रसंगों से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करते है। आज हम ऐसे ही उन 13 प्रेरक प्रसंगों को आपके सामने लेकर आए है, जिसने मुझ जैसे हजारों व्यक्तियों के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव लाया हुआ है।

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आईए पढ़ते हैं ज़िन्दगी बदल देने वाले प्रेरक और प्रेरणादायक कहानियाँ (प्रेरक प्रसंग) Best 13Short Motivational stories in Hindi (Prerak Prasang)

Table of Content

Toggle
  • 1. आइसक्रीम की एक डिश A Ice Cream Dish Story in Hindi
  • 2. किसी के बारे में धारणा बनाने से पहले सच्चाई जाने : प्रेरक प्रसंग कहानी (Know the truth before making assumptions)
  • 3. बहरे मेंडक की कहानी : प्रेरक प्रसंग (Deaf frog Story in Hindi)
  • 4. हाथी और छह अंधे व्यक्ति की कहानी : प्रेरक प्रसंग (Elephant and six blind story in Hindi)
  • 5. हाथी की रस्सी कहानी : प्रेरक प्रसंग (The Elephant Rope Story in Hindi)
  • 6. जिंदगी में प्राथमिकता सेट करें : प्रेरणादायक कहानी (Set your priorities in life)
  • 7. गुजरा हुआ वक्त दोबारा नही आता : प्रेरक प्रसंग कहानी (Time once gone never comes back)
  • 8. व्यापारी और गधा कहानी : प्रेरणादायक प्रेरक प्रसंग (Always think about solution)
  • 9. अपनी कीमत को कम ना समझे : प्रेरक प्रसंग कहानी (Do not underestimate yourself)
  • 10. संघर्ष ही शक्ति को विकसित करता है : ज्ञानवर्धक प्रेरक कहानी (Struggles develop strength )
  • 11. सफलता के लिए लगातार सीखे : प्रेरक प्रसंग कहानी (King and Wood cutter Story in Hindi)
  • 12.  आलू, अंडा और कॉफ़ी बीन्स की कहानी : प्रेरक प्रसंग Potatoes, Eggs and Coffee Beans Story in Hindi
  • 13. सफलता ठान लेने से मिलती है : बच्चों के लिए प्रेरक कहानी (Success comes from determination) – Dashrath Manjhi Inspirational Story in Hindi
    • निष्कर्ष Conclusion

1. आइसक्रीम की एक डिश A Ice Cream Dish Story in Hindi

12 बेहतरीन प्रेरक प्रसंग (कहानियां) Prerak Prasang - Motivational Stories in Hindi
1. आइसक्रीम की एक डिश A Ice cream Dish Story in Hindi

एक बार एक छोटा सा लड़का एक होटल में गया। कुछ ही देर में वहां वेटर आया और उसने पुछा आपको क्या चाहिए सर? छोटे बच्चे ने उल्टा पुछा! वैनिला आइसक्रीम (vanilla ice-cream) कितने रूपए का है ? उस वेटर वाले ने जवाब दिया 50 रुपये का ।

यह सुन कर उस छोटे लड़के ने अपने जेब में हाँथ डाल कर कुछ निकला और हिसाब किया । उसने दुबारा पुछा कि संतरा फ्लेवर आइसक्रीम (orange flavor ice-cream) कितने का है। वेटर ने दुबारा जवाब दिया और कहा 35 रुपये का सर।

यह सुने के बाद उस लड़के ने कहा! मेरे लिए एक संतरा फ्लेवर आइसक्रीम (orange flavor ice-cream) ले आईये। कुछ ही देर में वेटर आइसक्रीम की प्लेट और साथ में बिल लेकर आया और उस बच्चे के टेबल पर रखकर चले गया। उस लड़के ने उस आइसक्रीम को खाने के बाद पैसे दिए और वह चले गया ।

जब वह वेटर वापस आया तो वह दंग रहे गया यह देखकर कि उस लड़के नें खाए हुए आइसक्रीम प्लेट के बगल में आइस-क्रीम के 35 रुपए के साथ उसके लिए 15 रुपए का टिप छोड़ गया था ।

कहानी से शिक्षा

उस लड़के पास 50 रुपये होने पर भी उसने उस वेटर के टिप के बारे में पहले सोचा न की अपने आइसक्रीम के बारे में । उसी प्रकार हमें अपने फायदे के बारे में सोचने से पहले दूसरों के बारे में भी सोचना चाहिए ।

2. किसी के बारे में धारणा बनाने से पहले सच्चाई जाने : प्रेरक प्रसंग कहानी (Know the truth before making assumptions)

1. किसी के बारे में धारणा बनाने से पहले सच्चाई जाने (Know the truth before making assumptions) प्रेरक प्रसंग - Prerak Prasang
2. किसी के बारे में धारणा बनाने से पहले सच्चाई जाने : प्रेरक प्रसंग कहानी (Know the truth before making assumptions)

एक बार ट्रेन से पिता-पुत्र यात्रा कर रहे थे, पुत्र की उम्र करीब 24 साल की थी, पुत्र ने खिड़की के पास बैठने की ज़िद की, क्योंकि पिता खिड़की की सीट पर बैठे थे। पिता ने ख़ुशी ख़ुशी खिड़की की सीट पुत्र को दे दी, और खुद बगल में बैठ गये।

ट्रेन में आस पास और भी यात्री बैठे थे, ट्रेन चली तो पुत्र बड़ी उत्सुकता से चिल्लाने लगा “देखो पिता जी नदी, पुल, पेड़ पीछे जा रहे है, बादल भी पीछे छूट रहे है। पिता भी उसकी हाँ में हाँ मिला रहे थे।

उसकी ऐसी हरकतों को देखकर वहां बैठे यात्रियों को लगा कि शायद इस लड़के को कोई दिमागी समस्या है, जिसके कारण यह ऐसी हरकत कर रहा है।

पुत्र बहुत देर तक ऐसी अजीबोगरीब हरकत करता रहा। तभी पास बैठे एक यात्री ने पिता से पूछा कि- आप अपने पुत्र को किसी अच्छे डॉक्टर को क्यों नही दिखाते?

क्योंकि उसकी हरकत सामान्य नहीं है, हो सकता है की कोई दिमागी बीमारी हो। उस यात्री की बात सुनकर पिता ने कहा- हम अभी डॉक्टर के पास से ही आ रहे हैं। पिता की सुनकर यात्री को आश्चर्य हुआ।

पिता ने बताया कि- मेरा पुत्र जन्म से ही अंधा था। कुछ दिन पहले ही इसको आँखों की रौशनी प्राप्त हुई है, इसे किसी दूसरे की आँखें लगाई गई हैं, और जीवन में पहली बार यह दुनिया को देख रहा है। यह इसलिए ऐसी हरकत कर रहा है, क्योंकि ये सारी चीजें इसके लिए एकदम नई है।

ठीक वैसे ही जैसे किसी छोटे बच्चे के लिए होती हैं। पिता की बात सुनकर आस-पास बैठे लोगों को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने पुत्र के पिता से माफी भी मांगी।

कहानी से शिक्षा

दोस्तों जिंदगी में कई बार हम बिना सच्चाई जाने ही कुछ लोगों के प्रति अपनी एक राय बना लेते हैं। क्योंकि हम उसके बारे में वही सोचते हैं, जो हमें दिखाई देता है।

इसलिए किसी के बारे में राय बनाने से पहले हमे उसकी सच्चाई जान लेनी चाहिए। जिससे बाद में सच्चाई का पता लगने पर शर्मिंदा ना होना पड़े।

3. बहरे मेंडक की कहानी : प्रेरक प्रसंग (Deaf frog Story in Hindi)

2. सफलता पाने के लिए बहरे हो जाओ (Get deaf to become success) - प्रेरक प्रसंग - Prerak Prasang
3. बहरे मेंडक की कहानी : प्रेरक प्रसंग (Deaf frog Story in Hindi)

एक तालाब में बहुत सारे मेंढक रहते थे। उस तालाब के ठीक बीचोंबीच एक बडा-सा लोहे का खम्बा वहां के राजा ने लगवाया हुआ था। एक दिन तालाब के मेंढको ने निश्चय किया कि “क्यों ना इस खम्भे पर चढ़ने के लिए रेस लगाई जाये”, जो भी इस खंभे पर चढ़ जायेगा, उसको प्रतियोगिता का विजेता माना जायेगा।

रेस का दिन निश्चित किया गया। कुछ दिनों बाद रेस का दिन आ गया। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए वहां कई मेढ़क एकत्रित हुए, पास के तालाब से भी कई मेंढ़क रेस में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हुए थे, और प्रतियोगिता को देखने के लिए भी बहुत सारे मेंढ़क वहां एकत्रित हुए।

रेस का आरंभ हुआ, चारों ओर शोर ही शोर था। सब उस लोहे के बड़े से खम्भे को देख कर कहने लगे “अरे इस पर चढ़ना नामुमकिन है” “इसे तो कोई भी नहीं कर पायेगा”। “इस खम्भे पर तो चढ़ा ही नहीं जा सकता”।

कभी कोई यह रेस पूरी नहीं कर पाएगा, और ऐसा हो भी रहा था, जो भी मेढ़क खम्भे पर चढ़ने का प्रयास करता, वो खम्भे के चिकने एवं काफी ऊँचा होने के कारण थोड़ा सा ऊपर जाकर नीचे गिर जाता। बार बार कोशिश करने के बाद भी कोई ऊपर खम्भे पर नहीं पहुँच पा रहा था।

अब तक काफी मेंढ़क हार मान गए थे, और कई मेंढ़क गिरने के बाद भी अपनी कोशिश जारी रखे हुए थे। इसके साथ-साथ अभी भी रेस देखने आए मेंढक जोर-जोर से चिल्लाए जा रहे थे “अरे यह नहीं हो सकता”।

“यह असंभव है” “कोई इतने ऊँचे खम्भे पर चढ़ ही नहीं सकता।” आदि, और ऐसा बार बार सुन सुन कर काफी मेंढक हार मान बैठे और उन्होंने भी प्रयास करना छोड़ दिया। और अब वो भी उन मेंढको का साथ देने लगे जो जोर-जोर से चिल्लाने लगे।

लेकिन उन्ही मे से एक छोटा मेंढक लगातार कोशिश करने के कारण खम्भे पर जा पंहुचा, हालाँकि वो भी काफी बार गिरा, उठा, प्रयास किया तब कही जाकर वो सफलता पूर्वक खम्भे पर पहुंचा।

और रेस का विजेता घोषित किया गया। उसको विजेता देखकर, मेढ़को ने उसकी सफलता का कारण पूछा की यह असंभव कार्य तुमने कैसे किया, यह तो नामुमकिन था, यहाँ सफलता कैसे प्राप्त की, कृपया हमे भी बताए। तभी पीछे से एक मेंढ़क की आवाज़ आयी “अरे उससे क्या पूछते हो वो तो बहरा है।”

फिर भी मेढको ने विजेता मेंढक से पता करने के लिए एक ऐसे मेढक की मदद ली, जो उसकी सफलता का कारण जान सके, विजेता मेंढक ने बताया की मैं बहरा हूँ। मुझे सुनाई नही देता, लेकिन जब आप लोग जोर-जोर से चिल्ला रहे थे, तो मुझे लगा जैसे आप मुझसे कह रहे हो की “यह तुम कर सकते हो, यह तुम्हारे लिए मुमकिन है” इन्ही शब्दों ने मुझे सफलता दिलाई है।

कहानी से शिक्षा

तो दोस्तों, यह थी मेंढको की कहानी, लेकिन यह कहानी काफी हमारी जिंदगी से भी मिलती जुलती है, क्योंकि हम बाहर दुनिया की सुनते है जो हमेशा हमसे कहती है की “तुम यह नही कर सकते, सफल नही हो सकते, तुम्हारे बस की बात नही है आदि, क्योंकि हमारे अंदर सफलता पाने की क्षमता होती है और हम पा भी सकते है, लेकिन दुसरो की बातों में आ कर अपने लक्ष्य को पाने से चुक जाते है, जिसके कारण हम एक औसत जीवन जीते है।

इसलिए आज से हमे उन सभी दृश्य एवं लोगो के प्रति अंधे एवं बहरे हो जाना चाहिए, जो हमे हमारे लक्ष्य से भटकाते है। ऐसा करने से आपको आपकी मंज़िल पाने से कोई नही रोक सकता।

4. हाथी और छह अंधे व्यक्ति की कहानी : प्रेरक प्रसंग (Elephant and six blind story in Hindi)

3. हाथी और छह अंधे व्यक्ति (Elephant and six blind) प्रेरक प्रसंग - Prerak Prasang
4. हाथी और छह अंधे व्यक्ति की कहानी : प्रेरक प्रसंग (Elephant and six blind story in Hindi)

एक समय की बात है, एक गांव में 6 अंधे व्यक्ति रहते थे। वह बड़ी खुशी के साथ आपस मे रहते थे। एक बार उनके गांव में एक हाथी आया। जब उनको इस बात की जानकारी मिली, तो वो भी उस हाथी को देखने गये।

लेकिन अंधे होने के कारण उन्होंने सोचा हम भले ही उस हाथी को न देख पाए, लेकिन छूकर ज़रूर महसूस करेंगे कि हाथी कैसा होता है।

वहां पहुंच कर उन सभी ने हाथी को छूना शुरू किया। हाथी को छूकर एक अंधा व्यक्ति बोला, हाथी एक खंभे की माफिक होता है, मै अब अच्छे से समझ गया हूं, क्योंकि उसने हाथी के पैरों को महसूस किया था।

तभी दूसरा व्यक्ति हाथी की पुंछ पकड़ कर बोला “अरे नहीं, हाथी तो रस्सी की तरह होता है।” तभी तीसरा व्यक्ति भी बोल पड़ा “अरे नही, मैं बताता हूँ, यह तो पेड़ के तने की तरह होता है“तुम लोग क्या बात कर रहे हो, हाथी तो एक बड़े सूपे की तरह होता है”, चौथे व्यक्ति ने कान को छूते हुए सभी को समझाया।

तभी अचानक पांचवें व्यक्ति ने हाथी के पेट पर हाथ रखते हुए सभी को बताया “अरे नहीं-नहीं , यह तो एक दीवार की तरह होता है।

“ऐसा नहीं है, हाथी तो एक कठोर नली की तरह होता है”, छठे व्यक्ति ने अपनी बात रखी। सभी के अलग अलग मत होने के कारण उन सभी में बहस होने लगी, और खुद को सही साबित करने में लग गए। उनकी बहस तेज होती गयी और ऐसा लगने लगा मानो वो आपस में लड़ ही पड़ेंगे।

तभी वहां से एक बुद्धिमान व्यक्ति गुज़र रहा था। उनकी बहस को देखकर, वह वहां रुका और उनसे पूछा, “क्या बात है, तुम सब आपस में झगड़ा क्यों कर रहे हो?” उन्होंने बहस का कारण बताते हुए, उस बुद्धिमान व्यक्ति को बताया कि हम यह नहीं तय कर पा रहे हैं, कि आखिर हाथी दिखता कैसा है”, उन्होंने ने उत्तर दिया।

फिर एक एक करके उन्होंने अपनी बात उस व्यक्ति को समझायी। बुद्धिमान व्यक्ति ने सभी की बात शांति से सुनी और बोला, “तुम सब अपनी-अपनी जगह सही हो, तुम्हारे वर्णन में अंतर इसलिए है, क्योंकि तुम सबने हाथी के अलग-अलग भागों को छुआ एवं महसूस किया।

लेकिन यदि देखा जाए, तो तुम लोग अपनी अपनी जगह ठीक हो, क्योंकि जो कुछ भी तुम सबने बताया, वो सभी बाते हाथी के वर्णन के लिए सही बैठती हैं”।

अब तक सभी को सारी बातें समझ आ गयी थी। उसके बाद उस बुद्धिमान व्यक्ति ने उन्हें समझाया यदि आप सब अपने जो जो महसूस किया, उसके अलावा भी यदि आगे कुछ देखते तो आप को हाथी असल मे कैसा होता है समझ आ जाता।

कहानी से शिक्षा

दोस्तों, अधिकतर ऐसा होता है, कि हम सच्चाई जाने बिना अपनी बात को लेकर अड़ जाते हैं, कि हम ही सही हैं, और बाकी सब गलत है।

लेकिन कई बार ऐसा होता है, कि हम केवल सिक्के का एक ही पहलू देख रहे होते है, हमे जरूरत है, सिक्के के दोनो पहलुओं को देखकर समझने की, इसलिए हमें अपनी बात तो रखनी चाहिए पर दूसरों की बात भी सब्र से सुननी चाहिए, और कभी भी बेकार की बहस में नहीं पड़ना चाहिए। 

वेद पुराणों में भी कहा गया है कि एक सत्य को कई तरीके से बताया जा सकता है, इसलिए यदि जब अगली बार आप ऐसी किसी बहस में पड़ें तो याद कर लीजियेगा, कि कहीं ऐसा तो नहीं कि आपके हाथ में सिर्फ कान हो, और बाकी हिस्से किसी और के पास हैं।

5. हाथी की रस्सी कहानी : प्रेरक प्रसंग (The Elephant Rope Story in Hindi)

4. हाथी की रस्सी (The Elephant Rope) - Prerak Prasang
5. हाथी की रस्सी कहानी : प्रेरक प्रसंग (The Elephant Rope Story in Hindi)

एक बार एक आदमी रास्ते से कहीं जा रहा था। रास्ते में उसे एक वयस्क हाथी दिखा, जो बहुत ही विशालकाय था, लेकिन इतना ताकतवर होने के बावजूद वह एक कमजोर रस्सी से बंधा हुआ था। वह आदमी अचानक वहाँ रुक गया।

उसे यह देख कर बहुत ही आश्चर्य हुआ कि कैसे इतना बड़ा हाथी एक कमजोर रस्सी के सहारे बंधा रह सकता है। जब कि हाथी में इतनी शक्ति होती है, कि वो बड़े से बड़े पेड़ो, पहाड़ों को हिला सकता है, वह चाहे तो जंजीरो को तोड़ सकता है और आज़ाद हो सकता है, लेकिन वो इन रस्सियों से बंधा हुआ है।

जब कि वहां कोई जंजीर, पिंजड़ा नही है। ऐसा क्या कारण है जिसके कारण एक विशालकाय इस कमजोर रस्सी से बंधन मुक्त नही हो पा रहा है। इस कारण को जानने के उद्देश्य से वह महावत (हाथी का प्रशिक्षक, जो हाथी को हांकता है) के पास गया और उत्सुकता पूर्वक उसने अपनी जिज्ञासा रखी।

उसके महावत से पूछा “श्रीमान, यह विशालकाय हाथी जो एक सेकंड में तहस नहस कर सकता है, ऐसा क्या कारण है, जिसकी वजह से यह एक कमज़ोर सी रस्सी से बंधा हुआ है? और भागने की कोशिश भी नही करता?” कृपया उत्तर दें।

उस आदमी की बात सुनकर महावत ने उत्तर दिया, जब यह हाथी बहुत छोटा था, तब मैं इसे इसी रस्सी के सहारे बाँधा करता था, उस समय यह रस्सी इतनी मजबूत थी, कि इसको तोड़ पाना इसके लिए बहुत ही मुश्किल था, उस समय इसने उस रस्सी को तोड़ने का भरसक प्रयास किया, कई बार चोटिल भी हुआ, पैरो से खून भी निकला, लेकिन इसके लिए रस्सी तोड़ पाना मुमकिन नही हुआ।

काफी प्रयास करने के बाद असफल होकर इसने हार मान ली और असंभव मान कर रस्सी पर जोर लगाना भी छोड़ दिया। धीरे धीरे जब यह बड़ा हुआ। इसे अभी भी लगता था, की यह रस्सी इससे नही टूटेगी। अतः यह इसे तोड़ने में असमर्थ है। इसने रस्सी को तोड़ने का प्रयास नहीं किया। आज यह एक वयस्क बलवान, विशालकाय हाथी है।

लेकिन इसने रस्सी से हार मान ली। हालांकि यह किसी भी समय रस्सी को तोड़कर अपने आपको बंधन से मुक्त कर सकता है। लेकिन बचपन की हार को जीवन की हार मानकर यह अब कोशिश ही नही करता। फलस्वरूप यह केवल एक कमज़ोर रस्सी से ही बंधा रहता है। यह बात जानकर वह व्यक्ति बहुत ही आश्चर्यचकित हुआ।

कहानी से शिक्षा

दोस्तों इस हाथी के समान ही, हम मे से जाने कितने लोग ऐसे है, जो यह मान लेते हैं, कि वो जीवन में कभी सफल नही हो सकते नहीं। क्योंकि पहले उन्होंने कोशिश की थी। लेकिन असफल रहे। दोस्तों हो सकता है, कि सफलता का प्रयास पूरे मन से नही किया गया हो। 

हो सकता है, उस बालक हाथी के समान हम पूरी ताक़त से कोशिश न कर पाए हो। लेकिन इस समय आप किसी काम को करने में समर्थ है, लेकिन प्रयास नहीं कर रहे है।

यह सोचकर की पहले आप असफल हुए थे। इस सोच को “हाथी की रस्सी” वाली सोच का नाम दिया जाएगा, और हो सकता है, आप जिस रस्सी को तोड़ सकते है, उस रस्सी से ज़िंदगी भर बंधे रहे।

6. जिंदगी में प्राथमिकता सेट करें : प्रेरणादायक कहानी (Set your priorities in life)

5. जिंदगी में प्राथमिकता सेट करें (Set your priorities in life) प्रेरक प्रसंग - Prerak Prasang
6. जिंदगी में प्राथमिकता सेट करें : प्रेरणादायक कहानी (Set your priorities in life)

एक बार फिलोसॉफी की क्लास में एक प्रोफेसर प्रवेश करते है। उनके साथ में एक कांच का जार, कुछ पत्थर, कंकड़ और कुछ बालू भी थी। प्रोफेसर के प्रवेश करते ही सभी ने अभिवादन किया।

प्रोफेसर ने बताया की आज क्लास में अन्य क्लास की अपेक्षा कुछ खास सीखने को मिलेगा। विद्यार्थी खुश एवं एक्ससिटेड थे, आज कुछ सीखने को मिलेगा।

प्रोफेसर अब खाली ज़ार में पत्थरों को भरना शुरू किया, जब तक जार भर नही गया। जार भरने पर प्रोफेसर ने विद्यार्थियों से पूछा- “क्या जार भर गया”?

सभी ने हाँ में उत्तर दिया। अब प्रोफेसर ने कंकडों को जार में डालना शुरू किया, साथ ही साथ जार को हिलाया भी, जिससे पत्थरों के बीच मे कंकड़ अपना रास्ता आसानी से बना पाए। जब जार भर गया तो दोवारा प्रोफेसर ने विद्यार्थियों से पूछा- “क्या अब जार पूरा भर गया?” इस पर दोबारा विधार्थितो ने हाँ में जवाब दिया।

अब प्रोफेसर ने उसमे बालू के कण डालने आरम्भ किये, बालू के कण अपना रास्ता बनाते हुए उस जार में प्रवेश कर गये। प्रोफेसर के दोबारा पूछने पर विद्यार्थियों में कहा “अब जार पूर्ण रूप से भर गया है”।

ऐसा सुनकर प्रोफेसर ने पानी लेकर उस ज़ार में उड़ेल दिया। वह भी उसमें समा गया। प्रोफेसर ने विद्यार्थियों को समझाते हुए बताया, कि आपको अपने जीवन में प्राथमिकता को सेट करना होगा।

जिंदगी भी एक कांच के ज़ार की तरह है, जिसमे सबसे जरूरी पत्थर है, क्योंकि पत्थर से अभिप्राय आपके परिवार, चरित्र और स्वास्थ्य है, जबकि कंकड़ आपकी नौकरी एवं अन्य आवश्यकता है तथा बालू हमारे जीवन की छोटी-छोटी ज़रूरतों का प्रतिनिधित्व करती है।

इसलिए यदि हम अपने जीवन रूपी जार में पहले बालू भर देंगे तो बाकी चीजों के लिए जगह नहीं बचेगी। इसलिए आपके जीवन में जो सबसे ज्यादा जरूरी है, उसे ज्यादा महत्व और समय दें।

कहानी से शिक्षा

जीवन की ज़रूरतों की प्राथमिकता को समझें। जो जीवन के लिए सबसे ज्यादा जरूरी हो, पहले उसी में फोकस करें। समय बचने पर बाकी चीजें बाद में करें। चीजों में संतुलन बनाने में सफल होने वाले ही कामयाब लोग कहलाते हैं।

7. गुजरा हुआ वक्त दोबारा नही आता : प्रेरक प्रसंग कहानी (Time once gone never comes back)

6. गुजरा हुए वक्त को दोबारा प्राप्त नही किया जा सकता (Time once gone never comes back)  - Prerak Prasang
7. गुजरा हुआ वक्त दोबारा नही आता : प्रेरक प्रसंग कहानी (Time once gone never comes back)

एक नगर में एक बहुत ही अमीर आदमी रहता था, उस आदमी ने अपना सारा जीवन पैसे कमाने में लगा दिया, उसके पास इतना धन था, कि वह उस नगर को भी ख़रीद सकता था, लेकिन उसने अपने संपूर्ण जीवन भर में कभी किसी की मदद तक नही की।

इतना धन होने के बावजूद, उसने अपने लिए भी उस धन का उपयोग नही किया, न कभी अपनी पसंद के कपड़े, भोजन, एवं अन्य इच्छा की पूर्ति तक नही की। वह केवल अपने जीवन में पैसे कमाने में व्यस्त रहा, वह इतना व्यस्त एवं मस्त हो गया पैसा कमाने में उसे उसके बुढ़ापे का भी पता नही चला, और वह जीवन के आख़िरी पड़ाव पर पहुँच गया।

इस तरह उसके जीवन का अंतिम दिन भी नज़दीक आ गया और यमराज उसके प्राण लेने धरती पर आये, जिसे देख कर वह आदमी डर गया, यमराज ने कहा, “अब तेरे जीवन का अंतिम समय आ गया है, और मै तुझे अपने साथ ले जाने आया हूँ।”

सुनकर वह आदमी बोला – “प्रभु अभी तक तो मैंने अपना जीवन जिया भी नही, मै तो अभी तक आपने काम में व्यस्त था”, अतः मुझे अपनी कमाई हुई धन दौलत का उपयोग करने के लिए समय चाहिए।

यमराज ने उत्तर दिया – “मैं तुम्हें और समय नही दे सकता, तुम्हारे जीवन के दिन समाप्त हो गये है, और अब दिनों को और नही बढाया जा सकता”।

यमराज की यह बात सुनकर उस आदमी ने कहा- “प्रभु मेरे पास इतना पैसा है, आप चाहो तो आधा धन लेकर मुझे जीवन का एक और बर्ष दे दीजिये”।

प्रतियुत्त्तर में यमराज ने कहा ऐसा संभव नही। इस पर आदमी ने कहा – “आप चाहो, तो मेरा 90 प्रतिशत धन लेकर मुझे 1 महीने का समय ही दे दीजिए।”

यमराज ने फिर मना कर दिया।फिर आदमी ने कहा- “आप मेरा सारा धन लेकर 1 ही घंटा दे दीजिये”। तब यमराज ने उसको समझाया – बीते हुए समय को धन से दोबारा प्राप्त नही किया जा सकता।

इस प्रकार जिस आदमी को अपने धन पर अभिमान था, उसे वह सब व्यर्थ लगने लगा, क्योंकि उसने अपना संपूर्ण जीवन उस व्यर्थ चीज को कमाने में लगा दिया, जो आज उसे जिंदगी का 1 घंटा भी ख़रीद के नही दे पाई। दुखी मन से वह अपनी मौत के लिए तैयार हो गया।

कहानी से शिक्षा

तो दोस्तों, आपने देखा की जिस आदमी ने अपना संपूर्ण जीवन जिसको कमाने में लगा दिया, वही चीज उसके लिए एक सेकंड का समय भी नही ख़रीद पाई। जीवन भगवान द्वारा दिया गया वहुमुल्य उपहारों में से एक है, जिसको पैसे से प्राप्त नही किया जा सकता। इसलिए जीवन के हर पल का आनंद लीजिये एवं उसको एन्जॉय करिए। कहा गया है जीवन बहुत अमूल्य है, इसको व्यर्थ ना जाने दे, हर पल को ख़ुशी के साथ जिए तभी आप अपने जीवन से खुश हो सकते है।     

8. व्यापारी और गधा कहानी : प्रेरणादायक प्रेरक प्रसंग (Always think about solution)

7. हमेशा समाधान के बारे में सोचे - हर समस्या अपने साथ एक समाधान लेकर आती है (Always think about solution) प्रेरक प्रसंग - Prerak Prasang
8. व्यापारी और गधा कहानी : प्रेरणादायक प्रेरक प्रसंग (Always think about solution)

एक बार गधा और एक आदमी रास्ते से जा रहे थे, रास्ते में गधा किसी गहरे गड्डे में गिर जाता है, आदमी अपने पसंदीदा गधे को गड्डे से निकालने का हर भरसक प्रयास करता है, लेकिन काफी प्रयत्न करने के बार वो भी असफल हो जाता है, वह बहुत दुखी होता है, लेकिन उसको ऐसा वो छोड़कर जाना भी नही चाहते, तब वह उसे उसी गड्डे में ज़िंदा गाड़ने का विचार बना लेता है, जिससे वह आसानी से मर सके।

इसलिए वह उस पर मिट्टी डालना आरंभ कर देता है, जैसे ही गधे पर मिट्टी गिरती है, वो उसे वजन के कारण हिलाकर हटा देता है और उसी मिट्टी पर चढ़ जाता है। वह प्रत्येक बार यही कार्य करता है, जब जब मिट्टी उसके ऊपर गिरती है। अंत में मिट्टी से गड्डा भर जाता है और वह सुरक्षित बाहर आ जाता है।

कहानी से शिक्षा

समस्या के साथ जीना मत सीखो। समस्या से सीखो और आगे बढ़ो।  दोस्तों यह हमारे हाथ में है की हम या तो समस्या रूपी मिट्टी के नीचे दब जाये, और समस्या आने पर उसी के बारे में सोचे और परेशान होते रहे। या फिर उसी समस्या रूपी मिट्टी को सीडी बनाकर ऊपर चढ़ जाएँ। 

ज़िंदगी में कुछ न कुछ तो होता ही रहता है, इसलिए हर समस्या से सीखे और ज़िंदगी को खुशनुमा बनाए, क्योंकि समस्या हमेशा अपने साथ समाधान लेकर आती है।

9. अपनी कीमत को कम ना समझे : प्रेरक प्रसंग कहानी (Do not underestimate yourself)

8. अपनी कीमत को कम ना समझे (Do not underestimate yourself) प्रेरक प्रसंग - Prerak Prasang
9. अपनी कीमत को कम ना समझे : प्रेरक प्रसंग कहानी (Do not underestimate yourself)

एक बार एक प्रसिद्ध वक्ता किसी शहर में आये हुए थे, और सैंकड़ो लोग उस वक्ता को सुनने आये थे, वक्ता अपने दर्शकों के सामने एक 20 डॉलर मूल्य का नोट अपने हाथ में लिए हुए थे। उसने उस 20 डॉलर के नोट को सभी को दिखाते हुए सभी से पूछा- “कौन कौन इस नोट को पाना चाहता है?”

लगभग सभी ने हाँ में जवाब दिया। उस वक्ता ने कहा मैं आप मे से एक को यह नोट दूँगा, ऐसा कह कर उसने उस नोट को मरोड़ दिया।

उसने पूछा- “अब कौन इसे अभी भी पाना चाहेगा?” अभी भी लगभग सभी हाथ खड़े थे। उसने फिर उस नोट को लेकर अपने जूतों से अच्छे से रगड़ दिया और फिर और मरोड़ भी दिया।

उसने उस नोट को उठाया और दोवारा उसको भीड़ के समक्ष दिखा कर दोबारा पूछा- “अब कौन कौन इसे अभी भी चाहता है”, क्योंकि अब की बार यह गन्दा और मरोड़ा हुआ था। अभी भी लगभग सभी ने अपने हाथ खड़े किये।

यह देख कर वक्ता ने भीड़ को सम्बोद्धित करते हुए कहा की मैंने इस नोट के साथ जाने क्या क्या किया लेकिन फिर भी आप सब इसे पाना चाहते हो, क्योंकि लाख मरोड़ने पर भी इसके मूल्य में परिवर्तन नही आया, अभी भी इसकी कीमत 20 डॉलर की है।

कहानी से शिक्षा

अधिकतर हमारी जिंदगी भी हमे ऐसे ही मरोड़ और परेशानिया देकर धूल मिट्टी में गन्दा कर देती है, और इस कारण हम अपने आपको कम आंक लेते है, इससे कोई फर्क नही पड़ता, क्या हुआ और क्या होगा, केवल जरुरत है की हम अपनी कीमत को ना भूले और आगे बढे।

10. संघर्ष ही शक्ति को विकसित करता है : ज्ञानवर्धक प्रेरक कहानी (Struggles develop strength )

9. संघर्ष ही शक्ति को विकसित करता है (Struggles develop strength)  - Prerak Prasang
10. संघर्ष ही शक्ति को विकसित करता है : ज्ञानवर्धक प्रेरक कहानी (Struggles develop strength )

एक बार एक आदमी ने अपने बगीचे में एक तितली के कोकून को देखा। वह उसे देखने लगा, उसने नोटिस किया कि उस कोकून में एक छोटा सा छेद बन हुआ है, उसने देखा की छोटी तितली उस छेद से बाहर निकलने की बहुत कोशिश कर रही थी।

बहुत देर तक कोशिश करने के बाद भी वो उस छेद से बाहर नहीं निकल पा रही थी, वह बहुत कोशिश करती रही, फिर वह शांत सी हो गयी, उस आदमी को लगा जैसे उसने हार मान ली हो।

इसलिए उस आदमी उस तितली की मदद करने के उद्देश्य से एक कैंची उठायी और कोकून की छेद को बड़ा कर दिया की जिससे तितली आसानी से बाहर निकल पाए और यही हुआ, तितली बिना किसी संघर्ष के आसानी से बाहर निकल गयी, पर उसका शरीर सूजा हुआ था, और पंख सूखे हुए थे।

उस आदमी को लगा कि वो तितली अपने पंख फैला कर उड़ने लगेगी, पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। बल्कि कुछ समय बाद ही वह मर गयी। इसका उसे काफी दुःख हुआ।

उस आदमी ने अपने बुजुर्ग को यह सारी बात बताई, बुजुर्ग ने बताया असल में कोकून से निकलने की प्रक्रिया को प्रकृति ने इतना कठिन इसलिए बनाया है, जिससे ऐसा करने से तितली के शरीर में मौजूद तरल पदार्थ उसके पंखों में पहुँच सके, और वो छेद से बाहर निकलते ही उड़ पाए।

जिंदा रह सके। और तुमने उस की मदद करके उसकी सामान्य प्रक्रिया को तोड़ दिया। जिसके कारण उसका यह हश्र हुआ।

कहानी से शिक्षा

दोस्तों असल में कभी-कभी हमारे जीवन में संघर्ष ही हमे वो मज़बूती प्रदान करता है, जिससे हम आगे बढ़ सके, क्योंकि यदि हमे बिना संघर्ष के जीवन में कुछ मिलेगा तो हम अपंग हो जायेंगे और यदि सफल भी हो गये तो ज्यादा समय तक सफल नही रह पाएंगे।

इसलिए जीवन में आने वाले कठिन पलों को सकारात्मक दृष्टिकोण से स्वीकार करे, क्योंकि वो हमे मजबूत बनाते है ना की मजबूर।

11. सफलता के लिए लगातार सीखे : प्रेरक प्रसंग कहानी (King and Wood cutter Story in Hindi)

10. सफलता के लिए लगातार सीखे (King and Wood cutter Story) प्रेरक प्रसंग - Prerak Prasang
11. सफलता के लिए लगातार सीखे : प्रेरक प्रसंग कहानी (King and Wood cutter Story in Hindi)

एक बार एक राजा ने एक बढई को राज काज के लिए नियुक्त किया। राजा उसके कार्य से काफी खुश था, क्योंकि उसने पहले ही महीने लगभग 18 पेड़ो को काटा था।

अगले महीने उस बढई ने काफी कोशिश की, लेकिन वो केवल 15 पेड़ो को ही काट पाया। तीसरे महीने अपनी पूरी सामर्थ्य लगा कर भी, वह केवल 12 पेड़ो को ही काट पाया। धीरे धीरे उसकी पेड़ काटने की क्षमता कम होने लगी।

एक दिन राजा उसके पास पंहुचा और उसके उत्पादकता में कमी का कारण पूछा- बढई ने जवाब दिया- “महाराज मेरी उम्र भी बढ़ रही है, और शरीर की शक्ति भी कम हो रही है, इसी कारण मेरी उत्पादकता में कमी हो रही है।”

यह जानकर राजा ने पूछा “कितने समय पहले तुमने अपनी कुल्हारी को धार लगाई थी। आश्चर्यचकित हो कर बढई ने जवाब दिया केवल एक ही बार।

तब राजा ने समझाया यही कारण है, कि तुम्हारी पेड़ काटने की उत्पादकता में दिन प्रतिदिन कमी आ रही है। पहले अपनी कुल्हाडी में धार लगाओ, फिर तुम्हारी उत्पादकता में बढ़ोत्तरी होगी।

कहानी से शिक्षा

काम को आसानी से करने के लिए चीजों की लगातार सीखना चाहिए, जिससे हम काम को आसानी से कर सके और हमारे काम में तेजी ला सके।

12.  आलू, अंडा और कॉफ़ी बीन्स की कहानी : प्रेरक प्रसंग Potatoes, Eggs and Coffee Beans Story in Hindi

11.  आपकी प्रतिक्रिया ही आपका भविष्य बनाती है  Potatoes, Eggs and Coffee Beans - Prerak Prasang
12.  आलू, अंडा और कॉफ़ी बीन्स की कहानी : प्रेरक प्रसंग Potatoes, Eggs and Coffee Beans Story in Hindi

एक बार एक पुत्री ने अपने पिता से शिकायत करते हुए कहा की, “मेरी ज़िंदगी बहुत दयनीय होती जा रही है, एक समस्या ख़त्म होने के बाद एक के बाद एक समस्या आती जा रही है। जिंदगी में समस्याएँ लगातार आ रही है, मैं क्या करूँ?”

उसके पिता एक शेफ थे, इसलिए उसको रसोई में ले गये, तीन वर्तनो में पानी भर के उसे गैस पर रख दिया । जब तीनों का पानी उबलने लगा, तब उसने एक बर्तन में आलू, दूसरे में अंडा और तीसरे में कॉफी के बीज डाल दिए।

और ऐसा करके उसकी बेटी और पिता दोनों उस क्रिया को देखने लगे। कुछ देर बाद पिता ने गैस बंद की और सभी को बारी बारी से कटोरी में निकलना शुरू किया, फिर कॉफी को कप में निकला दिया।

पिता ने पुत्री से पूछा तुमने क्या देखा, वो बोली आलू, अंडा और कॉफी। तब पिता के कहने पर पुत्री ने आलू को टच करके देखा, जो अब कोमल हो गया था, अंडा भी अब उबल चुका था। फिर पिता ने पुत्री से कॉफी को एक घूंट पीने के लिए कहा। पुत्री ने एक घूंट पी, स्वाद होने के कारण उसका मन प्रसन्न हो गया।

उसके पिता से इन सब का मतलब जानने की कोशिश की, तब पिता ने समझाया आलू, अंडा एवं कॉफी सभी को एक ही तरह का स्थिति मिली “गर्म पानी” लेकिन सभी के प्रतिक्रिया भिन्न थी।

आलू के कठोर होने के बावजूद गर्म पानी से वो खुद ही कोमल हो गया। ऐसा ही कुछ अंडे के साथ हुआ, लेकिन जो कॉफी के बीज थे, यूनिक होने के कारण उसने पानी को ही परिवर्तित करके कुछ नया पदार्थ बना दिया।

उसी प्रकार तुम हो जब समस्या तुम्हारे पास आई तो, आई हुई समस्या के प्रति तुम्हरी प्रतिक्रिया ही तुम्हें सफल बनाती है, या तो तुम खुद बदल जाओ या फिर परिस्थिति को बदलकर सफल हो जाओ दोनों ही तुम्हारे हाथ में है।

कहानी से शिक्षा

समस्या के प्रति हमारा दृष्टिकोण ही हमे सफल असफल बनाता है।

13. सफलता ठान लेने से मिलती है : बच्चों के लिए प्रेरक कहानी (Success comes from determination) – Dashrath Manjhi Inspirational Story in Hindi

दशरथ मांझी जिन्हें “माउंटेन मैन” के नाम से भी जाना जाता है, इनको कौन नही जनता? जिन्होंने यह साबित किया है, कि कोई भी काम असंभव नही है।

दशरथ मांझी बिहार में गया के करीब गहलौर गांव के एक गरीब मज़दूर थे। दशरथ मांझी काफी कम उम्र में ही धनबाद की कोयले की खान में काम करने लगे, बड़े होने पर फाल्गुनी देवी नामक लड़की से शादी कर ली। अपने पति के लिए खाना ले जाते समय उनकी पत्नी फाल्गुनी पहाड़ के दर्रे में गिर गयी।

पहाड़ के दूसरी और अस्पताल था, जो करीब 55 किलोमीटर की दूरी पर था। दूरी होने के कारण उचित समय पर उनको उपचार नही मिल पाया, जिसके कारण उनका निधन हो गया।

यह बात उनकें दिल को लग गयी, इसके बाद दशरथ मांझी ने संकल्प लिया कि वह अकेले अपने दम पर पहाड़ के बीचों-बीच से रास्ता निकालेगे और केवल एक हथौड़ा और छेनी लेकर खुद अकेले ही 360 फुट लंबी 30 फुट चौड़ी और 25 फुट ऊँचे पहाड़ को काटकर एक सड़क बना डाली।

22 वर्षों के अथक परिश्रम के बाद, दशरथ की बनायी सड़क ने अतरी और वजीरगंज ब्लाक की दूरी को 55 किलोमीटर से 15 किलोमीटर कर दिया।

लोगो ने इन्हें पागल कहा लेकिन इस बात ने इनके निश्चय को और भी मजबूत किया।” उन्होंने अपने काम को 22 वर्षों (1960-1982) में पूरा किया। पहले-पहले गाँव वालों ने उन पर ताने कसे लेकिन उनमें से कुछ ने उन्हें खाना दिया और औज़ार खरीदने में उनकी सहायता भी की।”

एक इंसान जिसके पास नहीं पैसा था, ना हीं ताकत थी, उसने एक पहाड़ खोद दिया, उनकी जिंदगी से हमें एक सीख मिलती है, की हम किसी भी कठिनाई को आसानी से पार कर सकते है, अगर आप में उस काम को करने की ज़िद है।

कैंसर से पीड़ित मांझी का 73 साल की उम्र में, 17 अगस्त 2007 को निधन हो गया। दशरथ मांझी, जिसने अपने जज्बे और जुनून से सारा जोर अपने लक्ष्य को पाने में लगा दिया और जब तक चैन से नही बैठ जब तक सफल नही हो गया।

कहानी से शिक्षा

जब हमारा लक्ष्य सामने होता है तो लाख समस्या आने के वावजूद, हमे कोई भी सफल होने से नही रोक  सकता। भले ही कितना ही समय लग जाये लेकिन सफलता जरुर मिलती है।

निष्कर्ष Conclusion

तो दोस्तों यह थी, वो 13 प्रेरक कहानियां, जिसको समझ कर काफी लोगो ने सफलता हासिल की है। आपसे निवेदन है की, अपने आपको कभी भी कम मत आंकना, क्योंकि ईश्वर ने आप सभी को यूनिक बनाया है, जिसमे अलग अलग प्रतिभाओ का समावेश है।  

Filed Under: Hindi Motivational Stories, Hindi Short Stories Tagged With: inspirational stories, motivational stories, panchatatra ki kahaniyan, प्रेरक कहानियाँ, प्रेरणादायक कहानियाँ

About बिजय कुमार

नमस्कार रीडर्स, मैं बिजय कुमार, 1Hindi का फाउंडर हूँ। मैं एक प्रोफेशनल Blogger हूँ। मैं अपने इस Hindi Website पर Motivational, Self Development और Online Technology, Health से जुड़े अपने Knowledge को Share करता हूँ।

Reader Interactions

Comments

  1. Shaikh Muneer says

    December 16, 2016 at 10:59 pm

    bahut hi badhiya kahaniya hai. bahut hi accha laga padh kar.

    Reply
  2. murari says

    January 13, 2017 at 12:47 pm

    i share your story my fb

    Reply
  3. Hrishu says

    January 15, 2017 at 12:08 pm

    In it all stories are so inspirational

    Reply
  4. Prince gupta says

    March 2, 2017 at 8:42 am

    Acchi aur prernadayi kathaye h bhut achhe lage

    Reply
  5. kapil says

    May 4, 2017 at 12:08 pm

    Bahut Badiya stories And I am motivation is life

    Reply
  6. PAWAN says

    May 27, 2017 at 10:59 am

    STORIES ARE VERY GOOD

    Reply
  7. Vansh bhardwaj says

    June 11, 2018 at 5:52 am

    बहुत ही कमाल की कहानी है।thank you sir/mam

    Reply
    • Anonymous says

      December 3, 2023 at 7:08 pm

      Bahut màst story he sir/màm

      Reply
  8. Nitin singh says

    July 1, 2018 at 3:11 pm

    Stories are very nice

    Reply
    • C.P. Singh says

      May 23, 2021 at 4:40 pm

      Very inspiring and valued stories

      Reply
  9. sunil kumar meena says

    September 21, 2018 at 12:27 pm

    बहुत ही अच्छी कहानियाँ

    Reply
  10. नंदकिशोर सोनी प्राचार्य केंद्रीय विद्यालय राजगढ़ says

    October 1, 2018 at 9:09 pm

    कहानियां बहुत अच्छी है प्रेरणादायक है विद्यार्थियों को और छोटे बच्चों को अभिभावकों और शिक्षकों द्वारा इन्हें सुनाया जा सकता है

    Reply
    • Anonymous says

      June 7, 2023 at 3:53 pm

      To tu Dekh le

      Reply
  11. Pranjal Jaiswal says

    November 11, 2018 at 10:59 am

    Very nice stories

    Reply
  12. Pranjal Jaiswal says

    November 11, 2018 at 11:00 am

    Very nice stories, thanks

    Reply
  13. Naval sharma says

    May 3, 2019 at 11:15 pm

    Very nice story

    Reply
  14. Anup kumar says

    November 27, 2019 at 2:32 pm

    Thank you for sharing your articles and speeches. It really helped me with a speech that I was writing for a meeting we´ll have for a major change that …

    Reply
  15. हिमांशु कुमार सिन्हा says

    April 2, 2020 at 7:18 pm

    महोदय,
    नमस्कार।

    बहुत ही प्रेरणादायक कहानियों और प्रसंगों का संकलन है। धन्यवाद।

    कुछ तो हम सब ने कहीं न कहीं सुन रखी हैं पर आपके शब्दों का चुनाव और प्रस्तुति करण सराहनीय है।

    मैं शौकिया तौर पर कहानियां अपनी आवाज़ में रिकार्ड कर सुनाता हूँ और आपसे गुज़ारिश है कि इस अमूल्य संग्रह में से कुछेक कहानियां सुनाने और रेकॉर्ड करने की इजाज़त दे कर अनुगृहीत करें।

    आभार,

    हिमांशु

    Reply
  16. विजय पटेल says

    May 25, 2020 at 2:14 pm

    आपने इस पोस्ट में जो जो भी प्रेरणादायक कहानियां बताइए सभी जीवन बदलने वाली है जो भी इंसान सही तरह कैसे इसे अपने जीवन में धारण करें तो वह बहुत आसानी से अपना जीवन परिवर्तन कर सकता है धन्यवाद आपका इस तरह की कहानियों के लिए

    Reply
  17. Ashish Kumar says

    June 7, 2020 at 8:09 am

    Most inspiring story i very interested kahaniyan

    Reply
  18. Heeralal says

    June 21, 2020 at 11:49 pm

    बहुत अच्छी अच्छी बाते इन कहानियों के जरिए आपने बताई है

    Reply
  19. sanjay Rohit says

    June 25, 2020 at 11:07 pm

    Bahut hi achhi kahaniya hai isme se kuch me janta tha or khuch mujhe janne ko mila…tx for sharing

    Reply
  20. Prem says

    June 26, 2020 at 3:04 pm

    Bahut hi saralata se manushya ke jeevan ki duvidhao ko dur karne wale story.

    Reply
  21. Anand Thakur says

    July 29, 2020 at 5:45 pm

    वंदेमातरम सर आपकी कहानियों का यह संग्रह बहोत ही प्रेणादायी है अगर आपकी इजाजत हो तो मै इसे अपने आवाज में रिकॉर्ड करके अपने विद्यार्थियों को सुनाऊ और उन्हें मोटिवेट करू।

    Reply
    • Anonymous says

      February 23, 2024 at 9:28 pm

      Bilkul

      Reply
  22. HOSHIYAR SINGH says

    August 24, 2020 at 4:09 pm

    very nice story
    It should be practice to follow after reading.

    Reply
  23. Anonymous says

    May 27, 2021 at 9:36 am

    very nice stories

    Reply
  24. abc says

    May 27, 2021 at 9:36 am

    very nice website

    Reply
  25. Anonymous says

    June 22, 2021 at 8:48 pm

    मै आपके blog का regul

    Reply
  26. Anonymous says

    July 13, 2022 at 4:57 pm

    बहुत ही प्रेरक लेख
    अच्छे लेख है,

    Reply
  27. Anonymous says

    March 29, 2023 at 8:28 pm

    Good story sir

    Reply
  28. Sakshi says

    May 15, 2023 at 10:14 am

    Bhut hi badhiya kahaniyan

    Reply

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