विमुद्रीकरण के फायदे और नुकसान Advantages Disadvantages of Demonetization in Hindi
जब कोई देश अपनी प्रचलित और पुरानी मुद्रा के नोटों (Currency) को बंद करके नयी मुद्रा छापता है तो इसे ही विमुद्रीकरण कहते हैं। इसके बहुत से फायदे हैं पर इसके साथ ही इसके अनेक नुकसान भी होते हैं।
विमुद्रीकरण करने से अचानक से लोगो के बीच धन की कमी हो जाती है। लोगों के पास जो पुराने नोट होते हैं उन्हें कोई स्वीकार नहीं करता है। दोबारा नई मुद्रा (नये नोट) छापने में काफी समय लगता है इसलिए लोगों के बीच अफरा तफरी मच जाती है। भारत में 8 नवंबर 2016 को हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाम को 8:00 बजे नोटबंदी (विमुद्रीकरण) की घोषणा की थी।
नरेंद्र मोदी ने टेलीविजन पर यह घोषणा की कि 500 और 1000 के पुराने नोट अब मान्य नहीं है। उनको अवैध घोषित किया जाता है। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि सिर्फ 50 दिन तक सभी भारतवासी संयम रखें।
उसके बाद नये नोट बाजार में आ जाएंगे पर ऐसा नहीं हुआ। नये नोट बाजार में आने में 4 से 6 महीने का समय लग गया। इस विमुद्रीकरण के समय में करीब 200 लोगों की जाने चली गई। कुछ लोग सदमे में मर गए तो कुछ अस्पतालों में अपना इलाज नहीं करवा सके।
विमुद्रीकरण के फायदे और नुकसान Advantages Disadvantages of Demonetization in Hindi
विमुद्रीकरण के फायदे ADVANTAGES OF DEMONETIZATION
विमुद्रीकरण के फायदे इस प्रकार हैं-
काला धन बाहर आता है
इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे करने से किसी भी देश का काला धन बाहर आ जाता है। ऐसे बहुत से लोग होते हैं जो अवैध तरीकों से धन कमाते हैं जैसे रिश्वत, कालाबाजारी, टैक्स चोरी, हवाला कारोबार।
आतंकवाद और नक्सलवाद को हतोत्साहित करता है
हमारे देश में जम्मू कश्मीर में दुश्मन देश पाकिस्तान पैसा भेज कर लोगों को आतंक बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है। इसलिए जब 8 नवंबर 2016 को भारत में नोट बंदी हुई तो वहां पर पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आ गई क्योंकि पाकिस्तान लोगों को पैसा देता था और हमारे देश के सैनिकों पर पत्थर फेंकने के लिए प्रेरित करता था। इसी तरह नोटबंदी होने से नक्सलवाद की घटनाओं में कमी आती है।
सरकार को अधिक टैक्स प्राप्त होता है
जब भी किसी देश में विमुद्रीकरण होता है तो वहां के लोगों को मजबूरन अपना पैसा बैंकों तक लाना होता है। ऐसा करने से लोगों की वास्तविक कमाई बाहर आ जाती है और बड़ी मात्रा में टैक्स सरकार को मिलता है जो करोड़ों रुपयों में होता है। इससे सरकार को बहुत फायदा होता है।
बैंकों में नकदी बढ़ती है
जब भी किसी देश में विमुद्रीकरण किया जाता है तो वहां पर लोगो का एक बड़ा वर्ग अपना घर पर जमा किया धन बैंकों में लाकर जमा करता है। जिससे बैंकों में नकदी बढ़ जाती है और वे सुचारू रूप से कम ब्याज पर लोगों को कर्ज दे पाते हैं। कम ब्याज पर लोन मिलने से बहुत से व्यवसाय, इंडस्ट्रीज के कामों में तेजी आती है और देश आगे बढ़ता है।
मकान सस्ते हो जाते है
जब भी कहीं पर नोटबंदी होती है रियल स्टेट की कीमतें, मकान और जमीन सस्ती हो जाती हैं। लोगों के पास नकदी खत्म हो जाती है, ऐसा होने से मकानों और जमीन के दाम गिर जाते हैं। मकान, जमीन खरीदने के लिए विमुद्रीकरण नोटबंदी सबसे अच्छा समय होता है।
विमुद्रीकरण के नुकसान DISADVANTAGES OF DEMONETIZATION
विमुद्रीकरण के नुकसान इस प्रकार है-
देश में आपातकाल जैसी स्थिति बन जाती है
विमुद्रीकरण में लोगों के पास जो नोट होते हैं वह अवैध माने जाते हैं। उन्हें कोई स्वीकार नहीं करता है। लोग उन पैसों से कुछ भी नहीं खरीद पाते हैं, इसलिए लोगों के बीच आपातकाल जैसी स्थिति बन जाती है। 2016 में भारत में नोटबंदी के बाद 200 लोगों की जान चली गई।
बहुत से लोग अस्पताल में अपना इलाज भी नहीं करवा पाए क्योंकि उनके पास जो पैसे थे उसे अस्पताल वालों ने स्वीकार नहीं किया। रोजमर्रा की चीजें जैसे दूध, सब्जियां, राशन खरीदने में भी लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
गरीब वर्ग को अनेक समस्याओं से जूझना पड़ता है
नोटबंदी होने पर वहां के गरीब वर्ग को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे मजदूर जो देहाड़ी पर रोज के हिसाब से काम करते हैं उनका रोजगार छिन जाता है क्योंकि मालिक के पास उन्हें देने के लिए पैसा नहीं होता है।
2016 में भारत में ऐसा ही हुआ था। हजारों मजदूरों का काम अचानक से बंद हो गया था क्योंकि मालिक के पास उन्हें देने के लिए सही मुद्रा ही नहीं थी।
रियल एस्टेट सेक्टर पर नकारात्मक असर पड़ता है
नोटबंदी के समय लोगों के पास पैसा बिल्कुल भी नहीं होता है। जो थोड़ा बहुत नकदी लोगों के पास होता है। वह रोजमर्रा की चीजें खरीदने के काम आता है। इससे रियल एस्टेट सेक्टर पर बुरा असर पड़ता है। लोगों के पास बड़ी मात्रा में नकदी ना होने से वो मकान, जमीन, फ्लैट नहीं खरीद पाते हैं।
किसानों को नुकसान होता है
नोटबंदी होने से लोगों के पास पैसा बिल्कुल भी नहीं होता है इसलिए वह सब्जियां भी नहीं खरीद पाते हैं। किसानों को मजबूरन अपने सब्जियों के दाम कम करने पड़ते हैं और उन्हें बहुत नुकसान उठाना होता है। सब्जियों के दाम 50 से 60 % कम हो जाते है।
विमुद्रीकरण के सदमे से अनेक लोगों की जान चली जाती है
जीवन जीने के लिए पैसा बहुत आवश्यक है। लोगों के पास नकदी ना होने से उनको भारी सदमा लगता है। ऐसा ही हमारे देश में सन 2016 में हुआ था। लोगों को एटीएम से सिर्फ 2000 रूपये निकालने की छूट दी गई थी।
बहुत से लोग पूरे दिन लाइनों में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते रहते थे। बहुत से लोगों को सदमा लग गया और वे मर गए। अनेक लड़के लड़कियों की शादी सिर्फ इस वजह से टूट गई क्यूँकि उनके पास नकदी नहीं थी।
बहुत से लोग अस्पताल में अपना इलाज नहीं करवा सके क्योंकि उनके पास वैध नकदी नहीं थी। जो पुराने नोट उनके पास थे वे अवैध घोषित हो चुके थे और अस्पताल वालों ने उसे लेने से मना कर दिया था। इस तरह नोटबंदी में बहुत से लोगों की जान चली गई।