एकल परिवार के फायदे और नुकसान Advantages and Disadvantages of Nuclear Family in Hindi
इस लेख में एकल परिवार के 10 फायदे और नुकसान को हिंदी में (Advantages and Disadvantages of Nuclear Family in Hindi) बेहद आसान भाषा में समझाया गया है। जिसमें एकल परिवार क्या है? तथा उसके फायदे और नुकसान को विस्तारपूर्वक से बताया गया है।
एकल परिवार क्या होता है? What is Nuclear Family in Hindi
मुख्य रूप से परिवार के दो प्रकार होते हैं, जिनमें एकल परिवार और संयुक्त परिवार का समावेश होता है। एकल परिवार की संरचना का अर्थ ऐसे परिवार से होता है, जिनमें सदस्यों की संख्या संयुक्त परिवार के मुकाबले कम हो।
एकल परिवार को पारिवारिक संरचना का सबसे छोटा रूप अथवा इकाई माना जाता है। इसमें सिर्फ पति-पत्नी और उनके बच्चे ही शामिल होते हैं। एकल परिवार संयुक्त परिवार की संरचना से ही टूट कर बना होता है।
विश्व की सबसे प्राचीन भारतीय संस्कृति में कभी भी एकल परिवार का कोई उल्लेख नहीं मिलता है। हमारी संस्कृति में हमेशा ही ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना को महत्व दिया गया है।
वास्तव में हमारा भारतीय समाज अपनी पुरानी व्यवस्थाओं में परिवर्तन लाकर पाश्चात्य संस्कृति की ओर बढ़ता जा रहा है। यही कारण है, कि आज दुनिया के सबसे महानतम संस्कृति विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुकी है।
एकल परिवार के फायदे और नुकसान Advantages and Disadvantages of Nuclear Family in Hindi
जिस प्रकार एक ही सिक्के के दो अलग-अलग पहलू होते हैं, उसी प्रकार एकल पारिवारिक संरचना के कुछ नुकसान है, तो कई फायदे भी हैं। एकल परिवार के फायदे और नुकसान निम्नलिखित समझाएं गए हैं-
एकल परिवार के 10 फायदे Advantages of Nuclear Family in Hindi
आज के समय इस महंगाई भरे दौर में अपने निजी जरूरतों को पूरा कर पाना भी एक कठिन काम हो गया है। ऐसे हालात में एकल परिवार ही एक सरल और सुगम जीवन जीने के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प बनकर सामने आता है।
1. जीवन में बेहतर गुणवत्ता
एकल परिवार में सदस्यों की संख्या कम होने के कारण उनकी निजी जरूरतों को पूरा कर पाना थोड़ा सरल हो जाता है। परिवार को चलाने के लिए माता पिता दोनों ही कार्य करते हैं। परिवार में सीमित सदस्य होने के कारण कार्य का ज्यादा बोझ भी नहीं रहता है।
परिवार की सीमित जरूरतों को सरलता से पूरा कर लिया जाता है, जिसके कारण जीवन में एक बेहतर गुणवत्ता देखी जाती है।
2. शिक्षा के उच्च स्तर
प्रत्येक माता-पिता की यह चाहत होती है कि उनके बच्चे एक अच्छे शैक्षणिक संस्थान में पढ़ें और आगे चलकर उनका नाम रोशन करें।
एक संयुक्त परिवार में काफी लोग होते हैं और सभी की जरूरत पूरी नहीं हो पाती हैं तथा बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने में परेशानी होती है। लेकिन एकल परिवार में ऐसा नहीं होता। क्योंकि यहां माता पिता बच्चों के अच्छी शिक्षा के लिए पूरी तरह प्रयास कर पाते हैं।
3. शीघ्रता से निर्णय लेना
एकल परिवार में किसी भी महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा करने के पश्चात शीघ्रता से निर्णय लिया जाता है। निश्चित सदस्यों के बीच आपस में बातचीत के पश्चात सरलता से किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है।
सभी के साथ चर्चा के पश्चात आपस में पारिवारिक कलह होने की संभावना भी कम हो जाती हैं और सदस्यों में मतभेद भी कम होता है।
4. वैचारिक स्वतंत्रता
यदि एकल परिवार की जगह संयुक्त परिवार की बात की जाए तो परिवार में बड़े बुजुर्ग तथा अन्य लोगों की विचारधारा काफी रूढ़िवादी होती है। संयुक्त परिवार के सदस्य किसी नए विचारधारा को अपनाने के लिए तैयार नहीं रहते हैं।
लेकिन एकल परिवार में सभी लोग एक नए और आशावादी जीवन शैली को अपनाने के लिए कभी भी पीछे नहीं हटते हैं। एक नए समाज से जुड़ कर एकल परिवार अपने विचारों में भी परिवर्तन लाते हैं।
ऐसा कहा जा सकता है, कि एकल परिवार के सदस्यों को अपने-अपने ढंग से कार्य और विचार करने की पूरी स्वतंत्रता होती है।
5. व्यक्तित्व का पूर्ण विकास
जब लोग किसी कारणवश अपने परिवार से दूर रहकर जीवन यापन करने लगते हैं, तो उन्हें एकल परिवार का दर्जा दिया जाता है।
ऐसे में एकल परिवार उन सभी रूढ़िवादी विचारधाराओं को पीछे छोड़कर समाज में एक नए तरीके से अपना जीवन व्यतीत करता है।
अपने जीवन में नए और सकारात्मक बदलाव लाने के लिए नई नई चीजों को सीखता है। परिणास्वरूप उसका जीवन न केवल और भी सरल तथा गुणवत्तामय हो जाता है, बल्कि उसके व्यक्तित्व का पूर्ण विकास भी होता है।
6. कम पारिवारिक मतभेद
आज के समय में लोग इतने व्यस्त हो गए हैं, कि उन्हें अपने कार्य के अलावा कहीं दूसरी जगह समय ही नहीं बच पाता है। ऐसे में एकल परिवार के सदस्य अपने परिवार के लोगों को भी समय नहीं दे पाते हैं।
व्यस्त जीवनशैली के कारण जब प्रत्येक सदस्य अपने-अपने कार्य में बिजी रहेंगे तो उन्हें किसी मुद्दे पर वाद-विवाद करने का समय ही नहीं मिलेगा। इसी कारण मतभेद और परिवारिक कलह की संभावनाएं एकल परिवार में बहुत हद तक घट जाती हैं।
7. परिवार में सुख शांति
एक प्रख्यात कहावत है, कि “छोटा परिवार सुखी परिवार” यह कहावत एकल परिवार पर एकदम सटीक बैठता है।
परिवार का मुखिया केवल अपने परिवार के हितों की पूर्ति करने के लिए उत्तरदाई होता है। कम सदस्यों के कारण सभी के व्यक्तिगत हितों की पूर्ति कर पाना संयुक्त परिवार के मुकाबले सरल बन जाता है।
ऐसे स्थिति में परिवार के सदस्यों के बीच आपसी मनमुटाव होने की संभावना कम रहती है और सभी एक दूसरे के साथ मिलकर सुख और शांति से अपना जीवन बिताते हैं।
9. आर्थिक स्वावलंबन
संयुक्त परिवार में परिवार के सभी सदस्यों का बोझ केवल एक अथवा दो लोगों पर पड़ जाता है। ऐसी परिस्थिति में घर के मुखिया पर काम का दबाव तो बढ़ता ही है, साथ ही घर के अन्य सदस्यों में आर्थिक रूप से स्वावलंबी होने की भावना खत्म हो जाती है।
एकल परिवार का प्रत्येक सदस्य घर चलाने के लिए अपना निश्चित योगदान देता रहता है। जब माता पिता को उनके बच्चे परिश्रम करते हुए देखते हैं, तो उनके मन में भी बड़े होकर आर्थिक स्वावलंबी बनने की भावना विकसित होती है।
9. घरेलू कार्यों का कम बोझ
पुरुषों के साथ-साथ घर की महिलाएं भी घर के कामों में उतना ही सहयोग देती हैं, जितना की पुरुष अपने कामों में देते हैं।
यदि संयुक्त परिवार की बात की जाए तो वहां सदस्यों की संख्या बहुत अधिक होती है। जिसके कारण घर का सारा काम महिलाओं पर पड़ जाता है। घरेलू काम करते करते सुबह से शाम पूरे दिन का समय बीत जाता है।
किंतु एकल परिवार में घरेलू कार्यों का बोझ बहुत घट जाता है। जिसके कारण महिलाओं को काम के अलावा अपने लिए भी कुछ खाली समय बच जाता है।
10. अधिक आत्मनिर्भरता
एकल परिवार के लोग काफी आत्मनिर्भर होते हैं। महंगाई भरे दौर में अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोगों को आत्मनिर्भर बनना पड़ता है।
परिवार के सदस्य नई-नई क्षमताओं को विकसित करके अपने जीवन को और भी सरल रूप प्रदान करते हैं। जिससे आर्थिक स्वावलंबन के साथ ही लोगों में आत्मनिर्भरता का भी विकास होता है।
एकल परिवार के 10 नुकसान Disadvantages of Nuclear Family in Hindi
1. बड़े बुजुर्गों का सहारा नहीं
एकल परिवार के सदस्य अपने अनुभवी और बड़े बुजुर्ग सदस्य से दूर हो जाते हैं। जिसके कारण वह कई सारे विषयों और समस्याओं के उचित समाधान से वंचित रह जाते हैं।
एकल परिवारों का सबसे बड़ा नकारात्मक असर अथवा नुकसान यही होता है, कि ऐसी परिवारिक संरचना संयुक्त परिवार के अखंडता और एकता पर बहुत गहरा प्रहार करती है।
2. उचित संस्कारों की कमी
संयुक्त परिवार के टूटने और एकल परिवार के बनने का सबसे ज्यादा प्रभाव घर के सदस्य और बच्चों पर भी पड़ता है।
आज के लोग आधुनिकता को ही अपना संस्कार मान चुके हैं। समय के साथ परिवर्तित होना अति आवश्यक है, किंतु संस्कार पुराने ही अच्छे होते हैं। एकल परिवार अपनी संस्कृति को छोड़कर पाश्चात्य संस्कृति की ओर प्रभावित होता जा रहा है।
3. बच्चों की संगति
बच्चे एक कोरे कागज की भांति होते हैं, क्योंकि वह जो कुछ भी अपने आसपास घटता हुआ देखते हैं, उसे बहुत जल्दी सीख जाते हैं। जब अपने परिवार के पालन पोषण के लिए माता पिता घर से बाहर काम धंधे पर जाते हैं, तब उनके बच्चे घर पर अकेले होते हैं।
ऐसे हालात में बच्चों की संगति बिगड़ने का बहुत अधिक संभावना रहता है। एकल पारिवारिक संरचना बच्चों की संगति और संस्कार पर बहुत असर डालते हैं।
4. त्योहारों पर नीरसता
किसी भी उत्सव अथवा त्यौहार का आनंद तभी आता है, जब उसे पूरे परिवार के साथ मनाया जाए। संयुक्त परिवार में सभी त्योहारों को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। अपने परिवार के सभी सदस्य एकजुट होते हैं, तो त्योहारों को जैसे चार चांद लग जाते हैं।
लेकिन एकल परिवार बनने के बाद त्यौहार मात्र एक सामान्य दिन के जैसे बीत जाते हैं। लोगों में कोई उत्साह और उमंग नहीं रहता है।
5. अकेलापन
एकल परिवारों में लोग बड़ा ही अस्तव्यस्त जीवन जीते हैं। उनके चकाचौंध भरी जिंदगी में भी सुख शांति नहीं रहती है।
कहने को तो लोग दूसरों के साथ घुलमिल कर अपना जीवन यापन करते हैं। लेकिन वास्तव में ऐसे लोग अंदर से बिल्कुल अकेले पड़ जाते हैं। संयुक्त परिवार एकता और अखंडता का एक अटूट उदाहरण है जहां सदस्य कभी भी अकेलापन नहीं महसूस करते हैं।
6. कठिन परिस्थितियों में सहारा नहीं
परिवार से अलग होने के बाद मुश्किल हालातों में सहायता प्राप्त कर पाना बहुत कठिन हो जाता है। कठिन परिस्थितियों में कोई भी जान पहचान का व्यक्ति अथवा परिवार के सदस्य भी किसी प्रकार की सहायता नहीं देते हैं।
आर्थिक विपत्तियों में जिस प्रकार संयुक्त परिवार में सभी एकजुट हो जाते थे, वही एकल परिवारों में ऐसा नहीं होता है। आर्थिक सहायता तो दूर कोई भावनात्मक सहायता देने की भी इच्छा नहीं जताता है।
7. विवाह के लिए उचित निर्णय
विवाह का निर्णय जीवन के सबसे महत्वपूर्ण निर्णयों में से एक होता है। यदि इसे सोच समझकर नहीं लिया गया तो भविष्य में बहुत परेशानी होती है।
बड़े बुजुर्गों के बिना एकल परिवार के सदस्य कई बार विवाह का उचित निर्णय नहीं ले पाते हैं।
8. अस्त व्यस्त जीवनशैली
एकल परिवारों में कई बार यह देखा गया है, कि लोगों की दिनचर्या का समय निर्धारित नहीं रहता है।
लोग अपने व्यवसाय अथवा कामों में इस प्रकार मग्न हो जाते हैं, कि उन्हें सही समय पर खाने-पीने तथा अन्य जरूरी काम करने का भी ध्यान नहीं रहता है।
9. वृद्धावस्था में माता पिता को सहारा
माता पिता अपने बच्चों का पालन पोषण इसीलिए करते हैं, कि उनके बच्चे बड़े होकर वृद्धावस्था में उन्हें सहारा दें।
लेकिन जिस प्रकार माता पिता ने संयुक्त परिवार से अलग होकर एक नया पारिवारिक जीवन बसाया था, उसी से सीख लेकर उनके बच्चे भी उन्हें अकेला छोड़ कर एक नई दुनिया बसा लेते हैं।
10. सामाजिक असुरक्षा
जब कभी संयुक्त परिवार में कोई विपत्ति आती है तो परिवार के सभी लोग एकजुट हो जाते हैं। लेकिन एकल परिवार में किसी का भी सहारा नहीं मिलता है।
सबसे अधिक बुजुर्गों और विधवा स्त्रियों को एकाकी जीवन बिताने पर समाज में असुरक्षा का सामना करना पड़ता है। यह एकल परिवार की सबसे बड़ी हानि होती है।
निष्कर्ष Conclusion
इस लेख में एकल परिवार के 10 फायदे और नुकसान हिंदी में (Advantages and Disadvantages of Nuclear Family in Hindi) दिया गया है। आशा है, यह लेख आपको जानकारी से भरपूर लगा होगा। यदि आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें।