एलोवेरा की खेती और व्यापार What is Aloe Vera Farming Business in Hindi?
एलोवेरा की खेती और व्यापार What is Aloe Vera Farming Business in Hindi?
एलोवेरा क्या होता है ? और यह हमारे लिए कैसे महत्वपूर्ण है तथा इसकी खेती और व्यापार से क्या-क्या फायदे हैं ? ये समस्त जानकारी आज हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे।
एलोवेरा की खेती और व्यापार What is Aloe Vera Farming Business in Hindi?
एलोवेरा को घृतकुमारी भी कहते हैं। यह सबसे पहले उत्तरी अफ्रीका में पाया गया था जो आज एक व्यवसाय का रूप ले लिया है एलोवेरा की खेती आज बहुत बड़े पैमाने पर सजावटी पौधों के रूप में भी किया जाता है तथा इसका उत्पादन औषधीय गुणों के कारण भी किया जाता है।
एलोवेरा की खेती करने के लिए सही भूमि का चयन पानी और नमी वाले स्थान का भी ध्यान रखना चाहिए। इसके प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ती जा रही है ब्यूटी प्रोडक्ट्स कॉस्मेटिक एवं खाने-पीने के हर्बल प्रोडक्ट्स तथा टैक्सटाइल इंडस्ट्री में भी इसकी मांग बढ़ गई है।
एलोवेरा का पौधा 60 से 90cm तथा इन की पत्तियां 30 से 45 सेंटीमीटर की होती है इनकी पत्तियों के किनारे किनारे कांटे भी होते हैं| वर्तमान समय में एलोवेरा फार्मिंग का महत्व बढ़ गया है इसके औषधीय गुणों के कारण|
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एलोवेरा फार्मिंग का महत्व Imortance of Aloe Vera
घृतकुमारी सौंदर्य प्रसाधन एवं औषधीय के रूप में बहुत ही उपयोगी है| एलोवेरा मधुमेह जैसी बीमारी के इलाज में बहुत ही उपयोगी साबित होता है। एलोवेरा और मशरूम का कैप्सूल बनाया जाता है जो एड्स के रोगियों के लिए वरदान है।
यह खून को शुद्ध करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एलोवेरा से 200 तरह की बीमारियों को रोका जा सकता है और यह सभी रोग पेट से ही संबंधित होते हैं। एलोवेरा में सूर्य की तेज किरणों से लड़ने की शक्तिशाली गुण पाए जाते हैं इसलिए जब भी धूप में घर से बाहर जाए तो एलोवेरा का जूस अपने चेहरे पर जरूर लगाएं।
भेड़ो में कृत्रिम गर्भाधान के समय उनके वीर्य को पतला करने में भी एलोवेरा का उपयोग किया जाता है। एलोवेरा में विटामिन-ई, विटामिन-सी, विटामिन-बी, विटामिन-ए, तथा विटामिन-B2, विटामिन-B9 भी पाए जाते हैं
इसमें 18 अमीनो एसिड, 20 खनिज, 75 पोषक तत्व एवं 200 सक्रिय एंजाइम पाए जाते हैं। एडॉप्टोज शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करने में और वातावरण में होने वाले प्रभाव के अनूरूप ढालने में मदद करता है। एलोवेरा मानसिक शांति प्रदान करता है।
एलोवेरा के फायदे Health benefits of Aloe Vera
एलोवेरा एक औषधीय गुणकारी पौधा है जिसका रस सुबह खाली पेट पीने से कई फायदे होते हैं यह त्वचा और सेहत के लिए भी फायदेमंद है। एलोवेरा के नियमित सेवन से झुर्रियां, रूखी त्वचा, चेहरे के दाग धब्बे, मुंहासे और आंखों के नीचे काले घेरे को भी दूर करने में सक्षम होता है।
इसके सेवन से हमारे शरीर में होने वाले पोषक तत्वों की कमी को भी पूरा किया जा सकता है। एलोवेरा का रस बवासीर और मधुमेह जैसे खतरनाक बीमारियों से भी बचाता है।
घृतकुमारी के नियमित सेवन करने से मोटापा को भी कम किया जा सकता है। शरीर का कोई अंग जब जल जाता है तो इसका गूदा लगाने से जलन में राहत मिलती है। जब खांसी आती है तो उसमें भी इसका रस फायदा करता है। एलोवेरा बालों को झड़ने से रोकता है और नए बाल आने में भी मदद करता है।
पीलिया जैसे रोग में भी एलोवेरा एक औषधीय गुण प्रदान करता है। प्रतिदिन नियमित रूप से इसका सेवन करने से शरीर में ताकत और स्फूर्ति बनी रहती है। एलोवेरा गर्भाशय के विभिन्न रोगों को दूर करने में भी बहुत लाभकारी है
जोड़ों के दर्द में भी ये फायदेमंद होता है। एलोवेरा शरीर में खून की कमी को पूरा करता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। इसका जेल मेहंदी में मिलाकर बालों में लगाने से बाल चमकदार एवं स्वस्थ रहते हैं। इसकी पत्तियों के सेवन करने से पेट में कब्ज की परेशानी को दूर किया जा सकता है।
फटी हुई एड़ियों को भी एलोवेरा जेल से मुलायम एवं खूबसूरत बनाया जा सकता है। चेहरे को गोरा बनाने के लिए अजवाइन, शहद तथा तुलसी के पत्ते के साथ एलोवेरा मिलाकर चेहरे पर लगाना चाहिए।
होंठो को मुलायम खूबसूरत बनाने में भी एलोवेरा मदद करता है। जख्म, घाव, जलन जैसी समस्या आने पर या मुंह में छाले के पड़ जाने पर एलोवेरा का इस्तेमाल करना चाहिए।
एलोवेरा कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी में भी लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है। आंवला और जामुन के साथ एलोवेरा को लेने से बाल मजबूत होते हैं और आंखों का भी बचाव करता है।
सेव(दाढ़ी बनाना) करने के बाद अगर चेहरा कट जाता है या जलन होने लगता है तो उस समय एलोवेरा जेल का उपयोग करना चाहिए। एलोवेरा बालों से रूसी खत्म करने के साथ साथ इन्हें काले घने एवं लंबे बनाते हैं।
एलोवेरा फार्मिंग करते समय किन-किन बातों पर ध्यान देना चाहिए Some Important tips before Starting Aloe Vera Farming business
आने वाले कुछ हफ़्तों में हम एलो वेरा की खेती की पूर्ण जानकारी आपको देंगे। परन्तु उससे पहले जान ले की किन मुख्य बातों का ध्यान अलोएवेरा की खेती के समय रखना ज़रूरी है –
- एलोवेरा की खेती करने से पहले कंपनियों से समझौता कर लेना चाहिए।
- पत्तियों को काटने के बाद कभी भी इसका ढेर नहीं लगाना चाहिए।
- इसे 8 से 18 महीने में पहली कटाई करना उचित माना जाता है।
- एलोवेरा की कटी पत्तियों को 4 से 5 घंटे में प्रोसेसिंग यूनिट पहुंचा देना चाहिए।
- जहां पानी की मात्रा ज्यादा होती है वहाँ एलोवेरा की खेती नहीं की जा सकती है।
बहुत जल्द हम एलोवेरा की खेती के प्रोसेसिंग से जुडी कई जानकारियाँ आपको देंगे।