अमृतसर स्वर्ण मंदिर का इतिहास Amritsar Golden Temple History in Hindi
अमृतसर स्वर्ण मंदिर का इतिहास Amritsar Golden Temple History in Hindi
गुरुद्वारा श्री हरमंदिर साहिब को श्री दरबार साहिब या स्वर्ण मंदिर के नाम से जाना जाता है। स्वर्ण मंदिर सिख समुदाय का सबसे पवित्र और सुंदर गुरुद्वारा है जो अमृतसर पंजाब भारत में स्थित है।
श्री हरमंदिर साहिब या स्वर्ण मंदिर देखने में बहुत ही अद्भुत और सुंदर है क्योंकि इसके दीवारों पर सोने की परतों को लगाया गया है। प्रतिदिन भारत और विश्वभर से लाखों पर्यटक श्री हरमंदिर साहिब की सुंदरता को देखने और पवित्रता को महसूस करने के लिए पहुंचते हैं।
अमृतसर स्वर्ण मंदिर का इतिहास Amritsar Golden Temple History in Hindi
श्री हरमंदिर साहिब स्वर्ण मंदिर का इतिहास History of Harmandir Sahib in Hindi
प्रथम सिख गुरु, गुरु नानक, और पांचवे गुरु अर्जुन साहिब जी ने स्वयं श्री हरमंदिर साहिब के वास्तुकला का डिज़ाइन तैयार किया था। उससे पहले स्वर्ण मंदिर को अमृतसर या अमृत सरोवर में बनाने की बात तीसरे नानक, श्री गुरु अमर दास साहिब जी ने की थी।
परंतु इसका निर्माण करवाने के लिए गुरु रामदास साहिब जी ने भू-भाग दान दिया था जिसके कारण ही स्वर्ण मंदिर का निर्माण पूर्ण हो सका। श्री हरमंदिर साहिब का निर्माण 1570 में शुरू हो गया था जो 1577 ए डी में पूर्ण हुआ था।
श्री हरमंदिर साहिब का निर्माण पवित्र टंकी के बीचों-बीच किया गया है तथा इसमें आदि ग्रंथ को स्थापित किया गया है जो सिख धर्म का पवित्र ग्रंथ है। श्री हरमंदिर साहिब के अंदर ही अकाल तख्त भी मौजूद है जिसे छठवें गुरु, श्री हरगोविंद का घर भी माना जाता है।
श्री हरमंदिर साहिब का निर्माण सभी धर्मों द्वारा मिलजुल कर शांति के साथ भगवान की पूजा-आराधना करने के लिए किया गया था। सिख धर्म के गुरु अर्जुन ने, गैर संप्रदाय सिख धर्म की सार्वभौमिकता के संकेत को लोगों के समक्ष रखने के लिए मुस्लिम सूफी संत, हजरत मियां मीर को श्री हरमंदिर साहिब का शिलान्यास करने के लिए आमंत्रित किया था।
स्वर्णमंदिर के लंगर Langars in Golden Temple
प्रतिदिन लाखों लोग श्री हरमंदिर साहिब पूजा करने के लिए आते हैं और सभी लोग मिल कर गुरुद्वारा के लंगर में अपना हाथ बटाते हैं। प्रतिदिन इन लंगर में लाखों लोगों को मुफ्त में भोजन कराया जाता है। ना सिर्फ स्वर्ण मंदिर में बल्कि भारत के लगभग सभी गुरुद्वारों में समय समय पर लंगर का आयोजन किया जाता है जहां मुफ्त में हजारों लोगों को भोजन कराया जाता है।
आज के हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा को दोबारा 1764 में जस्सा सिंह आहलूवालिया ने सिक्खों के मिसले की मदद से पुनर्निर्माण करवाया था। 19वीं सदी के शुरूआती दौर में महाराजा रणजीत सिंह पंजाब क्षेत्र को बाहरी आक्रमण से सुरक्षित रखा था और उन्होंने हीं गुरुद्वारा के ऊपरी फर्शों को 750 kg सोने से ढक दिया था।
साल 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान मंदिर का बहुत सारा भाग क्षतिग्रस्त और नष्ट हो गया। ऑपरेशन ब्लू स्टार,में श्री हरमंदिर साहिब में छुपे हुए आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरांवाले और उसके अन्य आतंकवादी साथियों को खदेड़ना था।
ऑपरेशन ब्लू स्टार में जरनैल सिंह भिंडरांवाले को मार गिराया गया परंतु इस मुठभेड़ के दौरान अकाल तख्त और मंदिर के कई सुंदर इमारत नष्ट हो गए। इसी बीच प्रधानमंत्री श्री इंदिरा गांधी जी की अक्टूबर महीने में हत्या कर दी गई और 1984 में ही कई सिख विरोधी दंगे हुए।
पर्यटकों के लिए नियम Rules for Tourist / Visitors
विश्व के सभी गुरुद्वारा की तरह है श्री हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा भी सभी धर्मों, जाती और प्रांत के लोगों के लिए खुला है। जब आप हरमंदिर साहिब के अंदर जाते हैं या वहां घूमने जाते हैं तो कुछ चीजों का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है –
- किसी भी व्यक्ति को गुरुद्वारा के भीतर अपने जूते पहनकर जाने की अनुमति नहीं है।
- गुरुद्वारा के भीतर शराब पीना, मांस खाना, सिगरेट पीना या किसी भी प्रकार का नशा करना सख्त मना है।
- पूरे शरीर को ढके हुए कपड़े पहनना जरूरी है।
- गुरुद्वारा के अंदर घुसने से पहले सिर पर रुमाल बांधना जरूरी है। जिन लोगों के पास सिर पर बांधने के लिए रुमाल नहीं होता है गुरुद्वारा के लोग स्वयं उन्हें स्कार्फ देते हैं।
- दरबार साहिब के अंदर बैठकर गुरबाणी सुंदर समय सभी लोगों को नीचे बैठ कर सुनना चाहिए जो गुरु ग्रंथ साहिब और भगवान के प्रति सम्मान का प्रतीक है।
- पहली बार आने वाले पर्यटकों को गुरुद्वारा घूमने से पहले इंफॉर्मेशन ऑफिस तथा सेंट्रल सिख म्यूजियम जो मेन गेट और क्लॉक टावर के पास है मैं घूमने के लिए कहा जाता है। इससे उन्हें गुरुद्वारा के विषय में पहले से कुछ जानकारी मिलती है जो गुरुद्वारा देखने मैं उनको मदद करता है।
स्वर्णमंदिर के कुछ मुख्य आकर्षण Golden Temple best Attractions Details
पर्यटकों के लिए श्री हरमंदिर साहिब को देखना ही एक पवित्र और सुंदर एहसास है परंतु वहां और भी देखने के लिए अच्छी चीजें हैं जैसे –
सेंट्रल सिख संग्रहालय Central Sikh Museum
सेंट्रल सिख संग्रहालय हरमंदिर साहिब के इंट्री गेट के पास ही है। वहां जाकर आप सिख समुदाय और श्री हरमंदिर साहिब के इतिहास के बारे में पूरी जानकारी पा सकते हैं।
विजिटर सेंटर Visitor centre
22 दिसंबर 2016 को स्टेट ऑफ आर्ट डिजिटल सेंटर की शुरूआत की गई। वहां पर 3D टेक्नोलॉजी के जरिए सिख धर्म के इतिहास और उनके मूल्यों के विषय में वहां बताया गया है।
हरमंदिर साहिब / स्वर्ण मंदिर Harmandir Sahib / Golden Temple
श्री हरमंदिर साहिब 67 स्क्वायर फीट एरिया में पवित्र सरोवर के बीचो-बीच बनाया गया है। जिसमें से गुरुद्वारे का क्षेत्रफल 40.5 स्क्वायर फुट का है। मंदिर के चारो दिशाओं उत्तर दक्षिण पूर्व पश्चिम मैं दरवाजें हैं। दर्शनी देवरी मुख्य रास्ते के अंत में मौजूद है जो एक मेहराब है।
गुरुद्वारा का दरवाजा लगभग 10 फीट ऊंचा है और 8 फीट 6 इंच चौड़ा है। दरवाजों में बहुत ही सुंदर तरीके से डिजाइन बनाए गए हैं तो देखने में बहुत ही भव्य लगते हैं। यह दरवाजा मुख्य राष्ट्रीय ब्रिज रास्ते के सामने खुलता है जो 202 फीट लंबा और 21 फीट चौड़ा है।
रात्रि के समय स्वर्ण मंदिर देखने में बहुत ही सुंदर और दिल को सुकून देने वाला लगता है। ब्रिज से 13 फीट चौड़ा प्रदक्षिणा बना हुआ है जो मुख्य मंदिर के चारों ओर घुमा हुआ है। यही रास्ता भगवान के दर्शन तक पहुंचाता है जिसे हर की पौड़ी भी कहा जाता है। पहले मंजिल के हर की पौड़ी से गुजरते समय आपको गुरु ग्रंथ साहिब के महान विचारों को लिखा हुआ दिखेगा।
सामने की तरफ एक बृज है और पहले मंजिल की छत की ऊंचाई 26 फीट 9 इंच है। पहले मंज़िल के ऊपर चोटी पर चारों तरफ एक 4 फीट ऊंचा पैरापेट बनाया गया है जिनमें चार मम्तीस भी बनाए गए हैं।
वही के कमरे के ऊपरी भाग में एक गुंबद बनाया गया है जिसमें कमल फूल की उल्टी पंखुड़ियां बनी हुई है और उसके ऊपर सुंदर सा कलर और छतरी बना हुआ है। श्री हरमंदिर साहिब यह स्वर्ण मंदिर हिंदू मुस्लिम और सिख धर्म के लोगों के बीच एक महान सद्भाव का प्रतीक है जो हम सभी जातियों रंग-रूप के लोगों को मिलजुल कर शांति के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
आशा करते हैं दोस्तों आपको श्री हरमंदिर साहिब यहां स्वर्ण मंदिर के तथ्यों और इतिहास के बारे में जानकर अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो अपनी सोशल मीडिया अकाउंट पर जरुर शेयर करें और हमें सपोर्ट करें, धन्यवाद।
आपने श्री हरमंदिर साहिब के बारे मे जो जानकारी उपलब्ध करवाई है बहुत ही सटीक जानकारी है श्री हरमंदिर साहिब के दो बार दर्शन कर चुका हूँ बहुत ही आनंद की अनुभूति हुई
super jankari sir G
अमृतसर का गोल्डन टेम्पल बहुत ही सुन्दर मंदिर है यहाँ पर सम्पूर्ण भारत के लोग दर्शन के लिये आते है रात के समय यहाँ का द्रष्य बहुत ही मनोहारीक दृश्य दिखाये देता है में भे वहा दुर्शन के लिये गया था वहा का द्रश्य बहुत ही अलोकीक है