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Home » Biography » बाबा रामदेव का जीवन परिचय Baba Ramdev Biography in Hindi

बाबा रामदेव का जीवन परिचय Baba Ramdev Biography in Hindi

Last Modified: January 3, 2023 by बिजय कुमार 3 Comments

बाबा रामदेव का जीवन परिचय Baba Ramdev Biography in Hindi

इस लेख में आप बाबा रामदेव का जीवन परिचय (Baba Ramdev Biography in Hindi) पढ़ सकते है। इसमें आप उनके जन्म और प्रारम्भिक जीवन, शिक्षा, गुरुकुल जीवन, दिव्य योगपीठ ट्रस्ट, पतंजलि योग पीठ ट्रस्ट, अवार्ड व सम्मान, राजनीति, विवाद क पूरी जानकारी। 

Table of Content

Toggle
  • बाबा रामदेव का जीवन परिचय Baba Ramdev Biography in Hindi
  • बाबा रामदेव का जन्म और प्रारम्भिक जीवन Early Life and Birth of Ramdev
  • बाबा रामदेव की शिक्षा Ramdev Education
  • बाबा रामदेव का गुरुकुल जीवन Gurukul Life of Swami Ramdev in Hindi
  • दिव्य योगपीठ ट्रस्ट की जानकारी
  • पतंजलि योग पीठ ट्रस्ट आयुर्वेद
  • बाबा रामदेव और राजनीति Baba Ramdev and Politics in Hindi
  • बाबा रामदेव अवार्ड व सम्मान Awards Given to Baba Ramdev in Hindi
  • बाबा रामदेव विवाद Baba Ramdev Controversy

बाबा रामदेव का जीवन परिचय Baba Ramdev Biography in Hindi

योग और आयुर्वेद का महत्व भला कौन नहीं जानता। आज के आधुनिक युग में जहां पूरी दुनिया एलोपैथ पर जीने को मजबूर है, वहां योग और आयुर्वेद किसी भी बीमारी को जड़ी बूटियों और योगासन से ठीक करने की एक पुरानी परंपरा महान ऋषियों के युग से चली आ रही है।

हम सब यह जानते हैं, कि हमारी संस्कृति योगविद्या और आयुर्वेद की जननी है। भले ही लोगों को ऐसा भ्रम हो गया हो, कि एलोपैथ या कृत्रिम दवाइयां आयुर्वेद की जगह ले सकती है, तो यह मात्र उनका भ्रम ही है।

भारत में सर्वप्रथम योग की शुरुआत महर्षि पतंजलि ने किया था। महर्षि पतंजलि को पूजने वाले एक छोटे से साधारण बालक जिनका नाम रामकिशन यादव था, आज के समय में पूरी दुनिया उन्हें योग गुरु बाबा रामदेव के नाम से जानते हैं। उन्होंने न केवल भारत में बल्कि विश्व में योग की एक अलग पहचान बनाई है।

अंग्रेजों की गुलामी के कारण भारत की वैदिक परंपरा लुप्त होने लगी थी, पर कुछ महापुरुषों ने अब तक उस लौ को जलाए रखा है, जिनमें से एक नाम स्वामी रामदेव जी का भी है।

स्वामी रामदेव ने अपने कार्यक्रमों और शिविर के माध्यम से भारत और विश्व की जनता को योग और प्राणायाम को अपनाने की मुहिम चलाई है, जो हमें आए दिन अपने टीवी पर विभिन्न धार्मिक चैनल के माध्यम से देखने को मिल जाता है।

स्वामी जी ने ना केवल दुनिया को योग का महत्व समझाया है, बल्कि आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स जो खासकर हर्बल विधि से बिना किसी रसायन के प्रयोग किए बनाए गए दवाइयों और विभिन्न खाद्य सामग्रियों को बहुत ही सस्ते दाम पर जनता तक पहुंचाया।

आज हर घर में पतंजलि का कोई ना कोई प्रोडक्ट देखने को मिल ही जाता है। लोगों का आयुर्वेद पर फिर से विश्वास जागने लगा है, इसका पूरा श्रेय स्वामी रामदेव को जाता है।

बाबा रामदेव की वर्तमान उम्र 56 साल है पर योग के करिश्मा के कारण वह बहुत ही चुस्त-दुरुस्त और फिट नजर आते हैं। रामदेव की लंबाई 5 फुट 8 इंच है और वजन लगभग 70 किलोग्राम के आस पास है।

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बाबा रामदेव का जन्म और प्रारम्भिक जीवन Early Life and Birth of Ramdev

26 दिसंबर 1965 को हरियाणा के नांगल चौधरी कस्बा महेंद्रगढ़ जिले में रामनिवास यादव के घर एक बच्चे का जन्म हुआ था, जिसका नाम उन्होंने रामकृष्ण यादव रखा।

रामकृष्ण की माता का नाम गुलाबो देवी था। रामकृष्ण बचपन से ही बहुत मेहनती थे और खेलकूद में हमेशा आगे रहते थे। जैसे ही उन्होंने सन्यासी जीवन में प्रवेश लिया उन्होंने अपना नाम रामकृष्ण से बदलकर स्वामी रामदेव रख लिया।

बाबा रामदेव को बचपन से ही धार्मिक चीजों में बहुत रुचि थी। जब वह छोटे थे तब अपनी उम्र के अन्य बच्चों की तुलना में काफ़ी शक्तिशाली और होशियार थे। जहां दूसरे बच्चे सिर्फ खेल कूद में व्यस्त रहते वहीं रामकृष्ण अपनी जिज्ञासाओं को सुलझाने में लगे रहते।

एक मध्यम वर्ग से ताल्लुक रखने के कारण बाबा रामदेव जी का शुरुआती जीवन बहुत ही साधारण रूप से गुज़रा। आर्थिक रूप से उनका परिवार अपनी आवश्यक जरूरतों को पूरा करने में सक्षम था।

बाबा रामदेव की शिक्षा Ramdev Education

स्वामी रामदेव की प्रारंभिक शिक्षा सैयदपुर के नजदीक गांव सहजादपुर के सरकारी स्कूल में आठवीं तक हुई है। इसके बाद उन्होंने खानपुर गांव के एक गुरुकुल में आचार्य प्रद्युम्न और योगाचार्य बलदेव से वेद संस्कृत में योग की शिक्षा प्राप्त की।

स्वामी रामदेव ने युवावस्था में ही सन्यास लेने का निर्णय कर लिया था। कहा जाता है, कि खानपुर में रहने के दरमियान वे लोगों को मुफ्त में योग की शिक्षा दिया करते थे। इस तरह से उन्होंने करोड़ों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से योग सिखाया है।

आश्रम में शिक्षा प्राप्त करने के बाद वे हरिद्वार चले गए और गुरुकुल कांगड़ी के विश्वविद्यालय में कई सालों तक ज्ञान की साधना करते रहे।

बाबा रामदेव का गुरुकुल जीवन Gurukul Life of Swami Ramdev in Hindi

शिक्षा और साधना पूरी होने के बाद उन्होंने बहुत ही छोटी उम्र में सन्यास लेने का निर्णय करके कालवा गुरुकुल में रहने चले गए। कहा जाता है, कि हिमालय में भी उन्होंने कई वर्षों तक तप किया है, इसके बाद वह पूर्ण रुप से हरिद्वार में आकर रहने लगे।

स्वामी रामदेव ने स्वामी शंकर देव जी से दीक्षा ली थी, परिणाम स्वरूप वे प्राचीन शास्त्र का अध्ययन करने लगे और अपने योग पथ पर निरंतर आगे बढ़ने लगे।

योग और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए हरिद्वार में रहते हुए उन्होंने अपना योग गुरुकुल स्थापित किया और लोगों को योग की शिक्षा देने लगे।

प्रारंभ में ही बाबा रामदेव जी के योग की शिक्षा देने से सैकड़ों लोगों की परेशानियों का निदान हो गया, जिससे चारों तरफ़ बाबा रामदेव की खूब चर्चा होना प्रारंभ हो गई थी। दिन ब दिन रामदेव जी ने लोगों को स्वस्थ रहने के एक प्राचीन और अनमोल पद्धतियों से परिचित कराया।

दिव्य योगपीठ ट्रस्ट की जानकारी

योग को संसार में प्रचलित करने के लिए स्वामी रामदेव ने सन 1995 में दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट की स्थापना की। लेकिन अभी भी दुनिया के कोने कोने में पहुंच पाना स्वामी जी के लिए थोड़ा मुश्किल हो रहा था, इसलिए उन्होंने मीडिया का सहारा लिया।

आस्था चैनल पर प्रोग्राम शुरू किया जो सुबह 5:00 बजे आया करता था। इस प्रोग्राम को लोग अपने घर पर ही देख योग कर सकते थे, इसलिए यह कार्यक्रम बहुत प्रसिद्ध हुआ।

क्योंकि इस ट्रस्ट को चलाने के लिए आयुर्वेद के क्षेत्र में अनुभवी  लोगों की आवश्यकता थी, इसलिए आचार्य कर्मवीर एवं आचार्य बालकृष्ण जी ने बाबा रामदेव का इस कार्य में साथ दिया।

दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट का मुख्य ऑफिस हरिद्वार के कृपाल बाग में स्थित है। स्वामी जी की संघर्ष रंग लाई जिसके परिणाम स्वरूप भारत सरकार ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित कर दिया और हर वर्ष इसी दिन योग दिवस मनाया जाने लगा।

स्वामी जी ने लोगों को योग के विषय में मार्गदर्शन देने में कोई कसर नहीं छोड़ी और कोई भी योग के महत्व के ज्ञान से अछूत न रह सका। यहां तक की बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता और अभिनेत्री भी स्वस्थ रहने और जवान दिखने के लिए योग का सहारा चाहते हैं।

इसलिए बाबा रामदेव ने बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन और शिल्पा शेट्टी जैसे कलाकारों को भी योग की शिक्षा दी है। फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे बड़े देश भी निरंतर स्वामी जी को योग शिक्षा देने के लिए आमंत्रित करते रहे हैं।

पतंजलि योग पीठ ट्रस्ट आयुर्वेद

सन 2006 में स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने मिलकर हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट की स्थापना की थी। इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य भारत और विश्व में योग और आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाना है।

इसके साथ इस संस्थान में योग और आयुर्वेद का ज्ञान भी दिया जाता है, जिसके सर्टिफिकेट कोर्सेज भी बनाए है। भारत में पतंजलि योग पीठ के दो संस्थान हैं। इसके अलावा यह संस्थान कनाडा, मोरासिस, ब्रिटेन और नेपाल इत्यादि में भी स्थापित किए गए हैं।

भारत के बाजारों पर राज कर रहे केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स खाद्य पदार्थ जिनको लोग अंधाधुन बिना किसी गारंटी के उपयोग कर रहे थे, पतंजलि के प्रोडक्ट के भारत में आने से लोगों का आयुर्वेद पर विश्वास बढ़ गया है और साथ ही साथ इन कंपनियों पर ताले लगने की नौबत आ गई है।

पतंजलि एक ऐसी कंपनी है, जो दैनिक जीवन मैं उपयोग होने वाली मंजन, बिस्किट, चॉकलेट, आटा, साबुन, डिटर्जेंट, क्कॉस्मेटिक्स, आयुर्वेदिक दवाइयां, पेय पदार्थ कोल्ड ड्रिंक्स, नमकीन, दाल- चावल, अचार, पापड़ और बहुत से अनगिनत खाद्य पदार्थों को निर्मित करती है।

पतंजलि की स्थापना करके स्वामी जी ने भारत की अर्थव्यवस्था को ऊपर ले जाने में बहुत ही बड़ा योगदान दिया है। अब हमारे पैसे विदेशी कंपनियों के जेब में नहीं जाते, जिसके फलस्वरूप हमारा देश आर्थिक रूप से स्वतंत्र और मजबूत बन रहा है।

छोटे से छोटे शहर के गांव कस्बों में हर कहीं आपको पतंजलि की दुकानें देखने को मिल जाएंगी। इसके अलावा बाबा ने पतंजलि के द्वारा बहुत से गरीब लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करवाया है, जो ग्रामीण क्षेत्रों के निचले स्तर के आदिवासी जनजातियों में से एक है।

पतंजलि का ग्रोथ लेवल एक नई ऊंचाई छू रहा है। सन 2016 में इसका टर्नओवर लगभग 4500 करोड़ से कहीं ज्यादा हुआ था।

इसके अलावा बाबा रामदेव पतंजलि चिकित्सालय की भी शुरुआत की गई है, जो पतंजलि स्टोर द्वारा चलाए जाते हैं जहां पर वैद्य को नियुक्त किया गया है और वे आयुर्वेदिक उपचार से लोगों की बीमारियों को दूर कर रहे है।

बाबा रामदेव और राजनीति Baba Ramdev and Politics in Hindi

अध्यात्मिक के साथ-साथ स्वामी रामदेव राजनीति में भी कदम रखना चाहते थे, इसलिए उन्होंने 2010 में भारत स्वाभिमान नाम की एक राजनीतिक पार्टी बनाई।

जिसके जरिए वे आने वाले चुनाव में हिस्सा लेना चाहते थे। परंतु कुछ समय के बाद ही उन्होंने यह बताया कि राजनीति में उनका कोई खास रुचि नहीं है, पर वह राजनीति में आने के लिए लोगों को प्रेरित करने का काम करेंगे।

सन 2011 में स्वामी जी द्वारा भारत को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने के लिए दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन किया गया, जिसमें उनकी मांग थी, कि जनलोकपाल बिल को लागू किया जाए पर उस समय की वर्तमान सरकार पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा और उनके इस आंदोलन को कुचल दिया गया।

उनके इस आंदोलन के बाद उन पर बहुत सारे आरोप लगे, कि वह पतंजलि में मिलावटी प्रोडक्ट भेजते हैं और उनके मुख्य कार्यवाहक आचार्य बालकृष्ण पर नकली पासपोर्ट का आरोप लगाया गया और वह नेपाल के मूल निवासी हैं, ऐसा बताया गया।

सन 2014 में नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को अपना पूर्ण समर्थन दिया और देश हित में काम करने लगे।

इकोनॉमिक सर्वे के दौरान बाबा रामदेव की वार्षिक संपत्ति 190 मिलियन अमरीकी डॉलर यानी कि 1400 करोड़ से भी अधिक है। उनकी आय का सबसे मुख्य जरिया पतंजलि ट्रस्ट है, जो निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है।

बाबा रामदेव अवार्ड व सम्मान Awards Given to Baba Ramdev in Hindi

अपना संपूर्ण जीवन योग और आयुर्वेद को समर्पित कर देने वाले स्वामी रामदेव को अवार्ड देने की किसी की काबिलियत नहीं है, फिर भी उनकी उपाधियां जो कि उन्हें विभिन्न यूनिवर्सिटी की ओर से मिली है, वे निम्नलिखित हैं।

जनवरी सन 2007 में उड़ीसा के भुवनेश्वर में स्थित कलिंगा यूनिवर्सिटी ने उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की।

2011 में महाराष्ट्र गवर्नमेंट द्वारा बाबा रामदेव जी को सम्मानित किया गया।

अप्रैल 2015 में हरियाणा सरकार ने उन्हें योगा और आयुर्वेद का ब्रांड एंबेसडर बनने का न्योता दिया।

IIT और एमिटी यूनिवर्सिटीज में उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान किया और साथ ही उन्हें सम्मानित भी किया गया। इसके अलावा बाबा रामदेव को विभिन्न देशों की तरफ से भी अनगिनत उपाधियां और अवॉर्ड्स दिए जा चुके हैं।

बाबा रामदेव विवाद Baba Ramdev Controversy

बाबा रामदेव राजनीति में ना होकर भी राजनीति में रहने वाले व्यक्तियों में से एक है। आए दिन अपने किसी ना किसी बेबाकी से बोले गए बयानों पर वह सुर्खियों में बने रहते हैं।

कोरोना के संकट काल में उन्होंने एक विवादित बयान में कहा की एलोपैथ मानव के लिए सही नहीं है , एलोपैथी एक मूर्खतापूर्ण विज्ञान है। डॉक्टर बेवकूफ बनाने का काम करते हैं, अगर वे स्वयं की रक्षा नहीं कर सकते तो किस काम का एलोपैथ।

हालांकि उनकी यह बात समझने का प्रयास करें तो यह सत्य है, लेकिन आज का जनजीवन पूरी तरह से आधुनिक दवाइयों पर ही टिका हुआ है। इसलिए एलोपैथ पर टिप्पणी करने के लिए कई डॉक्टर बाबा से बहुत नाराज हुए।

बाबा रामदेव के द्वारा बनाई गई कॉरोनिल कोरोना के लिए एक इम्यून बूस्टर का काम करती थी, वह बंद कर दी गई। लेकिन उनकी इस दवा को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोई रजामंदी नहीं मिली थी, इसलिए वह मार्केट में ज्यादा दिन तक चल नहीं सका।

पूर्व विवादित बयानों के कारण इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने रामदेव जी पर देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग किया था। बाबा रामदेव कोरोना वैक्सीन को हानिकारक बताते हुए भ्रम फैलाने का कार्य कर रहे हैं और लोगों के अंदर वैक्सिंग को लेकर डर पैदा कर रहे हैं ऐसी चार्ज शीट लगाई गई है।

यहां तक कि अपने योग शिविर के दौरान स्वामी जी ने डॉक्टरों का मजाक उड़ा दिया और ऐसा कहा कि वैक्सीन की डबल डोज लगाने के बाद भी 10  हजार डॉक्टर मर गए… जब अपने आप को नहीं बचा पाए तो कैसी डॉक्टरी? इस पर कुछ डॉक्टरों ने उनके ऊपर मानहानि का केस कर दिया।

देशद्रोह और लोगों को भ्रमित करने के आरोप में आईएमए द्वारा स्वामी रामदेव जी के ऊपर बहुत से आरोप लगाए गए हैं और केंद्र सरकार से कार्यवाही की मांग की गई है।

Filed Under: Biography Tagged With: Benefits of Yoga in Hindi, WORLD YOGA DAY, बाबा रामदेव का जीवन परिचय

About बिजय कुमार

नमस्कार रीडर्स, मैं बिजय कुमार, 1Hindi का फाउंडर हूँ। मैं एक प्रोफेशनल Blogger हूँ। मैं अपने इस Hindi Website पर Motivational, Self Development और Online Technology, Health से जुड़े अपने Knowledge को Share करता हूँ।

Reader Interactions

Comments

  1. Rajat says

    May 29, 2019 at 8:08 pm

    bahut he accha lekh hai

    Reply
  2. Surendra Mehra says

    July 12, 2020 at 1:22 pm

    Very Gud Article Write About Baba Ramdev Ji.. Nice Vijay

    Reply
  3. Fit & Well Health says

    November 29, 2020 at 3:52 am

    Baba ramdev ke jeevan parichaya se sambandhit yah article behad sunder hai

    Reply

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