• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
1hindi.com new logo 350 90

1Hindi

Indias No. 1 Hindi Educational & Lifestyle Blog

  • Educational
    • Essay
    • Speech
    • Personality Development
    • Festivals
    • Tech
  • Biography
  • Business
  • Health
    • स्वस्थ भोजन
  • Quotes
  • Stories
  • About Me
Home » Biography » पंडित गोविन्द बल्लभ पंत का जीवन परिचय Biography of Pandit Govind Ballabh Pant in Hindi

पंडित गोविन्द बल्लभ पंत का जीवन परिचय Biography of Pandit Govind Ballabh Pant in Hindi

Last Modified: January 3, 2023 by बिजय कुमार Leave a Comment

पंडित गोविन्द बल्लभ पंत का जीवन परिचय Biography of Pandit Govind Ballabh Pant in Hindi

इस लेख में आप पंडित गोविन्द बल्लभ का जीवन परिचय Biography of Pandit Govind Ballabh Pant in Hindi आप पढ़ेंगे। इसमें आप उनका जन्म, प्रारंभिक जीवन, शिक्षा, महान कार्य, राजनीतिक कार्यकाल, सम्मान, मृत्यु तथा स्मारक और संस्थान के विषय में जानकारी दी गई है।

Table of Content

Toggle
  • पंडित गोविन्द बल्लभ पंत जीवन परिचय Biography of Pandit Govind Ballabh Pant in Hindi
  • गोविन्द बल्लभ पंत का जन्म व प्रारंभिक जीवन Birth and early life of Govind Ballabh Pant
  • गोविन्द बल्लभ पंत की शिक्षा Education of Govind Ballabh Pant
  • स्वतंत्रता संग्राम में गोविन्द बल्लभ पंत का योगदान Contribution of Govind Ballabh Pant as A Freedom Fighter
  • मुख्यमंत्री कार्यकाल Worked As a Chief Minister
  • गृहमंत्री के पद पर कार्य Home Minister
  • गोविन्द बल्लभ पंत को दिए गए प्रमुख सम्मान Major Awards and Honors of Govind Ballabh Pant
  • मृत्यु (पुण्यतिथि) Death
  • पंडित गोविन्द बल्लभ स्मारक और संस्थान Pandit Govind Ballabh Memorial and Institute
  • पंडित गोविन्द बल्लभ पंत जयंती Pandit Govind Ballabh Pant Jayanti in Hindi

पंडित गोविन्द बल्लभ पंत जीवन परिचय Biography of Pandit Govind Ballabh Pant in Hindi

भारत के सबसे कुशल प्रशासकों में से एक तथा एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी गोविंद बल्लभ पंत आधुनिक भारत के रूपरेखा निर्माण के लिए याद किए जाते हैं। 

वर्तमान भारत के मौजूदा स्वरूप के लिए उन्होंने बड़ा योगदान दिया है। वे भारत के जाने-माने वकील के साथ-साथ उत्तर प्रदेश राज्य के पहले मुख्यमंत्री और भारत के चौथे गृह मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

पंडित गोविंद बल्लभ पंत को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा जा चुका है। वे भारतीय आंदोलनों में भाग लेने वाले सबसे प्रसिद्ध चेहरा थे। 

एक वरिष्ठ भारतीय राजनेता के रूप में गोविंद बल्लभ पंत जी ने निरपेक्ष होकर देश की प्रगति में अपना योगदान दिया है। आजादी के पश्चात भाषा के आधार पर राज्यों के विभाजन में उनका अहम योगदान रहा है। 

इसके साथ ही हिंदी भाषा को भारत की राजभाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने के लिए सबसे पहली बार बल्लभ पंत जी ने पहल की थी।

गोविन्द बल्लभ पंत का जन्म व प्रारंभिक जीवन Birth and early life of Govind Ballabh Pant

उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में ‘खूंट’ नामक गांव में 10 सितंबर 1887 में इनका जन्म हुआ था। एक महाराष्ट्रीयन मूल के ब्राह्मण परिवार में गोविंद बल्लभ पंत ने जन्म लिया था। उनके पिता का नाम ‘मनोरथ पंत’ तथा माता का नाम ‘गोविंदी बाई’ था। 

गोविंद जी के जन्म के कुछ सालों बाद उनके माता-पिता पौड़ी गढ़वाल रहने के लिए चले गए। जिसके पश्चात् वे अपनी मौसी ‘धनीदेवी’ के यहां रहने लगे। वर्ष 1899 में 12 वर्ष की छोटी आयु में उनका विवाह पंडित ‘बालादत्त जोशी’ की पुत्री ‘गंगा देवी’ से हुआ।

गोविन्द बल्लभ पंत की शिक्षा Education of Govind Ballabh Pant

अपनी प्रारंभिक शिक्षा गोविंद बल्लभ पंत ने माता पिता के छत्रछाया में ही पूर्ण किया। 1897 में एक स्थानीय ‘रामजे कॉलेज’ में प्राथमिक पाठशाला में उनका दाखिला करवाया गया। 

जब वे सातवीं कक्षा में पढ़ रहे थे, तो उनका विवाह गंगा देवी से हुआ। गोविंद जी को गणित, साहित्य और राजनीति जैसे विषयों में विशेष रूचि थी। बचपन से ही बल्लभ पंत पढ़ाई लिखाई में बहुत होशियार और हमेशा अपनी क्लास में सभी शिक्षकों के प्रिय भी रहे।

इंटर के परीक्षा अच्छे नंबर से उत्तीर्ण करने के पश्चात इलाहाबाद विश्वविद्यालय में उन्होंने प्रवेश किया। साल 1907 में बीए से उन्होंने राजनीतिक, गणित तथा अंग्रेजी साहित्य जैसे विषयों को चुना। 

1909 में गोविंद जी ने कानून की डिग्री सर्वोच्च अंको से प्राप्त की। अध्ययन करने के साथ-साथ वे कांग्रेस के स्वयंसेवक गुट से भी मिले, इसके पश्चात इसके कार्यों में अपना योगदान देने लगे। कॉलेज की तरफ से उन्हें “लैम्सडेन अवार्ड” प्रदान किया गया।

वर्ष 1910 में पुनः अल्मोड़ा जाकर उन्होंने वकालत शुरू कर दिया। इसी सिलसिले में वह रानीखेत जाने के पश्चात काशीपुर में भी गए। काशीपुर में गोविंद बल्लभ पंत ने एक स्थानीय संस्था “प्रेमसभा” का गठन किया, जिसके माध्यम से वे शिक्षा व साहित्य के प्रति लोगों में जागरूकता उत्पन्न करते थे। 

स्वतंत्रता संग्राम में गोविन्द बल्लभ पंत का योगदान Contribution of Govind Ballabh Pant as A Freedom Fighter

  • गोविंद बल्लभ पंत के विद्यार्थी जीवन में महात्मा गांधी और अन्य लोगों के कार्यों का बड़ा प्रभाव पड़ा। कांग्रेस पार्टी में शामिल होकर दिसंबर 1921 में उन्होंने गांधीजी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया।
  • 9 अगस्त 1925 में हुए “काकोरी कांड” में पकड़े गए दोषियों के समर्थन में पंत जी ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। पंडित राम प्रसाद बिस्मिल और उनके साथियों को फांसी से बचाने के लिए मदन मोहन मालवीय के साथ मिलकर वायसराय को एक पत्र भी लिखा था, लेकिन उसे गांधी जी का समर्थन प्राप्त ना होने के कारण वे अपने लक्ष्य में असफल रहे।
  • साल 1930 में ब्रिटिशों के अन्याय पूर्ण नमक कानून को तोड़ने के लिए आयोजित किए गए “दांडी मार्च” में हिस्सा लेकर पंत जी ने आंदोलन को गति प्रदान की थी। जिसके बाद उन्हें और कई आंदोलनकारियों को कैद कर लिया गया था।
  • उसी दरमियान वे नैनीताल से उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए ‘स्वराजवादी पार्टी’ के उम्मीदवार चुने गए। उम्मीदवार के पद पर रहते हुए, उन्होंने कई पक्षपात और अन्याय पूर्ण प्रचलित प्रथाओं को समाप्त करने के उद्देश्य से कार्य किया।
  • द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस के बीच हुए वैचारिक मतभेदों को दूर करने के लिए भी पंत जी ने बहुत प्रयास किया था।
  • वर्ष 1942 में भारत छोड़ो प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने के कारण गोविंद बल्लभ पंत को गिरफ्तार कर लिया गया था। 1945 तक वे और कई अन्य कांग्रेस समिति के सदस्य अहमदनगर किले में पूरे तीन सालों तक जेल में बंद रहे। जिसके बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू को अपने स्वास्थ्य के खराब होने के झूठे बहाने पर पंत जी को जेल से छुड़वाने में सफलता मिली।

मुख्यमंत्री कार्यकाल Worked As a Chief Minister

आजाद भारत में जनसंख्या के लिहाज से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के रूप में गोविंद बल्लभ पंत जी को चुना गया। 

17 जुलाई 1937 से लेकर 2 नवंबर 1939 तक ब्रिटिश भारत में संयुक्त प्रांत के प्रीमियर चुने गए। साल 1946 से लेकर 1954 तक गोविंद बल्लभ पंत ने उत्तर प्रदेश पहले मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।

मुख्यमंत्री के पद पर कार्यरत रहते हुए, प्रदेश में कई सुधार कार्य करवाएं। पुराने समय से चली आ रही जमींदारी प्रथा का उन्मूलन भी पंत जी के प्रयासों का ही परिणाम है। 

राजनीति में आने के बाद पंत जी ने ब्रिटिश सरकार द्वारा बनाए गए पक्षपात कानूनो का भी अंत किया। उन्होंने राज्य के छोटे-छोटे गांवों तक सुविधाएं पहुंचाने का प्रयत्न किया और लोगों को रोजगार प्रदान करने में भी महत्वपूर्ण कार्य किए। 

प्रशासन में रहते हुए गोविंद बल्लभ पंत अल्पसंख्यकों के लिए एक अलग निर्वाचन मंडल बनाए जाने के खिलाफ रहते थे। इसके पीछे उनका यह तर्क था, कि इससे समुदायों में विभाजन होगा और भाईचारा खत्म हो जाएगा।

गृहमंत्री के पद पर कार्य Home Minister

भारत सरकार के सबसे बड़े पदों में से एक गृह मंत्री के पद पर वर्ष 1955 से लेकर 1961 तक गोविंद बल्लभ पंत जी ने अपना योगदान दिया। सरदार वल्लभ भाई पटेल की मृत्यु के पश्चात उन्हें गृह मंत्री के पद के लिए चुना गया था।

पूरे भारत में उन्होंने कुटीर उद्योगों को विकसित करने पर जोर दिया था। पंत जी ने अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कुली- भिक्षुक कानून का भी बहुत विरोध किया था। इस कानून के अंतर्गत ब्रिटिश अधिकारी बिना कोई मूल्य चुकाए कुली और भिक्षुकों से अपने भारी-भरकम सामान को जबरजस्ती ढोने के लिए मजबूर कर सकते थे।

देश में जमींदारी प्रथा को समाप्त करने के लिए पंत जी ने कई सुधार कार्य किए थे। पद पर रहते हुए उन्होंने हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलवाने के लिए कड़े प्रयास भी किए थे।

गोविंद बल्लभ पंत ने शिक्षा के प्रति जनता में जागरूकता बढ़ाने के लिए कई योजनाएं लाई। साथ ही उन्होंने किसानों के दिक्कतों पर मुख्य रुप से ध्यान दिया और अस्पृश्यता और पक्षपात जैसे रूढ़ीवादी प्रथाओं के उन्मूलन को दिशा देने का कार्य किया था।

गोविन्द बल्लभ पंत को दिए गए प्रमुख सम्मान Major Awards and Honors of Govind Ballabh Pant

देश के लिए समर्पित होने की भावना के साथ कला, साहित्य, सार्वजनिक सेवा, खेल और विज्ञान के क्षेत्र में अद्वितीय विकास को प्रोत्साहन देने के लिए वर्ष 1957 में गोविंद बल्लभ पंत को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया।

मृत्यु (पुण्यतिथि) Death

भारत सरकार में जब गोविंद बल्लभ पंत जी केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में कार्यरत थे, उस दरमियान उनकी तबीयत अक्सर खराब रहती थी। 7 मार्च 1961 के दिन हार्टअटैक के कारण गोविंद बल्लभ पंत जी का निधन हो गया।

पंडित गोविन्द बल्लभ स्मारक और संस्थान Pandit Govind Ballabh Memorial and Institute

  • गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय यह भारत का पहला कृषि विश्वविद्यालय है, जिसका उद्घाटन वर्ष 1960 में जवाहरलाल नेहरू द्वारा किया गया था। यह विश्वविद्यालय उत्तराखण्ड के उधमसिंहनगर जिले में पंतनगर नामक परिसर-कस्बे में स्थित है। हरित क्रांति का अग्रदूत माना जाने वाला यह विश्वविद्यालय पंडित गोविन्द बल्लभ को समर्पित है।
  • गोविन्द बल्लभ पंत अभियान्त्रिकी महाविद्यालय उत्तराखण्ड में आया एक उच्च तकनीकी शिक्षा संस्थान है, जिसे उत्तराखण्ड सरकार संचालित करती है। इसकी स्थापना 1989 में गोविन्द बल्लभ पंत के सम्मान में की गई थी।
  • गोविन्द बल्लभ पंत सागर उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में स्थित बाँध है, जिसका नाम गोविन्द बल्लभ पंत के नाम पर रखा गया है।
  • नई दिल्ली के पंडित पंत मार्ग पर गोविंद बल्लभ पंत के प्रतिमा का अनावरण किया गया है, जो पहले रायसीना रोड सर्कल के समीप स्थित थी। भारत सरकार द्वारा निर्मित किया जा रहा नया संसद भवन के संरचना के अंदर यह मूर्ति आ रही थी, इसलिए उनकी प्रतिमा को स्थानांतरित किया गया है।

पंडित गोविन्द बल्लभ पंत जयंती Pandit Govind Ballabh Pant Jayanti in Hindi

भारत के एक अमर स्वतंत्रता सेनानी और वरिष्ठ राजनेता पंडित गोविंद बल्लभ पंत के सम्मान में हर वर्ष 10 सितंबर को उनकी जयंती मनाई जाती है। भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत की जीवनी सभी के लिए बेहद प्रेरणादायक है। 

आजाद भारत में उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री और भारत के चौथे गृह मंत्री गृहमंत्री के रूप में पंडित गोविन्द बल्लभ पंत ने कई महत्वपूर्ण विकास कार्य किए। प्रतिवर्ष उनके जन्मदिन के अवसर पर 10 सितंबर को उनकी जयंती मनाई जाती है।

Filed Under: Biography

About बिजय कुमार

नमस्कार रीडर्स, मैं बिजय कुमार, 1Hindi का फाउंडर हूँ। मैं एक प्रोफेशनल Blogger हूँ। मैं अपने इस Hindi Website पर Motivational, Self Development और Online Technology, Health से जुड़े अपने Knowledge को Share करता हूँ।

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Primary Sidebar

सर्च करें

Recent Posts

  • Starlink in India: क्या है, फ़ीचर, फ़ायदे, नुक़सान, कब तक
  • A+ स्टूडेंट बनने के टिप्स: सफलता के लिए सही मानसिकता
  • देशभक्ति पर स्लोगन (नारा) Best Patriotic Slogans in Hindi
  • सुरक्षा या सेफ्टी स्लोगन (नारा) Best Safety Slogans in Hindi
  • पर्यावरण संरक्षण पर स्लोगन (नारा) Slogans on Save Environment in Hindi

Footer

Copyright Protected

इस वेबसाईट के सभी पोस्ट तथा पृष्ट Copyrighted.com तथा DMCA के द्वारा कॉपीराइट प्रोटेक्टेड हैं। वेबसाईट के चित्र तथा कंटेन्ट को कॉपी करना और उपयोग करना एक गंभीर अपराध है।

Disclaimer and Note

इस वेबसाइट पर स्वास्थ्य से जुड़े कई टिप्स वाले लेख हैं। इन जानकारियों का उद्देश्य किसी चिकित्सा, निदान या उपचार के लिए विकल्प नहीं है। इस वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध टेक्स्ट, ग्राफिक्स, छवियों और सूचनाएँ केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से प्रदान की जाती हैं। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए कृपया योग्य चिकित्सक या विशेषज्ञ से परामर्श करें।

Important Links

  • Contact us
  • Privacy policy
  • Terms and conditions

Copyright © 2015–2025 1Hindi.com