आज के इस लेख में हमने दहेज़ प्रथा पर निबंध Dowry System Essay in Hindi हिन्दी में लिखा है। आज दहेज़ प्रथा एक अभिशाप बन चूका है। छोटे से बड़े सभी शादियों में दहेज़ की मांग को देखा गया है।
इसी दहेज़ के लेन और देन के कारण ही विवाह के पश्चात महिलाओं के साथ हिंसात्मक गतिविधियाँ होते हैं जो की बहुत बुरी बात है।
तो आईये आपको शुरू करते हैं – दहेज़ प्रथा एक अभिशाप पर निबंध Dowry System Essay in Hindi
दहेज़ प्रथा पर निबंध Dowry System Essay in Hindi (900 Words)
हमारे देश भारत में धीरे धीरे दहेज प्रथा बढ़ते ही चले जा रहा है। आज के इस आधुनिक युग में भी दहेज प्रथा देश में एक अभिशाप के रूप में फैल चुका है। आज भी इस 21वीं सदी में बेटी के जन्म लेते ही ज्यादातर माता-पिता के सिर पर चिंता सवार हो जाता है।
चिंता इस बात की नहीं होती है की लड़की की पढ़ाई कैसे करवाएंगे? चिंता तो इस बात की होती है की विवाह कैसे करवाएंगे, विवाह के लिए दहेज कैसे इकट्ठा करेंगे? यही सोच दहेज़ प्रथा जैसी सामाजिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
हालाकि आज कन्या भ्रूण हत्या मैं कमी आई है परंतु आज भी ज्यादातर घरों में बेटी पैदा होती है तो उनके लिए वह दुख का दिन होता है क्योंकि इसका सबसे बड़ा कारण है दहेज प्रथा। आज भी हमारे हिंदू समाज के माथे पर यह एक कलंक के जैसे चिपका हुआ है।
आज भारत विकासशील देशों में गिना जाता है। परंतु कुछ छोटी सोच और समाज के पुराने रिवाज जैसे बाहर शौच करना, कूड़ा इधर-उधर फेंकना, बेटी को शिक्षा ना दिलाना और दहेज प्रथा हमारे देश भारत को विकसित होने से रोक रहे हैं।
दहेज प्रथा समस्या की शुरुवात कब हुई? When Dowry System in India Started?
दहेज प्रथा की शुरुआत कब हुई यह बता पाना सटीक रूप से तो बहुत मुश्किल है परंतु यह बता सकते हैं कि यह प्राचीन काल से चला आ रहा है।
हिंदू जाति के महान पौराणिक कथाओं या ग्रंथों जैसे रामायण तथा महाभारत में कन्या की बिदाई के समय पर माता पिता द्वारा दहेज के रूप में धन-संपत्ति देने का उदाहरण मिलता है। परंतु उस समय भी दहेज को लोग स्वार्थ भावना के रूप में नहीं लिया करते थे और लड़के वालों की ओर से कोई दहेज की मांग नहीं हुआ करती थी।
विवाह को एक पवित्र एवं धार्मिक बंधन माना जाता था जिसमें दो परिवारों का मिलन होता था। उस समय दहेज को लड़की के माता-पिता लड़की के लिए सामान के रूप में दे दिया करते थे, जिसे बिना कोई लोभ लड़के के घर वाले रख लिया करते थे। परंतु जैसे-जैसे समय बीतता गया और हिंदू समाज में सती-प्रथा, जाती-पाती, छुआ-छुत जैसी समाज की बुराइयां बढ़ने लगी वैसे ही दहेज प्रथा ने भी एक व्यापार का रुप ले लिया।
शुरूआती समय मे तो जेवर, कपड़े, फर्नीचर, फ्रिज, गाड़ी और टेलीविजन तक ही बात है परंतु बाद में लोग मोटी रकम भी लड़की वालों से लेने लगे। गलती से कहीं अगर लड़का यदि कोई डॉक्टर, इंजीनियर, या कोई बड़ी सरकारी नौकरी वाला हो तो फिर सौदे की बात ज़मीन-जायदाद या मोटरकार तक भी पहुंच जाती है।
दहेज प्रथा के दुष्परिणाम Disadvantages of Dowry System in Hindi
आज 21 वीं सदी में दहेज प्रथा एक बहुत ही क्रूर रूप ले चुका है। एसा भी होता है, अगर विवाह के समय दहेज में कमी हुई तो कुछ लोग तो शादी किए बिना ही बारात वापस ले जाते हैं। अगर गलती से शादी हो भी जाती है तो लड़की का जीवन नरक सामान बीतता है या फिर लड़कियों को कुछ गलत बहानों से तलाक दे दिया जाता है।
बात तो यहां तक भी बिगड़ चुकी है की कुछ लड़कियों से तलाक ना मिलने पर ससुराल वाले उन्हें जलाकर मार चुके हैं। आज दहेज प्रथा कैंसर की तरह समाज को नष्ट करते चले जा रहा हैं।
सरकार भी दहेज प्रथा को रोकने के लिए कई प्रकार के नियम बना रही है परंतु दहेज प्रथा कुछ इस तरीके से पूरे देश में फैल चुका है कि अब इसे रोकना कोई आसान काम नहीं है। साथ ही कन्या भूर्ण हत्या को रोकने के लिए सरकार ने लड़कियों के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान या सुकन्या समृद्धि योजना जैसी योजनाएं भी शुरु की है।
आज लड़कियां लड़कों के साथ कंधा मिलाकर देश के हर एक क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। पता नहीं फिर भी लोगों के समझ में क्यों नहीं आ रहा है कि लड़का-लड़की एक समान।
आज के इस आधुनिक युग में भी हमें दहेज प्रथा के खिलाफ कदम उठाने होंगे और हमें मिलकर प्रण लेना होगा कि ना ही हम दहेज लेंगे और ना किसी को लेने देंगे। अंतरजातीय विवाह ने भी दहेज प्रथा को कुछ हद तक पीछे करने में मदद की है। किसी भी अन्य जाति के योग्य लड़के को जो दहेज़ के खिलाफ हो उसे कन्या देने में थोड़ा भी संकोच नहीं करना चाहिय।
निष्कर्ष Conclusion
दहेज प्रथा के कारण ही नारी जाती को कई प्रकार के अत्याचार को सहना पड़ा है। आज हमें हर घर तक इस संदेश को पहुंचाना ही होगा कि दहेज लेना पाप है और देना सही नहीं है।
आज हमें मिलजुल कर कसम खाना होगा की हमजाति प्रथा को उखाड़ फेकेंगे और भारत को एक उन्नत शांतिपूर्ण देश बनाएंगे। आशा करते हैं आपको दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi) अच्छा लगा होगा।
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sahi baat hai
Dowry system is very bad so we should stop it
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Itne ache batt batane ke liye thanks we will stop this system
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Nice essay
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एक ढेले का कोनी
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