हाथी और खरगोश की कहानी Elephant & Rabbit Panchatantra Story in Hindi
आज आप यहाँ पर एक ज्ञानवर्धक कहानी – हाथी और खरगोश की कहानी Elephant & Rabbit Panchatantra Story in Hindi पढ़ेंगे। इस कहानी से आपको एक अच्छी सिख मिलेगी जो आपके जीवन में बहुत काम आएगी।
हाथी और खरगोश की कहानी Elephant & Rabbit Panchatantra Story in Hindi
कहानी शीर्षक – हाथी और खरगोश
एक घने जंगल में, हाथीयों का एक झुंड रहता था। उस झुंड के सभी हाथी एक तालाब के पास एक निश्चित स्थान पर रहते थे, और उन्हें बाहर निकलने की आवश्यकता नहीं पड़ती थी।
कुछ समय के लिए बारिश की कमी के कारण तालाब का पानी सूखना शुरू हो गया। यह देख कर कुछ हाथियों ने हाथियों के राजा से मुलाकात की और कहा, “महामहिम, हमारे तालाब में थोड़ा भी पानी नहीं बचा है। हमारे छोटे बच्चे मौत के कगार पर हैं। हमें कोई और जगह ढूँढनी चाहिए जहाँ पर हमारे लिए भरपूर पानी हो।”
थोड़ी देर सोचने के बाद, हाथियों के राजा ने उत्तर दिया, “मुझे याद है कि एक जगह बहुत बड़ी झील है, वह जगह अभी भी पानी से भरी हुयी होगी। चलो हम सभी मिल कर वहां चलते हैं”। सभी हाथी इस बात से सहमत हुए।
अगली सुबह उन्होंने उस पानी की झील की ओर चलना शुरू कर दिया। पांच दिन और पांच रात यात्रा करने के बाद, हाथी अंततः उस जगह पहुंच गये। वास्तव में वह एक बड़ी झील थी, जो पानी से भरी थी।
झील के चारों तरफ नरम मिट्टी में असंख्य छेद बने थे, जिसमें खरगोश का एक समूह रहता था। जब हाथीयों ने झील में इतने पानी को देखा, तो वे खुश हो गये, और दुनिया की परवाह किए बिना पानी में कूदना और आनंद लेना शुरू कर दिया।
अचानक इस हंगामा के कारण कई खरगोशों के घर नष्ट हो गये। कई खरगोश हाथियों के नीचे रौंद गये थे जबकि कई मर गए, कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे। लेकिन खरगोश इस दुःख को रोकने के लिए कुछ नहीं कर सकते थे, सिर्फ जो भाग गए, वे खुद को बचा सके।
उदमाद मचाने के बाद शाम को हाथी का झुंड पास के जगह में जा कर बस गया। जब शाम को हाथी चले गए तो, जो खरगोश भाग गए थे, वह वापस लौट आए।
वे दुःख में इकठ्ठे हुए और एकदूसरे से मिलकर बात करने लगे , “हर जगह पानी की कमी होने के कारण, हाथी यहाँ हर दिन आयेंगे। हमें कुछ सोचना चाहिए, जिससे यह हाथी यहाँ से बाग निकलें।
नहीं तो कल हम में से और अधिक खरगोशों को यह हाथी कुचल जायेंगे। कुछ नें कहा: हम शक्तिशाली हाथियों के खिलाफ क्या कर सकते हैं? जीवित रहने के लिए हमें इस जगह को छोड़ देना चाहिए।”
उनमें से एक खरगोश जगह छोड़ने की बात से असहमत था, उसने कहा- “दोस्तों! यह हमारा पुश्तैनी घर है, यदि हम हाथियों को किसी कारण से डरा दें, तो वे और कभी वापस नहीं आएंगे।
मेरे मन में इन हाथियों के झुंड को भगाने की एक योजना है। हम देखने मे छोटे खरगोश तो ज़रूर हैं, लेकिन हम सभी सक्षम हैं। उसकी बात सुन कर सभी खरगोशों में जोश या गया और सभी राज़ी हो गए। उसके बाद सभी योजना बनाने में लग गए।”
जैसा कि योजना बनाई गई, एक खरगोश एक पहाड़ी पर बैठ गया जो हाथियों के रास्ते पर था। थोड़ी देर बाद हाथियों का राजा अपने समूचे झुंड के साथ आया। खरगोश चिल्लाते हुए बोला , “तुम दुष्ट हाथी! मैं तुम्हें झील में प्रवेश करने से रोकता हूं। यह झील चाँद-देवता का है।
हाथी का राजा अचंभित था लेकिन उसको किसी भी भगवान पर क्रोध करने की हिम्मत नहीं थी। उसने पूछा कि उसके लिए क्या संदेश था। खरगोश ने कहा, “मैं चंद्रमा देवता का दूत हूं।
उसने मुझे तुम्हें सूचित करने के लिए भेजा है कि अगर दोबारा तुमहारे झुंड में से किसी ने भी झील के पानी में घुसने की कोशिश की तुम्हारे झुंड का सर्वनाश हो जाएगा।
कल, तुम्हारे झुंड के उदमाद के कारण कई खरगोशों कुचले और मारे गए। भगवान, तुम्हारे इस पाप के कारण बहुत क्रोधित है। यदि तुम जीवित रहना चाहते हैं, तो इस झील में प्रवेश किए बिना अपने झुंड के साथ कहीं दूर चले जाओ। “
हाथियों का राजा चालक था। कुछ समय के लिए चुप रहा, और फिर उसने कहा, “यदि ऐसा है तो मुझे बताओ कि तुम्हारा चंद्रमा देवता कहाँ है, और मैं अपने झुंड के साथ दूर चला जाऊंगा, और हम उनसे माफी भी मांगेंगे।”
यहाँ पहले से ही शाम हो चुकी थी , इसलिए खरगोश ने कहा, “चंद्रमा भगवान कल ही मरे हुए खरगोश के परिवारों को सांत्वना देने के लिए झील में उतर आए हैं। यदि तुम्हें उनसे मिलना हैं, तो मेरे साथ आओ!”
चतुर खरगोश हाथियों के राजा को झील के किनारे पर ले गया, जहां से पानी में चंद्रमा का प्रतिबिंब देखा जा सकता था। उस खरगोश ने कहा, “आज चंद्रमा देवता वह बहुत क्रोधित है, तुम चुप-छाप उन्हें देख कर, सर झुकाएं क्षमा मांग कर चले आना। आपको उनका ध्यान भंग नहीं करना चाहिए अन्यथा, वह तुम्हारा सर्वनाश कर देंगे।”
हाथी का राजा पानी में चाँद को देखकर आश्चर्यचकित और भयभीत हो गया। उसने खरगोश पर विश्वास किया, और हाथियों ने उस जगह को छोड़ दिया। उसके बाद हाथियों द्वारा परेशान किए बिना खरगोश खुशी-खुशी से उस झील किनारे रहने लगे।
कहानी से शिक्षा:
- कमजोर को जीवित रहने के लिए सभी रणनीति का उपयोग करना चाहिए।
- चाहे छोटा जानवर क्यों ना हो वह अपने चतुराई से बड़े से बड़े जानवर को भी हरा सकते हैं।
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This story very intresting.
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कहानी के अंत में हमने कहानी से शिक्षा मे मोरल बताया है
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