परिवार का महत्व पर निबंध Essay on Importance of Family in Hindi

इस लेख में आप परिवार का महत्व निबंध (Essay on importance of family in Hindi) हिन्दी में पढ़ेंगे। इसमें आप परिवार की परिभाषा, प्रकार, महत्व, लाभ-हानी, कविता के विषय में पूरी जानकारी। यह निबंध कक्षा 5 से लेकर 12 तक अलग अलग तरीकों से यह परीक्षाओं में पूछा जाता है। 

परिवार का महत्व पर निबंध Essay on Importance of Family in Hindi

इंसान एक सामजिक प्राणी है और वह परिवार में रहना पसंद करता है, चाहे जानवर हों या इंसान, परिवार का महत्व सबके लिए एक जैसा है और जीवन के निर्माण और निर्वाह के सबसे जरुरी चीज़ है परिवार।

परिवार ही वह धुरी है जहाँ इंसान अपने भावनाओं का आदान-प्रदान करता है और ख़ुशी की अनुभूति करता है इसलिए परिवार में रहना यह इंसान की संस्कृति का हिस्सा बन गया और इंसान का परिवार से भावनात्मक जुड़ाव सबसे प्रिय होता है।

मनुष्य अपने शुरुवाती समय से ही कबिले में रहने का प्रेमी था जो आगे चलकर परिवार में रहने लगा। धीरे-धीरे वह अपने परिवार के प्रति भावनात्मक रूप से मजबूत हो गया और सबसे अपने जीवन में सबसे अधिक वरीयता परिवार को देने लगा।

परिवार की परिभाषा Definition of Family

किसी भी जीव के वंश के सदस्यों के समूह को परिवार कहते हैं। मनुष्यों ने समय के साथ-साथ परिवार में रहने की कला को अपनी संस्कृति और सभ्यता में शामिल किया उसके बाद किसी भी इंसान के लिए सबसे जरुरी चीज़ उसका परिवार बन गया।

परिवार के मुख्यतः दो प्रकार होते हैं

  1. संयुक्त परिवार
  2. एकल परिवार

संयुक्त परिवार (Joint Family)

संयुक्त परिवार अर्थात परिवार के सभी सदस्य का एक ही निवास स्थान पर सामूहिक रूप से निवास करना है साथ उनके बीच भावनात्मक रूप से जुड़ाव का होना। 

भारतीय संस्कृति में संयुक्त परिवार को सर्वोपरी माना गया है क्योंकि इससे परिवार को बौद्धिक और सामूहिक बल मिलता है और परिवार के सभी सदस्यों के विकास में लगने वाले बल से विकास दीर्घकालीन होता है।

समय के साथ संयुक्त परिवार की परंपरा अब लुप्त होती जा रही है। संयुक्त परिवार पहले सीमित दायरों में विभाजित हुआ और उसके बाद यह संस्कृति धिरे-धीरे से लुप्त ही हो गया और खोजने पर नाममात्र ही मिलता है।

एकल परिवार (Nuclear Family)

जब परिवार के सदस्यों की सामूहिक और मानसिक सीमितता मात्र व्यक्तिगत संबंधो तक रह जाए तो उसे एकल परिवार कहते हैं। एकल परिवार में रहने की सभ्यता और संस्कृति पाश्चात्य से फैली हुई परंपरा है।

पश्चिम के स्व-निर्भरता के प्रचलन के कारण संयुक्त परिवार की परंपरा का प्रचलन सिर्फ नाम मात्र है। संयुक्त परिवार में रहना तो दूर, पश्चिमी परंपरा में अब व्यक्तिगत जीवन शैली बहुत ही तेज़ी से पैर पसार रहा है।

एकल परिवार के कारण आज समाज में वृद्धों की दुर्दशा हो रही है। बालकों को विकास के अवसर बेहद कम मिल रहे हैं। 

परिवार का महत्व Importance of Family in Hindi

शास्त्रों में परिवार के बड़े ही महत्व बताये गए हैं। परिवार समाज की छवि होती है और समाज से ही राष्ट्र की छवि बनती है।

परिवार को एक प्रयोगशाला कहा गया है जिसमें श्रम, समय और चरित्र के माध्यम से ऐसे सुगढ़ इंसान को गढ़ा जाता है जो आगे चलकर समाज और राष्ट्र के निर्माण में सहयोग दे सकें।

प्राचीन गुरुकुलों में बचपन और युवावस्था को विद्या अध्यन के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता था और हर कोई अपने जीवन के इन वर्षों में विद्या अध्यन के साथ चरित्र निर्माण सर्वोपरी मानता था और उसी के लिए पर्याप्त श्रम और साधना करता था ताकि उसके बाद के पड़ाव यानी परिवार के लिए तैयार हो सके।

परिवार निर्माण के साथ समाज के प्रति जवाबदारी बढ़ जाती है इसलिए जीवन में परिवार का महत्व बहुत ही ज्यादा होता है। 

परिवार में रहने के लाभ-हानि Benefits of Living in a Family in Hindi

हर बात के दो पहलु होते हैं। जहाँ किसी बात से मनुष्य और समाज को लाभ होता है वही उसकी कुछ हानियाँ भी होती हैं। परिवार में रहने के लाभ ही लाभ हैं क्योंकि यह मनुष्य को शारीरिक, मानसिक सुरक्षा प्रदान करते हैं।

संयुक्त परिवार में रहने के अनेकों लाभ हैं लेकिन एकल और व्यक्तिगत परिवार में रहने के अनेकों हानियाँ भी है जैसे:-

  • संयुक्त परिवार में रहने से परिवार को आर्थिक और बौद्धिक बल मिलता है।
  • संयुक्त परिवार में संगठित अनुभव और सहकार से तमाम तकलीफों को हल कर लिया जाता है।
  • संयुक्त परिवार में रहने से सदस्यों तथा बच्चों को बड़ों के अनुभवों के बल पर संस्कारों के नजदीक रखने में मदद मिलती है

एकल परिवार के भी कुछ लाभ हानि है जैसे

  • एकल परिवार में खर्च बहुत कम होता है लेकिन आवक भी सिमित हो जाती है।
  • एकल परिवार को रहने के लिए बड़े स्थान की आवश्यकता नहीं होती लेकिन मुश्किलों से निपटने की क्षमता में कमी आ जाती है।
  • एकल परिवार में अनुभवी सदस्यों के न होने से बच्चों को सामान्य संस्कारों को देने में भी बहुत ही श्रम लगता है।

परिवार के प्रति हमारा दायित्व

परिवार चाहे संयुक्त हों या एकल , दोनों के प्रति इंसान की जवाबदारी बहुत बढ़ जाती है क्योंकि इससे सीधा जुड़ाव समाज का होता है यानी जैसा परिवार का माहौल होता है वैसा ही वहाँ के समाज का माहौल होता है। परिवार के प्रति हमारे कई महत्वपूर्ण दायित्व हैं जैसे:-

  • परिवार में रह रहे बुज़ुर्ग लोगों के निरादर को त्याग उनके अनुभवों से सीख लेना चाहिए।
  • खुद के आचरण को बड़ा और स्वच्छ रखना चाहिए क्योंकि परिवार के बालक आचरण से सीखते हैं और फिर आगे जाकर वे परिवार निर्माण में वही आचरण को दर्शाते हैं।
  • परिवार के आकांक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करना चाहिए।
  • परिवार के मुखिया के रूप में या किसी अन्य सदस्य के रूप में व्यसन का बहिष्कार करना चाहिए।

परिवार के महत्व पर कविता Poem on Importance of Family in Hindi

परिवार के महत्व पर बड़े-बड़े कवि और कवित्रियों नें लेख लिखें हैं जिसमें “कन्हैयालाल मत्त” की कविता बहुत ही प्रख्यात है। 

निम्मी का परिवार निराला,
कभी न होता गड़बड़झाला,
सबका अपना काम बँटा है,
कूड़ा-करकट अलग छँटा है।

झाडू देती गिल्लो-मिल्लो,
चूल्हा-चौका करती बिल्लो,
टीपू-टॉमी देते पहरा,
नहीं एक भी अंधा-बहरा।

चंचल चुहिया चाय बनाती,
चिड़िया नल से पानी लाती,
निम्मी जब रेडियो बजाती,
मैना मीठे बोल सुनाती

मानव को जीवन निर्वाह के लिए आर्थिक और मानसिक सहायता की जरुरत पड़ती है और सबसे भरोसे मंद सहायता परिवार से मिलती है।

इसलिए मानव ने परिवार में रहने की संस्कृति अपनाई, लेकिन जिस तेज़ी से संयुक्त परिवार परंपरा का नाश हो रहा है उसके उदाहरण के रूप में वृद्धाश्रम का बढ़ना और तलाक की संख्या में बढ़ोत्तरी इत्यादि को देख सकते हैं।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने परिवार का महत्व पर निबंध Essay on Importance of Family in Hindi परिवार के महत्व पर निबंध को पढ़ा। जिसमें परिवार के परिभाषा तथा परिवार के प्रकार साथ ही परिवार के महत्व और लाभ-हानि के बारे में जरुरी पहलुओं को शामिल किया गया है।

आशा है की यह लेख आपके लिए मददगार साबित हो। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे शेयर जरुर करें।

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