अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर निबंध Essay on International Women’s Day in Hindi

इस लेख में आप अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर निबंध (Essay on International Women’s Day in Hindi) पढ़ेंगे। इस लेख में महिला दिवस क्या है, क्यों मनाया जाता है, महत्व, थीम, कब है, और कैसे मनाया जाता है जैसी जानकारियां शामिल की गई हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर निबंध Essay on International Women’s Day in Hindi

राष्ट्र की समृद्धि में महिलाओं का उतना ही योगदान है, जितना कि पुरुषों का होता है। स्त्री त्याग और पवित्रता की निशानी होती हैं। भारतीय संस्कृति में सदा से ही स्त्रियों को देवी रूप में पूजा जाता है। 

एक कहावत है, कि जहां स्त्रियों का सम्मान होता है, वही देवी देवताओं का निवास होता है। देश को आगे बढ़ाने में महिलाएं समाज से कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। 

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्या है? What is International Women’s Day in Hindi

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस वह दिन होता है, जब देश विदेश में महिलाओं के योगदान को याद किया जाता है और उन्हें सम्मान देने के लिए एक विशेष दिन पर महिलाओं की उपलब्धियों को देखते हुए महिला दिवस मनाया जाता है।

महिला दिवस यह दुनिया की तमाम महिलाओं को उनके अधिकारों से रूबरू कराने का एक जरिया है। यह हम सभी जानते हैं, कि इतिहास में सबसे ज्यादा अत्याचार महिलाओं पर ही किए गए हैं। 

उनसे जीने तक का अधिकार कुछ प्रथाओं के द्वारा छीन लिए जाते थे। समाज को नारी शक्ति से अवगत कराने की बहुत आवश्यकता है। 

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस समाज में महिलाओं को सम्मान दिलवाने और उनके योगदान को उजागर करने का एक प्रयास है, जिससे कुछ लोगों के जहन में बैठी हुई महिलाओं के प्रति रूढ़िवादी विचारधारा का अंत हो सकेगा।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पूरी दुनिया में मनाए जाने वाला एक सामाजिक दिन है, जब लोग महिला के रूप में अपनी माता, बहन, पत्नी, पुत्री इत्यादि सभी महिलाओं के प्रति अपना प्रेम प्रकट करते हैं और खुशी से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाते हैं। 

समाज में आज भी कई ऐसी दूषित विचारधारा के लोग रहते हैं, जिन्हें महिलाओं की प्रगति जरा भी बर्दाश्त नहीं होता। सती प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या और बाल विवाह को बढ़ावा देने वाले यही लोग महिलाओं के खुशियों पर उंगली उठाते हैं। 

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस ऐसे लोगों के मुंह पर एक तमाचा है, जो समाज को यह बताता है कि समाज के विकास में महिलाओं का कितना बड़ा योगदान रहा है।

एक कहावत है, कि हर सफल व्यक्ति के पीछे किसी महिला का हाथ होता है। एक स्त्री के रूप में ही एक मां पत्नी, बहन इत्यादि पुरुषों को सफलता प्राप्त करने में सहायता करती हैं। 

देश की तरक्की बिना महिलाओं के योगदान दिए कुछ अधूरी सी लगती है। पूरी दुनिया एक स्त्री द्वारा ही रची गई है। भारत जैसे अति प्राचीन देशों में महिलाओं को कितना सम्मान दिया जाता था, इसकी जानकारी हमें सनातन धर्म की पवित्र ग्रंथों से मिलती है। 

आधुनिक युग तकनीकी और नवीन युग है, लेकिन आने वाली पीढ़ीओ में महिलाओं के प्रति घटता सम्मान यह समाज के लिए बेहद चिंताजनक बात है। टीवी या समाचार पत्रों में प्रत्येक दिन महिलाओं को लेकर कोई न कोई अपराध जरूर घटते हैं। 

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन देश विदेश की महिलाएं एकजुट होकर महिलाओं के प्रति घटते अपराधों के विरुद्ध आवाज बुलंद करके समाज में महिलाओं को उनका पहचान दिलवाने का प्रयास करती हैं। 

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन इतिहास की महान स्त्रियों के बलिदानों को याद किया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है? – इतिहास Why is International Women’s Day celebrated? – History in Hindi

दुनिया में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिन राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक उपलब्धियां प्राप्त करने वाली प्रत्येक महिलाओं के प्रति देश विदेश में महिलाओं के लिए प्रेम और सम्मान प्रकट किया जाता है। 

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय तौर पर संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित किया गया। महिला दिवस का इतिहास कई घटनाओं को अपने अंदर समेटे हुए हैं।

यह तो शाश्वत सत्य है, कि पहले के समय में किसी भी महिला को नाही मतदान करने का अधिकार था और ना ही पुरुषों के साथ घर से बाहर निकल कर अन्य काम में अपना योगदान देने का। 

यदि आसान भाषा में कहा जाए, तो महिलाओं की स्थिति पहले केवल एक कठपुतली की तरह थी, जो हर समय पुरुषों के अत्याचारों को झेल कर केवल घर में कामकाज करती था। लेकिन समय परिवर्तन तो प्रकृति का नियम है। 

मानव अधिकार के तहत 28 फरवरी 1909 के दिन अमेरिका के एक सोशलिस्ट पार्टी द्वारा महिला दिवस मनाया गया था। इस सुझाव से सैकड़ों लोग सहमत हुए, जिसके पश्चात 1910 में कोपनहेगन सम्मेलन में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के जरिए महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय दिन का दर्जा प्रदान किया गया। 

उस समय महिलाओं को कुछ खास अधिकार नहीं थे, इसलिए  महिलाओं को उनके मताधिकार से अवगत करवाना अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का मुख्य उद्देश्य था। महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित करवाने वाले तमाम लोगों ने इस दिवस का बड़े स्तर पर बहिष्कार किया। 

लेकिन संगठन ही शक्ति है, परिणाम स्वरूप कई आंदोलन किए गए जिनमें जर्मन की एक प्रख्यात आंदोलन कर्ता क्लारा जेटकिन और उनके साथियों के प्रयास से 1910 में इंटरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेस द्वारा महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय दिन का दर्जा दिया गया और इस दिन सामाजिक अवकाश घोषित किया गया।

वैसे तो पूरी दुनिया में 8 मार्च को ही महिला दिवस मनाया जाता है, लेकिन भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस 13 फरवरी के दिन मनाया जाता है। भारत में महिला दिवस मनाया जाने का इतिहास भी थोड़ा अलग है। 

भारत के स्वतंत्रता आंदोलनों की एक प्रख्यात महिला चेहरा सरोजिनी नायडू के जयंती के दिन 13 फरवरी को महिला दिवस मनाया जाता है। सरोजनी नायडू को भारत कोकिला के रूप में भी पहचाना जाता है। 

आपको बता दें, कि सरोजनी नायडू स्वतंत्रता आंदोलनों में अपनी भूमिका निभा चुकी हैं। 1879, 13 फरवरी को जन्मी सरोजिनी नायडू का बचपन राष्ट्रप्रेम की छाया में गुजरा। वह एक ऐसा दौर था, जब सभी भारतीयों पर अंग्रेजों द्वारा जुल्म ढाए जा रहे थे और महिलाओं की स्थिति बहुत खराब थी।

सरोजिनी नायडू ने महिलाओं के अधिकारों के लिए कड़े प्रयास किए हैं। देश की आजादी में सरोजिनी नायडू का बलिदान रहा है, जिसके पश्चात आजाद भारत में उन्हें  पहली महिला राज्यपाल का पद सौंपा गया। 

जन्म से लेकर अपने अंतिम सांस तक उन्होंने देश के लिए संघर्ष किया है। ऐसी महान स्त्री सत्ता की छत्रछाया में महिलाओं को उनका असली हक प्राप्त हुआ। उस समय पूरे देश में सरोजिनी नायडू के नाम का डंका बजता था। 

हर वह शख्स जिसे महिला का इतने बड़े पद पर पहुंच जाना हजम नहीं होता था, वे लोग भी उनकी प्रशंसा करने से चूकते नहीं थे। सरोजिनी नायडू के कार्यों को देखते हुए 1925 में उन्हें कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया, जिसके पश्चात महिलाओं के अधिकारों से जुड़े हुए तमाम सरकारी सुविधाएं देश के कोने कोने तक पहुंचने लगी। 

सरोजिनी नायडू ने अपने अंतिम समय में भी देश सेवा की है। उनके महान संघर्षों को देखते हुए 2014 में सरोजिनी नायडू के 135वी जयंती के समय 13 फरवरी को पूरे देश में अंतर्अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई। 

हालांकि जिस प्रकार का बलिदान और संघर्ष एक महिला के द्वारा देश के लिए किया गया है, उसे देखते हुए भारत सरकार ने इस निर्णय को लेने में कई साल लगा दिए। 2014 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा 13 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में परिवर्तित कर दिया गया।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का महत्व Significance of International Women’s Day in Hindi

देश विदेश में महिलाओं के हित में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है। एक सभ्य समाज का निर्माण एक नारी ही करती है। कहा जाता है, कि बच्चे किसी भी देश का भविष्य होते हैं, लेकिन बच्चों की प्रथम गुरु तो उनकी माता ही होती हैं। 

भले ही आज तक स्त्रियों को उनके कार्यों के लिए नहीं सराहा जाता, लेकिन वास्तव में समाज और संस्कृति को आगे बढ़ाने का कार्य एक महिला द्वारा ही संपन्न होता है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का महत्व पूरी दुनिया में है। कुछ लोग केवल महिलाओं के कर्तव्य को याद रखते हैं, लेकिन उनके अधिकारों को कोई नहीं पूछता। 

आज समय बदल चुका है, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस इस बात का सबूत है कि अब समाज में लोगों को महिलाओं के अधिकारों की चिंता होती है, जिसके कारण महिला दिवस के दिन पूरे देश में आज तक महिलाओं के किए गए संघर्षों को सराहा जाता है और उन्हें सशक्त बनने की प्रेरणा दी जाती है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस लोगों को यह सिखाता है, कि महिलाएं केवल घर का काम करने के लिए नहीं बनाई गई है। जिस तरह सोने के पिंजरे में एक पक्षी को कैद करके उसे सुख सुविधा की सभी चीजें प्रदान की जाती है, लेकिन उस पक्षी का असली सुख तो स्वतंत्र होकर आसमान में उड़ना होता है। 

जरा सोचिए कि इस क्रूर समाज ने न जाने कितने ही सालों तक महिलाओं की आवाज को दबा कर रखा। जिसका कभी महिलाओं द्वारा इतने बड़े संगठन बनाकर विरोध नहीं किया गया। 

लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस यह कोई आम दिन नहीं, बल्कि महिलाओं का विजय दिवस है, जिसे उन्होंने अपने संघर्षों से अपने नाम किया है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर महिला को समर्पित दिन है।

हमारे देश में स्त्रियों को देवों से भी ऊपर रखा जाता है। भारतीय संस्कृति को देखकर यह तो तय है, कि महिलाओं के विरुद्ध जो अपराध बढ़ रहे हैं, वह पहले नहीं थे। यदि ऐसा होता तो किसी भी दिव्य शक्ति को एक स्त्री रूप में प्रदर्शित नहीं किया जाता। 

देश विदेश में लाखों देवियों के मंदिर है, जो एक स्त्री ही तो है। महिलाओं को उनका असली हक तभी मिलेगा जब वह स्वयं अपने अधिकारों को लेकर सजग रहेंगी। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस देश के हर छोटे गांव से लेकर बड़े बड़े शहरों तक महिलाओं को उनके अधिकारों के लिए लड़ने का शक्ति देता हैं। 

यह दिन केवल एक जश्न का दिन नहीं बल्कि आने वाले समय के लिए स्वयं के हित में महिलाओं को मार्गदर्शन भी देता है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस दुनिया की प्रत्येक महिलाओं को समर्पित बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कब है? When is International Women’s Day in Hindi

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है। बता दें कि पूरी दुनिया में महिला दिवस मनाया जाता है, लेकिन उनके ऐतिहासिक घटनाओं के कारण तारीखों में परिवर्तन आ सकता है। 

भारत में प्रत्येक वर्ष 13 फरवरी के दिन सरोजिनी नायडू की जयंती के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022 थीम International Women’s Day 2022 Theme in Hindi

हर वर्ष अंतर्अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अलग अलग थीम निर्धारित की जाती है। वर्ष 2022 में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम ”I am Generation Equality: Realizing Women’s Rights” है। 

इसका अर्थ है कि आने वाले समय में समाज में पुरुषों और महिलाओं की जनसंख्या में समानता लाना। आज के समय में जेंडर इनिक्वालिटी बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है, इसके कारण लैंगिक समानता पर बात करना बहुत जरूरी है।

सरोजिनी नायडू का साहित्यिक योगदान Literary Contribution of Sarojini Naidu in Hindi

सरोजिनी नायडू बचपन से ही कला और बुद्धि की धनि थी। बचपन से ही साहित्य में इनकी रुचि रही है। 13 वर्ष की उम्र में उन्होंने द लेडी ऑफ़ दि लेक नामक 1300 पदों की एक लंबी कविता अंग्रेजी भाषा में लिखकर सबको चौका दिया था।

सरोजिनी नायडू अपनी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात इंग्लैंड में जाकर अपने आगे की पढ़ाई की और वहां रहकर उन्होंने बहुत सारी कविताएं भी लिखी, जो आगे चलकर बहुत प्रसिद्ध हुए। 

सरोजिनी नायडू का पहला कविता ‘गोल्डन थ्रेसोल्ड’ था। ‘बर्ड ऑफ टाइम’ और ‘ब्रोकन विंग’ की रचना के पश्चात सरोजनी नायडू को पूरी दुनिया में प्रसिद्धि मिली।

द मैजिक ट्री, द सेपट्रेड फ्लूट: सोंग्स ऑफ इंडिया, द विज़ार्ड मास्क और इंडियन विवर्स इत्यादि उनके कई अन्य सुप्रसिद्ध साहित्यिक रचनाएं थी। कुछ समय के अंदर ही सरोजनी नायडू को दुनिया की सुप्रसिद्ध कवित्री कहा जाने लगा। 

1914 में जब इंग्लैंड में सरोजिनी नायडू, महात्मा गांधी जी से पहली बार मिली, तब गांधी जी की विचारधारा से वह बहुत प्रभावित हुई जिसके पश्चात उन्होंने अपने आगे का जीवन देश सेवा में गुजारने का निर्णय लिया।

गांधीजी सरोजिनी नायडू की बेहद इज्जत करते थे और उनके विचारों को बहुत सराहा करते थे। सरोजनी नायडू को भारत कोकिला का दर्जा गांधी जी ने ही दिया था।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कैसे मनाया जाता है? How is International Women’s Day celebrated in Hindi

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए तमाम क्रियाकलाप किए जाते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाने वाला महिला दिवस सभी महिलाओं के लिए बेहद खास दिन होता है, जब उनके संघर्षों को समाज में उजागर किया जाता है और चारों तरफ से उन्हें सम्मान और आदर प्राप्त होता है।

इस दिन कई महिला अधिकार संगठनों द्वारा देश के छोटे-छोटे तबकों से लेकर बड़े-बड़े शहरों में लोगों को महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागृत किया जाता है। 

हमारे समाज में महिलाओं के प्रति लोगों द्वारा घटते सम्मान को एक मुद्दा बनाकर महिला सुरक्षा के संबंध में कई कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। विभिन्न संस्थानों पर महिलाओं को सुरक्षा प्राप्त हो सके, इसके लिए लोगों द्वारा विचार फैलाए जाते हैं।

बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ‘ जैसे अनेकों विषयों पर लोगों द्वारा विचार मंथन किया जाता है। यदि कहीं महिलाओं के विरुद्ध कोई अपराध की घटना घट रही हो, तो उसके लिए भी महिला हेल्पलाइन नंबर का निर्माण किया गया है। 

सरकार भी अब महिलाओं के लिए कई कानून ला रही है, जिसमें महिला सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, इत्यादि मुद्दों का समावेश होता है। 

महिला हेल्पलाइन नंबर यह एक सरकारी नंबर होता है, जिस पर यदि कोई पीड़ित महिला अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए सरकार से गुहार लगाती है, तो उसके बचाव में आरोपी को कड़ी सजा भी मिलती है। 

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस ऐसे तमाम विचारों को लोगों तक प्रसारित करती है, जिससे उनके मन में महिलाओं के लिए आदर और डर दोनों फैले। विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में विद्यार्थियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर निबंध प्रतियोगिता, भाषण, नाट्य कला इत्यादि का प्रस्तुतीकरण किया जाता है। 

देश विदेश में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है, जिसे लोग कई बार बैंगनी रंग के रिबन को पहनकर यह उत्सव मनाते हैं। सभी महिलाओं का जीवन निरंतर सफलता की ओर बढ़ता रहे, इसके लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सभी महिलाओं को प्रेरित करता है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने हिन्दी में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर निबंध (International Women’s Day Essay in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको जानकारी से भरपूर लगा होगा। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें।

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