कमल का फूल निबंध Essay on Lotus Flower in Hindi

कमल का फूल निबंध Essay on Lotus Flower in Hindi

कमल के फूल को हम अंग्रेजी में Lotus (लोटस) कहते है। यह हमारा राष्ट्रिय पुष्प है। इसका  वैज्ञानिक नाम निलंबियन नयूसिफेरा है। कमल के फूल तालाबों और कीचड़ भरी जगह में ही पनपते है।

यह दो रंग के होते है एक गुलाबी और दूसरा सफ़ेद, कमल को खिलने के लिये सूर्य के प्रकाश की भी आवश्यकता होती है ये रोशनी में रहना पसंद करते है।  

कमल के फूल की बनावट Structure of Lotus flower

कमल के फूल का रंग सफेद और गुलाबी रंग का होता है कमल के फूल की पत्तियां गोल होती है। इसकी जड़ खोखली होती है, जो पानी के अंदर होती है। कमल का फूल को आपने हमेशा पानी में ही उत्पन्न होते देखा होगा और यह भारत के सभी उष्ण भागों में और आस्ट्रेलिया में  भी पाया जाता है।

कमल के फूल के पत्ते लगभग गोल, ढाल की तरह होते हैं। पत्तों से लंबी डंडी जुड़ी होती है और उससे रेशा भी निकला रहता है जिससे मंदिरों में आरती करने के लिये दीप जलाने की बत्तियाँ बनाई जाती हैं। कहते हैं, इस रेशे से बनाये गये कपड़े पहनने से अनेको रोग दूर हो जाते हैं। कमल के तने सीधे और लंबे होते हैं। कमल की पतियाँ मोटी और चिकनी होती है इसकी जड़ को सब्जी के रूप में खाया जाता है।

कमल के फूल की पवित्रता व इसका महत्व The holiness and Importance of Lotus flower

कहते है कमल के फूल में देवी लक्ष्मी स्वयं निवास करती है। ये उनका सबसे प्रिय पुष्प है। जब भी लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है तो यह फूल चढ़ाना उचित समझा जाता है। यह पवित्रता का प्रतीक है इसीलिये हमारे हिन्दू धर्म में इसका बड़ा महत्त्व है।

कमल का फूल बहुत ही सुन्दर होते है। कमल का फूल से भरा तालाब बहुत ही खुबसूरत दिखाई देता है। यह पानी के ऊपरी भाग में लगते है जबकि इसका तना पानी के अंदर होता है  हमारे पुराणों में कमल का बड़ा महत्त्व है।

आपने देखा होगा कि भगवान बुद्ध की प्रतिमा हमेशा कमल के फूल के ऊपर विराजमान होती है। माँ लक्ष्मी भी कमल पर ही विराजमान होती है। कमल का फूल इतना पवित्र होता है कि मंदिरों में भी इसके चित्र बने होते है।

मिश्र देश के मंदिरों में भी कमल का प्रमुख स्थान देखा गया है भारतीय कवि ने कमल के ऊपर कई कवितायें लिखी है और उसमें कमल की सुन्दरता का वर्णन भी किया है। कहा जाता है कि कमल हमेशा सूर्य के निकलने पर खिलता है और सूर्यास्त के समय ये फूल भी अस्त हो जाते है।

कहते है कमल का फूल केवल तीन दिनों के लिये ही खिलता है और तीसरे दिन सभी पंखुडियां पानी में गिर जाती है। केवल फूल के बीच का भाग ही पानी के बाहर दिखाई देता है। इसके बीज वैसे तो हल्के रंग के होते हैं लेकिन सूखने के बाद यह गहरे और काले रंग के हो जाते हैं।

कमल के फूल कई औषधीयों के रूप में भी उपयोग किया जाता है। कमल की पत्तियों से निकला हुआ रस डायरिया के रोगियों के लिये  बेहद महत्त्वपूर्ण होता है। इसके अलावा कमल की पत्तियां त्वचा के रोग में गुणकारी होती है।

कमल के फूल के पर्यायवाची शब्द Synonyms of Lotus flower

पद्म , नीरज , सरोज , कंज , सरसि , राजीव , शतदल , जलज , अम्बुज ,पंकज आदि 

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.