ओलंपिक खेलों पर निबंध Essay on Olympic Games in Hindi

इस लेख में आप ओलंपिक खेलों पर निबंध (Essay on Olympic Games in Hindi) हिन्दी में पढ़ेंगे। इसमें ओलंपिक खेल की जानकारी, शुरुवात, इतिहास, ध्वज, आयोजन, उद्देश्य, उपसंहार दिया गया है।

ओलंपिक खेलों पर निबंध Essay on Olympic Games in Hindi

खेलों और मानव का शुरू से ही एक खास रिश्ता रहा है। प्राचीनकाल से ही सैनिक युद्ध कला सीखने के साथ-साथ सैन्य प्रशिक्षण के अन्तर्गत कुश्ती, मुक्केबाजी, दौड़, घोड़ा दौड़ जैसे खेलों का अभ्यास करते रहे हैं और सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले सैनिकों को सम्राट द्वारा पुरस्कृत किया जाता रहा है। 

खेलकूद द्वारा ही एक व्यक्ति का व्यक्तिगत, बौधिक, शारीरिक, मानसिक विकास होता है। जिसके चलते आज भी समय-समय पर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन होता रहता है। इन खेलों में से एक खेल ओलंपिक खेल है।

ओलंपिक खेल Olympic Games in Hindi

इस भारत देश में बहुत अलग अलग खेल खेले जाते है। कई खेलों का आयोजन किया जाता है। ओलंपिक खेल एक खेल के रूप में खेला जाता है। ओलंपिक खेल इस विश्व का सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय खेल है। 

दुनिया के हर देश के एथलीटों को एक साथ लेकर वर्तमान में आयोजित होने वाले सबसे लोकप्रिय खेल का नाम ओलंपिक है।

ओलंपिक खेल की शुरुवात Starting of Olympic Games

विश्व में सर्वप्रथम ओलंपिक खेलों का विधिवत रूप से आयोजन 776 ई. पू. यूनान (ग्रीस) के ओलम्पिया नामक नगर में हुआ था। इसकी उत्पत्ति के संबंध में विभिन्न मत हैं। कहा जाता है कि यह आयोजन देवताओं की पूजा के लिए समर्पित एक एथलेटिक और कलात्मक त्यौहार था।

ओलंपिया नगर के नाम से इस खेल को ओलंपिक नाम दिया गया, इसके हर चार वर्षो के बाद ओलिम्पिक खेलों का आयोजन किया जाना आरंभ हो गया, जिसमें हजारों की संख्या में लोग एकत्र होकर खेलों का आनन्द लेते थे।

आज के ओलंपिक खेलों की नींव 2,800 साल पहले आयोजित होने वाले प्राचीन ओलंपिक खेलों की हैं। प्राचीन ओलंपिक में बॉक्सिंग, कुश्ती, घुड़सवारी के खेल खेले जाते थे।

खेल के विजेता को कविता और मूर्तियों के जरिए सम्मानित किया जाता था। हर चार साल के अंतराल पर होने वाले ओलंपिक खेल को ओलंपियाड के नाम से भी जाना जाता था।

ओलंपिक खेल का इतिहास History of Olympic Games in Hindi

रोम के तत्कालीन सम्राट थियोडोसिस द्वारा 394 ई. में एक राज्यादेश जारी करके इन खेलों के आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया गया। 

जिसके कुछ समय बाद ही भयंकर भूकम्प के चलते ओलम्पिया शहर का अस्तित्व ही पूर्ण रूप से ख़तम हो गया। इसके साथ ही ओलम्पिक खेलों का आयोजन भी बंद हो गया। 

19वीं शताब्दी में ओलम्पिया शहर में हुई खुदाई के दौरान ओलम्पिक खेलों के बारे में दुनिया को पता चला एवं इसे पुन: प्रारम्भ करने के प्रयास अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किया गया।

वर्तमान में हो रहे ओलम्पिक खेलों को शुरू करने का श्रेय फ्रांस के विद्वान एवं खेल प्रेमी पियरे डि कुबर्तिन को जाता है। इस क्षेत्र में उनके अथक प्रयासों के चलते 1894 ई. में ‘अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति’ का गठन किया गया, जिसमें उन्हें ही प्रथम अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया गया।

4 अप्रैल, 1896 को एथेंस में वर्तमान ओलंपिक खेलों का प्रथम आयोजन शुरू हुआ और तभी से हर चार वर्षो के बाद विश्व के विभिन्न स्थानों पर इस खेल का आयोजन किया जाता है।

1916 में हुए प्रथम विश्वयुद्ध एवं 1940 – 1944 में हुए द्वितीय विश्वयुद्ध के क्रमश छठे, बारहवें एवं तेरहवें ओलम्पिक का आयोजन नहीं किया जा सका।

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ओलंपिक ध्वज Olympic Flag

वर्ष 1914 में पियरे डि कुबर्तिन के सुझावों पर ओलम्पिक ध्वज बनाया गया, जो सिल्क के सफेद कपड़े का बना होता है। 

आपस में जुड़े नीले, पीले काले हरे एवं लाल रंग के पाँच छल्लों के रूप में ओलम्पिक चिह्न मुद्रित होता है। ये पाँच छल्ले पाँच प्रमुख महाद्वीपों – अफ्रीका, अमेरिका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया एवं यूरोप को दर्शाते हैं।

खेल को शुरू करने का तरीका The Olympic Opening Ceremony

ओलम्पिक खेलों का एक अपना गीत है जिसे ‘ओलाम्पिक गान’ से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि ओलम्पिक खेल को शुरू करने से पहले यूनान देश के ओलम्पिया स्थित जियस देवता के मंदिर में सूर्य की किरणों से ओलम्पिक मशाल को प्रज्वलित किया जाता है। 

इसके बाद इसी मशाल से ‘स्टेडियम मशाल’ को प्रज्वलित कर आयोजन प्रारम्भ किया जाता है। खेल प्रारम्भ होने से पहले सभी प्रतिभागी खिलाड़ियों द्वारा खेल को नियमों के अनुरूप, सच्ची खेल-भावना से खेलने की शपथ ली जाती है। ओलम्पिक खेल में बहुत सारे खिलाडी सहभाग लेते है। 

इन खेल के अन्दर बहुत सारे खेल भी खेले जाते है। ओलम्पिक खेल में अनेक प्रतिस्पर्धा होती है। जो देश अन्य प्रकार के खेलों में प्रथम स्थान प्राप्त कर लेता है उसको ‘ओलम्पिक विजेता’ माना जाता है।

पूर्व में हुए ओलंपिक खेलों में महिलाओं को भाग नहीं लेने दिया जाता था। परन्तु पेरिस में वर्ष 1900 में आयोजित दूसरे ओलंपिक खेलों में पहली बार महिलाओं को भी इसमें शामिल करने का निर्णय किया गया। 

ओलम्पिक खेलों में किसी भी स्पर्धा में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को एक प्रमाण-पत्र (सर्टिफिकेट) के साथ क्रमशः स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक से सम्मानित किया जाता है। चौथे से आठवें स्थान पर आने वालों को केवल प्रमाण-पत्र (सर्टिफिकेट) से सम्मानित किया जाता है।

अधिकृत रूप से वर्ष 1920 में भारत ने इसमें हिस्सा लेना शुरू किया था। तब से लेकर वर्ष 2012 तक आयोजित ओलम्पिक में भारत कुल मिलाकर 24 पदक जीत गया है। इनमें से 11 पदक भारत ने हॉकी में जीते हैं, जिनमें से 8 स्वर्ण, 1 रजत एवं 2 कांस्य पदक शामिल हैं।

विभिन्न स्थानों पर ओलंपिक खेल का आयोजन Organizing Olympic Games in Different Countries

हर चार वर्ष पश्च्यात आयोजित होने वाले ओलंपिक खेल, 1896 के बाद से दुनिया के सबसे प्रसिद्ध क्षेत्रों में आयोजित किये जा रहे हैं। जिसके फलस्वरूप ओलंपिक खेलों की प्रसिद्धि एक स्थान पर ही न रहकर पूरे विश्व में फ़ैल रही है और अब यह दुनिया के हर कोने में प्रवेश कर चुका है।

ओलंपिक संघ The International Olympic Committee 

ओलंपिक खेलों का सुचारू रूप से आयोजन करने के उद्देश्य से ओलंपिक संघ का गठन किया गया। इस संघ में एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष, एक संपादक और सात सह-संपादक होते हैं। 

इनके अलावा, प्रचलित परंपराओं और नियमों के अनुसार, संगठन में प्रत्येक देश से एक सदस्य और प्रत्येक महाद्वीप से एक संपादक शामिल होते हैं।

ओलंपिक खेलों का उद्देश्य The Purpose of Olympic Games in Hindi

जीवन में जब तक किसी से प्रतिस्पर्धा न हो तब तक विकास और उत्कृष्टता हासिल करना आसान नहीं है। इसीलिए ओलंपिक खेलों का अंतिम लक्ष्य पूरी दुनिया में प्रतियोगिताओं के माध्यम से खेल को बेहतर बनाने के साथ-साथ खेलों को बढ़ावा देकर एथलीटों को बढ़ावा देना है। 

इसके साथ ही एक देश का अन्य देश दूसरे देश से अच्छे संबंध बनाना, अंतरराष्ट्रीय समझ और सद्भावना की रक्षा करना है। इसमें भाग लेने वाले एथलीटों को अनुशासन, धैर्य, धीरज, साहस, आदि प्राप्त करने का अवसर मिलता है।

उपसंहार Conclusion

ओलंपिक खेलों को भी सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के रूप में मान्यता प्राप्त है। कई एथलीट के लिए पुरस्कार जीते बिना भी इसमें भाग लेना गौरव की बात है। 

सवा करोड़ आबादी वाले एक ऐसे देश से, जिसमें युवाओं की संख्या 40 करोड़ से अधिक हो, कम-से-कम इतनी उम्मीद तो की ही जा सकती है कि प्रत्येक नागरिक को ओलंपिक खेल की सफलता और स्थिरता की कामना करनी चाहिए। 

ओलम्पिक खेल अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली बहु-खेल प्रतियोगिता देशों के बीच मित्रता, भाईचारे और अच्छे संबंधों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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