बैडमिंटन खेल पर निबंध Essay on Badminton in Hindi

इस लेख में आप बैडमिंटन खेल पर निबंध Essay on Badminton in Hindi के बारे में पढेंगे। यहाँ पर दिए गए बैडमिंटन के ऊपर निबंध को आप दो तरीकों से प्रयोग कर सकते हैं पहला आप इसे बैडमिंटन खेल पर निबंध के रूप में लिख सकते हैं और दूसरा इसे मेरा प्रिय खेल के रूप में भी लिख सकते हैं।

दिए गए निबंध को आप पूछे गए परीक्षाओं में बेझिझक लिख सकते हैं और इन्हें पीडीऍफ़ फॉर्म में डाउनलोड भी कर सकते हैं।

बैडमिंटन खेल पर निबंध Essay on Badminton in Hindi

बैडमिंटन खेल यह पूरी दुनियाँ में कुछ पसंद किये जाने वाले खेलों में शुमार है। खेल का मानव जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है सबसे पहला की खेल किसी भी इंसान को यह बोध कराता रहता है की जीवन भी एक खेल के जैसे ही है जिसमे श्रम, समय और शक्ति का सही उपयोग करने की सीख मिलती है और सबसे बड़ी सीख कभी भी हार न मानने की मिलती है।

खेल हमें यह आभास कराते रहते हैं की अगर मेहनत अच्छे से किया जाय तो जीत मिलती है और अगर ध्यान और जागरूकता न बढ़ाई जाए तो हार भी मिलती है और कभी कभी मेहनत के बाद भी जीत नहीं मिलती तो कभी कम मेंहनत में भी जीत मिल जाती अर्थात खेल हमें संतुलित रहने की सीख देते हैं।

बैडमिंटन खेल का इतिहास History of Badminton in Hindi

बैडमिंटन खेल की शुरुवात लगभग उन्नीसवी सदी के बीच में अंग्रेजों द्वारा की गयी जब वे आज़ादी के पहले के पूना शहर जो ब्रिटिश छावनी थी वहाँ इस खेल को खेला करते थे। सन 1850 तक इसे बैट और ऊन के गोलों से खेला जाता था। इस खेल को रिटायर्ड अँगरेज़ सैनिक इंग्लैंड ले गए और उनके हिसाब से इसमें बदलाव किये तथा नियम बनाये।

1960 में एक अंग्रेज़ लेखक “इसहाक स्प्राट” ने बैडमिंटन बैटलडोर नामक एक किताब लिखी थी जिसमें इस खेल का विवरण दिया था लेकिन समय के साथ इस किताब का अस्तित्व समाप्त हो गया और बैडमिंटन खेल को 1873 में ग्लुटरशायर इंग्लैंड में अंग्रेजों द्वारा विकसित नए खेल के रूप में पहली बार खेला गया, तब तक इसे “बैडमिंटन के खेल” के नाम से जाना जाता था जिसे बाद में सुधार कर “बैडमिंटन” कर दिया गया।

1893 में इंग्लैंड बैडमिंटन एसोसिएशन ने बैडमिंटन के नियमों की सूचि जारी की और 13 सितम्बर 1913 पहली बार बैडमिंटन को आधिकारिक तौर पर शुरू किया गया और लगभग छः साल बाद 1899 में इंग्लैंड बैडमिंटन एसोसिएशन ने ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैम्पियनशिप भी शुरू की जो दुनियाँ की पहली बैडमिंटन प्रतियोगिता बनी।

अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन महासंघ (IBF) जिसे अब विश्व बैडमिंटन संघ BWF के नाम से जाना जाता है उसे सन् 1934 में स्थापित किया गया। भारत देश सन् 1936 में एक सहयोगी के रूप में इसमें शामिल हुआ। बीडब्ल्युएफ अब अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन खेल को नियंत्रित करता है और खेल को दुनिया भर में विकसित करता है।

इस खेल के नियम इंग्लैंड में बने परन्तु इस खेल में डेन्मार्क का दबदबा है। इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया और मलेशिया जैसे देश इस खेल के बेहतरीन खिलाड़ी तैयार कर रहें हैं और चीन जैसे देशों का आज भी इस खेलों में दबदबा है लेकिन भारत भी इस खेल में बहुत तेज़ी से अपने पैर पसार रहा है।

बैडमिंटनखेल के नियम Rules of Badminton in Hindi

बैडमिंटन खेल यह सरलता से खेला जा सकने वाला और सस्ता खेल है इस खेल को खेलने के लिए कम से कम दो लोगों की आवश्यकता होती है दोनों खिलाडियों को एक-एक बैट दिया जाता है और एक शटलकॉक को उसी बैट के माध्यम से अपने पाले में गिरने से बचाने के लिए उसे बांधे हुए नेट के ऊपर से प्रतिद्वंदी के पाले में मारना होता है। बैडमिंटन खेलने वाले जगह को बैडमिंटन कोर्ट कहते हैं जिसकी लम्बाई 13.4 मीटर और चौड़ाई 6.1 मीटर होती है।

बैडमिंटन खेल के मुख्य नियम निम्न है-

  • बैडमिंटन मैच से पहले एक सिक्का उछाला जाता है और टॉस जितने वाला खिलाड़ी यह तय करता है की वह कोर्ट का कौन सा भाग चुनना चाहेगा और पहले सर्व करना चाहेगा या रिसीव।
  • बैडमिंटन का मैच 21 प्वाइंट का खेला जाता है तथा ज्यादा पॉइंट वाले खिलाड़ी को जीत दे दी जाती है।
  • खेल में एक सर्वर होता है जो पहले शटलकॉक को प्रतिद्वंदी के पाले में मारा जाता है और एक रिसीवर होता है जो पाले में आ रहे शटलकॉक को रोकता है।
  • जब सर्वर सर्व करता है, तब शटलकॉक प्रतिद्वंदी के पाले में शार्ट सर्विस लाइन के पार जाना चाहिए वरना इसे चूक मान लिया जाएगा।
  • सर्व करते समय दोनों पालों के खिलाडी अपने पैर को नहीं उठा सकते यानी की एक बार पहला सर्व हो जाए तो शटलकॉक के आधार पर हिट मार सकते हैं।
  • एक बार शटलकॉक को हिट करने के बाद उसे दुबारा हिट नहीं किया जा सकता।
  • रैकेट का वजन 79 ग्राम से लेकर 91 ग्राम के बिच होता है।

बैडमिंटन खेल के फायदे और नुकसान Advantages and Disadvantages of Badminton in Hindi

हर खेल के कुछ फायदे और कुछ नुकसान जरुर होते हैं। बैडमिंटन खेल का सबसे बड़ा फायदा यह है की इसे खेलने के लिए ज्यादा जगह की आवश्यकता नहीं पड़ती और यह सस्ता भी है।

इसे कम से कम दो लोगों की सहायता से खेला जाता है इस खेल में अति श्रम की आवश्यकता नहीं रहती इसलिए इसे हर कोई आसानी से खेल सकता है।

बैडमिंटन खेल के नुकसान के रूप में सबसे पहला नुकसान यह है की इसे खुले मैदान जहाँ हवादार मौसम हो मे वहाँ नहीं खेला जा सकता और साथ ही लम्बे समय तक इस खेल से जुड़े रहने के कारण एडियों में अतिरिक्त खिचाव आना शुरू हो जाता है। इसे खेलने के लिए शरीर फुर्तीला और नज़रें स्वस्थ होनी चाहिए अगर इनमें क्षति हो तो इस खेल में खेलने में मुश्किल होती है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने बैडमिंटन खेल पर निबंध Essay on Badminton in Hindi हिंदी में पढ़ा जिसमें बैडमिंटन खेल के नियम, बैडमिंटन खेल के इतिहास तथा बैडमिंटन खेल के लाभ-हानियों को पढ़ा। इस निबंध को परीक्षाओं में लिख उचित अंक प्राप्त किया जा सकता है। अगर यह निबंध सरल तथा योग्य लगा हो तो इसे शेयर जरुर करें। 

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