आज के इस लेख में आप संतुलित आहार पर निबंध Essay on Balanced Diet in Hindi पढ़ेंगे। इसमे आप प्रकार, और समय के अनुसार स्वस्थ भोजन की थाली में क्या-क्या पौष्टिक खाद्य होने चाहिये इसके विषय में भी हमने पूरी जानकारी दी है।
संतुलित आहार पर निबंध Essay on Balanced Diet in Hindi
भोजन हमारे जीवन की जरूरत है। भोजन है तो हम हैं, स्वस्थ भोजन (healthy food) से ही हमें ऊर्जा मिलती है और उस ऊर्जा से हम अपने दिन भर के काम करते हैं; अथार्त जीवन व्यापन करते हैं। भोजन से ही हमारा शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य बना रहता है। पर क्या केवल भोजन खाना ही पर्याप्त है ?? जवाब होगा, नहीं !!!
हमें अगर स्वस्थ रहना है, तो संतुलित आहार (balanced diet) का सेवन करना चाहिए। अब यह संतुलित आहार क्या होता है ?? संतुलित आहार की परिभाषा होगी- ऐसा भोजन या आहार जिसमें सभी पोषक तत्व संतुलित मात्रा में हो। पोषक तत्व वह तत्व होते हैं जो खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं, अर्थात इन के सेवन से ही हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
स्वस्थ भोजन के पोषक तत्व Nutrients in a Healthy Balanced Food in Hindi
कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, लिपिड, विटामिन, मिनरल, पानी। हमें भोजन ऐसे करना चाहिए, जिससे हमारे आहार में इन सभी तत्वों की संतुलित मात्रा (balanced amount) शामिल हो। एक संतुलित आहार वह होगा जिसमें ज्यादा कार्बोहाइड्रेट, मध्यम प्रोटीन और थोड़ा लिपिड शामिल हो।
संतुलित आहार को लेने की भी वजह यह है कि हमारा शरीर ज्यादा प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट अथवा थोड़े लिपिड से बना होता है; अर्थात इस वितरण के हिसाब से ही भोजन ग्रहण करना चाहिए। क्योंकि प्रोटीन से हमारा 70% शरीर बना होता है, कार्बोहाइड्रेट मुख्यतः ऊर्जा प्रदान करते हैं और लिपिड द्वारा हमारे शरीर में चिकनाहट बनी रहती है।
कार्बोहाइड्रेट के उदाहरण : रोटी,चावल, अनाज, शक्कर, आदि।
प्रोटीन के उदाहरण : अंडा, पनीर, दूध, मछली, मांस, आदि।
लिपिड के उदाहरण : दूध, घी, मीठे खाद्य पदार्थ, आदि।
इन सब के अलावा हमें दूध भी भरपूर मात्रा में लेना चाहिए, क्योंकि दूध में सभी पोषक तत्वों की प्रचुर मात्रा होती है। विटामिंस का भी अपना महत्व होता है, यह ऐसे पोषक तत्व है जो लगभग सभी खादय पदार्थों में पाए जाते हैं पर थोड़ी मात्रा में; परंतु इनकी जरा सी भी कमी शरीर में बीमारियां उत्पन्न कर सकती है।
कुछ विटामिन कुछ चुनिंदा खाद्य पदार्थों में ही ज्यादा पाए जाते हैं, जैसे विटामिन ए हरी सब्जियों में, विटामिन सी खट्टे फलों में, विटामिन डी दूध में अथवा दुग्ध पदार्थों में, विटामिन बी सब्जियों और अनाज में। मतलब अगर आप में किसी विटामिन की कमी है, तो आप संबंधित खाद्य पदार्थ ले सकते हैं।
शरीर में हर विटामिन का अपना एक विशेष कार्य होता है, जैसे विटामिन ए आंखों की सेहत के लिए अत्यंत लाभदायक होता है, विटामिन डी हड्डियां मजबूत रखता है, विटामिन ई त्वचा एवं बालों को स्वस्थ रखता है, विटामिन सी रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity power) को मजबूत रखता है।
मिनरल खनिजों को कहा जाता है। मिनरल भी खाद्य पदार्थों में कम मात्रा में ही पाए जाते हैं, परंतु इनका सेवन भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। मिनरल्स के उदाहरण हैं – कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम, पोटेशियम, कॉपर, आयरन, आदि।
मिनरल्स का सबसे अहम कार्य हमारे शरीर में है : मांसपेशियों के खिंचाव और विश्राम में मदद करना। मांसपेशियों के खिंचाव और विश्राम द्वारा ही हम अपनी सभी शारीरिक गतिविधियां कर पाते हैं। मिनिरल्स सभी हरी पत्तेदार सब्जियों में अथवा दूध में भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
पानी भी पोषक तत्वों की सूची में आता है, जी हां बिल्कुल हमारे पूरे शरीर का 60% भाग अथवा मस्तिष्क का कुल 70% भाग और रक्त का 50% भाग पानी से ही बना होता है। पानी शरीर में नमी बनाए रखता है, तरावट प्रदान करता है, जिससे हमारे सभी अंग सही प्रकार से कार्य करते हैं, त्वचा, नाखून, बालों में चमक बनी रहती है, शरीर की आंतरिक क्रियाएं भी सुचारु रूप से चलती रहती है।
तात्पर्य यह है कि हमें स्वस्थ भोजन (healthy food) का सेवन करना चाहिए तभी वह कहलाएगा संतुलित आहार। आप भोजन सही संतुलन में लेंगे, तभी स्वस्थ रह पाएंगे, मानसिक एवं शारीरिक दोनों रूप से।
स्वस्थ भोजन के प्रकार और भाग? Types of Healthy Food in Hindi
स्वस्थ आहार की परिभाषा और फायदे जानने के बाद आपके मन में यह प्रश्न उठा होगा की स्वस्थ भोजन कौन-कौन से होते हैं या कैसे जाने की हम कितना स्वस्थ भोजन कर रहे हैं? जवाब से पहले आपको कुछ बातें और जान लेनी चाहिए ताकि आप कन्फ्यूज़ न हों।
आम तौर पर हम संतुलित आहार को तीन पहरों में खाते हैं। प्रातः लिया जाने वाला आहार ( Breakfast), दोपहर का भोजन (Lunch) और रात्रि भोजन ( Dinner).
आपको यह जानकारी होगी की दिन के अलग-अलग समयान्तारों में हमारे शरीर के रासायनिक समीकरणों में भी बदलाव होते हैं। उदा. के रूप में प्रातः उठते ही मस्तिष्क में कॉर्टिसोल नामक हार्मोन और रात्रि में मेलाटोनिन नामक हार्मोन स्रावित होता है।
ठीक उसी प्रकार हमारे पाचन के लिए जवाबदार जठराग्नि हाइड्रोक्लोरिक (HCL) और पेप्सिन की उत्पत्ति भी समय के अनुसार कम और ज्यादा मात्रा में होती है।संतुलित आहारआपको यह जानकारी होगी की दिन के अलग-अलग समयान्तारों में हमारे शरीर के रासायनिक समीकरणों में भी बदलाव होते हैं।
उदा. के रूप में प्रातः उठते ही मस्तिष्क में कॉर्टिसोल नामक हार्मोन और रात्रि में मेलाटोनिन नामक हार्मोन स्रावित होता है। ठीक उसी प्रकार हमारे पाचन के लिए जवाबदार जठराग्नि हाइड्रोक्लोरिक (HCL) और पेप्सिन की उत्पत्ति भी समय के अनुसार कम और ज्यादा मात्रा में होती है।
आप एक कहावत के माध्यम से बेहतर समझ सकते हैं। घर के बुजुर्ग अक्सर कहते पाए जाते हैं की “दिन का पहला भोजन राजकुमार के जैसे, दूसरा भोजन राजा के जैसे और तीसरा यानी रात्रि भोजन एक रंक (गरीब) के जैसे करना चाहिए।
खुद को स्वस्थ रखने के लिए आप अपने ब्रेकफास्ट को अधिक पौष्टिक बना सकते हैं और उसके बाद लंच को थोड़ा हल्का और फिर रात्रि भोजन को एकदम हल्का कर सकते हैं। स्वस्थ और संतुलित आहार को निचे तीन श्रेणियों में बाटा गया है ताकि पाठकों को समझने में आसानी हो।
स्वस्थ और संतुलित भोजन को तीन भागों में बांटा गाय है–
- ब्रेकफास्ट के लिए स्वस्थ संतुलित आहार
- लंच के लिए स्वस्थ संतुलित संतुलित आहार
- डिनर के लिए स्वस्थ सर्वश्रेष्ठ संतुलित आहार
1. प्रातः लिए स्वस्थ भोजन की थाली में क्या होना चाहिए? Health Food for Morning in Hindi
भोजन का सबसे अच्छा समय प्रातःकाल सूर्यास्त के दो घंटे बाद तक का होता है इसलिए सुबह का लिया गया संतुलित आहार शरीर के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
फल (Fruits) – प्रातः शरीर का मेटाबोलिज़म बेहद ही अच्छा रहता है इसलिए सुबह-सुबह फल खाने के अनेकों फायदे हैं। फलों में संतरे, मोसंबी, सेब, केला, पपीता, नारियल पानी तथा अन्य फल शरीर के लिए बेहद ही लाभदायक होतें है।
फलों के अंदर पर्याप्त मात्रा में विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं उदाहरण के रूप में एक केले में लगभग दो ग्राम प्रोटीन तथा लगभग 90 कैलोरी होता है जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में सक्षम होता है।
अंकुरित (Sprouts) – चने, मुंग, सिंगदाने इत्यादि को रात्रि में पानी के भिगाकर छोड़ देना चाहिए और सुबह पानी से छानकर अपने स्वादानुसार चीज़ों को मिलाकर उसका सेवन करने से शरीर की दिन भर की जरूरतें पूरी हो जाती है।
मूंग एक ऐसा अनाज है जिसमें सबसे ज्यादा प्रोटीन तथा मिनरल्स पाए जाते हैं। सौ ग्राम मूंग अंकुर में लगभग 250 कैलोरी तथा 18 ग्राम प्रोटीन होता है और साथ ही उपयोगी फैट तथा एमिनो एसिड पाया जाता है।
चने को गरीबों का बादाम कहा जाता है अर्थात जितने गुण बादाम में होते लगभग वह सारे गुण चने में भी मौजूद होते हैं इसलिए चने खाने वाले इंसान की दृष्टि, हड्डियां कभी भी कमजोर नहीं होती हैं।
दलिया (Oatmeal) – भारत में खाद्य पदार्थों में जितनी विविधताएं हैं उतनी शायद ही किसी अन्य देश में हों जहाँ गेंहू का प्रयोग ब्रेड, रोटी, बिस्कुट और अन्य चीज़ें बनाने में होता है वहीँ दूसरी ओर गेहूं का दलिया यह कुछ सबसे सर्वश्रेष्ठ भोजन में शामिल है।
गेहूं का दलिया दूध में मिलाकर एक स्वादिष्ट व्यंजन बनाया जाता है जिसे मीठा दलिया भी कहते हैं अगर आप Best Breakfast for weight loss खोज रहे हैं तो दलिया आपके लिए वरदान साबित हो सकता है।
नट्स (Nuts) – काजू, बादाम, अखरोट और पिस्ता ये तीन चीज़े विटामिन और जरुरी एमिनो एसिड्स से भरपूर होते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। आपने पहलवानों को इन सभी चीज़ों का शेक पीते जरुर देखा या सुना होगा।
यह हैवी प्रोटीन के कारण पचने में थोड़े कठिन होते हैं इसलिए पाचन के कमजोर लोगों को इनके स्थान पर हलके भोजन को करने की सलाह दी जाती है।
अंडे (Eggs) – अण्डों को कंप्लीट प्रोटीन कहा जाता है जिसमें उपयोगी प्रोटीन तथा विटामिन्स भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। जो लोग जिम जाते हैं वे अण्डों को पोस्ट वर्कआउट के रूप में ले सकते हैं। ज्यादा प्रोटीन पाने के चक्कर में कुछ लोग कच्चे अंडों का सेवन करते है लेकिन यह तरीका गलत है क्योंकि अण्डों के अन्दर खतरनाक बैक्टीरिया होने की संभावना होती है। इसलिए अंडे खाने का सबसे सुरक्षित तरीका उन्हें उबाल लेना है।
सम्पूर्ण भोजन – आप अपने पहले भोजन को अपने ब्रेकफास्ट के स्थान पर भी कर सकते हैं। हो सकता है की यह आपके दिनचर्या पर सटीक न बैठे लेकिन बड़े से बड़े वैध आपको यही सलाह देंगे की आपको अपना भोजन सुबह सूर्योदय के दो-तीन घंटों में कर लेना चाहिए।
सुबह भोजन कर लेने के फायदे यह है की सुबह जठराग्नि ज्यादा सक्रिय रहती है और किसी भी भोजन को पचाने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है। आप अपने भोजन में चोकर युक्त रोटी, दाल, चावल, सलाद, छाछ तथा हरी सब्जियां इत्यादि शामिल कर सकते हैं।
प्रातः काल में त्यागने योग्य कुछ भोजन व आहार
- अगर आपको किसी भी प्रकार की एलर्जी है तो छाछ तथा खट्टे फल को ग्रहण करने से पहले चिकित्सकों की राय जरुर लें।
- आयुर्वेद में दूध पिने का सबसे सही समय रात्रि सोने से पहले बताया गया है क्योंकि दूध में केसीन नामक तत्व पाया जाता है जिसे पचने के लिए स्थिरता तथा समय दोनों की आवश्यकता होती है और सोते वक़्त उसका प्रोटीन ऑब्जरवेशन बेहद आराम से हो जाता है।
- प्रातः किसी भी मादक द्रव्य का प्रयोग करने से परहेज करना चाहिए।
2. दोपहर के लिए स्वस्थ भोजन की थाली में क्या होना चाहिए? Healthy Food for Lunch in Hindi
जो लोग प्रातः भोजन नहीं कर पाते उन्हें सुबह के नाश्ते में फल या हलके पदार्थ लेकर दोपहर के भोजन में पौष्टिक पदार्थों को शामिल करना चाहिए। दोपहर के लिए संतुलित आहार निम्न है।
मांसाहार (Non veg) – अगर आप मांसाहार का प्रयोग करना चाहते हैं तो उसके लिए सबसे बढियां समय दोपर है। मीट में कंप्लीट प्रोटीन होता है लेकिन मांस को पचाने के लिए शाकाहार से तीन गुना ज्यादा ताक़त लगती है।
पनीर (Paneer) – पनीर यह दूध का ही एक रूप है लेकिन पनीर में दूध के मुकाबले लाभदायक तत्व ज्यादा मात्रा होते हैं जिन लोगों को कम वजन की शिकायत हो उन्हें पनीर को अपने दोपहर के भोजन में जरूर शामिल करना चाहिए। पनीर को सब्जी के रूप में प्रयोग करना यह एक सरल और स्वादिष्ट तरीका है।
100 ग्राम पनीर में लगभग 15 ग्राम प्रोटीन और अन्य तत्व होते हैं जो शरीर को जरूरी पोषण देते हैं। पनीर लाभदायक होने के साथ-साथ पचने में भारी होता है इसलिए इसे पहले भोजन के रूप में लेना सबसे बेहतर तरीका है।
टोफू (Tofu) – टोफू यह भी पनीर जैसा ही दिखता है लेकिन यह सोया-मिल्क से बनाया जाता है। सोयाबीन यह सबसे हार्ड प्रोटीन में से एक है जिसमें सभी प्रकार के प्रोटीन और विटामिन्स निहित होते हैं। टोफू को पनीर की जगह प्रयोग में लिया जा सकता है।
राजमा (Kidney beans) – यह बीन्स की श्रेणी में आने वाला द्विदलीय बीज है जिसमे पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स सन्निहित होते हैं। राजमा को उपयोग में लेने से पहले उसे कुछ घंटे पानी में डुबाकर रखना पड़ता है क्योंकि यह एक हार्ड प्रोटीन का स्त्रोत है।
राजमा की सब्जियों को भारत में बेहद पसंद किया जाता है और यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिक भी होता है।
तरबूज/खरबूजा – साधारण से दिखने वाले ये फल गर्मियों के दिनों में वरदान साबित होते हैं क्योंकि इनमे पानी की अधिकता होने के साथ-साथ जरूरी मिनरल्स भरपूर होता है। इन्हें रोज वर्कआउट के दौरान या बाद में भी ले सकते हैं।
सोयाबीन (Soybean) – सोया को दो प्रकार पहला बीज के रूप में तथा दूसरा सोयावड़ी (Soya chunks) के रूप में उपयोग में लिया जाता है। सोयाबीन के बीज से ही सोया चंक्स, सोया तेल और टोफू बनते हैं। सोयाबीन के बीज में सबसे अधिक प्रोटीन, विटामिन्स, मिनरल्स, एमिनो एसिड्स पाए जाते हैं।
सोयाबीन में फैट की मात्रा बेहद ज्यादा होती है इसलिए जो वजन कम करने के प्रयासों में हैं उन्हें बीज या टोफू की जगह चंक्स का प्रयोग करना चाहिए। सोयाबीन को सब्जी के रूप में दोपहर के भोजन में शामिल किया जा सकता है।
दालें (Pulses) – भारत में दालों की अनेक प्रजातियाँ उगाई जाती हैं जिनमें चने की दाल, अरहर की दाल और उड़द की दाल मुख्य रूप से उपयोग में लिया जाता है। अरहर तथा उड़द की दाल में प्रोटीन तथा मिनरल अधिक मात्रा में पाया जाता हैं इसलिए भारत में दालों का प्रयोग लगभग हर घरों में होता है।
सम्पूर्ण भोजन के रूप में दाल, चावल, रोटी, सब्जी, सलाद, छाछ इत्यादि स्वस्थ भोजन के रूप में एक बेहतर उपाय है जो स्वास्थ्य को बनाये रखने में मदद करता है।
3. रात्रि के लिए स्वस्थ भोजन की थाली में क्या होना चाहिए? Healthy Food for Dinner in Hindi
आपने ऊपर पढ़ा होगा की रात्रि का भोजन एक रंक यानी फ़कीर की तरह करना चाहिए। फ़क़ीर की तरह भोजन करने का आशय बेहद सादा तथा हल्का, सुपाच्य भोजन करने से है। रात्रि में हमारा पाचन तंत्र थक चुका होता है जिसके कारण पाचन के लिए जवाबदार उत्सेचकों का स्त्राव भी बेहद कम हो जाता है। निचे दिए गए स्वस्थ आहार की सूची को रात्रि के भोजन को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
हरी सब्जी (Leafy Veggies) – डिनर में जितना हो सके उतना हल्का तथा कम मसाले वाला भोजन ग्रहण करना चाहिए और रात के भोजन के रूप में हरी पत्तियों की सब्जी जैसे पालक, मेथी इत्यादि को जरुर शामिल करना चाहिए। सब्जियों को कम से कम पकाना चाहिए ताकि उसके जरुरी मिनरल्स जल कर ख़तम न हो जाएँ।
ब्राउन राइस (Brown rice) – चावल में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है इसलिए हर तीसरा चावल से परहेज करता दिखता है। लेकिन चावल में कार्ब के अलावा भी बहुत से तत्व जैसे पोटेशियम, मैग्नेशियम और फ़ोस्फोरस भी मिलते हैं जो शरीर के लिए बेहद ही जरुरी हैं। इसलिए सफ़ेद चावल के स्थान पर ब्राउन राइस एक बढियां विकल्प है।
दूध (Milk) – शाकाहार में दूध यह सबसे ज्यादा प्रोटीन तथा विटामिन के स्त्रोतों में से एक हैं लेकिन दूध को अधिक उबालने से उसके अधिकतर तत्व समाप्त हो जाते हैं। दूध को पीने का सही समय रात्रि भोजन के कम से कम दो घंटे बाद और सोने से आधे घंटे पहले माना गया है। जो वजन बढ़ाने की कोशिश में हैं उन्हें दूध में बादाम और पिस्ता को उबालकर उसे पिने चाहिए।
डिनर के लिए भी सम्पूर्ण भोजन के रूप में दाल, चावल, रोटी, सब्जी लिया जा सकता है लेकिन भोजन की मात्रा थोड़ी कम ही रखनी चाहिए।
रात्रि भोजन के रूप में त्यागने योग्य चीज़ें
रात्रि में हमारे शरीर की रासायनिक क्रिया बेहद मंद गति से चलता है इसलिए कुछ ऐसे पदार्थ हैं जिन्हें रात में खाने से परहेज़ करना चाहिये। रात्रि में निम्न भोजन को त्यागें।
- रात में खट्टे फल खाने से बचें।
- मांस तथा अण्डों का सेवन रात के भोजन में टालें।
- जंक फूड को जितना हो सके त्यागें।
- रात में छाछ पीने से बचें क्योंकि छाछ पीने का सर्वोत्तम समय दोपहर को माना गया है।
- रात में अधिक तीखा तथा गरम मसाला उपयोग करने से बचें।
स्वस्थ भोजन के साथ इन बातों का भी रखें ध्यान Important Notes for Healthy Food in Hindi
मात्र संतुलित भोजन कहा लेने से शरीर स्वस्थ नहीं हो सकता क्योंकि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कुछ अन्य बातों भी ध्यान रखना चाहिए जो निम्न हैं-
- ज्यादा गर्म तथा ज्यादा ठंडा भोजन न करें।
- प्रतिदिन कम से कम आधा घंटा व्यायाम जरुर करें।
- भोजन को धीरे-धीरे और चबा चबाकर खाएं।
- वजन कम करने के लिए कभी भी भोजन का त्याग न करें।
- रात्रि में ज्यादा देर तक न जागे और प्रातः ज्यादा देर तक न सोएं।
- भोजन के तुरंत बाद कभी न सोयें।
- शक्कर तथा नमक का प्रयोग कम करें।
- कम से कम छः घंटे की नींद जरूर लें। खाना हमेशा सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए, अत्यधिक सेवन ना करें। जरूरत से ज्यादा खाने से अनेकों समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि बदहजमी, कब्ज, मोटापा आदि। याद रखें कि भोजन केवल तभी पौष्टिक है, जब वह सीमित मात्रा में, जरूरत के अनुसार ग्रहण किया जाए, क्योंकि किसी भी चीज की अति ठीक नहीं।
- खाना सही समय पर खाना चाहिए, अर्थात सबसे सुनहरा नियम यही है कि जब भूख लगे तभी खाएं, क्योंकि भूख में हमारा पाचन तंत्र अच्छे से काम करता है अथवा हाजमा अच्छा रहता है।
- कोशिश करें कि ताजा गर्म खाना ही खाएं, यह और भी लाभप्रद है।
- फ्रिज से निकली हुई चीजों का एकदम सेवन ना करें, पहले उन्हें गर्म कर ले।
- फल हमेशा दिन के समय में खाएं, रात में ना खाएं।
- जब भोजन का सही समय हो, उसी वक्त खाए, ज्यादा देर से ना खाएं। असमय खाना खाने से भी शरीर में अनेकों बीमारियां घर कर लेती है।
- भोजन केवल पेट भरने के लिए ना खाए, अपने शरीर को शुद्ध रखने के लिए खाए।
- कोशिश करें कि केवल घर का बना खाना ही खाएं, जंक फूड या बाहर की चाट से जितना परहेज रखें, उतना अच्छा।
- खाना अच्छे से चबाकर खाएं, इससे पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है।
- टीवी देखते हुए खाना ना खाएं, इससे पता नहीं चल पाता है कि हम भोजन की कितनी मात्रा ग्रहण कर रहे हैं।
- बहुत ज्यादा गुस्से में हो तो खाना ना खाए, शांत बैठ कर स्थिर मन से भोजन करें।
- भोजन के बीच में बार बार पानी ना पिए, केवल खाने से आधा घंटा पहले और आधा घंटा बाद ही पानी पीएं, इससे खाना सही प्रकार हजम हो पाता है।
- खड़े होकर खाना ना खाए, एक जगह बैठकर खाएं।
- जो भी खाएं प्रसन्न मन से खाएं, जल कुढ़ कर नहीं। ईश्वर का धन्यवाद करते हुए खाए, कि हमारी थाली में इतना भोजन है और इस प्रार्थना के साथ के जिनके पास नहीं है, उनको दे।
निष्कर्ष Conclusion
अंत में यही कहना चाहेंगे कि संतुलित आहार (balanced diet) ही एक स्वस्थ जीवन की चाबी है, अथार्त सेहतमंद जिंदगी के लिए संतुलित आहार अत्यंत महत्वपूर्ण है। अगर हमें स्वस्थ बने रहना है, तो भोजन को केवल खाए नहीं, उसका संतुलन बनाकर ग्रहण करें।
इस लेख में आपने स्वस्थ भोजन (Healthy foods) के बारे भी आपने विस्तार से पढ़ा और भोजन करने के सही समय तथा तरीकों को जाना। आशा है आप इस लेख के मर्म को समझ गए होंगे और अपने भोजन के लिए सही क्रम निश्चित कर लिए होंगे। अगर इस लेख से आपको सरल तथा ज्ञानवर्धक जानकारी मिली हो तो इसे शेयर जरुर करें।
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