भोगी त्यौहार पर निबंध Essay on Bhogi Festival in Hindi
इस लेख में आप भोगी त्योहार पर निबंध (Essay on Bhogi Festival in Hindi) हिन्दी में पढ़ेंगे। इसमें आप भोगी क्या है, महत्व, तारीख, और कैसे मनाते हैं जैसी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
भोगी त्यौहार पर निबंध Essay on Bhogi Festival in Hindi
यह त्योहार एक पोंगल त्योहार का एक अंग है। यह पोंगल का पहला दिन होता है। इस भोगी पर्व को मुख्य रूप से तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र के लोग मनाते हैं।
भोगी क्या है? What is Bhogi in Hindi?
भोगी त्यौहार या भोगी (Bhogi), यह दिन पोंगल त्यौहार का प्रथम दिन होता है। यह दिन इंद्र देव (Lord Indra) के सम्मान और पूजा के लिए होता है।
इंद्र देव को बादलों और वर्षा का देवता माना जाता है। इस दिन इंद्र देव की पूजा फसल की प्रचुरता या अधिक फसल पाने के लिए किया जाता है। किसान खास रूप से इस दिन को उत्साह से मनाते हैं।
लोगों का मानना होता है की इस दिन इंद्र देव की पूजा करके उन्हें प्रसन्न करने से वो फसल के अनुसार समय पर बारिश कराएंगे और सबको कृषि के क्षेत्र में लाभ होगा।
इंद्र की अराधना करने के कारण इस दिन को इन्द्रन (Indran) भी कहा जाता है। यह त्यौहार मकर संक्रांति के साथ ही मनाया जाता है। कुछ राज्यों में इस पर्व को पेड्डा पांडुग (Pedda Panduga) के नाम से भी मनाया जाता है।
भोगी त्योहार कब है? When is the Bhogi Festival in Hindi? 2023
सात 2023 में भोगी त्यौहार, 14 जनवरी, शनिवार दिन मनाया जाएगा।
भोगी त्योहार का महत्व Importance of Bhogi Festival in Hindi
भोगी त्योहार का महत्व किसानों के लिए बहुत ही ज्यादा होता है। सभी किसान अच्छी फसल के लिए इंद्र देव की पूजा करते हैं।
उनका मानना है ऐसा करने से इंद्र देव प्रसन्न होंगे और सही-समय में वर्षा कराएंगे जिससे उनकी फसलें अच्छी होंगी। भोगी त्योहार का सभी लोगों को बहुत ही बेसब्री से इन्तेज़ार रहता है।
लोग भोगी त्योहार कैसे मानते हैं? How Bhogi is Celebrated in Hindi?
भोगी त्यौहार (Bhogi Festival) के दिन सभी लोग अपने घरों की अच्छे से साफ़ सफाई करते हैं और घर को सुन्दर से सजाते हैं। इस दिन से पोंगल त्यौहार का शुरुवात होता है और लोग सुंदर नए कपड़े पहनते हैं।
कोलम Kolam
सभी गरीब से लेकर आमिर व्यक्ति अपने घरों के फर्श को अच्छे से धोते हैं और घरों की पुताई भी करते हैं। घर की सफाई के साथ-साथ घरों के फर्श में लोग “कोलम” बना कर सजाते हैं जो नए चावल के पेस्ट से बनाया जाता है।
उन कोलम के बीचों बिच गाय के गोबर का गोला बना कर उनमें कद्दू के फूलों को सजाते हैं। इस दिन को मनाने के लिए किसान लोग अपने नए चावल, हल्दी और गन्ने को खेतों से घर लेकर आते हैं।
सूर्य देव की पूजा Surya Dev Prayer
फसल की कटाई से पहले एक अलग और महत्वपूर्ण पूजा की जाती है। इसमें किसान सूर्य भगवान् की पूजा करते हैं और चंदन के साथ अपने हल और हंसिया का अभिषेक करते हैं।
होलिका Holika
शाम के समय सभी लोग पंजाब के लोहड़ी त्यौहार के जैसे – होलिका जलाते हैं और उसमें लकड़ी से कुछ बने चीजें और गाय के गोबर से बने उफ्लों को भी जलाते हैं।
तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र में इस दिन लडकियां अपने पुराने कपड़ों को होलिका में जला देती हैं और नए कपड़ों को नहाने और तेल लगाने के बाद पहनती हैं।
पोंगल पनाइ Pongal Panai
पोंगल पनाइ नाम का एक रिती या धर्म क्रिया भी मनाया जाता है जिसमें मिटटी के मटकों को रंग किया जाता है और सुन्दर कलाकृति की जाती है। भोगी के उत्सव के बाद एक-एक करके पोंगल का उत्सव भी शुरू हो जाता है।
निष्कर्ष Conclusion
भोगी त्योहार ना सिर्फ तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र के किसानों का एक फसल है बल्कि यह इन राज्यों का सबसे प्रमुख त्योहार का हिस्सा है। आशा करते हैं इस लेख से भोगी त्योहार (Bhogi Festival) के विषय में पूरी जानकारी मिली होगी।
ye kis tarikh ko manaya jata he ye bhi likhe hote to jyada aasan hota samajhne me