जैव विविधता पर निबंध Essay on Biodiversity in Hindi

इस लेख में हिन्दी में जैव विविधता पर निबंध (Biodiversity Essay in Hindi) लिखा गया है। 

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जैव विविधता पर निबंध Essay on Biodiversity in Hindi

इसमें जैव विविधता का अर्थ, महत्व, जैव विविधता के 3 स्तर, जैव विविधता के संरक्षण और इसकी भूमिका इत्यादि के विषय में चर्चा किया गया है।

जैव विविधता क्या है? What is Biodiversity in Hindi?

विभिन्न पहलुओं को मिलाकर पृथ्वी पर जीवन संभव हो पाया है, उनमें जैव विविधता भी एक महत्वपूर्ण कारण है। जैव विविधता पृथ्वी पर जीवन की विविधताओं व समृद्धि के विषय में बताता है। 

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अनुसंधान के मुताबिक जैव विविधता पृथ्वी पर उपस्थित समस्त प्रजातियां और अनुवांशिक पारिस्थितिकी तंत्र का मापदंडन करती हैं। 

दूसरे शब्दों में कहा जाए तो विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में निवास करने वाले विभिन्न जीवों के आंकड़े और उनकी प्रजातियों में विविधता को जैव विविधता कहा जाता है। पूरे सौरमंडल में पृथ्वी को एक अलग पहचान देने में इसकी प्रमुख विशेषता रही है।

प्राकृतिक चक्र को उचित ढंग से कार्य करने में जैव विविधता का सबसे बड़ा योगदान होता है। इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। 

यह एक तरह का ऐसा प्राकृतिक संसाधन है, जो जीवन जीने के लिए अनिवार्य होता है। यदि जैव विविधता की कड़ी डगमगा जाती है, तब पृथ्वी पर विनाश जैसी परिस्थितियां प्रकट होने लगती हैं। 

इसके साथ ही हजारों तरह की प्रजातियां विलुप्त होना शुरू हो जाती हैं। आज हम एक ऐसे दौर में जी रहे हैं, जहां प्राकृतिक चक्र में दखल अंदाज करने की वजह से इसका भीषण परिणाम हमें साफ दिखाई दे रहा है।

जैव विविधता के जनक कौन हैं? Who is the Father of Biodiversity?

विश्व विख्यात हार्वर्ड विश्वविद्यालय के महान जीवविज्ञानी लोगों में से ईओ विल्सन (EO Wilson) को जैव विविधता का जनक कहा जाता है। वे एक प्रसिद्ध खोजकर्ता थे, जिन्हें उनके बेमिसाल कार्यों के लिए पुलित्जर पुरस्कार और अन्य कई सम्मान दिए जा चुके हैं।

जैव विविधता का महत्व Importance of Biodiversity in Hindi

पाषाण काल से ही जैव विविधता ने समस्त मानव समुदाय को और विभिन्न संस्कृतियों को फलित होने में बेहद बड़ा योगदान दिया है। आज विश्व जिस भी परिस्थिति में है, वह जैव विविधता का ही परिणाम है, यह कहना बिल्कुल उचित रहेगा।

वैसे तो जैव विविधता के अनगिनत महत्व और विशेषताएं हैं, किंतु कई अधिकारिक अनुसंधान के अनुसार पारिस्थितिक वैज्ञानिक तथा आर्थिक प्रकार की विशेषताएं बेहद खास मायने रखती हैं।

पारिस्थितिकीय महत्त्व

यह तो सभी जानते हैं कि प्रत्येक क्रिया के पीछे प्रतिक्रिया अवश्य रहती है। कोई भी घटना या क्रिया स्वयं नहीं हो सकती। पारितंत्र में सभी जीवों का विकास एक दूसरे से कड़ी की तरह जुड़ा हुआ है। 

यहां उपस्थित प्रत्येक जीव जिंदा रहने के लिए दूसरे जीवो पर निर्भर रहता है। अर्थात पोषक तत्वों के चक्र के कारण ऊर्जा का संचालन स्वयं होता जाता है।

वायुमंडलीय गैसों को स्थिरता प्रदान करने में भी जैव  विविधता का बड़ा योगदान है। वायुमंडल में जीवन को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण गैसों की उपस्थिति बनी रहे इसके लिए पारिस्थितिकी भूमिका अदा करता है।

अध्ययनों के अनुसार पृथ्वी पर जितनी अधिक जैवविविधता विकसित होगी उतना ही यहां रहने अथवा जीवन की संभावना बनी रहेगी। 

यदि किसी भी तरह से इन विविधताओं को थोड़ी भी क्षति पहुंचती है, तो पूरा पारिस्थितिकी तंत्र नष्ट हो सकता है। इसके अलावा पर्यावरण में होने वाले सभी तरह के बदलावों को एक सरखा बनाए रखने में भी यह आवश्यक हो जाता है।

वैज्ञानिक महत्व 

जैव विविधता के महत्व को उचित ढंग से समझने के लिए हमें इसके वैज्ञानिक तर्क को समझना होगा। हमारे जीवन को बनाए रखने में दूसरी प्रजातियों का क्या योगदान है।  

वह किस तरह से अन्य प्रजातियों के विकास में सहायता करती हैं, यह सर्वप्रथम समझना होगा। हम जानते हैं कि पृथ्वी पर इंसानों का ही राज चलता है, लेकिन उनके अधिकारों का दुरुपयोग करने के कारण परिणाम यह निकला है कि बहुत सारी ऐसी प्रजातियां हैं, जो विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई हैं। 

जैव विविधता हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसके लिए हमें इसके महत्व को समझते हुए विवेक पूर्वक इसका प्रयोग करना चाहिए। 

यदि मानव इसी तरह प्रकृति चक्र में दखल अंदाज करता रहेगा, तो अब तक हमने जैव विविधता के परिणाम स्वरूप जो कुछ भी हासिल किया है वह सब एक प्रकृति के बदलाव के साथ नष्ट हो जाएगा।

आर्थिक महत्व

प्रकृति ने हमें जीने के लिए बहुत कुछ दिया है। देखा जाए तो यह किसी खजाने के भंडार से कम नहीं है। दैनिक जीवन स्थिर ढंग से चलाने के लिए भी यह महत्वपूर्ण है। 

हम भोजन के लिए प्राकृतिक संसाधनों अथवा कृषि पर निर्भर रहते हैं। प्राचीन काल से ही इन्हीं प्राकृतिक संसाधनों की सहायता से विभिन्न प्रकार की औषधियां, खाद्य पदार्थ और न जाने कितने तरह के वस्तुएं बनाए जाते रहे हैं। 

इन विभिन्न भेटों का उपयोग करने के साथ ही हमने जैव विविधता के परिणाम स्वरूप प्राप्त सभी चीजों का व्यापारिकरण करना प्रारंभ कर दिया। 

आज के समय में करोड़ों लोग अपनी आजीविका चलाने के लिए प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर हैं। यह जैव विविधता का आर्थिक महत्व को प्रकट करता है।

जैव विविधता के 3 स्तर 3 Levels of Biodiversity in Hindi

1. अनुवांशिक जैव विविधता

समस्त मानव समुदाय को वैज्ञानिक भाषा में ‘होमोसेपियन’ प्रजाति कहा जाता है, क्योंकि अनुवांशिक विविधता के अनुरूप सभी इंसानों का दिखावटी शारीरिक संरचना, कद, रंग इत्यादि बेहद विभिन्न होते हैं। 

इसी प्रकार एक जैसे भौतिक गुणों वाले जीवो के कुल समूह को अलग प्रजातियों में रखा जाता है। इस तरह करोड़ों प्रजातियां पृथ्वी पर निवास करती हैं। 

हम जानते हैं कि किसी भी जीव के निर्मित होने में जीन एक महत्वपूर्ण इकाई है तथा अनुवांशिक रूप से सभी प्राणियों में विभिन्न जीन पाए जाते हैं, जो जैव विविधता को दर्शाता है।

2. प्रजातीय जैव विविधता

यह प्रजातियों की विशेष संख्या के विषय में बताता है। ऐसे प्रजातियों को समृद्ध और सुरक्षित माना जाता है, जिनकी अधिकता रहती है। जो प्रजातियां संख्या में दिन-ब-दिन घट जाते हैं, वह विलुप्त होने वाले प्राणियों के दर्जे में डाल दिए जाते हैं। 

भौगोलिक रूप से जिन निश्चित इलाकों में प्रजातियों की अधिक संख्या होती है, वह विविधता को प्रदर्शित करते हुए हॉटस्पॉट की सूची में डाल दिए जाते हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो यह विभिन्नता को प्रदर्शित करने वाले प्रजातीय जैव विविधता को निर्धारित करता है।

2. पारितंत्रीय जैव विविधता

पारितंत्रीय जैव विविधता को सीमित करके एक परिभाषा में समझाना बहुत कठिन है। पारितंत्रीय की सीमाओं और विभिन्न तरह की प्रजातियां के बीच की कोई निश्चित सीमा ना होने के कारण इसे संदर्भित करना थोड़ा मुश्किल है। 

इनके व्यापक विभिन्नताओं तथा अलग-अलग प्रकार के पारितंत्रीय की आवासों व क्रियाओं में बहुत अधिक विभिन्नता देखी जाती है।

जैव विविधता के संरक्षण Conservation of Biodiversity in Hindi

लोगों में जागरूकता

जीवो और प्रकृति की मैत्री हजारों साल से चली आ रही है। लेकिन आधुनिक समय में कुछ ऐसी विकास के नाम पर गतिविधियां अपनाई जा रही हैं, जिनसे प्रकृति और हमारा संबंध बिगड़ने के कगार पर है। 

हमें समझना होगा यदि जैव विविधता का अस्तित्व रहेगा, तभी हम जीवित रह पाएंगे। लोगों को इस विषय में जागरूक करने की बहुत जरूरत है, जिससे जैव विविधता को संरक्षण प्राप्त हो सके।

स्थानीय स्तरों पर संस्थाओं का विकास

जैव विविधता के संरक्षण में प्रत्येक व्यक्ति को उसका भागीदार बनना पड़ेगा, तभी हम साथ मिलकर इस समस्या का हल ढूंढ सकेंगे। 

इसके लिए स्थानीय क्षेत्रों में संस्थाओं को स्थापित करके लोगों में निरंतर पर्यावरण के संदर्भ में जागृति संचालन होता रहेगा।

शिक्षा के पाठ्यक्रमों में जानकारी

आज के बच्चे व युवा पीढ़ी ही कल का भविष्य हैं। प्रारंभिक स्तर पर जो भी शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षाएं दी जाती हैं, उनमें अनिवार्य रूप से जैव विविधता के संरक्षण के बारे जानकारी प्रदान करना चाहिए। 

पाठ्यक्रम में ही नहीं बल्कि व्यक्तिगत रूप से क्रियाकलापों में भी जैव विविधता के महत्व का संदेश सभी तक पहुंचाना चाहिए।

प्रभावी योजनाएं

देश के विकास के लिए तो ढेरों योजनाएं प्रतिदिन तैयार की जाती हैं, लेकिन मानव अस्तित्व के लिए यह सबसे आवश्यक है की सरकारें जैव विविधताओं के संरक्षण में प्रभावकारी योजनाओं का निर्माण भी करें। 

यदि इन योजनाओं को सभी लोगों का समर्थन प्राप्त हो जाता है, तो इससे जैव विविधता के संरक्षण में काफी सहायता मिल जाएगी।

कड़े नियम कानून

आज किस गति से लोग अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति का अंधाधुन शोषण कर रहे हैं यह तो सभी जानते हैं। अन्य अपराधों की तरह प्रकृति का दोहन करने वाले अपराधियों के लिए भी सरकार को कड़े नियम कानून बनाने चाहिए, जिससे जैव विविधता की सुरक्षा हो सके।

अभयारण्य/राष्ट्रीय उद्यान का विकास  

ऐसे सुरक्षित स्थानों का विकास करना बेहद महत्वपूर्ण है, जहां विभिन्न प्रजातियां सुरक्षित रूप से निवास कर सके। हमें अपने देश में विभिन्न राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य की संख्या में बढ़ोतरी करने के लिए ध्यान देना चाहिए।

प्रजातियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना

अवैध रूप से विभिन्न प्रजातियों के व्यापार के कारण आज कई तरह के जीव विलुप्त होने की कगार पर है। हमें ऐसे नियमों की सख्त आवश्यकता है, जो विभिन्न प्रजातियां और लुप्त होने वाले अन्य जीवो की सुरक्षा का जिम्मा उठा सके।

जंगलों का विस्तार

जिस गति से हम विकास कर रहे हैं, उसका अंदाजा जंगलों की घटती संख्याओं से लगाया जा सकता है। तमाम प्रकार के वृक्षों की अवैध तस्करी और जंगलों को बिना किसी सरकारी प्रमाण के अनुचित ढंग से इस्तेमाल करने वाले लोगों के विरुद्ध कार्यवाही करनी चाहिए।

हमें चाहिए की अब जितने भी जंगल शेष हैं, उनकी संख्या में बढ़ोतरी हो ना कि वे एक-एक करके कम होते जाएं।

जैव विविधता की भूमिका Role of Biodiversity in Hindi

  • पारिस्थितिकी तंत्र को संचालित करने में यह सबसे प्रमुख होता है।
  • पृथ्वी पर संतुलन बनाकर जीवन संभव होने का श्रेय जैव विविधता को भी जाता है। यदि इसे थोड़ी भी क्षति पहुंचेगी, तो समस्त जीवो के अस्तित्व पर ही संकट आ सकता है
  • हमारी पृथ्वी को वायुमंडल में सबसे खूबसूरत ग्रह कहा जाता है, क्योंकि यहां पर जैव विविधता है। करीब 300000 से भी ज्यादा वनस्पति और प्रजातियों के विभिन्नताओं के कारण हमारा ग्रह इतना खूबसूरत दिखाता है। इसलिए प्रकृति के सौंदर्यता में भी जैव  विविधता अपनी भूमिका अदा करता है।
  • भारतीय संस्कृति में जैव  विविधताओं के महत्व को संदर्भित किया गया है। हमारी संस्कृति केवल प्रकृति के कारण जीवित ही नहीं बल्कि समस्त जैव विविधताओं के प्रति सम्मान और आभार की भावना रखती है। इसीलिए धार्मिक दृष्टि से भी जैव विविधता हमारे लिए बहुत जरूरी है।
  • तमाम प्रकार के प्राणियों के जरिए इसके अलावा कृषि के उत्पादन से हमें जो आर्थिक लाभ प्राप्त होता है, वह भी जैव विविधता के कारण ही संभव हो पाता है। औद्योगिक और सामाजिक दोनों ही दृष्टि से यह हमारे लिए बहुत जरूरी है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने जैव विविधता पर निबंध (Essay on Biodiversity in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको जानकारी से भरपूर लगा होगा। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें।

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