प्रतिभा पलायन पर निबंध Essay on Brain Drain in Hindi
प्रतिभा पलायन पर निबंध Essay on Brain Drain in Hindi (Talent Transfer in Hindi)
प्रतिभा पलायन- इन शब्दों का आप क्या अर्थ निकाल सकते हैं। क्या गूंजता है मस्तिष्क में जब इन शब्दों को सुनते हैं ? क्या प्रतिभा भी पलायन कर सकती है ?
या प्रतिभा, किसी भी प्रकार की प्रतिभा किसी एक देश, क्षेत्र, या राज्य से बंधी होती है। क्या ऐसा होना मुमकिन है, प्रतिभा का किसी एक स्थान से बंध के रहना या उसकी जागीर होना।
प्रतिभा पलायन पर निबंध Essay on Brain Drain in Hindi (Talent Transfer in Hindi)
प्रतिभा पलायन- इन शब्दों का आप क्या अर्थ निकाल सकते हैं। क्या गूंजता है मस्तिष्क में जब इन शब्दों को सुनते हैं ? क्या प्रतिभा भी पलायन कर सकती है ? या प्रतिभा, किसी भी प्रकार की प्रतिभा किसी एक देश, क्षेत्र, या राज्य से बंधी होती है। क्या ऐसा होना मुमकिन है, प्रतिभा का किसी एक स्थान से बंध के रहना या उसकी जागीर होना।
प्रतिभा पलायन, जिसे अंग्रेजी में ब्रेन ड्रेन भी कहा जाता है, कि परिभाषा है – उच्च शिक्षित एवं प्रशिक्षित मनुष्यों का एक स्थान (देश, क्षेत्र, राज्य, कंपनी) से दूसरे स्थान पर उपवास करना। अर्थात कम विकसित क्षेत्रों से ज्यादा विकसित क्षेत्रों की ओर कुशल व्यक्तियों की आवाजाही।
प्रतिभा पलायन के कारणवश कई देश, राज्य आदि अपने प्रतिभाशाली एवं शिक्षित श्रमिकों को खो देता है। देश अपने बहुमूल्य पेशेवर खो बैठते हैं, पेशेवर जैसे के डॉक्टर, साइंटिस्ट, इंजीनियर अथवा वित्तीय पेशेवर जब उतप्रवास करते हैं, तो दो बड़े प्रभाव सामने आते हैं – विशेषज्ञता खो जाती है, जिसके उपरांत किसी एक व्यवसाय की आपूर्ति में कमी आ जाती है। ब्रेन ड्रेन शब्द का इस्तेमाल पहली बार 1960 में किया गया।
शिक्षित व्यक्तियों का प्रस्थान ज्यादातर अच्छे वेतन, बेहतर रहने की स्थितियां, जीवन की गुणवत्ता, उन्नत प्रौद्योगिकी एवं अच्छी राजनीतिक स्थितियों की खोज के कारण होता है। प्रतिभा पलायन को मानव पूंजी की उड़ान भी कहा जाता है और यह कई स्तर पर होता है अथवा इसके कई प्रकार हैं -:
भौगोलिक प्रतिभा पलायन Geographic brain drain
एक देश, राज्य, क्षेत्र से दूसरे देश, राज्य, क्षेत्र में प्रतिभाशाली पेशेवरों का पलायन।
संगठनात्मक प्रतिभा पलायन Organizational brain drain
प्रशिक्षित पेशेवरों का एक संगठन से दूसरे संगठन में प्रस्थान, जिसका कारण हो सकता है पूर्व संगठन की अस्थिरता तथा अवसरों की कमी।
औद्योगिक प्रतिभा पलायन Industrial brain drain
एक उद्योग से दूसरे उद्योग की और कुशल श्रमिकों का प्रस्थान।
व्यक्तिगत वरीयता, पारिवारिक दबाव, कैरियर महत्वकाक्षाऐं, अवसरों की कमी, राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक मंदी, स्वास्थ्य को जोखिम, कम वेतन : यही सब बिंदु मुख्यतः प्रस्थान का कारण बनते हैं। मानव पूंजी की उड़ान प्राप्त देशों के लिए ‘ब्रेन गेन’ होता है क्योंकि वह लाभ में है जबकि आवासीय देश मुख्यतः हानी में होते हैं, इसलिए ‘ब्रेन ड्रेन’ शब्द दिया गया।
एक सबसे अहम उदाहरण होगा अल्बर्ट आइंस्टीन का, जो कि एक मशहूर सिद्धांतिक भौतिक विज्ञानी रहे हैं, आइंस्टीन ने अमेरिका की ओर प्रस्थान किया था ताकि वह नाज़ी उत्पीड़न से बच सकें। सन 2000 में किए गए एक सर्वे के अनुसार लगभग 175 मिलियन लोग (दुनिया की 2.9% आबादी) अपने आवासीय देश से बाहर रहते हैं, जिनमें से 65 मिलियन लोग आर्थिक रूप से स्वतंत्र हैं। अंतरराष्ट्रीय प्रवास 1940 के दशक में पहली बार चिंता का कारण बना जब हजारों लाखों यूरोपीय पेशेवरों ने अपना घर छोड़कर इंग्लैंड तथा अमेरिका की ओर प्रस्थान किया। 1970 में हुए एक शोध के अनुसार W.H.O. ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें मुख्य रूप से प्रतिभा पलायन का बहाव दर्शाया गया था, रिपोर्ट के अनुसार 90% प्रवासी 5 देशों की ओर पलायन कर रहे थे, यह देश थे – ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, इंग्लैंड, अमेरिका तथा दाता देशों में सबसे अधिक एशियाई देश थे – भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, चाइना, आदि।
प्रशिक्षित, उच्च शिक्षित पेशेवर अथवा श्रमिक अपना देश क्यों छोड़ना चाहेंगे ? क्या उन्हें अपनी मिट्टी से प्रेम नहीं है ? अपनी जमीन छोड़ चले जाने से भावनाएं आहत नहीं होती होंगी ? क्या हम प्रवासी की भावनाओं को कभी समझ भी पाएंगे या नहीं ?
क्या परिणाम होते हैं उत्प्रवास के, क्या वाकई जीवन की गुणवत्ता बढ़े हुए वेतन से बढ़ जाती है ? प्रवासी अपना देश तो छोड़ जाता है पर उससे जुड़ी यादें जीवनभर जीवित ही रहती हैं। सरकार प्रतिभा पलायन को रोकने के लिए क्या प्रयास कर सकती है ? काफी सवाल है, और हर व्यक्ति के अनुसार अनगिनत जवाब।
प्रतिभा पलायन के कारण Reasons of Brain Drain in Hindi
प्रतिभा पलायन होने के सबसे बड़े कारण है -:
- हाल के वर्षों में कुछ चोटी के भारतीय विश्वविद्यालयों के कटऑफ अंक 100% के करीब तक पहुंचे, जिससे के काफी छात्रों को बहुत अच्छे अंक होने के बावजूद दाखिला लेने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं दूसरी ओर विदेशों में छात्रों को पढ़ाई के अवसर मिले और छात्रों ने मौके को बिल्कुल नहीं गंवाया क्योंकि, शिक्षा प्रणाली हमारे यहां ज्यादा कठोर है, कारणवश भारतीय छात्र आमतौर पर औरों से बेहतर ही माने जाते हैं इसलिए बाहरी विश्वविद्यालयों में इतनी दिक्कतें सामने नहीं आती।
- उच्च शिक्षित पेशेवर भी उच्च अनुसंधान के लिए विदेश जाना ही पसंद करते हैं, कारण है भारत में संसाधनों और सुविधाओं का अभाव। प्रवासियों की पहली पसंद अमेरिका तथा इंग्लैंड है।
- ज्यादातर विदेशों में पढ़ें छात्र वही रहना पसंद करते हैं, क्योंकि विदेशों मे काम की बेहतर सुविधाओं के साथ-साथ अच्छा वेतन भी उपलब्ध है।
- अच्छे वैश्विक अवसर एवं जीवन और सुविधाओं की उच्च गुणवत्ता प्रवासियों को हमेशा से ही विदेशों की ओर खींचती है। पिछले कुछ वर्षों में, भारत युवा व प्रशिक्षित पेशेवरों के मामले में प्रमुख आपूर्तिकर्ता के रूप में उभर कर आया है। आज से 20 वर्ष पहले ज्यादातर लोग अमेरिका, इंग्लैंड या यूरोप ही जाना पसंद करते थे, पर अब ज्यादा से ज्यादा पेशेवर पोलैंड, फ्रांस, आयरलैंड, स्वीडन जैसे देशों की ओर भी रुख कर रहे हैं।
- उच्च एवं उत्तम शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत भी भारतीय कंपनियां कुछ खास वेतन अथवा संसाधन पेश नहीं करती, जिसके कारण काबिल पेशेवर विदेशों की ओर प्रस्थान करते हैं।
प्रतिभा पलायन के लाभ और हानि Advantages Disadvantages of Brain Drain
प्रतिभा पलायन के अपने कुछ लाभ अथवा हानी भी है।
लाभ Advantages
- प्रवासियों द्वारा भेजी गई धनराशि से उनके घरों के हालात सुधरे हैं एवं जीवन शैली बेहतर हुई है।
- प्रतिभा पलायन के चुनिंदा फायदे – कम बाल श्रम, बच्चों की स्कूली शिक्षा में बढ़त, स्वरोजगार की उच्च दर, पूंजी प्रधान उद्दम का आरंभ।
- अधिकतर व्यक्ति आर्थिक रूप से विकसित हुए हैं।
- पेशेवरों पर ज्यादा अवसरों की बारिश।
- पेशेवरों को वृतिक कौशल में बढ़ोतरी लाने की सुविधाएं मिली है।
- व्यक्तियों को व्यवसायिकता के बेहतर अवसर मिले हैं, जिसके कारण जीवन के उच्च मानक प्राप्त हुए हैं।
हानी Disadvantages
- जब एक उच्च शिक्षित और अशिक्षित व्यक्ति अच्छे अवसरों की तलाश में भारत छोड़कर विदेशों में पलायन करता है, तब हमारा देश अपनी सबसे महत्वपूर्ण संपत्ति व मुख्य पूंजी को खो देता है।
- विदेशों की ओर प्रस्थान करने के कारण स्वदेश की सामाजिक पूंजी में भी गिरावट आती है।
- प्रतिभा पलायन के कारण स्वदेश में शिक्षित पेशेवरों, प्रशिक्षित व्यक्तियों, सक्षम लोगों का अभाव एक चिंताजनक विषय है।
- प्रशिक्षित पेशेवरों की भारी मात्रा में कमी।
- प्रतिभा पलायन की भारी दर के कारण स्वदेश स्वयं अविकसित रह जाते हैं।
- अधिकतर प्रस्थान के कारण स्वदेश के आर्थिक कारकों में भी भारी गिरावट देखने को मिली है।
निष्कर्ष Conclusion
प्रतिभा पलायन एक चिंताजनक विषय है, और अगर नजर अंदाज किया गया तो शायद परिणाम अच्छे ना हो। भारत सरकार को प्रतिभा पलायन जैसे मुद्दे के लिए सख्त कदम उठाने ही होंगे। देश की प्रतिभा अगर देश में ही रहकर देश के हित में काम करें तो यही सबसे बेहतर होगा, इसी प्रकार हम पूर्ण रूप से अपना सामाजिक विकास कर पाएंगे।
प्रतिभा पलायन से पारिवारिक संबंधों पर भी नकारात्मक प्रभाव पङता है।