हाथी पर निबंध Essay on Elephant in Hindi
इस लेख में हाथी पर निबंध Essay on Elephant in Hindi दिया गया है। हाथी पर निबंध कक्षा 3 से 9 तक परीक्षाओं में विभिन्न रूपों से पूछा जाता है। इस लेख में दिया गया निबंध बेहद सरल है जिसे कोई भी विद्यार्थी आसानी से लिख सकता है।
हाथी पर निबंध Essay on Elephant in Hindi (900 Words)
पृथ्वी पर जीव-जंतुओं की करोड़ों प्रजातियाँ रहती हैं कुछ आकार में बहुत ही बड़े हैं और कुछ आकार में अत्यंत ही छोटे हैं। धरती पर लगभग 15 लाख से भी अधिक सिर्फ पशु-पक्षियों की प्रजातियाँ निवास करतीं हैं तथा साठ लाख से भी ज्यादा जमीन पर चलने वाले जीव रहते हैं।
जमीन पर चलने वाले सबसे विशाल जानवरों में हाथी भी शामिल है। हाथी अपने विशाल आकार तथा शक्ति के लिए जाना जाता है। हाथी यह बेहद शांत और संवेदनशील प्राणी माना जाता है तथा यह जंगलों में निवास करता है।
हाथी को प्रशिक्षण देकर चिड़िया घर में भी रखा जाता है। इसके अलावा हाथी को सर्कस में देखा जा सकता है। हाथी में सहनशीलता तथा प्रेम की भावना होती है, जिससे इसे भावनात्मक प्राणी भी कहते हैं इसलिए इसे इंसानों के साथ रहने और जीवन जीने में कोई दिक्कत नहीं होती।
पर जब इस भावनात्मक जीव को मात्र अपनी स्वार्थ-लालसा की पूर्ति के लिए उपयोग में लिया जाता है तो इस शांत तथा भावनात्मक जीव को दुःख होता है।
साल 2013 एशिया में लगभग पचास हज़ार हाथी थे जिसमें लगभग अट्ठाईस हज़ार हाथी भारत में रहते थे लेकिन हाल के आकड़ों के अनुसार अब हाथियों की संख्या बेहद कम हो चुकी है।
हाथियों के प्रकार Types of Elephant
हाथी की प्रजातियों को मुख्यतः दो भागों में बाटा जाता है पहला अफ्रीकी हाथी और दूसरा एशियाई हाथी। अफ्रीकी हाथी एशियाई हाथी की तुलना में कद में काफी बड़े और विशाल होते हैं।
अफ्रीकी हाथियों की बनावट एशियाई हाथियों की तुलना में थोड़ा अलग होता है। आफ्रीकी हाथियों के झुर्रीदार स्लेटी त्वचा के साथ दो लम्बे और नुकीले दांत होते हैं। इनकी सुढ़ थोड़ी लम्बी तथा दो छिद्रों वाली होती है।
जबकि एशियाई हाथियों की पीठ निकली होती है और सुढ़ के अंत में केवल एक ही छिद्र होता है। हाथी आमतौर पर स्लेटी रंग के होते हैं, लेकिन दुनिया में कुछ सफ़ेद रंग के भी हाथी भी पाए जाते है।
पर सफ़ेद हाथी बहुत ही कम दीखते हैं। सफ़ेद हाथी ख़ासकर थाईलैंड में देखे जा सकते हैं। सफ़ेद रंग का हाथी सभी हाथी के प्रजातियों में से सबसे दुर्लभ माना जाता है।
हाथियों के खान-पान What do Elephants Eat?
हाथी एक शाकाहारी प्राणी है। इसके मूल आहार में घास-चारा, फल, हरी टहनियाँ शामिल है। एक हाथी हर रोज 350-400 किलो चारा और अन्य भोजन खाता है। हाथी के चारे में 100 किलोग्राम हरा 150 किलो सूखा चारा दिया जाता है।
यह जंगलों में रहकर हरी-भरी सब्ज़ियाँ, फल और टहनिया आदि का सेवन करते हैं। हाथी को मीठे फल तथा फ़सल जैसे – गन्ना, केला, धान तथा अन्य फ़सलें बहुत ज्यादा प्रिय होतीं हैं ।
आज के समय लोग इसे पालतू बनाकर सर्कस का खेल भी दिखाते है। एक जगह से दूसरे जगह भारी सामान को पहुँचाने के लिए भी हाथी की सहायता ली जाती है, जिससे दुर्गम स्थानों में सामान के साथ आवागमन बहुत ही सहज हो जाता है।
हाथी का उपयोगिता Elephant Utility
हाथी के शक्ति तथा विशालता के कारण इसे तरह-तरह से उपयोग में लिए जाता है, आज कल हाथी बेहद कम दिखाई देते हैं लेकिन जंगली क्षेत्रों में निवास करने वाले लोग आज भी हाथी को अपने साथ रखते हैं तथा इससे काम लेते हैं, पुराने समय में राजा माहाराजा इसे युद्ध में भी इस्तेमाल करते थे।
हाथी इतना शक्तिशाली होता है की जंगल का राजा शेर भी इससे सीधे टकराने से कतराता है। जो हाथी के उपर बैठ कर हाथी को नियंत्रित करता है उसे महावत कहते है।
हाथी अपने जीवन में तरह तरह से इंसानों की मदद तो करता ही है पर मरने के बाद भी अपनी हड्डियों तथा दांतो से इंसान की मदद करता है। हाथी की हड्डियाँ और दांत बहुत मूल्यवान होते हैं जिनका प्रयोग चाकू, ब्रश, हेंडल, कंघी, अन्य फैंसी वस्तुओं को बनाने में किया जाता हैं।
हाथियों पर होते अत्याचार Torture on Elephants
प्राचीन भारतीय संस्कृति में जानवरों को विशेष दर्जा दिया जाता था तथा कुछ जानवर जैसे हाथी को देवता की सवारी के रूप में पूजा जाता था लेकिन आज हाथी को बहुत ही दयनीय स्थिति में रखा जाता है इंसान दयाविहीन होकर हाथियों को मार डालते हैं तथा उनके दांत, हड्डियों तथा चमड़ों का व्यापार करते हैं।
आज शहरीकरण के कारण वनों तथा छोटे बड़े वृक्षों को बेझिझक काटा जा रहा है जिसके जंगली जानवर भी नष्ट हो रहें हैं। जंगली जानवर भूख तथा पानी की के खोज में इंसानी बस्ती में चले जाते हैं जिससे लोगों में भय का माहौल हो जाता है परिणाम स्वरूप जानवरों की हत्या हो जाती है।
सन 2020 में ही केरल की एक घटना सामने आई जहां एक गर्भवती हथीनी को पटाखे खिलाकर उसकी हत्या कर दी गई थी। आज हाथियों कि आबादी कम होती चली जा रही है जिसका मुख्य कारण इंसानों के निजी स्वार्थ ही है।
प्रकृति के संतुलन चक्र में हाथियों का प्रमुख योगदान होता है इसलिए हाथियों कि सुरक्षा किया जाना अति आवश्यक है। हाथी हमेशा से ही इंसानों से वफादार रहें है। पर यह इंसानों का भी कर्तव्य है की हाथी की रक्षा के लिए कड़े नियम बनाये तथा जंगल को न कटा जाये।
निबंध Conclusion
इस लेख में आपने हाथी पर निबंध हिंदी में Essay on Elephant in Hindi में पढ़ा। इस निबंध में हाथी पर प्रकाश डाला गया है और हाथियों के प्रति इंसानों के कर्तव्य को भी बताया गया है अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे शेयर जरुर करें।