परिवार नियोजन पर निबंध Essay on Family Planning in Hindi
परिवार नियोजन किसी भी देश के लिए महत्वपूर्ण होता है। 2011 के अनुसार हमारे देश की आबादी 121 करोड़ थी, जो 2018 में 135 करोड़ (अनुमानित) हो गयी है। विश्व में भारत चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश है। इतनी बड़ी आबादी के भरण-पोषण के लिए परिवार नियोजन का महत्व और भी बढ़ जाता है। भारत आज विश्व की 6वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है पर आज भी यहाँ बहुत गरीबी है।
विदेशों में आज भी लोग हमारे देश को एक गरीब देश समझते है। विदेशी सैलानी देश की मलिन बस्तियों का भ्रमण करने आते है जिससे हमारा अपमान होता है। आज भी हम एक विकासशील देश है। इस सभी समस्याओं का हल है की देश की बढ़ती जनसंख्या को रोका जाये।
परिवार नियोजन पर निबंध Essay on Family Planning in Hindi
Contents
देश में परिवार नियोजन की शुरुवात व इतिहास HISTORY AND BEGINNING OF FAMILY PLANNING IN INDIA
हमारे देश में परिवार नियोजन की शुरुवात 1952 में की गयी थी। 2011 में देश भर में परिवार कल्याण कार्यक्रम चलाया गया जिसमे कई उप्लाधियाँ मिली है-
- देश में हजारो महिलायें अब गर्भनिरोधक गोलियां का इस्तेमाल कर रही है।
- पिछले कई सालों में पुरुष नसबंदी बढ़ गयी है। अब पुरुष स्वेच्छा से नसबंदी करवा रहे हैं।
- देश के स्त्री पुरुष कं-डोम का अधिक से अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं। परिवार नियोजन में यह महत्वपूर्व भूमिका निभा रहा है।
- महिलाओं को परिवार नियोजन के लिए शिक्षित किया जा रहा है। कं-डोम, कॉपर टी, महिला-पुरुष नसबंदी, गर्भनिरोधक गोलियों के बारे में हर स्त्री को बताया जा रहा है।
- बच्चो के जन्म में अंतर रखने के लिए शिक्षित किया जा रहा है जिससे जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित रहे।
- “छोटा परिवार सुखी परिवार” का नारा सरकार ने दिया है।
परिवार नियोजन के प्रसिद्ध उपाय FAMOUS FAMILY PLANNING METHODS
परिवार नियोजन के प्रसिद्ध उपाय इस प्रकार है-
कं-डोम(निरोध)
यह उपाय आजकल बहुत प्रसिद्ध है। कं-डोम की कीमत 5 से 10 रुपये के बीच होती है। यह सभी मेडिकल स्टोर्स पर आसानी से मिल जाता है। इसे हर कोई इस्तेमाल कर सकता है। यह यौन रोगों से बचाव भी करना है। अनचाहे गर्भ को रोकता है।
गर्भनिरोधक गोली
देश की सरकार आजकल गर्भनिरोधक गोलियां का प्रचार प्रसार कर रही है। अनवांटेड-72, पर्ल, सहेली, माला-डी, बी-कैप जैसे गोलियां आजकल आसानी से किसी भी मेडिकल स्टोर से खरीद सकते है। यह परिवार नियोजन का सरल उपाय है।
गर्भनिरोधक इंजेक्शन
यह भी परिवार नियोजन का सफल उपाय है। इसे DMPA इंजेक्शन कहते है। इसकी कीमत 50 से 250 रूपये तक होती है। इस इंजेक्शन से स्त्री के शरीर में अंडाणु बनना बंद हो जाते है। बच्चेदानी के मुंह पर एक दीवार बन जाती है जिससे महिला के शरीर में पुरुष शुक्राणु प्रवेश नही कर पाता है। महिला गर्भवती नही होती है।
पुरुष नसबंदी
इसे डॉक्टर ऑपरेशन के द्वारा करते है। इसमें पुरुष के अंडकोष के ट्यूब को काटकर बंद कर दिया जाता है। इसे करने में सिर्फ 10 मिनट का समय लगता है। पुरुष उसी दिन घर भी जा सकता है। यह परिवार नियोजन का एक सफल उपाय है।
स्त्री नसबंदी/ नलिकाबंदी
यह विधि डॉक्टर ओपरेशन द्वारा करते है। लेप्रोस्कोपी’ नामक‘ आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके आजकल महिलायें अपनी नसबंदी करवा रही है। इस विधि में फेलापिन ट्यूब के दोनों तरफ का कुछ भाग ओपरेशन से निकाल दिया जाता है।
देश में परिवार नियोजन का महत्व एवं लाभ ADVANTAGES OF FAMILY PLANNING IN INDIA
इसके बहुत से लाभ होते है। परिवार नियोजन से परिवार पर सदस्यों का अतिरिक्त भार नही पड़ता है। सीमित मात्रा में बच्चे करने से उनका लालन पालन अच्छी तरह से हो पाता है। बच्चो को पोषक पदार्थ मिल पाता है। स्कूल जाने का अवसर मिलता है। जबकि जो परिवार नियोजन नही अपनाते है उनकी आर्थिक स्तिथि ख़राब ही रहती है। ऐसे परिवार न तो अच्छा घर बना पाते है न ही बच्चो की देख रेख कर पाते है।
परिवार नियोजन से माता का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। पहले और दूसरे बच्चे के बीच 3 वर्ष का अंतर होना चाहिये। जो स्त्रियाँ हर साल बच्चो को जन्म देती है उसके स्वस्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। सरकार 21 वर्ष के बाल लड़कियों की शादी करने पर बल दे रही है।
कम उम्र में विवाह करने से माता और बच्चे दोनों के स्वस्थ्य को खतरा रहता है। परिवार में 2 बच्चे होने से उनको भोजन, कपड़ा, सही आहार, शिक्षा, आश्रय जैसे सुविधाये आसानी से मिल जाती है, जबकि अधिक संतान होने पर उनका लालन-पालन ठीक से नही हो पाता है।
परिवार नियोजन में बाधायें PROBLEMS IN FAMILY PLANNING IN INDIA
आज भी देश को एक सुदृढ़ परिवार नियोजन कार्यक्रम की आवश्यकता है। अभी हमे पूर्ण सफलता नही मिली है। परिवार नियोजन में अनेक बाधाएं है। गरीब वर्ग के परिवार अधिक बच्चे करना चाहते है जिससे बच्चे बड़े होकर अधिक से अधिक धन कमा सकें। इस तरह की सोच परिवार नियोजन में बाधा है। धार्मिक दृष्टिकोण के चलते लोग 3, 4 और इससे अधिक बच्चे करते है।
कुछ लोगो का मानना है कि विरासत, नाम चलाने से लिए अधिक से अधिक बच्चे होने चाहिये। कुछ धर्म में नियोजन करने को गलत समझते है। आने वाले बच्चे को रोकना पाप समझते है। अशिक्षा के चलते लोग अधिक बच्चे करते है। देश में हर कोई पुत्र पाना चाहते है। अनेक बार बेटे के लिए 3 से 4 संताने जन्म ले लेती है। लोग तब तक सन्तान उत्पत्ति करते रहते है जब तक उनको बेटा नही हो जाता है। इस तरह की सोच परिवार नियोजन को असफल बना सकती है।
अंधविश्वास और रूढ़िवादी सोच परिवार नियोजन कार्यक्रम को सफल नही होने दे रही है। देश में हर 1 मिनट 250 बच्चे जन्म लेते हैं। एक प्रजातांत्रिक देश होने की वजह से परिवार नियोजन कार्यक्रम को जबरन लागू नही किया जा सकता है। आज देश में बेरोजगारी, कुपोषण, गरीबी, भ्रष्टाचार जैसे अनेक चुनौतियाँ मौजूद है।
निष्कर्ष CONCLUSION
आज के लेख में हमने आपको परिवार नियोजन के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। देश की विशाल जनसंख्या को देखते हुए हर स्त्री पुरुष की जिम्मेदारी है की परिवार नियोजन अपनायें। तभी हमारा देश विकास और खुशहाली के रास्ते पर आगे बढ़ पायेगा।