इस लेख में किसान पर निबंध (Essay on the farmer in Hindi) दिया गया है। यह निबंध कक्षा 3 से 10 तक विभिन्न रूपों में परीक्षाओं में पूछा जाता है। यहां पर किसान के ऊपर निबंध सरल रूप में दिया गया है जिसे किसी भी परीक्षा में बेझिझक लिखा जा सकता है।
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किसान पर निबंध Essay on Farmer in Hindi (1000 words)
भारत एक कृषि प्रधान देश है क्योंकि भारत की राष्ट्रीय आय में कृषि का योगदान लगभग 68% है। किसान को अन्नदाता कहा जाता है क्योंकि वह अपनी जमीन पर अपने मेहनत तथा धन से अन्न उगाता है और बहुत ही मामूली कीमत पर साहूकारों को बेच देता है।
किसान अधिक शिक्षित नहीं होते तथा आर्थिक रूप से मजबूत भी नहीं होते किसान कृषि के अलावा पशुपालन पर निर्भर होते हैं। किसान हल और बैल के सहायता से भूमि को चीर कर उस में बीज बोते हैं तथा बड़े धैर्य के बाद वहां से अन्न निकालते हैं।
आजादी के बाद दशकों तक किसान हेय स्तर का जीवन जीते रहे और कभी रोग से, तो कभी कर्ज से अपनी जान गंवाते रहे। किसानों की आत्महत्या के आंकड़े बहुत ही चिंतनीय हैं।
आज भारत के किसानों की हालत सुधरी है क्योंकि वर्तमान सरकार ने किसानों के लिए बहुत सी योजनाओं का निर्माण किया है जैसे गरीब किसान कल्याण योजना, पीएम किसान योजना इत्यादि जिनसे गरीब किसानों के जीवन में परिवर्तन आये हैं।
किसान का शुरुवाती जीवन
भारत के किसानों की शिक्षा दीक्षा न के बराबर होती है, बचपन से ही किसानों के बच्चे खेतों में अपना समय देते हैं जिसके कारण वे पढ़ाई से वंचित रह जाते हैं दूसरा सबसे बड़ा कारण पैसों की कमी है जिसके कारण किसान तथा उनका परिवार पोषण युक्त आहार नहीं ले पाता और तमाम बीमारियों से घिर जाता हैं।
अशिक्षा और अजागरूकता के कारण किसान अपनी जमीन तथा अनाज का उपयुक्त दाम नहीं ले पाता और शोषण का पात्र बनता है।
अधिकतर किसानों का विवाह बहुत ही कम उम्र में कर दिया जाता है जिससे निर्वहन तथा सामाजिक दबाव उन पर बढ़ जाता है जिसके कारण उन्हें अपने अनाज को कम दाम पर बेचने के लिए बाध्य होना पड़ता है। एक किसान सबसे अधिक मेहनत करता है लेकिन परिणाम के रूप में उसे बहुत मामूली रकम पर संतुष्ट होना पड़ता है।
किसान के जीवन की मुलभुत दिक्कतें
किसान के जीवन की सबसे बड़ी दिक्कतों में उसके अनाज का उपयुक्त दाम ना मिलना है। सरकारी ठेकेदार क्रय-विक्रय प्रक्रिया के बीच में बैठकर मुनाफाखोरी करते हैं जिसके कारण किसानों को भ्रष्टाचार से आहत होना पड़ता है।
किसान के जीवन की दूसरी सबसे बड़ी दिक्कत सिंचाई के लिए पानी का अभाव है। कभी-कभी समय पर सिंचाई ना मिलने के कारण फसल नष्ट हो जाती हैं तो कभी-कभी प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसान को बड़ी हानि का सामना करना पड़ता है।
किसान के जीवन की तीसरी सबसे बड़ी दिक्कत सरकारी कर्ज का न मिलना है। इसके कारण उन्हें अधिक ब्याज दरों पर कर्ज लेने के लिए बाध्य होना पड़ता है और अचानक किसी भी नुकसान के कारण वह समय पर कर्ज को लौटा नहीं पाते और मजबूरी वश आत्महत्या का मार्ग चुनते हैं।
चौथी सबसे बड़ी मूलभूत दिक्कत कृषि के साधनों के महंगे होने से उनके उपयोग से वंचित रहना है। किसान खेती के लिए आमतौर पर बैल तथा हल का उपयोग करते हैं जिसमें अधिक समय व श्रम लगता है।
कृषि के साधन जैसे कि ट्रेक्टर थ्रेसर और ट्रेलर बेहद महंगे हैं जिन्हें खरीद पाना किसानों के लिए असंभव होता है और सरकार द्वारा ऐसी कोई सुविधा नहीं होती जिसके माध्यम से वे इन साधनों को कम ब्याज दरों पर खरीद सके।
शिक्षा तथा स्वास्थ्य यह प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से धन से जुड़ा हुआ है अगर किसान के पास धन हो तो वह अपने बच्चों को शिक्षा तथा पोषण युक्त आहार दे सकता है, लेकिन उसके रोजगार में कम मुनाफे के कारण वह धन कमाने में असमर्थ रहता है। अगर किसानों के जीवन को सुधारना है तो उन्हें सबसे बड़ी सहायता आर्थिक सहायता देनी पड़ेगी।
वर्तमान में किसान के जीवन में परिवर्तन
आजादी के दशकों वर्ष बाद भी किसानों की हालत ज्यों की त्यों बनी हुई है। तमाम सरकारों के द्वारा किसानों के लिए तरह-तरह की योजनाएं भी निकाली गयी लेकिन जमीनी स्तर पर वह न के बराबर ही पहुंच सकी। 2015 के रिपोर्ट के अनुसार किसानों द्वारा होते आत्महत्या की दर में कमी देखने को मिली है।
वर्तमान सरकार ने किसानों की दिक्कतों को समझा और उन्हें दूर करने के लिए पर्याप्त कदम उठाया जिसमें किसानों के फसल का ध्यान रखना तथा फसल नष्ट होने पर उपयुक्त मुआवजा देना या उन्हें कम ब्याज दरों पर कर्ज मुहैया करवाना मुख्य है।
वर्तमान सरकार द्वारा किसानों के लिए तमाम योजनाएं निकाली गई हैं जिसमें किसानों को कम ब्याज दरों पर खेती की मशीनों को मुहैया कराना, मुआवजा की राशिओं को सीधे उनके बैंक खातों में भेजना तथा उनके फसल को सीधे-सीधे खरीदारों तक पहुंचाना शामिल है जिससे उन्हें सीधे लाभ दिया जा सके और भ्रष्टाचार तथा मुनाफाखोरी से किसानों की रक्षा की जा सके।
भारत के सभी नागरिकों के लिए 0 बैलेंस खाता (जन धन अकाउंट) उपलब्ध कराया गया जिसमें बिना किसी शुल्क के खातों को खोलना शामिल था। इन खातों का लाभ उन गरीब किसानों के लिए वरदान साबित हुआ जिनके पास कोई भी बैंक का खाता नहीं था।
हाल में ही हुए सर्वे के अनुसार किसानों को इन योजनाओं का लाभ सीधे सीधे तौर पर प्राप्त होने का दावा किया गया लेकिन आज भी किसानों द्वारा की आत्महत्या की खबरें आए दिन सुनने को मिलती रहती हैं।
उपसंहार
जिस प्रकार सीमाओं की सुरक्षा के लिए सैन्य बल अपना सर्वस्व समर्पण कर देते हैं, उसी प्रकार सीमाओं के अंदर रह रहे लोगों के लिए अन्न की व्यवस्था में किसान अपना सब कुछ दाव पर लगा देता है और बदले में उसे धन तो दूर एक अच्छी जिंदगी भी नसीब नहीं होती।
इसलिए किसानों के जीवन को और भी सुधारने की जरूरत है क्योंकि किसी भी देश की नींव वहां के किसानों को माना जाता है अगर नींव मजबूत नहीं हो तो महल भी मजबूत नहीं हो सकता।
निष्कर्ष Conclusion
इस लेख में अपने किसान पर निबंध Essay on farmer in Hindi पढ़ा जिसमें किसान के जीवन पर प्रकाश डाला गया है। दिए गए निबंध को बेहद सरल रूप से लिखा गया है आशा है यह लेख आपके लिए मददगार साबित हो अगर यह लेख आपको पसंद आए तो शेयर जरूर करें।
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