कन्या भ्रूण हत्या पर निबंध Essay on Female Foeticide in Hindi

इस लेख में आप कन्या भ्रूण हत्या पर निबंध Essay on Female Foeticide in Hindi हिन्दी में पढ़ेंगे। इसमें आप कन्या भ्रूण हत्या का अर्थ, कारण, प्रभाव, रोकने के उपाय, और इससे जुड़ी सरकारी योजनाएं तथा कानून के विषय में पढ़ सकते हैं।

कन्या भ्रूण हत्या पर निबंध Essay on Female Foeticide in Hindi

भारतीय संस्कृति दुनिया के सबसे प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक है। हमारी पवित्र संस्कृति में स्त्रियों को देवी का दर्जा दिया गया है। 

यही नहीं, मां सरस्वती, लक्ष्मी माता सीता, मां काली आदि जैसे ईश्वर के अनेकों रूप एक नारी के रूप में हमेशा से ही पूजनीय है।

लेकिन आज के समय में परिस्थितियां पूरी तरह बदल गई हैं। समय बीतने के साथ ही लोगों के विचार धाराओं में भी परिवर्तन आया, लेकिन यह परिवर्तन नकारात्मक है। हमारी पवित्र संस्कृति पर कलंक लगाने वाले लोगों की ऐसी विचारधारा हमेशा से ही समाज के विकास में बाधा डालती आई है।

आधुनिक समय में लोग लड़की और लड़के में इस हद तक भेदभाव करने पर उतर आते हैं, कि वे मानवता की सारी हदें पार कर देते हैं। 

ऐसे दुराचारी लोग जो शिशु का लिंग परीक्षण प्रौद्योगिकी की सहायता से मां के गर्भ में ही कर लेते हैं और यदि गर्भ में कोई कन्या हुई तो उसे जन्म लेने के पहले ही मार डालते हैं। इसी को कन्या भ्रूण हत्या कहा जाता है।

कन्या भ्रूण हत्या क्या है? What is Female Foeticide in Hindi?

अल्ट्रासाउंड स्कैन जैसे उपकरणों का सहारा लेकर लिंग परीक्षण करने के पश्चात जब मां के गर्भ में कन्या शिशु के होने की पुष्टि कर ली जाती है, तो कन्या भ्रूण को ही समाप्त कर दिया जाता है। इस अमानवीय प्रक्रिया को कन्या भ्रूण हत्या कहते है।

इतने विकसित समय में भी लोग अपनी पिछड़ी और शर्मसार कर देने वाली विचारधारा का प्रदर्शन करने से बाज नहीं आते हैं। यह हमारे समाज के लिए एक कलंक स्वरूप है कि आज भी हमारे समाज में केवल और केवल पुरुष सत्तात्मक विचारधारा को ही बढ़ावा दिया जाता है।

कन्या भ्रूण हत्या करवाने में सबसे अहम दोष माता-पिता का होता है। हमारे समाज में आज भी लोग केवल बालक शिशु की ही चाहत रखते हैं और कन्या को एक बोझ समझते है, इसीलिए उसे जन्म के पहले ही मार डालते हैं।

लोग हमेशा से ही बालकों को अपने सिर आंखों पर बैठा के रखते हैं, लेकिन बालिकाओं के साथ हमेशा अन्याय करते हैं, चाहे वह शिक्षा में हो, पहनावे या पालन-पोषण में हो।

कन्या भ्रूण हत्या में माता पिता के साथ कुछ ऐसे डॉक्टर्स भी जिम्मेदार है, जो चंद पैसों के लालच में अपना ईमान खो देते हैं। ऐसे लोग भूल जाते हैं, कि डॉक्टर केवल जान बचाने का कार्य करता है, किसी के प्राण लेने का नहीं।

कन्या भ्रूण हत्या के कारण Reasons for Female Foeticide in Hindi

हमारे समाज में जब बेटी पैदा होती है, तो उसके पढ़ाई लिखाई और भविष्य निर्माण के बारे में सोचने से पहले माता पिता को उसके विवाह और दहेज की चिंता सताने लगती है।

कन्या भ्रूण हत्या करने के बाद भी लोगों को अपनी गलती का एहसास नहीं होता और वे पूरी बेशर्मी से ऐसा करने का कारण भी बताते हैं।

दहेज प्रथा हमारे समाज में एक ऐसा दानव है, जो दिन-ब-दिन अपना विस्तार बढ़ाए जा रहा है और हर रोज कई नवविवाहित स्त्रियों को अपनी चपेट में ले रहा है।

स्त्री कोई खरीदने और बेचने वाली वस्तु नहीं होती जिसे दहेज के बदले में लिया और दिया जा सके। दहेज के कारण न जाने कितने ही ऐसे मामले देखे जाते हैं, जिसमें बहुत क्रूरता से ससुराल वालों की तरफ से नववधुओं को पैसों के लिए ताड़ना दी जाती है और कभी-कभी तो मौत के घाट उतार दिया जाता है।

हमारे समाज में ऐसे भी लोग रहते हैं, जो सामाजिक असुरक्षा अथवा महिलाओं के साथ घट रहे अत्याचारों और अपराधों के कारण कन्या शिशु को जन्म नहीं देना चाहते हैं।

रूढ़िवादी विचारधारा से प्रभावित लोग कभी भी घर में बेटी के जन्म होने पर खुशियां नहीं मनाते हैं, बल्कि वे इसे एक अभिशाप की तरह देखते हैं।

मानव ने विज्ञान की सहायता से आज कई नई नई खोजें की है। यह कहना गलत नहीं होगा कि विज्ञान हमारे सुख सुविधाओं के लिए एक वरदान स्वरुप है। लेकिन जीवन बचाने वाले आधुनिक तकनीको का दुरुपयोग हमें ही नुकसान पहुंचाते हैं।

आज के समय में कई ऐसे अत्याधुनिक उपकरण खोजे जा चुके हैं, जिनकी सहायता से लिंग परीक्षण किया जाता है। लेकिन पहले के समय में तो ऐसा कोई उपकरण नहीं था। यह आश्चर्य की बात है, कि कन्या भ्रूण हत्या की शुरुआत बहुत पहले से ही हो गई थी।

गर्भपात की जगह पहले भ्रूण हत्या के लिए “दूध पीती” प्रथा प्रचलित थी, जिसमें छोटी बच्चियों को एक बड़े से पात्र में रखकर उन्हें दूध में डुबो दिया जाता था। कुछ मिनटों में ही सांस न लेने के कारण उनकी मृत्यु हो जाती थी। आज भी हमारे आसपास ऐसे लोग मौजूद हैं, जो ऐसे वीभत्स अपराध को बढ़ावा देते हैं।

कन्या भ्रूण हत्या के प्रभाव Effects of Female Foeticide in Hindi

कन्या भ्रूण हत्या रुकने के बजाय हर साल बढ़ती ही जा रही है। समाज पर इसका बहुत विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। भारत में लिंग अनुपात बिगड़ने का सबसे मुख्य कारण कन्या भ्रूण हत्या ही है।

1901 के जनगणना के अनुसार, हमारे देश में प्रति एक हजार पुरुषों पर केवल 972 स्त्रियों की संख्या है, जो अनुपात में बेहद कम है।

यदि 2001 के बात करें तो, जनगणना के पश्चात आंकड़ों के आधार पर प्रति 1000 पुरुषों पर केवल 933 स्त्रियों की संख्या है। इस कलंकित परंपरा के वाहक केवल अशिक्षित लोग ही नहीं बल्कि उच्च और शिक्षित समाज भी शामिल है।

देश के समृद्ध राज्यों में भी कन्या भ्रूण हत्या के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। यदि समय रहते हुए इस अमानवीय अपराध पर तंज नहीं कसा गया, तो यह हमारी संस्कृति पर एक दाग लगा देगी जिसे मिटा पाना बहुत मुश्किल होगा।

यदि दुनिया के दूसरे देशों से तुलना की जाए तो वहां महिलाएं अधिक कामयाब होती हैं। क्योंकि वहां लोगों की मानसिकता विकसित है और वे लड़की और लड़कों में भेदभाव नहीं करते हैं, और ना ही कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराधों को बढ़ावा देते हैं।

कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के उपाय Measures to stop Female Foeticide in Hindi

समाज के रूढ़िवादी कुरीतियां आज के समय में लोगों के दिमाग में इस तरह घर कर गई हैं, उन्हें जड़ से खत्म कर पाना थोड़ा मुश्किल है। किसी भी दुराचारी प्रथा को नष्ट करने के लिए सबसे पहले हमें पहल करना आवश्यक है।

कहने को तो कन्या भ्रूण हत्या पर सरकार ने प्रतिबंध लगाया है, लेकिन यह हम सभी जानते हैं, कि आज भी लोग किस प्रकार खुलेआम ऐसे अमानवीय कृत्य करते हैं।

इस पर रोक लगाने के लिए सबसे पहले डॉक्टर्स को आगे आना होगा। यदि वे गर्भ में पल रहे शिशु का लिंग परीक्षण करने से इंकार कर दे तो बहुत हद तक कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाया जा सकता है।

सरकार को चाहिए कि वह ऐसे लोगों को दंडित करें, जो कन्या भ्रूण हत्या में जिम्मेदार हों। लिंग परीक्षण के पश्चात गर्भपात करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अधिक से अधिक जुर्माना लगाना चाहिए।

सरल शब्दों में गर्भपात का अर्थ हत्या है। इसीलिए जिस प्रकार हत्या करने वाले मुजरिमों को सजा दी जाती है, वैसे ही इन लोगों को भी सजा होनी चाहिए।

लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए हमें आगे आना होगा। उन सभी लोगों को यह बताना होगा कि किस प्रकार समय बदल चुका है। आज हमारे देश की बेटी ओलंपिक्स में मेडल जीत रही हैं, बड़े-बड़े पदों पर अपनी सेवा दे रही हैं और यही नहीं विदेशों में भी भारत का झंडा बुलंद कर रही हैं।

सरकार को ऐसी योजनाएं लानी चाहिए, जिसमें बालिका शिशु को बढ़ावा दिया जाए और उसके जन्म पर पालन पोषण के लिए माता-पिता को कुछ रकम की राशि प्रदान की जाए।

सरकार द्वारा कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए शुरू किए गए योजनाएं Schemes launched by the government to stop Female Foeticide in Hindi

हमारे देश में प्रत्येक अपराध के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। कानून को सख्ती से लागू करने का कार्य सरकार का होता है। भारत सरकार ने ऐसे कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनसे बहुत हद तक कन्या भ्रूण हत्या पर प्रतिबंध लगाने में सहायता मिली है।

2001 से यदि वर्तमान समय की तुलना की जाए, तो आज के समय में कन्या भ्रूण हत्या के मामले कम दिखाई देते हैं। प्रसूति पूर्व जांच तकनीक अधिनियम को सख्ती से लागू किया गया है।

वर्तमान समय में इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना के तहत कन्या शिशु के जन्म पर माता-पिता को ₹25000 तथा दूसरी कन्या के जन्म के पश्चात परिवार नियोजन अपनाने वाले माता-पिता को 20,000 रुपए की राशि प्रदान किया जा रहा है।

सरकार के इस कदम से बहुत हद तक लोगों में लड़के और लड़कियों के बीच भेदभाव को कम करने में सहायता मिली है।

केंद्र सरकार के साथ मिलकर राज्य सरकारों ने भी कन्या भ्रूण हत्या पर सख्ती से नियम बनाए हैं और उसे लागू भी करवाया है।

प्रदेश सरकार ने भ्रूण हत्या को रोकने के लिए एक बड़ा ही अनोखा तरीका निकाला है, जिसके तहत शिशु के लिंग का जांच करवा कर उसकी हत्या करने वाले लोगों के बारे में सूचना देने पर ₹10000 का नकद इनाम राशि रखा गया है।

निष्कर्ष Conclusion

समाज में कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए सबसे पहले हमें अपने अपने अंदर बदलाव करने होंगे। क्योंकि हर बड़े काम की शुरुआत एक पहल से होती है।

आशा है आपको यह कन्या भ्रूण हत्या पर निबंध (Essay on Female Foeticide in Hindi) जानकारी से भरपूर लगा होगा। यदि यह लेख आपको पसंद आया हो तो शेयर जरुर करें।

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