हिंदुत्व पर निबंध, विचारधारा क्या है? Essay on Hindutva in Hindi
हिंदुत्व पर निबंध, विचारधारा क्या है? Essay on Hindutva in Hindi
हिंदू धर्म भारत का एक प्राचीन धर्म है। हिंदू धर्म की मान्यताओं को मानने वाली विचारधारा को हिंदुत्व कहा जाता है। इस विचारधारा का प्रतिपादन सावरकर ने 1924 में किया था। सावरकर इटली के उदार राष्ट्रवादी चिंतक “माजिनी” से बहुत प्रभावित हुए थे।
तभी उनको हिंदुत्व को एक विचारधारा बनाने का विचार आया था। विनायक दामोदर सावरकर के अनुसार हिंदू वह व्यक्ति है जो सिंधु नदी से समुद्र तक के भारत को अपनी पितृभूमि और पुण्यभूमि माने।
इस विचारधारा को ही हिंदुत्व नाम दिया गया था। देश में हिंदुत्व विचारधारा का समर्थन “विश्व हिंदू परिषद” और “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ” करता है। 1995 में सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुत्व को जीवन जीने की एक शैली बताया है ना कि कोई धर्म। हिंदुत्व से आशय हिंदू होने की अवस्था से है।
हिंदुत्व पर निबंध, विचारधारा क्या है? Essay on Hindutva in Hindi
“हिंदुत्व” शब्द का सर्वप्रथम इस्तेमाल (इतिहास) FIRST USE OF WORD “HINDUISM”
हिंदुत्व शब्द का सबसे पहला इस्तेमाल विनायक दामोदर सावरकर ने अपनी पुस्तक “हिंदुत्व के महत्व” में दिया था। हिंदू कौन है? हिंदू वह है जो हिंदू माता पिता से पैदा हुआ हो और अपनी मातृभूमि को पवित्र भूमि समझता हो।
हिंदुत्व विचारधारा के तीन आवश्यक तत्व है- समान देश, समान जाति और समान संस्कृति। हिंदू धर्म विश्व के प्राचीन धर्मों में से एक है। जिस प्रकार बुद्धिज्म जैनिज़्म, सिखिस्म की विचारधारा है उसी तरह हिंदुत्व की अपनी विचारधारा है।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने हिंदुत्व शब्द का पहला इस्तेमाल 1937 में “अखिल भारतीय हिंदू महासभा” में किया था। सावरकर को प्रेसिडेंट के रुप में चुना गया था। 1944 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी को अखिल भारतीय हिंदू महासभा का मुखिया बनाया गया वो एक हिंदू राजनेता थे।
वे हिंदू मान्यताओं का समर्थन करते थे पर इसके साथ ही वह नहीं चाहते थे कि अन्य समुदायों को हिंदुत्व से बाहर रखा जाए। उन्होंने हिंदू महासभा को सभी संप्रदायों के लिए खोल दिया। कुछ लोगों ने उनके इस विचार को समर्थन नहीं किया।
इससे नाराज होकर उन्होंने पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया और एक नया “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ” बना लिया। श्यामा प्रसाद मुखर्जी हिंदुत्व को राष्ट्रीयता से जोड़कर देखते थे ना कि संप्रदाय और धर्म से। उन्होंने एक नई पार्टी “भारतीय जनसंघ” बनाई।
विश्व हिंदू परिषद और भारतीय जनता पार्टी VISWA HINDU PARISHAD AND BHARTIYA JANTA PARTY
राष्ट्रीय स्वयं सेवक (RSS) संघ ने देशभर में अपनी विचारधारा फैलाने के लिए बहुत सी शाखाएं खोली। “विश्व हिंदू परिषद” उसमें से एक प्रमुख शाखा है जिसकी स्थापना 1964 में की गई थी। इसका उद्देश्य हिंदू धर्म की रक्षा करना और उसे फैलाना है। 1989 में पालमपुर की सभा में “भारतीय जनता पार्टी” ने हिंदुत्व को अपनी विचारधारा बना लिया। वर्तमान में मोहन भागवत इसके मुखिया हैं।
हिंदुत्व विचारधारा/आंदोलन के प्रमुख विचार BASIC PRINCIPLES OF “HINDUISM” IDEOLOGY
हिंदुत्व विचारधारा के मुख्या सिद्धांत –
भारत की संस्कृति की रक्षा करना
सावरकर ने कहा कि हिमालय के दक्षिण से लेकर सिन्धु नदी तक जो भी क्षेत्र है वहां रहने वाले हिंदू कहलाते हैं। इसे अखंड भारत के नाम से भी जाना जाता है। सभी हिंदुओं को संस्कृत भाषा का अधिक से अधिक इस्तेमाल करना चाहिए। इसके द्वारा हम अपनी धरोहर को बचा सकते हैं। आज हम सभी को पाश्चात्य भोगवादी संस्कृति से देश की हिंदू संस्कृति को बचाने की बहुत आवश्यकता है।
एक वेशभूषा
हिंदुत्व विचारधारा के सभी नेता एक वेशभूषा पहनते हैं। मुस्लिम संप्रदाय ने एक वेशभूषा के विचार की आलोचना की है। हिंदुत्व विचारधारा के समर्थकों ने मुस्लिम समाज में होने वाले ट्रिपल तलाक और हलाला जैसी प्रथाओं का विरोध किया है। मुस्लिम समाज में बहु विवाह का भी हिंदू विचारधारा के समर्थकों ने विरोध किया है।
हिंदू धर्म की रक्षा करना
हिंदुत्व विचारधारा का समर्थन करने वाले इस बात पर जोर देते हैं कि हिंदू धर्म की रक्षा होनी चाहिए। उनके अनुसार हिंदुओं को उर्दू भाषा नहीं इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि उर्दू का संबंध मुस्लिम धर्म से है।
भारत में रहने वाले लाखों करोड़ों हिंदुओं के लिए गंगा नदी सिर्फ एक नदी नहीं है बल्कि देवी है। गंगा का जन्म भगवान शिव की जटाओं से हुआ था जिन्होंने पृथ्वी पर सूखे का अंत करने के लिए गंगा को स्वर्ग से पृथ्वी पर उतारा था।
पर धीरे-धीरे औद्योगिक कचरा, सीवर के दूषित पानी और अन्य प्रदूषण के कारण गंगा नदी बहुत अधिक दूषित हो गई है। वर्तमान में गंगा को साफ करने के लिए बहुत सारी योजनाएं चल रही है। हिंदुत्व विचारधारा का संबंध आयुर्वेद से भी है।
गाय की रक्षा करना
हिंदुत्व की विचारधारा गाय को एक पवित्र जानवर मानती है। हिंदू धर्म में गाय को ईश्वर का रूप माना गया है। उसकी माता के रूप में पूजा की जाती है। गाय दूध देखकर हम सभी का पोषण करती है।
यह विचारधारा किसी भी धर्म का विरोध नही करती है
यह किसी भी धर्म यह संप्रदाय का विरोध नहीं करती है। सभी का सम्मान करती है। इस विचारधारा में विभिन्न धर्मो और विभिन्न सम्प्रदाय के लोग भी आ सकते है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस – RSS)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 को की गई थी। भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से ही निकली है और हिंदुत्व की वकालत करती है। दोनों को मिलाकर संघ परिवार बनता है। संघ परिवार की प्रमुख शाखायें-
- “बजरंग दल”
- “हिंदू स्वयंसेवक संघ” इसकी शाखाएं विदेशों में है
- “भारतीय मजदूर संघ” यह शाखा कामगारों का संघ है
- “अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद” यह विद्यार्थियों का संघ है
- “भारतीय किसान संघ” यह किसानों का संघ है
“हिंदुत्व” विचारधारा की आलोचना CRITISM OF “HINDUISM” IDEOLOGY
बहुत से लोगों ने हिंदुत्व विचारधारा की आलोचना की है। उसे फासीवाद और तानाशाही जैसा बताया है। वर्तमान में हिंदुत्व के नाम पर मुस्लिमों और दलितों की हत्याएँ की जा रही हैं। गाय या गोकसी के नाम पर मुस्लिमों को पीट पीट कर मार डालना आज आम बात हो गयी है।इसमे प्रशासन और पुलिस तमासा देखती दिखाई देती हैं। यह कार्य हिंदू चर्म पंथियों द्वारा किया जाता है।
वर्तमान में “हिंदुत्व” का ऐजेंडा AGENDA OF “HINDUISM” IDEOLOGY
- लव जिहाद का विरोध
- घर वापसी
- गोहत्या का विरोध
- वैलेण्टाइन दिवस और कई पश्चिमी सभ्यता का विरोध
- गंगा की स्वच्छता
- संस्कृत भाषा के अध्ययन को प्रोत्साहन
- स्वदेशी का प्रचार
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