इस लेख मे हमने शिक्षा के महत्व पर निबंध हिन्दी मे (Essay on Importance of Education in Hindi) लिखा है। इससे आप शिक्षा के विभिन्न स्थर, इतिहास, गुणवत्ता और लाभ के विषय मे पूरी जानकारी दी है। इस् अनुच्छेद को हमने 1200 शब्दों मे स्कूल आउए कॉलेज के छात्रों के लिए लिखा है।
आईए शुरू करते हैं – शिक्षा के महत्व पर निबंध Essay on Importance of Education in Hindi..
प्रस्तावना Introduction (शिक्षा का महत्व)
जीवन में शिक्षा का बहुत महत्व है। इसके बिना इंसान पशु के बराबर है। शिक्षा के द्वारा ही मनुष्य की आंतरिक शक्तियों का विकास होता है। इस पर एक कहावत बहुत प्रसिद्ध है –
गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।
बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।।
इस पद का अर्थ है – यदि गुरू और गोविंद (भगवान) एक साथ खड़े हों तो किसे प्रणाम करना चाहिए – गुरू को अथवा गोविंद को? ऐसी स्थिति में गुरु को पहले प्रणाम करना चाहिये क्योंकि उसने ही गोविंद (भगवान) का ज्ञान हमें सिखाया है। यदि गुरु ना हो तो व्यक्ति भगवान को पहचान नही पायेगा।
शिक्षा की परिभाषा क्या है? What is Education in Hindi?
शिक्षा को अंग्रेजी में Education कहते है। Education शब्द की उत्पत्ति लैटिन के educare शब्द से हुई है जिसका अर्थ है शिक्षित करना, ट्रेनिंग देना, ज्ञान बाहर निकालना, कुछ नया सिखाना। इस तरह से शिक्षा किसी भी मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी है।
शिक्षा के विभिन्न स्तर Different levels of Education
आज हम अपने बच्चों को पढने के लिए स्कूल भेजते है। आधुनिक समय में शिक्षा को नर्सरी, केजी, प्राइमरी, जूनियर, कॉलेज स्तर पर विभाजित किया गया है। सभी लोग चाहते है की उनके बच्चे । आज के समय में कोई भी अशिक्षित नही रहना चाहता है। उच्च शिक्षा जीवन में सफलता का पर्याय बन चुका है।
आईए भारत में शिक्षा के विभिन्न स्तरों के विषय मे जानें –
1. किंडरगार्टन एवं नर्सरी (बालवाड़ी) Kindergarten and Nursery
इस स्तर में 3 से 6 साल तक के शिशुओ को प्रवेश दिया जाता है। इसमें शिशुओ को खेल-खेल में शिक्षा दी जाती है। बच्चो को शुरुवाती चीजे जैसे स्कूल, क्लास, टीचर, खिलौने, अल्फाबेट A to Z, वर्णमाला अ से ज्ञ तक का बोध करवाया जाता है। बच्चो को पेन्सिल पकड़ना, कॉपी पर लिखना सिखाया जाता है।
2. प्राइमरी शिक्षा Primary education
इस स्तर पर बच्चों को क्लास 1 से 5 तक की शिक्षा दी जाती है। हिंदी मीडियम स्कूलों में हिंदी में किताबे होती है जबकि अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में किताबे अंग्रेजी में होती है। भारत की सरकार ने पूरे देश में हर 5 किमी पर सरकारी, प्राइमरी स्कूल बना रखे है जहाँ बच्चो को मुफ्त शिक्षा दी जाती है। आज देश में हजारो प्राइवेट स्कूल है जहाँ अंग्रेजी मीडियम शिक्षा दी जाती है।
3. जूनियर शिक्षा Junior education
इस स्तर की शिक्षा में क्लास 6 से 8 तक की शिक्षा दी जाती है। सरकार ने हर राज्य में हर जिले में अनेक जूनियर स्कूलों की स्थापना की है। जहाँ पर मुफ्त शिक्षा दी जाती है। सरकारी स्कूल में फीस न के बराबर होती है। छात्रों को छात्रवृति भी दी जाती है। देश में हजारो प्राइवेट जूनियर स्कूल है जहाँ अंग्रेजी मीडियम शिक्षा दी जाती है।
4. इंटर कॉलेज शिक्षा Inter college education
सरकार ने हर राज्य में हर जिले में सरकारी इंटर कॉलेज की स्थापना की है। इसके अलावा सहायता प्राप्त और प्राइवेट स्कूलों को मान्यता प्रदान की है। सरकार का प्रयास है की किसी भी जगह बच्चो को पढने के लिए दूर न जाना पड़े। उनको उनके घर के पास ही इंटर कॉलेज में शिक्षा मिल जाये।
5. विश्वविद्यालय शिक्षा University education
वर्तमान में भारत में 17000 महाविद्यालय और 343 विश्वविद्यालय है। आज देश ने उच्च शिक्षा में अंतराष्ट्रीय स्तर पर स्थान प्राप्त कर लिया है। भारत विदेशी छात्रों के लिए उच्चतर शिक्षा हेतु एक लोकप्रिय स्थान बन गया है।
सभी तरह के शैक्षिक कोर्स आज देश में उपलब्ध है। बड़ी संख्या में विदेशी छात्र भारत में पढने के लिए आ रहे हैं। डॉक्टरी, कला, इंजीनियरिंग, वास्तुशास्त्र जैसे कोर्ष को पढने के लिए आते है।
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भारत में शिक्षा का इतिहास History of Education in India
भारत में शिक्षा का इतिहास बहुत ही पुराना है। ऋषियों ने लोगो तक अपना ज्ञान पहुंचाने के लिए वेदों की रचना की थी। वेद 4 है– सामवेद, अथर्ववेद, यदुर्वेद, ऋग्वेद। बौद्धकाल में स्त्रियों और शुद्रो को भी शिक्षा दी जाती थी। 1850 तक भारत में गुरुकुल शिक्षा चलती आ रही थी। अंग्रेज ‘थॉमस बाबिंगटन मैकॉले’ द्वारा भारत में अंग्रेजी शिक्षा की शुरुवात हुई।
भारत में कान्वेंट स्कूल खुलना शुरू हो गये। काशी, तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला जैसे केन्द्रों का विकास हुआ। 1947 में आजादी के बाद राधाकृष्ण आयोग, माध्यमिक शिक्षा आयोग 1953, कोठारी शिक्षा आयोग 1964, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1967, और नवीन शिक्षा नीति 1986 बनाई गयी।
1948-49 में विश्वविद्यालयों में सुधार के लिए भारतीय शिक्षा आयोग बनाया गया। (पढ़ें: भारत की शिक्षा प्रणाली) 1952-53 में माध्यमिक शिक्षा आयोग ने माध्यमिक शिक्षा लागू कर दी। इससे भारत में शिक्षा के विकास में बहुत सफलता मिली।
भारतीय शिक्षा के इतिहास की प्रमुख घटनाएं Major historical events of education in India
भारतीय शिक्षा के इतिहास की प्रमुख घटनायें इस प्रकार है-
- 1780 ई० में ईस्ट इंडिया कम्पनी ने कोलकाता मदरसा स्थापित किया
- 1891 ई० में ईस्ट इंडिया कम्पनी ने बनारस में संस्कृत कॉलेज की स्थापना की
- 1916 ई० में मदन मोहन मालवीय ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की
- 1951 ई० में खड़कपुर में पहली IIT की स्थापना की गयी
- 1956 ई० में विश्वविध्यालय आयोग की स्थापना की
- 2007 ई० में सातवाँ IIM शिलोंग में स्थापित किया गया
भारत में शिक्षा की गुणवत्ता Quality of education in India
आज देश में शिक्षा का बहुत विकास हो गया है। अच्छे से अच्छे स्कूल, कॉलेज देश में मौजूद है। अभी देश में कुल 23 IIT है। देश में कुल 6 IIM है। भारत की सरकार ने सभी सरकारी स्कूलों में 6 से 14 तक के बच्चो के लिए मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा की सुविधा दी है।
बच्चो को मध्यान्ह भोजन, मुफ्त किताबे, ड्रेस एवं छात्रवृत्ति दी जा रही है। सरकार का प्रयास है की कोई भी बच्चा अशिक्षित न रहे। छात्रो के लिए व्यवसायिक शिक्षा ITI की भी व्यवस्था है। पिछड़ा, अनुसूचित जाती एवं जनजाति वर्ग के छात्रों के लिए आरक्षण की व्यवस्था है। उन्हें कॉलेज एवं नौकरी में आरक्षण दिया गया है।
शिक्षा से लाभ Advantages of Education in Hindi
शिक्षा से अनेक लाभ है जो इस प्रकार है –
- शिक्षा के द्वारा व्यक्ति अपनी क्षमताओं का विकास कर पाता है।
- कोई भी युवक/युवती अपना करियर शिक्षा प्राप्त करने के बाद ही बना सकता है। पढ़े लिखे व्यक्ति को कही भी आसानी से नौकरी, रोज़गार मिल जाता है जबकि अनपढ़ व्यक्ति को कही भी नौकरी नही मिलती है। पढ़े लिखे व्यक्ति को उच्च वेतन पर नौकरी मिल जाती है, पर अनपढ़ व्यक्ति को बहुत कम तनखा दी जाती है।
- शिक्षित व्यक्ति को समाज में कोई भी मूर्ख नही बना सकता है। अनपढ़ व्यक्ति का सब लोग शोषण करते है, मुर्ख बनाते है।
- शिक्षित व्यक्ति का जीवन स्तर उच्च रहता है। वो अपने बच्चों को भी अच्छी शिक्षा, संस्कार दे पाता है, बच्चों को पढ़ा भी लेता है जबकि अनपढ़ व्यक्ति अपने बच्चों को घर पर नही पढ़ा पाता है।
- पढ़े लिखे व्यक्ति का समाज में सभी लोग सम्मान करते है जबकि अनपढ़ व्यक्ति को लोग तिरस्कार और पिछड़े की नजर से देखते है। इस तरह से शिक्षा किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत उपयोगी है।
निष्कर्ष Conclusion
शिक्षा का महत्व अगर हम आज नहीं समझेंगे तो आने वाले समय मे हम दुनिया मे बहुत पीछे रह जाएंगे। चाहें लड़का हो या लड़की शिक्षा को घर-घर तक पहुँचने मे आज सरकार और लोग अपने योगदान बहुत बेहतर तरीके से दे तहे हैं। शिक्षा बढ़ेगा तो हर क्षेत्र मे लोग उन्नति करेंगे और अगर लोग आगे बढ़ेंगे तो देश भी आगे बढ़ेगा। आशा करते हैं आपको शिक्षा के महत्व पर निबंध Essay on Importance of Education in Hindi अच्छा लगा होगा।
Siksha se hm samaj ko sudhar sakte hai