भारतीय वायु सेना दिवस निबंध Essay on Indian Air Force Day in Hindi

इस लेख में हिन्दी में भारतीय वायु सेना दिवस पर निबंध (Indian Air Force Day Essay in Hindi) लिखा गया है। भारतीय वायु सेना दिवस क्या है, कब मनाया जाता है, क्यों मनाया जाता है, कैसे मनाया जाता है और भारतीय वायु सेना दिवस का इतिहास इत्यादि की संपूर्ण जानकारी दी गई है।

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भारतीय वायु सेना दिवस क्या है? What is Indian Air Force Day? In Hindi

भारत का गौरव देश की सशस्त्र बल की सेनाएं है, जो तीन प्रमुख शाखाओं में विभाजित है। भारतीय सेना में थल सेना, नौसेना तथा वायु सेना का समावेश होता है। भारतीय वायुसेना ने आज तक कई महत्वपूर्ण युद्ध ऑपरेशंस को अंजाम दिया है। 

देश के लोगों की सुरक्षा करने वाले वायु सेना के जवान हमेशा अपनी मातृभूमि को प्राथमिकता देते हैं। भारतीय गौरव तथा एकता एवं सुरक्षा के लिए बलिदान देने वाले समस्त वायु सेना के जवानों को सम्मान देने के लिए प्रतिवर्ष ‘भारतीय वायु सेना दिवस’ मनाया जाता है। हमारे देश की वायु सेना विश्व की सबसे मजबूत सेनाओं में से एक मानी जाती हैं। 

भारतीय वायु सेना दिवस कब मनाया जाता है? When is Indian Air Force Day celebrated? In Hindi

भारतीय वायुसेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 के दिन की गई थी। स्वतंत्रता मिलने के पहले वायुसेना को ब्रिटिशों द्वारा ‘रॉयल इंडियन एयर फोर्स’ नाम दिया गया था, जिसके पश्चात एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित होने के बाद रॉयल शब्द हटाकर केवल भारतीय वायुसेना नाम रख दिया गया। 

कहा जाता है कि द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीय सेना के जोरदार पराक्रम प्रदर्शन के पश्चात किंग जॉर्ज ने इसे रॉयल की पदवी से नवाजा, जिसे 1950 में हटाकर एक स्वतंत्र भारत का वायु सेना बल बनाया गया। 

भारतीय वायु सेना दिवस क्यों मनाया जाता है? Why is Indian Air Force Day celebrated? In Hindi

भारतीय शाखा की चाहे कोई भी सेनाएं हो, वह हमेशा पूरे आत्मसमर्पण के साथ देश के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर करने से पीछे नहीं हटते हैं। उनका सारा जीवन केवल भारत माता के लिए ही होता है। 

ऐसे में सभी भारतीयों की यह जिम्मेदारी बनती है, की वह अपने भारतीय वायु सेना के जवानों द्वारा दिए गए बलिदान को हमेशा याद रखें और आने वाले युवा पीढ़ियों को भी इसका महत्व समझाएं।

भारतीय वायुसेना दिवस इसलिए भी मनाया जाना आवश्यक है, क्योंकि इससे अतीत में वायु सेना के जवानों द्वारा दी गई सहादत के विषय में पता चलता है। स्कूल और कॉलेजों में भी भारतीय वायुसेना दिवस के दिन विद्यार्थियों को निबंध लेखन, शायरी और देशभक्ति के गीत प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया जाता है। 

सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। आज तक जितने भी युद्ध स्वतंत्रता के पश्चात हुए हैं, उसमें भारतीय वायुसेना का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

तमाम युद्ध में वीरगति को प्राप्त होने वाले एयर फोर्स के जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए भारतीय वायुसेना दिवस एक महत्वपूर्ण दिन है। हमारी वायु सेना के पराक्रम, वीरता, बलिदान तथा साहस को प्रदर्शित करने के लिए भारतीय वायु सेना दिवस बेहद खास दिन है। 

अपने जीवन को दांव पर लगाकर देश के लिए समर्पित रहने वाले सभी जवानों पर पूरे हिंदुस्तान को फक्र होता है। इस दिन देशभक्ति का कार्यक्रम जगह जगह पर आयोजित किया जाता है, जिसमें लोग वायुसेना दिवस के अवसर पर भारत माता की जय कार करते हुए वायुसेना के बलिदानों को याद करते हैं।

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भारतीय वायु सेना दिवस का इतिहास History of Indian Air Force Day in Hindi

अपने अनोखे कार्यप्रणाली और अदम्य साहस की प्रस्तुति करके इंडियन एयर फोर्स ने कई बार भारत माता को गौरविंत किया है। वायुसेना का इतिहास बेहद पुराना है, जिसमें ईस्ट इंडिया कंपनी की उपस्थिति भी रह चुकी है। 

अंग्रेजों ने जब भारत पर ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति अपनाकर कब्जा किया, तत्पश्चात वर्ष 1932 में वायु सेना की स्थापना भी की गई थी। भारत में अपने कमान को बनाए रखने के लिए अंग्रेज अपनी तरफ से लड़ने वाले लोगों को ही सेना में भर्ती करते थे। आज जिस तरह का देश प्रेम भारतीय सेनाओं में देखा जाता है वह और कहीं नहीं है।

रॉयल एयर फोर्स के नाम से स्थापित इन सेनाओं को द्वितीय विश्वयुद्ध के पहले ही स्थापित किया गया था। इंडियन एयर फोर्स की सहायता से ब्रिटेन ने धुरी राष्ट्रों के खिलाफ जंग लड़ने में काफी सहायता ली थी। 

इसके पश्चात जब ब्रिटिश गवर्नमेंट के कहने पर सीरियल रेडक्लिफ के नेतृत्व में भारत को विभाजित करने वाली रेखाएं खींची गई थी, उसमें भी इंडियन एयर फोर्स का संबंध था। बताया जाता है कि रॉयल इंडियन एयर फोर्स  के कुछ समूह को पाकिस्तान एयरफोर्स में भी मिलाया गया था। 

आजादी के कुछ समय बाद ही पाकिस्तान ने अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया, जिससे जम्मू कश्मीर का विवाद खड़ा हो गया।

ऐतिहासिक रिपोर्ट के मुताबिक बताया जाता है कि जब कश्मीर के अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह ने पाकिस्तान द्वारा जम्मू कश्मीर में हो रहे खून खराबे और जमीन कब्जा को रोकने के लिए इंडियन एयर फोर्स की सहायता मांगी थी। 

इसके बदले में उस समय के गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने की मांग की, जिसमें जम्मू कश्मीर को भारत का एक राज्य बनाया जाना था। हरि सिंह के हस्ताक्षर करने के कुछ घंटे बाद ही इंडियन एयर फोर्स के सैनिकों ने जम्मू कश्मीर में उतर कर पाकिस्तानी सेना का सामना किया।

इस प्रकार भारत पाकिस्तान में जम्मू कश्मीर को लेकर एक बड़ा युद्ध छिड़ गया, जिससे आज तक शांति कायम नहीं हो पाई है। बताया जाता है कि समय पर घटनास्थल पहुंचने में भारतीय वायु सेना का महत्वपूर्ण योगदान था। 

यदि कुछ समय भी अधिक देर हो जाता, तो पाकिस्तान द्वारा कब्जा किया गया ‘पाक ऑक्यूपाइड कश्मीर’ का क्षेत्रफल थोड़ा और बड़ा होता। आजादी मिलने के 2 वर्ष बाद 1950 में भारतीय सरकार ने वायुसेना के पहले लगाए जाने वाले शब्द रॉयल को हटा दिया। 

1962 में चाइना और भारत को लेकर जो युद्ध हुआ, एकमात्र वही भारतीय वायु सेना के पराक्रम पर उंगली उठाने वाला अपवाद स्वरूप था। जिस प्रकार की गलती भारतीय सरकार ने 1962 में की उसके कारण हमें अक्साई चीन गवांना पड़ा।

वर्ष 1965 में एक बार फिर से पाकिस्तानी वायु सेना और भारतीय वायु सेना का आमना-सामना हुआ। इस बार इतिहास से सीख लेते हुए भारतीय सरकार ने अपने वायु सेना को और भी मजबूत किया और अधिक से अधिक संख्या में युद्ध स्तर में उतारा। 

पाकिस्तान और चाइना के अलावा बांग्लादेश के स्वतंत्रता में भी भारतीय वायुसेना ने अद्वितीय योगदान दिया है। वर्ष 1971 में पाकिस्तानी सेना के कुल 93000 सैनिकों ने बांग्लादेश में भारतीय सेनाओं के डर से सरेंडर कर दिया था, जो आज तक का वर्ल्ड रिकॉर्ड रहा है। 

इस ऐतिहासिक घटना में भारतीय वायुसेना का भी अहम भूमिका था। भारतीय वायुसेना ने पश्चिमी पाकिस्तान के कराची बंदरगाह को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया था, इसके पश्चात पूर्वी पाकिस्तान जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है, वहां के चटगांव में पाकिस्तानी सेनाओं पर वायु सेना द्वारा कई ब्लास्ट किए गए थे। 

इसके पश्चात 1984 में ऑपरेशन मेघदूत की सहायता से हमने सियाचिन ग्लेशियर पर भारतीय तिरंगा लहराया था और पाकिस्तान को करारी हार का सामना करना पड़ा। जाहिर सी बात है कि अब हमारा देश पुराना भारत नहीं रहा है, जब दूसरे दुश्मन राष्ट्र भारत की अस्मिता पर वार करके चले जाएं। 

भारत अब दुश्मनों को उनके देश में घुसकर जवाब देता है। भारतीय वायुसेना ने जिस तरह का अनोखा प्रदर्शन आज तक किया है, उससे पूरी दुनिया ही आश्चर्यचकित है। प्रत्येक भारतीय को अपने वायु सेना के जवानों पर बहुत गर्व होता है।

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भारतीय वायु सेना दिवस कैसे मनाया जाता है? How is Indian Air Force Day celebrated? In Hindi

वैसे तो भारतीय पूरे साल देशभक्ति की गाथा गाते हैं, लेकिन 8 अक्टूबर का दिन सबके लिए बेहद खास होता है, क्योंकि इस दिन भारतीय वायु सेना दिवस मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष वायु सेना की वर्षगांठ बड़े ही अनोखे अंदाज में मनाया जाता है। 

इसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख उपस्थित रहते हैं। भारतीय रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और प्रधानमंत्री जैसे अन्य बड़े नेता भारतीय वायुसेना दिवस पर जवानों का पराक्रम देखने के लिए उपस्थित रहते हैं।

इस महत्वपूर्ण अवसर पर इंडियन एयर फोर्स के जांबाज सैनिक एक साथ परेड निकलते हैं। आसमान में  वायु सेना के जवान अपने फाइटर जेट्स और अन्य हवाई विमानों की प्रदर्शनी करके आकाश में ही भारतीय तिरंगा लहराते हैं। भारतीय वायुसेना दिवस के दिन भारत के राष्ट्रीय चैनल दूरदर्शन के अलावा दूसरे टीवी चैनल पर भी इस कार्यक्रम में परेड को दिखाते हैं। 

सुरक्षा के लिए जितने भी नए हथियार वायु सेना के लिए आयात करवाए जाते हैं, उन्हें भी आज के इस खास कार्यक्रम में शामिल किया जाता है। भारतीय वायुसेना आज इतनी मजबूत हो चुकी है, कि अब पाकिस्तान और चाइना जैसे देश एक बार कोई भी हमला करने से पहले हजार बार सोचेंगे।

सर्वप्रथम राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की जाती है, जिसके पश्चात प्रधानमंत्री भारतीय वायु सेना के विषय में देश को संबोधित करते हैं। भारतीय वायु सेना दिवस के दिन देश की सभी बड़े वायु सेना के अड्डों पर राष्ट्रभक्ति के कार्यक्रम आयोजित करके शौर्य पराक्रम का प्रदर्शन किया जाता है।

भारत के वायु सेना का महत्व Importance of Indian Air Force in Hindi

वायु सेना हवाई जहाज की सहायता से हवाई सुरक्षा एवं वायु पहरेदारी का महत्वपूर्ण काम देश के लिए करता है। सन् 1990 में महिलाओं ने भी वायु सेना में शामिल होने का निर्णय लिया था और भारतीय वायुसेना में महिलाओं ने अपना बहुत ही योगदान दिया। 

2020 में 8 अक्टूबर को पूरे देश में इस दिन को पूरे उत्साह और गौरव के साथ भारतीय वायु सेना की 88वीं वर्षगांठ मनाई गई।

भारतीय वायुसेना में सभी सैनिक बहुत ही अच्छे ईमानदार एवं कर्मियों तथा लड़ाकू विमानों को लाने का प्रयास किया जा रहा है इसका मुख्य उद्देश्य है भारतीय हवाई क्षेत्र को सुरक्षित रखना।

आजादी के पहले इसे रॉयल इंडियन एयर फोर्स के नाम से जाना चाहता था जबकि आजादी के बाद इसका नाम रॉयल इंडियन फोर्स से बदलकर सिर्फ इंडियन फोर्स रखा गया। 

रॉयल इंडियन फोर्स सन् 1945 के द्वितीय विश्व युद्ध में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। देश की सुरक्षा और उसके विकास में वायुसेना का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

भारत में लगभग 24000 किलोमीटर अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी वायु सेना बखूबी निभाता है। भारत की सीमा पर जब भी संकट आया है या फिर दूसरे देशों ने आक्रमण किया है तो भारतीय वायुसेना एक दैवीय शक्ति के रूप में नजर आई है।

एयर मार्शल सुब्रतो मुखर्जी ने 1 अप्रैल सन् 1924 को वायु सेना का सदस्य बनकर कार्यभार संभाला था। शुरुआत में भारतीय वायुसेना में टेक्नोलॉजी की बहुत कमी थी लेकिन भारतीय वायुसेना ने अपनी स्थित को मजबूत बनाने में सफल रहे और आज के समय में वायु सेना के कारण ही भारत देश की सीमा पर कोई भी अन्य देश आक्रमण करने से डरता है। 

भारतीय सशस्त्र सेनाओं में से एक नया भाग भारतीय वायु सेना का है। भारतीय संविधान में वायुसेना विधेयक  8 अक्टूबर सन् 1932 को पारित किया गया था।

भारत के आजाद होने के बाद भी बहुत बार ऐसा भी समय आया जब भारतीय वायु सेना के सैनिक अपने भारत देश के लिए हमेशा लड़ने के लिए तैयार खड़े रहे। आजादी के बाद भारत और चीन की लड़ाई में भी भारतीय वायु सेना ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

मई 1999 में हुए कारगिल के युद्ध में पाकिस्तानी घुसपैठियों को सीमा रेखा के बाहर निकालने के लिए भारतीय थल सेना को विश्व के सबसे ऊंचे भू-भागो  में से एक युद्ध करना पड़ा ऐसे में भी भारतीय वायुसेना भारत के लिए संकट निवारण सिद्ध हुआ।

भारत के राष्ट्रपति भारतीय वायुसेना में कमांडर इन चीफ के रूप में कार्य करते हैं। भारतीय वायुसेना में कभी भी एक समय में एक से अधिक एयर चीफ मार्शल नहीं होते हैं। कानपुर के हवाई अड्डे पर भारत सरकार ने विमान निर्माण डिपो की भी स्थापना किया। वायु सेना एक अकेला जरिया है दूसरे देशों पर नजर रखने के लिए और उसके घुसपैठियों को भगाने के लिए।

भारतीय वायु सेना का उद्देश्य Objectives of Indian Air Force in Hindi

भारतीय वायुसेना सभी खतरों से भारतीय हवाई क्षेत्र की रक्षा करना। भारतीय वायु सेना मिशन सशस्त्र बल अधिनियम सन्  1947 में भारत की संविधान और सेना अधिनियम सन् 1950, हवाई युद्ध क्षेत्र आदि के द्वारा परिभाषित किया जाता है।

भारत में जब कोई आपदा आती है तो उस समय वायु सेना आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री गिराने खोज एवं बचाव अभियान में सहायता करती है। भारतीय वायुसेना 1998 में गुजरात चक्रवात के समय प्राकृतिक आपदा के बचाव के लिए राहत सामग्री और जाने में काफी मददगार रहा है।

भारतीय वायु सेना का संगठन Indian Air Force Organization 

भारतीय वायु सेना के प्रमुख अधिकारी “चीफ आफ एयर स्टाफ” कहे जाते हैं जो पद “चीफ एयर मार्शल” का होता है। वायु सेना का मुख्यालय दिल्ली में बनाया गया है जिसके द्वारा संपूर्ण वायु सेना का नियंत्रण रखा जाता है।

एयर मार्शल एवं वाइस एयर मार्शल या एयर कमोडोर यह सारे स्टाफ चीफ ऑफ एयर स्टाफ की सहायता के लिए होते हैं और यह चारों स्टाफ ही हवाई सेना के प्रमुख ब्रांच पर नियंत्रण रखते हैं। 

वायु सेना के मुख्यालय को चार भागों में बांटा गया है जो निम्न वत है: 

  • एयर स्टाफ
  • प्रशासनिक शाखा
  • अनुरक्षक विभाग
  • कार्य निहित योजना विभाग

भारतीय वायुसेना के विभिन्न पद Various Ranks of Indian Air Force in Hindi

वायुसेना के विभिन्न पद:

  • एयर चीफ मार्शल
  • एयर मार्शल
  • एयर वाइस मार्शल
  • एयर कमोडोर
  • विंग कमांडर
  • ग्रुप कैप्टन
  • स्क्वाडर्न लीडर
  • फ्लाइंग अफसर
  • फ्लाइट लेफ्टिनेंट

अन्य पद Other Ranks

एयर फाॅर्स के मुख्य पद –

  • मास्टर वारंट अफसर
  • वारंट अफसर
  • जूनियर वारंट अफसर
  • फ्लाइट सार्जेंट
  • सार्जेंट
  • कारपोरल
  • लीडिंग एयर क्राफ्ट्समैन

भारतीय वायुसेना के विमान

1. सुखोई 30Mk-I रूस फाइटर विमान

2. मिग 29 सोवियत संघ लड़ाकू विमान

3. मिराज 2000 फ्रांस फाइटर विमान

4. मिग 27 सोवियत संघ लड़ाकू विमान

5. जगुआर फ्रांस और यूके फाइटर विमान

6. मिग 21 सोवियत संघ लड़ाकू विमान

7. राफेल फ्रांस फाइटर विमान

8. इलुशिन 76 (IL-76) सोवियत संघ परिवहन विमान

9. सी-17 ग्लोबमास्टर यूनाइटेड स्टेट्स ट्रांसपोर्ट विमान

10. C-130J सुपर हरक्यूलिस यूनाइटेड स्टेट्स ट्रांसपोर्ट विमान

11. एंटोनोव 32 (एएन -32) सोवियत संघ परिवहन विमान

12. हॉकर सिडली (HS-748) यूनाइटेड किंगडम ट्रांसपोर्ट विमान

13. बोइंग 737 यूनाइटेड स्टेट्स ट्रांसपोर्ट विमान

14. डोर्नियर डीओ 228 जर्मनी परिवहन विमान

15. बीएई हॉक यूनाइटेड किंगडम ट्रेनर विमान

16. एचएएल किरण (HJT-16) इंडिया ट्रेनर विमान

17. पिलाटस पीसी-7 स्विट्जरलैंड ट्रेनर विमान

18. Ilyushin 78 (IL-78) रूस एयर-टू-एयर रिफ्यूलर विमान

19. बेरीव ए-50 रूस AEW&C हेलीकाप्टर

20. एचएएल रुद्र इंडिया अटैक हेलीकॉप्टर

21. एचएएल एलसीएच इंडिया अटैक हेलीकॉप्टर

22. एमआई-35 सोवियत संघ हमला हेलीकाप्टर

23. अपाचे AH64E यूएसए अटैक हेलीकॉप्टर

24. चिनूक यूएसए ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर

25. एमआई-8/एमआई-17 सोवियत संघ परिवहन हेलीकाप्टर

26. एमआई-26 सोवियत संघ परिवहन हेलीकाप्टर

27. एचएएल ध्रुव भारत परिवहन हेलीकाप्टर

28. एचएएल चीता फ्रांस परिवहन हेलीकाप्टर

29. एचएएल चेतक फ्रांस परिवहन हेलीकाप्टर

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