धरती या पृथ्वी को बचाओ पर निबंध Essay on Save Earth in Hindi
आज के दौर में जब हम अपने चारों ओर नजर घुमाकर देखते हैं तब यह पाते हैं कि तकनीक के कारण जीवन कितना बदल गया। हम जब चाहे किसी से फोन पर बात कर सकते हैं, कहीं भी जाने के लिए हमारे पास वाहन है जिससे कि उचित समय में कहीं भी पहुंचा जा सकता है। तकनीक ने हमारा जीवन आसान कर दिया।
लेकिन जिस प्रकार तकनीक के अनेकों फायदे हैं उसी प्रकार तकनीक के नुकसान भी हैं। जहां तकनीक ने हमारे जीवन को आसान कर दिया है वहीं तकनीक के कारण पृथ्वी का जीवन दिन ब दिन कम होता जा रहा है। यह आश्चर्यजनक है लेकिन यह एक कड़वा सत्य है। मानव ने अपने जीवन को आसान करने के लिए एक ऐसी मुसीबत मोल ले ली है जिससे निबटना काफी मुश्किल होगा।
धरती या पृथ्वी को बचाओ पर निबंध Essay on Save Earth in Hindi
पृथ्वी पर गहराया संकट
दरअसल बड़ा प्रश्न यह उठता है कि किस प्रकार तकनीक या अन्य आधुनिक उपकरण पृथ्वी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। आधुनिक सभी उपकरण पृथ्वी के अलग अलग घटकों से ऊर्जा पाते हैं। उदाहरणतः मोटर साइकिल को चलाने के लिए पेट्रोल की जरूरत होती है, बिजली को बनाने के लिए पानी आवश्यक है और शिक्षा में प्रमुख किताबें पेड़ों द्वारा बनाई जाती है। यह देखा जा सकता है पेट्रोल, जल और पेड़ प्राकृतिक तत्व हैं।
पृथ्वी पर आने वाला संकट किस प्रकार का होगा यह सोचनीय है। गौरतलब है कि मानवों को यह जानना होगा कि पृथ्वी पर मौजूद सभी प्राकृतिक संसाधन दो प्रकार के होते हैं। पहले वे जो कि नवीकरणीय हैं, अर्थात जिनका नवीकरण किया जा सकता है जैसे कि धूप, हवा।
दूसरे वे संसाधन जिनका नवीकरण नहीं किया जा सकता है, अर्थात अनवीकरणीय संसाधन। इन संसाधनों में प्राकृतिक तौर पर उपलब्ध ईंधन, पेड़, प्राकृतिक गैस और जल शामिल है।
गौरतलब है कि सभी आधुनिक उपकरणों को अधिकांश रूप से अनवीकरणीय संसाधनों द्वारा ऊर्जा मिलती है। ये असीमित उपयोग के कारण बहुत जल्द खत्म हो जाएंगे। इनके खत्म होने के बाद पृथ्वी पर जीवन नामुमकिन जैसा हो जाएगा और पृथ्वी का पतन आरंभ हो जाएगा। पृथ्वी के प्राकृतिक संसाधनों पर आश्रित मानव जाति का नामोनिशान मिट जाएगा। यह भयावह है।
पृथ्वी पर आने वाले संकट क्या हो सकते हैं ? What can be the crisis on earth?
पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से मौजूद तत्व लाखों सालों से यहां मौजूद है और प्रयोग में भी लिए जा रहे हैं लेकिन केवल इक्कीसवीं सदी में ही पृथ्वी के संरक्षण का मुद्दे पर क्यूँ ध्यान दिया जा रहा है। दरअसल तकनीक इक्कीसवीं सदी में पिछली शताब्दियों के मुकाबले कई गुणा ज्यादा आधुनिक है। पृथ्वी पर निम्न तरह के संकट आ सकते हैं :-
1.जंगलों का खत्म होना
जंगल और पेड़ पौधे, पृथ्वी पर मौजूद एक बड़ी जनसंख्या के लिए आहार उपलब्ध कराते हैं। पेड़ पौधे अन्य कई जरूरतों जैसे कि दवाइयों, कपड़े, घरेलू उत्पाद इत्यादि के लिए भी मानवजीवन में सहायक हैं।
गौरतलब है कि मानव के लिए सर्वाधिक आवश्यक ऑक्सिजन भी पेड़ों से ही मिलती है। लेकिन पेड़ों के इतने फायदे होने के कारण भी उनकी कदर नहीं की जा रही। अंधाधुंध पेड़ काटने के कारण पेड़ों की संख्या में भारी गिरावट आई है।
2.जल का नष्ट होना
जल मानव जीवन में सहायक एक अभिन्न तत्व है। आधुनिक उपकरणों में से अधिकांश बिजली द्वारा ऊर्जा पाते हैं। गौरतलब है कि विद्युत ऊर्जा का निर्माण जल द्वारा ही किया जाता है।
जल के स्रोतों के किनारे पर मौजूद कम्पनियों द्वारा भी जल को खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही। जल के गंदे होने के कारण जलीयजीवन समाप्त हो जाएगा और यह मानव जीवन के लिए अच्छे संकेत बिल्कुल भी नहीं क्यूंकि मानव जलीय जीवों पर भी विभिन्न सुविधाओं के लिए आश्रित है।
3.अन्य तत्व
प्रकृति में कई अन्य तत्व भी मौजूद हैं जो जीवन में सहायक हैं। उनका समापन अर्थात पृथ्वी का समापन और पृथ्वी के समापन के बाद मानव जीवन के भी कोई आसार नहीं रहते।
पृथ्वी संरक्षित करना क्यूँ जरूरी है? Why Saving earth is so important?
हम सभी मनुष्य पृथ्वी पर रहते हैं एवं प्राकृतिक संसाधनों पर अपने जीवन के लिए आश्रित हैं। पृथ्वी का संरक्षण हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमारा घर है। यदि कोई आपने घर को न बचाए तो वह निर्वासित हो जाता है और उसी प्रकार यदि समय पर पृथ्वी को नहीं बचाया गया तो मानव जाति को विलोपन का सामना करना पड़ेगा।
कैसे पृथ्वी को संरक्षित करें? How to Save earth?
प्राकृतिक संसाधन हमारे जीवन के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं यह तो जगजाहिर है, और इनपर खत्म होने का संकट भी देखा जा चुका है। लेकिन वह समय अभी बहुत दूर है जब यह सब खत्म हो जाएगा । उससे पहले पृथ्वी को संरक्षित किया जा सकता है। ऐसा करने के बहुत से तरीके हैं जो काफी आसान है और व्यक्तिगत स्तर पर किए जा सकते हैं। वे तरीके निम्नलिखित हैं :-
- पृथ्वी को बचाने के लिए जंगलों को बचाने बहुत जरूरी है। जंगलों की अंधाधुंध कटाई से प्रकृति को काफी ज्यादा नुकसान पहले ही पहुंचाया जा चुका है। व्यक्तिगत स्तर पर पेड़ पौधे लगाकर एवं कागजी सामग्री को सहूलियत से प्रयोग करके पेड़ों को बचाया जा सकता है एवं पृथ्वी के संरक्षण में योगदान दिया जा सकता है।
- वन्यजीव मानव जीवन के लिए कितनी उपयोगी है यह खाद्य चेन को देखकर समझा जा सकता है। पृथ्वी एवं प्राकृतिक चीजों के आस्तित्व को बचाने के लिए वन्यजीवों को संरक्षित करना अतिआवश्यक है।
- जल संरक्षण करके भी प्रकृति के संरक्षण में योगदान दिया का सकता है। जल का अनुचित प्रयोग बंद करके एवं जल की बर्बादी रोककर, पृथ्वी संरक्षण में योगदान दिया जा सकता है।
- अपने दैनिक जीवन को प्रकृति के संरक्षण में उपयोग करने के लिए सार्वजानिक वाहन का प्रयोग करें जिससे कि प्रदूषण कम हों। अन्य प्रदूषणकारी तत्वों के प्रयोग से जहां तक हो सके बचने का प्रयास करें।
- पृथ्वी के महत्व, संकट एवं संरक्षण के बारे में लोगों को जागरूक करें। यथासंभव लोगों को प्रेरित करें।
निष्कर्ष
पृथ्वी हमारा घर है और इसका संरक्षण करना भी हमारी ही जिम्मेदारी है। गौरतलब है कि पृथ्वी को इस अवस्था में पहुंचाने वाले भी हम ही है। विभिन्न देशों की सरकारों द्वारा इस मुद्दे पर विभिन्न कदम उठाएं गए हैं लेकिन यह तभी सफल हो सकता है जब व्यक्तिगत स्तर पर कदम उठाए जाएंगे।
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