समय यात्रा पर निबंध Essay on time travel in Hindi

टाइम ट्रैवल (समय यात्रा) पर निबंध Essay on time travel in hindi आज के इस आर्टिकल में हमने समय यात्रा के तथ्य, वैज्ञानिक सिद्धांत, संभव-असंभव के बारे में सभी जानकारी दिया है।

टाइम ट्रैवल – समय यात्रा पर निबंध Essay on time travel in Hindi

समय यात्रा का सबसे पहला उल्लेख

टाइम ट्रेवल (समय यात्रा) का सबसे पहला उल्लेख 1895 ई० में हर्बट जार्ज वेल्स के उपन्यास “द टाइम मशीन” में पाया गया था। इस किताब ने पूरे यूरोप में तहलका मचा दिया था। सभी लोग यह कहानी पढ़ कर रोमांचित थे, इसके साथ ही अचंभित भी थे।

पहली बार इसमें टाइम ट्रैवल की कल्पना की गई थी। यह उपन्यास बहुत चर्चित रहा था। टाइम ट्रेवल पर विश्व के अनेक वैज्ञानिकों ने अपने अपने विचार प्रस्तुत किए है। इसके बाद टाइम ट्रेवल पर कुछ और उपन्यास भी प्रकाशित हुए पर। अभी तक टाइम टेबल मनुष्य के लिए संभव नहीं हो सकता है।

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क्या समय यात्रा संभव है?

टाइम ट्रैवल अभी तक संभव नहीं हो सका है। पर कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि भविष्य में मनुष्य एक टाइम मशीन बनाएगा जिसमें बैठकर समय की यात्रा संभव हो सकेगी। मनुष्य भूतकाल और भविष्य काल दोनों ही समय में आ जा सकेगा। टाइम मशीन के द्वारा यह संभव हो पाएगा ।

क्या होता है समय यात्रा?

टाइम ट्रैवल एक संकल्पना है जिसमें यह माना जाता है कि मनुष्य एक समय से दूसरे समय में यात्रा कर सकता है। जैसे हम एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए यात्रा करते हैं। उदाहरण के लिए वर्तमान में 2019 चल रहा है तो यदि टाइम ट्रैवल संभव होता तो मनुष्य 1947 में जा सकता था जब देश आजाद हुआ था, या 2050 में जा सकता था। टाइम ट्रैवल संकल्पना के अनुसार मनुष्य समय में आगे और पीछे दोनों ही समय में आ और जा सकता है।

समय यात्रा के पीछे का वैज्ञानिक सिद्धांत

अभी तक वैज्ञानिक टाइम ट्रैवल को संभव नहीं बना पाए हैं। कुछ वैज्ञानिक इसे असंभव बताते हैं। परंपरागत भौतिक विज्ञान इसे असंभव बताता है लेकिन भौतिक विज्ञान की दूसरी शाखा क्वांटम फिजिक्स (Quantum Physics) के अनुसार टाइम ट्रेवल संभव है। कुछ वैज्ञानिक वार्म होल्स के सिद्धांत (Wormholes theory) से इसका सम्बन्ध जोड़ते है। इस सिद्धांत को आइंस्टीन रोजेज ब्रिज सिद्धांत (Einstein Rosen Bridge theory ) भी कहते हैं।

वैज्ञानिक क्या कहते हैं?

टाइम ट्रैवल के बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि जो घटना या समय बीत चुका है उसका दृश्य और ध्वनि ब्रह्मांड में रिकॉर्ड हो जाता है। जिस तरह हम एक फिल्म को आगे और पीछे कर सकते हैं उसी तरह हम समय में आगे और पीछे जा सकते हैं।

पर हम समय में किसी प्रकार का बदलाव नहीं कर सकते हैं। यदि ऐसा किया जाता है तो पार्टिकल बिखरकर अस्पष्ट हो जाएंगे। टाइम ट्रेवल की मदद से भविष्य में होने वाली घटना को भी देखा जा सकता है, क्योंकि सभी कार्यों की एक श्रृंखला होती है।

वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि भविष्य के समय में जाकर उसमें बदलाव संभव है परंतु जो समय बीत गया है उसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है।

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समय यात्रा का हिंदू धर्म से संबंध

ऐसा माना जाता है कि प्राचीन काल में कई देवता टाइम ट्रैवल (समय यात्रा) करते थे। नारद, सनत कुमार, अश्विन कुमार जैसे देवता टाइम ट्रेवल किया करते थे। वेद और पुराणों में टाइम ट्रैवल का उल्लेख मिलता है।

उदाहरण 1: रेवत नाम का एक राजा ब्रह्मा से मिलने के लिए ब्रह्मलोक गया था। जब वह पृथ्वी पर दोबारा लौटा दो चार युग बीत चुके थे।

उदाहरण 2: भूतकाल के व्यक्ति का भविष्य काल में चला जाना

उदाहरण 3: पुराणों में ऐसे बहुत से ऋषि मुनि पाए गए हैं जो सतयुग में भी जीवित थे, त्रेता युग में भी जीवित थे और द्वापर में भी जीवित थे। इससे हम टाइम ट्रैवल के निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं।

उदाहरण 4: बौद्ध ग्रंथों में कुमार कशप्पा नाम के एक भिक्षुक का वर्णन मिलता है जो बताता है कि स्वर्ग में समय की गति पृथ्वी की तुलना में कम है।

उदाहरण 5: जापानी कथा के अनुसार “Urashima Taro” नाम का एक मछुआरा तूफान में फंस कर एक द्वीप पर पहुंच जाता है। जब 3 दिन बाद वह घर लौटता है तो पता चलता है कि 300 साल गुजर चुके हैं

आइंस्टीन का सापेक्षता सिद्धांत

पहले यह धारणा थी कि समय निरपेक्ष और सार्वभौमिक है। सभी स्थानों पर एक सा समय है। जैसे यदि पृथ्वी पर सुबह के 10:00 बज रहे हैं तो मंगल गृह पर भी सुबह के 10:00 बज रहे होंगे। पर महान वैज्ञानिक आइंस्टाइन का सापेक्षता सिद्धांत इसका खंडन करता है।

इसके अनुसार समय अलग अलग है। यह सिद्धांत कहता है कि दो घटनाओं के बीच मापा गया समय इस बात पर निर्भर करता है कि उसे देखने वाला किस गति से जा रहा है।

समय यात्रा पर बनी प्रमुख फिल्में Movies on Time Travel

  1. The Time Machine (1960)
  2. Time After Time (1979)
  3. Time Bandits (1981)
  4. The Terminator (1984)
  5. Back to the Future (1985)
  6. The Voyage Home (1986)
  7. Groundhog Day (1993)
  8. Twelve Monkeys (1995)
  9. Frequency (2000)
  10. The Butterfly Effect (2004)
  11. Journeyman (2007)
  12. The Time Traveler’s Wife (2009)

टाइम ट्रेवल के 5 संभावित तरीके

वैज्ञानिकों का कहना है कि टाइम ट्रैवल के लिए 5 तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है

गति

आइंस्टीन के सापेक्षता सिद्धांत के अनुसार जब हम प्रकाश की गति से यात्रा करते हैं तो बाहरी दुनिया के सापेक्ष हमारे लिए समय धीमा हो जाता है। इसे समय फैलाव टाइम दिलेशन (Time Dilation) कहते हैं।

गुरुत्वाकर्षण

आइंस्टाइन का सापेक्षता सिद्धांत कहता है कि गुरुत्वाकर्षण जितना अधिक शक्तिशाली होगा समय उतना ही धीमा होगा। हमारे सिर के मुकाबले हमारे पैरों के लिए समय धीमा होगा।

निलंबित एनीमेशन

वैज्ञानिकों का कहना है कि बैक्टीरियल स्पायर्स लाखो सालों तक निलंबित एनिमेशन की स्थिति में जीवित रह सकते हैं। भालू और गिलहरी जैसे कुछ जीव हाइबरनेशन के दौरान अपने मेटाबॉलिज्म को धीमा कर सकते हैं। ऑक्सीजन और भोजन की आवश्यकताओं को कम कर सकते हैं।

वार्महोल्स

आइंस्टाइन का सापेक्षता सिद्धांत शॉर्टकट विधि से टाइम ट्रैवल (समय यात्रा) की मान्यता भी देता है। इसे वार्महोल्स कहा जाता है। इस विधि से एक अरब प्रकाश वर्ष या उससे अधिक के बीच की दूरी के बीच कुछ बिंदु पुल की तरह काम करते हैं।

प्रकाश का प्रयोग करके

अमेरिकी भौतिक शास्त्र वैज्ञानिक रॉन मैलेट का कहना है कि स्पेस टाइम को मोड़ने के लिए  प्रकाश के घूर्णन सिलेंडर (rotating cylinder of light)का उपयोग किया जा सकता है। मैलेट के अनुसार, सही ज्यामिति (geometry) के द्वारा टाइम ट्रेवल किया जा सकता है।

Help Source –

https://spaceplace.nasa.gov/review/dr-marc-space/time-travel.html
https://www.physics.org/article-questions.asp?id=131
https://www.space.com/40716-time-travel-science-fiction-reality.html

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