16 अक्टूबर विश्व खाद्य दिवस पर निबंध Essay on World Food Day in Hindi
16 अक्टूबर विश्व खाद्य दिवस पर निबंध Essay on World Food Day in Hindi
संयुक्त राष्ट्र संघ में 1945 को खाद्य एवं कृषि संगठन की स्थापना की गयी थी। इसी स्थापना दिवस को याद करने के लिए “विश्व खाद्य दिवस” 16 अक्टूबर को पूरे विश्व में मनाया जाता है। इसे बहुत सी सस्थाएं खाद्य सुरक्षा दिवस की तरह मनाती है।
सबसे पहला खाद्य दिवस 1980 में मनाया गया था। अब यह विश्व भर में 150 से अधिक देशो में मनाया जाता है।इसका लक्ष्य बढ़ती हुई गरीबी, भुखमरी, और खाद्य संकट के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी सदस्य देश इसे मनाते हैं। 2007 में 40 देशो को खाद्यान्न मूल्यों में 140% की बढ़ोत्तरी हुई जिसके कारण खाद्यान्न संकट का सामना करना पड़ा।
16 अक्टूबर विश्व खाद्य दिवस पर निबंध Essay on World Food Day in Hindi
“विश्व खाद्य दिवस” का उद्देश्य MOTTO OF WORLD FOOD DAY
विश्व खाद्य दिवस का एक उद्देश्य है कोई भूखा न रहे। पूरे विश्व में अधिक से अधिक खाद्यान्न उत्पादन हो। विकासशील देशो में कृषि तकनीक और विकास को बढ़ावा दिया जा सके जिससे उनकी गरीबी दूर हो सके, भुखमरी के हालात खत्म हो। इस दिवस को मनाते हुए 37 वर्ष हो चुके है पर आज भी दुनिया में ऐसे हजारो लोग है जो भूखे पेट सोने को मजबूर हैं।
विश्व में खाद्यान्न संकट- FOOD PROBLEM IN WORLD
ऐसा नही है कि पूरे विश्व में पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न है। कई देश में इसका संकट है। अफ्रीका जैसे विकासशील देशो में लोग रोज 20 रुपये में अपना गुजारा करते हैं।
अर्जुन सेन गुप्ता कमीटी के अनुसार विश्व के आज अफ्रीका महाद्वीप के रवांडा, नाइजीरिया, इरीट्रिया, कोमोरोस, सूडान, चाड, यमन रिपब्लिक, इथोपिया, मेडागास्कर, जाम्बिया, सोमालिया, सेनेगल, बुरुंडी जैसे देशो में भारी खाद्यान्न संकट है।
इसके अलावा इंडोनेशिया, फिलिपीन्स, मोरक्को, हैती, मेक्सिको जैसे देशो की हालत काफी खराब है। वहां पर्याप्त मात्रा में अनाज का उत्पादन नही हो रहा है। लूटपाट, चोरी की घटनाये बढ़ रही है।
“विश्व खाद्य दिवस” की थीम WORLD FOOD DAY THEME
हर साल इस दिवस की अलग अलग थीम होती है।
2014 की थीम “पूरी दुनिया को खिलाओ, पृथ्वी की देखभाल करो”
2015 की थीम “खाद्य सुरक्षा और कृषि: ग्रामीण गरीबी को दूर करो”,
2016 की थीम “जलवायु बदल रही है: भोजन और कृषि को भी बदलना चाहिये”
2017 की थीम “प्रवास की समस्या को खत्म करो: खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण विकास में निवेश करो”
भारत में खाद्य समस्या FOOD PROBLEM IN INDIA
भारत में हर साल गोदामों में 50 करोड़ रुपयों का 10 लाख मीट्रिक टन अनाज नष्ट हो जाता है। यह अनाज हर साल 1 करोड़ लोगो की भूख मिटा सकता हैं। देश में ये अनाज खुले में रखने के कारण बारिश, धूप, सर्दी से नष्ट हो जाता है। देश में आधुनिक भंडारण का आभाव है।
सरकार हाथ पर हाथ रखे रहती है। देश में झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, राजस्थान जैसे राज्यों में भूख और कुपोषण की काफी समस्या है। देश में 47% बच्चे कुपोषण की समस्या से जूझ रहे हैं। वैश्विक भूख सूचकांक में भारत 100वें पायदान पर है।
भारत उत्तर कोरिया और बांग्लादेश जैसे देशों से पीछे है लेकिन पाकिस्तान से आगे है। यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार देश में करीब 5 हजार बच्चे कुपोषण का शिकार होते हैं। राशनकार्ड पर मिलने वाले राशन में भ्रस्टाचार हो रहा है।
देश की अर्थव्यवस्था में कृषि का हिस्सा 14% है। पिछले 72 सालो में आज भी कृषि वर्षा के सहारे चल रही है। हमारे देश में हजारो लोग भूखे पेट सोते है इसके बादजूद शादी, विवाह, पार्टी में बहुत भोजन फेंका जाता है।
विश्व खाद्यान्न दिवस कैसे मनाया जाता है HOW TO CELEBRATE WORLD FOOD DAY?
हमारे देश में इसे बड़े उत्साह से मनाया जाता है। इसे खाद्यान्न इंजीनियरर्स दिवस भी कहते है। इस दिन कृषि के महत्व को बताया जाता है। भोजन को साफ़ और सुरक्षित रखने की शपथ ली जाती है।
आनुवंशिक रूप (Genetically Modified) से संशोधित फसलों का विरोध किया जाता है। विभिन्न शहरों में कृषि मेलों का आयोजन किया जाता है। नवीन बीज, तकनीक, खाद्य, नये कृषि यंत्रो की प्रदर्शनी की जाती है।
किसान मित्रो को फसलो की खेती के आधुनिक तरीके से करने को प्रोत्साहित किया जाता है जिससे उनकी पैदावार बढ़ सके। स्कूल कॉलेज में विश्व खाद्य दिवस WORLD FOOD DAY पर निबंध प्रतियोगिता, भाषण का आयोजन किया जाता है। रंगोली, नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया जाता है। इस दिन फास्टफूड से होने वाले नुकसान को बताया जाता है।
विश्व खाद्य दिवस पर हमारे कर्तव्य OUR RESPONSIBILITIES ON WORLD FOOD DAY
हम सभी को शपथ लेनी चाहिये कि कभी भी भोजन को नष्ट नही करेंगे। ये ख्याल रखेंगे की हमारे आस पड़ोस में कोई भूखा न रहे। शादी, ब्याह जैसे कार्यक्रम में भोजन नष्ट नही करेंगे। बचे हुए भोजन को गरीब भूखे बेसहारा लोगो में वितरित करेंगे।
जैविक कृषि को बढ़ावा देंगे जिससे उपज शुद्ध हो, फसल में किसी तरह की अशुद्धि न हो। आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों का इस्तेमाल नही करेंगे। खेतो में सिर्फ जैविक खाद्य का इस्तेमाल करेंगे। कृषि प्रदुषण नही फैलायेंगे।
कोई भी मनुष्य बिना भोजन के जीवित नही सकता है। आज पूरे विश्व की आबादी 760 करोड़ है जो 2050 तक 900 करोड़ होने सी सम्भावना है। हर दिन बढ़ती हुई आबादी को देखते हुए जादा से जादा खाद्यान्न उत्पादन की जरूरत है।
इसलिए हमे कभी भी भोजन, अनाज और दूसरी खाद्य सामग्री को नष्ट नही करना चाहिये। भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ की भूमी उपजाऊ है, पर देश के लिए बढ़ती आबादी एक बहुत बड़ी चुनौती है। अभी देश की आबादी 132 करोड़ है जो विश्व में चीन के बाद दूसरे नम्बर पर है।
निष्कर्ष Conclusion
यदि हम जनसंख्या पर नियंत्रण कर ले तो भारत जल्द ही एक विकसित देश बन सकता है। बढ़ती आबादी के कारण हमे “विश्व खाद्य दिवस” अच्छी तरह से मनाने की जरूरत है। बढ़ती आबादी का पेट भरने के लिए किसानो को आधुनिक तकनीक से कृषि करनी होगी।
हमे कृषि उत्पादों में तेजी लानी चाहिये। कई फसल आज देश में पर्याप्त मात्रा में उग रही है फिर भी सरकार आयात कर रही है। 2017 में भारत सरकार ने 30 लाख टन गेंहू का आयात आस्ट्रेलिया, युक्रेन और फ्रांस देशो से किया।
ये सब बहुत चौकाने वाला है। हमे चाहिये की किसी भी फसल का आयत न करे उसे देश में ही उगाने की कोशिश करे। कृषि उपज में आत्मनिर्भर होने की जरूरत है।