कबूतर पर निबंध Essay on Pigeon in Hindi
इस लेख में आप कबूतर पर निबंध Essay on Pigeon in Hindi पढ़ेंगे। इसमे आप कबूतर के विषय में पूरी जानकारी (Information) पढ़ेंगे जैसे इस पक्षी के रहने की जगह, आकार, कुछ वाक्य, (few lines) और यह क्या कहते हैं।
कबूतर पर निबंध Essay on Pigeon in Hindi (1000+ Words)
कबूतर एक उड़ने वाला पक्षी है, जो आसमान में उड़ता हुआ नज़र आता है। कबूत को अंग्रेजी में डव (dove) और पिजिन (pigeon) दोनों नाम से जाता जाता हैं।
कबूतर देखने में एक सुंदर पक्षी है। यह सफ़ेद और सिलेटी दो रंगों में ज़्यादातर देखने को मिलता है। कबूतर को कई लोग घरों में भी पालते है। कहा जाता है कबूतर शांति का प्रतीक होते है।
कबूतर कहाँ रहते हैं और क्या खाते हैं? About habitat and feed of Pigeon in Hindi
कबूतर का सफ़ेद रंग शांति का प्रतीक है यह घोंसला बनाकर रहना पसंद करते है। कबूतर अपना घोंसला बड़ी-बड़ी इमारतों और हवेली में भी बनाते है। कबूतरों का पसंदीदा भोजन है दाने, कबूतर दाने चुगना पसंद करते है।
कबूतर पुराने जमाने के सन्देश वाहक कहलाते है कहा जाता है पहले के समय चिठियाँ या कोई भी सन्देश अगर कही पहुचाना हो, तो वो पत्र रूपी सन्देश कबूतर के गले में बांध दिया करते थे और वह कबूतर उस सन्देश को वहां पहुंचा देता था। इसलिए कबूतर पक्षी का बहुत ही पुराना इतिहास (history) है क्योंकि इसका उपयोग की वर्षों से राजा महाराज किया करते थे। राजा अकबर के महल में भी हजारों की तादाद में कबूतर रहते थे।
कबूतर के शरीर का आकार Dove bird body information in Hindi
कबूतर देखने में बहुत ही खुबसूरत पक्षी है, जो हमारे विश्व भर में पाया जाता है, वैसे तो इसकी कई प्रजातियाँ है लेकिन हमारे भारत में ये केवल सफ़ेद और सिलेटी दो रंगों के कबूतर ही देखने को मिलते है। इनका पूरा शरीर पंखों से ढका होता है।
ये पंख कबूतर को उड़ने में उनकी मददगार साबित होते है और मौसम के अनुसार उनके शरीर के तापमान को नियंत्रित करते है ताकि बहुत गर्मी में बहुत सर्दी या बरसात के मौसम में वे अच्छी तरह अपना जीवन निर्वाह कर सके ये कहना बिलकुल सही है कि कबूतर किसी भी मौसम में रह सकते है।
कबूतर की सुंदर सी चोंच होती है जिसके ऊपर की ओर दो छोटे-छोटे छेद होते है जिसकी सहायता से कबूतर सांस ले सकते है और दो प्यारी सी गोल-गोल आँखे भी होती है, जो कबूतर की प्रजाति के अनुसार भूरे या लाल रंग की होती है इसके अलावा मादा कबूतर के गले पर काली गोलाई वाली रेखा पाई जाती है तथा नुकीले दो पंजे होते है।
इसकी गर्दन बहुत ही मुलायम होती है और सिलेटी रंग के कबूतर की गर्दन में बैगनी रंग की एक रेखा होती है जो गले के चरों तरफ से घेरे होती है। कबूतर खुले आसमान में काफी देर तक अपनी गति को विराम न देते हुये उड़ सकते है।
कबूतर का वजन लगभग 1 से लेकर 1.5 किलोग्राम तक होता है। कबूतर की लम्बाई 15 से लेकर 17 सेमी. होती है। कबूतर जब बोलते है तो उनकी आवाज़ गुटरगूं-गुटरगूं आती है जो हमें सुनने में बहुत ही अच्छी लगती है।
कबूतर के बारे में कुछ अन्य जानकारी Some information about pigeon in Hindi
सब कहते है कबूतर को घर में पालने से भाग्य अच्छा होता है। कबूतर की कोई भी बात याद रखने की शक्ति बहुत अधिक होती है इसीलिए पहले ये सन्देश सही जगह पर पहुंचाने के काम में माहिर थे हालाँकि अब नए नए उपकरण आ जाने के कारण कबूतर की सहायता लेना लोगों ने बंद कर दिया है।
कबूतर का ह्रदय 1 मिनट में 600 बार धड़कता है। यह एक ऐसा पक्षी है जो रेगिस्तान में और अत्यंत बर्फ वाले क्षेत्रों में भी रह सकता है। यह इतना समझदार होता है कि यह शीशे में अपने आप को देखकर आसानी से पहचान लेता है।
इनकी उम्र लगभग 6 वर्ष ही होती है। कबूतर लगभग एक घंटे में 60 से 70 किलोमीटर तक उड़ सकता है और जमीन से 6000 मीटर की ऊंचाई तक यह अपनी उड़ान भरता है। यह एक संवेदनशील पक्षी है यह आने वाली प्राकृतिक आपदाओं को पहले से जान जाते है।
कबूतर की स्मरण शक्ति के तेज़ होने के कारण मीलों दूर जाने के बाद भी वह अपने घर आसानी से वापस आ जाते है। कबूतर एकबार में दो अंडे देता है और ये अंडे 19 से 20 दिन के अंदर ही फूट जाते है और इनसे चूजे बाहर निकल आते है।
एक कबूतर छह माह की उम्र में ही प्रजनन करने लायक हो जाता है। कबूतरों की आदत अनुसार ये एकसाथ झुण्ड में रहना ज्यादा पसंद करते है न कि अकेले इसीलिए ये अपना घोंसला इंसानों के घरों या उनकी इमारतों की दीवारों पर ही बनाते है।
कबूतर का इतिहास History of Pigeon Bird in Hindi
कबूतर प्राचीनकाल से एक डाकिये का काम करते आ रहे है। पहले जब युद्ध हुआ करते थे, तो उस समय कोई भी ऐसा साधन नहीं था जिससे आसानी से अपनी बात दूसरे साथी तक पहुंचा दी जाये पर उस समय कबूतर था जिसकी सहायता से हम अपने सन्देश का आदान प्रदान कर पाते थे क्योंकि कबूतर ही एकमात्र ऐसा पक्षी है जिसमे इंसान को पहचानने की शक्ति और स्मरण शक्ति तेज़ होती है।
कबूतर के बारे में इतनी सारी बातें जानने के बाद हमें यह समझ आया कि कबूतर हमारे दोस्त है और पृथ्वी का एक ऐसा उपहार है जो पक्षी होते हुये भी इंसान के काम आता है इसीलिये हमें कबूतर की देखभाल करनी चाहिये उनको मारना नहीं चाहिये।
आज भी की लोग कबूतरों को अपने घरों में बहुत शुभ मानते हैं और उन्हें अपने घरों में पालते हैं। कुछ राज्यों के लोग तो धन का आगमन मान कर कबूतरों को अपने घरों की छत में रहने की जगह भी देते हैं। कुछ लोग तो इन्हें अपने घर में पालते हैं और खुशी के लिए इन्हें खूब दान भी खिलते हैं। इनकी सुंदरता देखते ही बनती है।
कबूतर के विषय में 10 वाक्य Few lines about Pegion in Hindi
- कबूतर एक सुंदर सफ़ेद और सिलेटी रंग का पक्षी है।
- कबूतर कई देशों में पाए जाते हैं परंतु मिश्र, चीन, सऊदी अरब में यह सबसे ज्यादा पाए जाते हैं।
- कबूतर का उपयोग इतिहास में संदेश भेजने के लिए किया जाता था।
- कबूतर को बहुत ही शुभ पक्षी माना जाता है।
- भूत और खासकर अनाज और दाने खाते हैं।
- कबूतर लोगों के घरों की छतों में रहना पसंद करते हैं।
- कबूतर बहुत ही होशियार पक्षी होते हैं और एक बार जो रास्ता देख लेते हैं उसे नहीं भूलते हैं।
- कबूतर बहुत ज्यादा ऊंचाई तक उड़ान भर सकते हैं।
- एक व्यस्क कबूतर का वजन 1 से 1.5 किलोग्राम होता है और लंबाई 10-15 सेंटीमीटर प्रजाति के अनुसार होती है।
- एक कबूतर की जीवन प्रत्याशा 5 से 10 साल होती है।
निष्कर्ष Conclusion
आशा करते हैं आपको कबूतर पर यह निबंध (Essay on Pigeon in Hindi) अच्छा लगा होगा जिसमें हमने कबूतर के विषय में कई प्रकार की जानकारियां (Information about Pigeon in Hindi) आपको दी। अगर आपको यह लेख पसंद आया है तो अपने परीक्षा के लिए आप से मदद ले सकते हैं। ले कैसा लगा कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं।
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