महाराणा प्रताप के बारे में 30 रोचक तथ्य Amazing Facts about Maharana Pratap in Hindi
महाराणा प्रताप मेवाड़ में सिसोदिया राजपूत राजवंश के राजा थे। वे कई सालों तक मुगल सम्राट अकबर से संघर्ष करते रहे। वे अपनी वीरता, बहादुरी और युद्ध कला के लिए जाने जाते थे। उन्होंने मुगलों को कई युद्ध में हराया भी था।
झाला मानसिंह इनका विश्वासपात्र सिपाही था जिसने अपने प्राणों पर खेलकर महाराणा की जान बचाई थी। शक्ति सिंह ने अपना प्रिय घोड़ा “चेतक” देखकर महाराणा प्रताप को युद्धभूमी से जाने को कहा था।
मुगल सम्राट अकबर महाराणा प्रताप और मेवाड़ को अपने अधीन करना चाहता था। इसके लिए उसने चार राजदूत नियुक्त किए थे। जलाल खान, मानसिंह, भगवान दास और राजा टोडरमल। पर उन चारों के समझाने के बाद भी महाराणा प्रताप ने अकबर के अधीन होना स्वीकार नहीं किया।
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महाराणा प्रताप के बारे में 30 रोचक तथ्य Amazing Facts about Maharana Pratap in Hindi
इस लेख में हमने महाराणा प्रताप बारे में आपको 30 रोचक तथ्यों के विषय में बताया है-
- महाराणा प्रताप का जन्म मेवाड़ में 9 मई 1540 को हुआ था।
- महाराणा प्रताप का पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया था।
- महाराणा प्रताप का बचपन का नाम “कीका” था। इनके पिता का नाम राणा उदय सिंह था।
- महाराणा प्रताप 7 फीट 5 इंच के लंबे कद काठी के वीर पुरुष थे।
- इनका वजन 110 किलो था। एक महान और वीर सैनिक में जो शारीरिक योग्यता होनी चाहिए वह सब महाराणा प्रताप के अंदर थी।
- महाराणा प्रताप के भाले का वजन 81 किलो था, जो एक ही बार में दुश्मन की जान ले लेता था। उनकी छाती के कवच का वजन 72 किलो था।
- महाराणा प्रताप भाला, ढाल, दो तलवारें, कवच लेकर युद्ध में जाते थे जिसका कुल वजन 208 किलो होता था। इतना भार लेकर युद्ध करना आज के पुरुषों के लिए संभव नहीं है।
- राजनीतिक कारणों से महाराणा प्रताप ने 11 शादियां की थी। यह तथ्य बहुत ही रोचक और आश्चर्यजनक है।
- उदयपुर के राज्य संग्रहालय में महाराणा प्रताप शूरवीर की तलवार, कवच और अन्य सैन्य सामान सुरक्षित रखा हुआ है।
- महान सम्राट अकबर भी महाराणा प्रताप की वीरता से बहुत प्रभावित था। उसने महाराणा प्रताप को प्रस्ताव दिया था कि यदि वे उसके सामने झुक जाते हैं तो आधा भारत महाराणा प्रताप का हो जाएगा। परंतु उन्होंने यह प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया। महाराणा प्रताप ने कहा कि मरते दम तक कभी भी अपना सिर मुगलों के सामने नहीं झुकाएंगे।
- महाराणा प्रताप का घोड़ा ‘चेतक’ भी बहुत चर्चित है। उसकी कई कहानियां सुनने को मिलती हैं। चेतक एक बहुत ही ताकतवर घोड़ा था। दौड़ते वक्त उसकी रफ्तार बहुत तेज हो जाती थी।
- एक बार युद्ध में चेतक ने अपना पैर हाथी के सिर पर रख दिया था। घायल महाराणा प्रताप को लेकर वह 26 फीट लंबे नाले के ऊपर से कूद गया था। हर युद्ध में चेतक घोड़े ने महाराणा का साथ निभाया था।
- मायरा की गुफा में महाराणा प्रताप ने कई दिनों तक घास की रोटियां खा कर वक्त गुजारा था।
- हल्दीघाटी में महाराणा प्रताप और सम्राट अकबर के बीच भयंकर युद्ध हुआ था। इस युद्ध को 300 साल हो चुके हैं, पर आज भी वहां के युद्ध मैदान में तलवारे पाई जाती हैं।
- हल्दीघाटी के युद्ध में ना तो अकबर की जीत हुई और ना ही महाराणा प्रताप की।
- सम्राट अकबर ने 30 सालों तक महाराणा प्रताप को बंदी बनाने की कोशिश की परंतु उन्हें सफलता नहीं मिली।
- महाराणा प्रताप की मृत्यु 29 जनवरी 1597 को हुई थी। शिकार करते समय वह दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे।
- जब अकबर को महाराणा प्रताप की मौत के बारे में खबर हुई तो वह भी रो पड़ा था।
- हल्दीघाटी के युद्ध में हकीम खां सूरी महाराणा प्रताप की फौज में एकमात्र मुस्लिम सरदार था।
- हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून 1576 ईस्वी को हुआ था।
- इस युद्ध में सम्राट अकबर के पास 85000 सैनिक थे जबकि महाराणा प्रताप के पास सिर्फ 20000 सैनिक थे। उसके बावजूद भी महाराणा प्रताप अकबर से संघर्ष करते रहे और पीछे नहीं हटे।
- महाराणा प्रताप के 17 बेटे और 5 बेटियां थी।
- युद्ध में महाराणा प्रताप दो तलवार रखते थे। यदि उनके दुश्मन के पास तलवार नही होती थी तो उसे अपनी एक तलवार देते थे जिससे युद्ध बराबरी का हो। इससे पता चलता है कि महाराणा प्रताप एक न्यायप्रिय राजा थे।
- सम्राट अकबर ने एक बार कहा था कि महाराणा प्रताप और जयमल यदि उनके साथ हो जाएं तो अकबर विश्व का सबसे शक्तिशाली राजा बन सकता है।
- अकबर को सपने में महाराणा प्रताप दिखाई देते थे।
- महाराणा प्रताप की तरह उनके सेनापति और सैनिक भी बहुत वीर थे। उनका एक सेनापति युद्ध में सिर कटने के बाद भी लड़ता रहा था।
- महाराणा प्रताप को भारत का प्रथम स्वतंत्रता सेनानी भी कहा जाता है।
- सम्राट अकबर से लोहा लेने के लिए महाराणा प्रताप ने अपना महल त्याग दिया और दिन-रात युद्ध की तैयारी में जुट गए। लोहार जाति के हजारों लोग भी उनके साथ शामिल हो गए और दिन रात तलवारें बनाने का काम किया।
- यह लोहार जाति आजकल हरियाणा राजस्थान में रहती है जिसे गाडिया लोहार कहते हैं।
- मेवाड़ राज्य के भील जाति के लोग महाराणा प्रताप को अपना बेटा मानते थे। राणा प्रताप भी उनका दिल से स्वागत करते थे और उनको अपना मानते थे।
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