रस्सी कूदने के फायदे Health benefits of Skipping in Hindi
दोस्तों आज हम बात करेंगे एक ऐसे खेल की जिसको हम बचपन में हम सब खेलते ही हैं। फिर जाने क्यों बचपन का ये मजेदार खेल बड़े होने पर जिंदगी से जैसे ग़ायब हो जाता है। इसके ग़ायब होने से धीरे धीरे शरीर पर मोटापा चढ़ने लगा है या हर समय थकावट महसूस होती है।
दोस्तों वो खेल है रस्सी कूदने का। जिसके नियमित अभ्यास से आपको सेहत की दोबारा प्राप्ति होती है साथ ही साथ आप अपने वजन पर भी नियंत्रण रख सकते हैं, क्योंकि यह एक बेहतरीन व्यायाम है जो ना केवल बच्चों के लिए अच्छा है, बल्कि बड़ो के लिए भी अच्छा साबित होता है। इसलिए यदि आप सेहत के प्रति जागरूक है तो अपना थोड़ा समय रस्सी कूदने में लगा सकते है।
रस्सी कूदने की कैसे करें शुरुआत? How to start Skipping?
देखने में तो यह बहुत ही आसान सा प्रतीत होता है, लेकिन जब आप इसकी शुरुआत करेंगे तो यह आप को महसूस होगा यह किसी कला से कम नही है। धीरे धीरे आप इसमें पारंगत हो पाएंगे। यदि आप रस्सी कूदने कि शुरुआत करने की सोच रहे है तो सबसे पहले आपको अपनी लम्बाई के अनुसार रस्सी की लम्बाई को चुनना होगा।
फिर रस्सी के दोनों सिरों पर लगे हैण्डल को मज़बूती से पकड़ कर रस्सी के बीच से कूदना सीखना होगा। इस तरह से आप जितनी बार आसानी से रस्सी कूद सकते हैं उतनी ही बार कूदें। शुरुआत में रस्सी कूदने का अभ्यास करना पड़ता है, फिर धीरे धीरे आदत बन जाती है और यह खेल आसान लगने लगता है। यह आसान होने के साथ साथ जेब पर भी भारी नही पड़ता है।
स्किप्पिंग का सही तरीका Correct method to jump during skipping
अगर आपने पहले कभी रस्सी नहीं कूदा है तो शुरुआत कम गिनती से करें। एक दिन में 50 बार रस्सी कूदने से शुरु करें। कुछ दिन के बाद जब यह आपके लिए आसान हो जाये तो 75-100 बार रस्सी कूदें। धीरे-धीरे एक दिन में 300 बार तक रस्सी कूद सकते हैं।
पढ़ें : दौड़ने के फायदे
स्किप्पिंग फायदे Health benefits of Skipping
रस्सी कूदना जहां एक खेल माना जाता है, वहीं इसके कई फायदे है, जिसको करके हम इसका लाभ ले सकते है। इसके माध्यम से दौड़ने की तुलना में कम समय में आप ज्यादा कैलोरी खर्च कर सकते हैं। ऐसा करने के लिए आपको बड़ी जगह की भी आवश्यकता नही पड़ती।
यह एक प्रकार का व्यायाम है, जिसको करने से आपके पूरे शरीर पर इसके अच्छे प्रभाव पड़ते हैं। रस्सी कूदने से शरीर के लगभग सभी अंगो का प्रयोग हो जाता है। इसमें आपके पैर, पेट की मसल्स, कंधे और कलाइयाँ, हार्ट और अंदर के अंगो का भी व्यायाम होता है। इसके कई फायदे है जो इस प्रकार है –
- शरीर को आकार देने के लिए भी रस्सी कूदना चाहिए। रोज़ाना कम से कम 30 मिनट तक ज़रूर रस्सी कूदना चाहिए।
- स्किप्पिंग से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है, और शरीर सुडौल और ताकतवर बनता है। इससे शरीर के वजन को तेजी से कम किया जा सकता है।
- मोटापे के कारण कई प्रकार की समस्या हो सकती है, उससे बचने के लिए रस्सी कूदना एक प्रकार का व्यायाम है, इसके अभ्यास से शरीर की अतिरिक्त चरबी को कम किया जा सकता है। केवल 15 मिनट तक रस्सी कूदने से 200 कैलोरी जलती है। हर रोज अगर बस आधे घंटे तक रस्सी कूदी जाये, तो एक हफ्ते तक लगातार कूदने से 500 ग्राम तक वजन कम किया जा सकता है| वजन कम करने के इच्छुक लोगों को स्किप्पिंग को अपने एक्सरसाइज रूटीन में शामिल करना चाहिए|
- यह शरीर के अंगों में सुडौलता लाता है और आपका शरीर का सन्तुलन भी बेहतर होता है। यह शरीर के सभी अंगों जैसे कि जांघों, पिंडलियों, पेट आदि की माँसपेशियों के साथ साथ हाथों के लिये भी एक बहुत अच्छा व्यायाम है। सबसे अच्छी बात यह है कि इस व्यायाम को सीखने के लिये आपको किसी खास प्रशिक्षण की भी आवश्यकता नही होती है।
- हड्डी के घनत्व में सुधार के लिए भी रस्सी कूदना लाभप्रद होता है। क्या आपको लगता है कि कैल्शियम की गोलियां खाने से आपकी हड्डी घनत्व में सुधार हो सकता है? ऐसा हो सकता है, लेकिन अभ्यास आपकी हड्डी की ताकत बढ़ाने के लिए एक अधिक प्राकृतिक तरीका है। इससे हड्डी को उत्तेजित करने में मदद मिलती है और इसे मजबूत करती है। इसका एक लाभ यह है कि दबाव चलने के विपरीत दोनों पैरों पर है यह आपकी हड्डी की घनत्व को बेहतर बनाने में मदद करता है और आपको स्वस्थ रहने में मदद करता है। रस्सी कूदने से हड्डियों की बनावट में घनापन आता है, जिससे हड्डियाँ मजबूत बनती है।
- दिल को स्वस्थ रखने के लिए भी रस्सी कूदना फ़ायदेमंद साबित होता है। इसके कारण दिल तेजी से धड़कता है| जिसके फलस्वरूप ऑक्सीजन अधिक मात्रा में फेफड़ों में जाती हैं व पूरे शरीर में रक्त का संचार तीव्र गति से होता है। इससे शरीर का तनाव कम होता है और शरीर के सभी अंग अधिक कार्य क्षमता से कार्य करते हैं।
- रस्सी कूदने से रक्त संचार तेज होता है, जिससे त्वचा को न्यूट्रीशन मिलता है और शरीर के विषैले तत्व पसीने से बाहर निकल जाते हैं साथ ही फेफड़ों की क्षमता बढती है, फेफड़े मजबूत होते है, चेहरे पर चमक आती है। स्किप्पिंग से स्टैमिना बढ़ता है और अनियत्रित हार्ट दर ठीक होती है।
- हृदय को मजबूत बनाता है, हृदय बेहतर तरीके से कार्य करना शुरू कर देता है। इससे हृदय समेत पूरे शरीर को ताज़ी ऑक्सीजन और रक्त मिलता है, जिससे शरीर रोगों से बचने के साथ-साथ त्वचा में कांति (चमक) आती है।
- यह शारीरिक व्यायाम के साथ साथ दिमाग के लिए भी एक बढ़िया एक्सरसाइज है। जैसा कि हम सभी जानते हैं, कि व्यायाम हमारे मस्तिष्क को अधिक सक्रिय रखने में मदद करता है। जब आप किसी कार्य को करने के लिए शारीरिक और मानसिक दोनों गतिविधियों को शामिल करते हैं तो वह फ़ायदेमंद हो सकता है। रस्सी कूदना उनमें से एक है। क्योंकि रस्सी कूदने के लिए दिमाग कि मदद ली जाती है।
- क्या आप अपनी लम्बाई बढ़ाना चाहते है तो रस्सी कूदने से आपको लाभ मिल सकता है, क्योंकि रस्सी कूदने से लम्बाई बढ़ती है, क्योंकि रीढ़ की हड्डी, पीठ, पैर की मसल्स स्ट्रेच होती हैं और कुछ नयी मसल्स भी बनती है। स्किप्पिंग से हड्डी का मास भी बढ़ता है। इन दोनों वजह से नियमित रस्सी कूदने से 3 से 6 महीने में हाइट बढ़ जाती है|
- यदि आपको हर समय सुस्ती सी छाई रहती है तो तो आप रस्सी कूदने को अपना नियमित व्यायाम बना सकते हैं क्योंकि इससे शरीर में खून का प्रवाह बढ़ता है और आप चुस्त महसूस करते हैं।
- शरीर से पसीना निकलता है, तो शरीर से हानिकारक तत्व भी बाहर निकल जाते हैं। इससे शरीर और चेहरा दमक उठता है साथ ही कंधे और भुजाएं भी मजबूत बनती हैं।
- रस्सी कूदने का एक बड़ा फायदा है कि यह हार्मोन बैलेंस करने का काम करता है जिससे टेंशन और डिप्रेशन से मुक्ति मिलती है|
- मुक्केबाज़ों को आपने रस्सी कूदते ज़रुर देखा होगा| इसका कारण है कि स्किप्पिंग से शरीर की बैलेंसिंग इम्प्रूव होती है और पैरो के में फुर्ती और कण्ट्रोल बढ़ता है, जोकि मुक्केबाज़ी में बहुत काम देता है|
- 10 मिनट तक रस्सी कूदना 8 मिनट तक दौड़ने के बराबर होता है। एक मिनट तक रस्सी कूदने से 10 से 16 कैलोरी ऊर्जा खर्च होती है।
- रस्सी कूदने की खास बात यह है कि इसे कभी भी और कहीं भी कर सकते हैं। यात्रा के दौरान भी आप अपनी रस्सी, को साथ ले जा सकते हैं। (source)
ध्यान देने योग्य बातें Things to remember during skipping
वैसे तो रस्सी कूदना तो एक खेल के सामान है फिर जैसा की हम सभी जानते है की प्रत्येक खेल के कुछ नियम होते है जिसके अनुसार ही खेल खेला जाता है, वैसे ही रस्सी कूदने के भी कुछ नियम है जिसका हमे ध्यान रखना चाहिए-
- रस्सी कूदने की शुरुआत करते समय सबसे पहले आपको अच्छी रस्सी के चुनाव का ध्यान रखना चाहिये। अगर रस्सी कमजोर होगी तो कूदते समय वह टूट सकती है और आपको चोट लग सकती है। आजकल बाजार में अच्छी क्वालिटी की रस्सियॉ जो सिर्फ कूदने के लिये ही बनाई जाती है आसानी से उप्लब्ध हो जाती हैं।
- रस्सी कूदने से पहले बंद जगह पर इतना ध्यान ज़रुर रखें की छत की ऊँचाई पर्याप्त हो जिससे कि ऊपर जाते समय रस्सी छत अथवा पंखे में ना टकराये। यह आपके व्यायाम की गतिशीलता को प्रभावित करेगा।
- इसके अतिरिक्त आप तेज कदमों से चलने का अभ्यास भी कर सकते हैं। रस्सी कूदते समय पेट खाली अथवा ज्यादा भरा हुआ नही होना चाहिए तथा सुबह शौच जाने के बाद ही रस्सी कूदना चाहिए|
- माना जाता है कि रस्सी कूदने के लिये सबसे अच्छी जगह घास का समतल मैदान होता है जिसमें नंगे पैर रस्सी कूदनी चाहिये। यदि आपको अपने आस पास कोई इस तरह की जगह नही मिलती और आप अपने घर की छत आदि पर रस्सी कूदने का व्यायाम करना चाहते हो तो ध्यान रखें कि पक्के फर्श पर जूते पहन कर ही रस्सी कूदनी चाहिये।
- माताओं बहनों को रस्सी कूदने से पहले वक्षों पर अच्छी क्वालिटी के अधोःवस्त्र जरूर पहनने चाहिये, क्योंकि रस्सी कूदते समय महिलाओं को शरीर के उस हिस्से पर ज्यादा हरकत होती है और उचित वस्त्र ना होने के कारण माँसपेशियों में दर्द अथवा चोट की समस्या हो सकती है।
- बिना आदत के ज्यादा देर तक रस्सी कूदने से हृदय, शरीर के जोड़ों और पैरों की माँसपेशियों को नुक्सान पहुँच सकता है। सिर्फ रस्सी कूदना ही नही किसी भी तरह का व्यायाम शुरुआत में अचानक ज्यादा समय नही करना चाहिये, क्योंकि शरीर को उसकी आदत नही होती है। धीरे धीरे अभ्यास से ही आपका स्टेमिना बढ़ता है।
- रस्सी कूदने में बहुत ज्यादा ऊर्जा लगती है अतः रस्सी कूदना शुरु करने से पहले थोड़ा सा वॉर्मअप जरूर करें। वॉर्मअप के लिये थोड़ी स्ट्रेचिंग और एक ही जगह पर खड़े होकर जॉगिंग भी कर सकते हैं।
- रस्सी कूदने के लिये यह सच है कि कोई भी रस्सी कूदने की शुरूआत कर सकता है और इसके लिये किसी विशेष प्रशिक्षण की आवश्यक्ता नही होती है लेकिन इस बात का ध्यान जरूर रखें की शुरूआत में ज्यादा समय तक रस्सी ना कूदें। केवल तब तक ही रस्सी कूदने का अभ्यास करें जब तक आप नाक से साँस ले पा रहे हैं। रस्सी कूदते कूदते जब आप मुँह से साँस लेने लगें या आपके दाँत भिंचने लगें तब रस्सी कूदना बंद कर देना चाहिये।
- कूदने की रस्सी बहुत लंबी न हो, नहीं तो वो ज़मीन से टकरा कर उलझ सकती है और बहुत छोटी भी न हो क्योंकि फिर वो पैरों में फँस सकती है| रस्सी कूदने का सही समय सुबह या फिर शाम 4-7 बजे है|
- पहले दिन रस्सी कूदने के बाद हो सकता है कि आपके पैरो और जांघों में दर्द और जकड़न हो। इसका कारण लम्बे समय से सुस्त पड़ी मसल्स हैं। थोड़ा थोड़ा करके रस्सी कूदने की संख्या और समय बढाइये, कुछ ही दिनों में आपके पैरो और शरीर के निचले भाग की मसल्स मजबूत और फड़कती हुई नजर आने लगेंगी।
दोस्तों यह थे रस्सी कूदने के फायदे जिसका अभ्यास करके आप अपने शरीर को स्वस्थ बना सकते हो और और साथ ही दिमाग को भी।
Very good