हिन्दी दिवस पर भाषण Hindi Diwas Speech in Hindi
इस लेख में आप हिन्दी दिवस पर भाषण Hindi Diwas Speech in Hindi पढ़ेंगे। यह 2 भाषण राजभाषा हिन्दी के सम्मान में विद्यार्थी हिन्दी दिवस के अवसर पर उपयोग कर सकते हैं।
हिन्दी दिवस पर अपने स्कूल, कॉलेज के कार्यक्रमों के लिए सुन्दर सा आसान भाषण पढ़ें। इस आर्टिकल में हमने हिंदी भाषा के महत्व को समझाते हुए सुन्दर भाषण के 2 प्रकार प्रस्तुत किये हैं। आप अपने अनुसार भाषण को चुन सकते हैं।
2021 हिन्दी दिवस पर भाषण Hindi Diwas Speech in Hindi
1. हिन्दी दिवस पर लघु भाषण (600 Words) Hindi Diwas Par Bhashan (Speech 1)
माननीय प्रधानाचार्य महोदय, अध्यापक गण तथा मेरे प्रिय मित्र आप सभी का हमारे स्कूल द्वारा आयोजित इस सुभ और विशेष समाहरोह में स्वागत है।
आज 14 सितम्बर का दिन हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। आज के दिन को बहुत सारे व्यक्ति याद नहीं करते हैं परन्तु आज का दिन का हमारे जीवन में बहुत महत्व है।
आज का दिन 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को हम अपने राजभाषा हिन्दी के सम्मान में मानते हैं। हमें इस दिन को उत्साह के साथ मनाना चाहिए जिससे की हमारे राजभाषा हिन्दी को और बढ़ावा मिले।
इस दिन हमारे स्कूल की तरह ही सभी भारतीय स्कूलों और कॉलेजों में भी इस दिन को सम्मानपूर्वक मनाया जाता है। हिन्दी दिवस के अवसर पर स्कूलों और कॉलेजों में हिन्दी कविता, निबंध, कहानी तथा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। न सिर्फ स्कूलों में बल्कि कई संस्थानों और कार्यालयों में भी हिन्दी कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं आयोजित किये जाते हैं।
इन प्रतियोगिताएं और कार्यक्रमों हम बच्चों और बड़ों सबको हिन्दी भाषा के विषय में जानकारी मिलती है और हम सभी हिन्दी भाषा में और भी मजबूत भी बनते हैं और हिन्दी भाषा के माध्यम से एक दुसरे के साथ और भी बेहतर तरीके से जुड़ते हैं।
हिन्दी दिवस को और भी सुन्दर तरीके से मनाने के लिए कई जगहों में अंताक्षरी और गीत प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती है। अगर हम आसान शब्दों में इस दिन को समझें तो यह हिन्दी दिवस के अवसर पर पुरे राष्ट्र को एकजुट करना है।
न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी हिन्दी भाषा को सिखाने और प्रोत्साहन देने के लिए कई प्रकार के बड़े क्लासेज लिए जाता हैं। अन्य कई देशों के लोग हिन्दी भाषा को सिखने के लिए बहुत ही उत्साहित है इसलिए वे विशेष तौर पर भुगतान करके हिंदी भाषा को सिखने के लिए क्लासेज जा रहे हैं।
जी हाँ यह बात तो सच है की आज के टेक्नोलॉजी से जुड़ने के लिए अंग्रेजी भाषा भी सीखना जरूरी है परन्तु हमें अपने राजभाषा हिन्दी को नहीं भूलना चाहिए और अपने सभी भाषाओं में अपने राजभाषा को सर्वप्रथम प्राथमिकता देना चाहिए।
हम सभी को हिन्दी दिवस के इस महत्वपूर्ण दिन में हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने का प्रण लेना चाहिए और हिन्दी भाषा के प्रति लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए।
हमें देश के अच्छे नागरिक के रूप में अपना भूमिका निभाना चाहिए और हिन्दी भाषा को जन-जन तक पहुँचाने की कोशिश करना चाहिए। यह दिन हमारे लिए बहुत ही गर्व का दिन है क्योंकि इसी दिन हिन्दी भाषा को देवनागरी लिपि की मान्यता मिली थी।
अगर टेक्नोलॉजी की बात करें तो आज गूगल, फेसबुक से लेकर दुनिया की हर बड़ी से बड़ी कंपनी का वेबसाइट या एप्प हिन्दी में उपयोग किया जा सकता है। हिन्दी भाषा के महत्व को ना सिर्फ साधारण लोग बल्कि बड़े-बड़े टेक्नोलॉजी से जुडी कंपनियां भी समझ चुकी हैं और वह भी अपने परियोजनाओं को हिन्दी भाषा में भी विकसित करने में लगे हुए हैं।
अंत में मैं आप सभी को धन्यवाद करना चाहता हूँ क्योंकि आप सभी ने इस सुभ अवसर पर मुझे आपके समक्ष अपने कुछ शब्द रखने का मौका दिया। चलिए एक बार दोबारा सब मिलकर हम आज प्रण लें कि हम हिन्दी भाषा को आगे ले जाने की पूरी कोशिश करेंगे और मरते दम तक इसका सम्मान करेंगे।
जय हिंदी ! जय भारत ! धन्यवाद
2. हिंदी दिवस पर भाषण (1000 Words) Hindi Diwas Long Speech in Hindi
आदरणीय प्रिंसिपल सर, सभी शिक्षकगण, सभी सहपाठियों को मेरा नमस्कार। आज हम सभी “हिंदी दिवस” को मनाने के लिए एकत्रित हुए है। हर साल 14 सितंबर का दिन “हिंदी दिवस” के नाम से मनाया जाता है।
14 सितंबर 1949 को हिंदी को भारत की राजभाषा घोषित किया गया था। 1953 के बाद से इस दिन को लगातार “हिंदी दिवस” के रूप में मनाया जा रहा है।
जिस प्रकार हर व्यक्ति को अपनी भाषा से प्यार होता है, उसी तरह हम सभी देशवाशियों को “हिंदी” भाषा से बहुत प्यार है। यह हमारी मातृभाषा भी है। इसे आदर और सम्मान देना हर नागरिक का कर्तव्य है।
आज के दिन देश के स्कूल, कॉलेजों में विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। हिंदी निबंध, हिंदी कविता, हिंदी सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता, हिंदी गायन, अंताक्षरी, वाद-विवाद, हिंदी टाइपिंग जैसे कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। हमारे शिक्षक हमे “हिंदी” भाषा के महत्व के बारे में बताते है। हम सभी को अपनी राजभाषा को प्रोत्साहन देना चाहिये।
बैंक, व्यापार, लेन-देन, पत्र-व्यवहार, संवाद, बातचीत जैसे कामों में “हिंदी” भाषा का अधिक से अधिक लेने देन करना चाहिये। आज फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका, स्पेन जैसे देश में लोग फ़ीस देकर “हिंदी” भाषा सीख रहे है। वो इसे रोजगार की दृष्टी से नही बल्कि रूचि के लिए सीख रहे है। आज “हिंदी” भाषा विश्व में कोने कोने में पहुँच गयी है।
“हिंदी दिवस” का इतिहास History of Hindi Diwas in Hindi
1918 में महात्मा गांधी ने “हिंदी साहित्य सम्मेलन” में हिंदी को राजभाषा बनाने के लिए सुझाव दिया था। इसे “जनमानस की भाषा” कहा था। 1947 में स्वतंत्रता पाने के बाद हिंदी का विकास तेजी से हुआ।
मैथिलीशरण गुप्त, आचार्य हजारी प्रसाद दिवेदी, देवकीनंदन खत्री, सेठ गोविन्ददास, काका कालेलकर, प्रेमचंद, रामचन्द्र शुक्ल, महादेवी प्रसाद वर्मा, भारतेंदु हरिश्चन्द्र जैसे लेखको ने हिंदी के विकास में अमूल्य योगदान दिया है।
आज गद्द और पद्द दोनों माध्यमो में हिंदी का इस्तेमाल किया जा रहा है। 13 सितम्बर 1949 को भारत के पहले प्रधानमन्त्री पंडित नेहरु ने कहा कि किसी विदेशी भाषा से कोई देश महान नहीं बन सकता, देश की उन्नति अपनी भाषा से ही हो सकती है।
“हिंदी दिवस” के दिन होने वाले कार्यक्रम Celebration and Events on Hindi Diwas
स्कूल, कॉलेजों में निम्न कार्यक्रम आयोजित किये जाते है-
- काव्य गोष्ठी
- हिंदी टाइपिंग
- निबंध लेखन
- हिंदी श्रुति लेखन
- वाद-विवाद प्रतियोगिता
- हिंदी सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता
- गायन
- विचार गोष्ठी
- हिंदी कवि सम्मेलन
- पुरस्कार वितरण
- हिंदी में व्याख्यान
भारत “हिंदी दिवस” का लक्ष्य Aim of Hindi Diwas Celebration
भारतीय हिंदी दिवस का लक्ष्य इस प्रकार है-
- हिंदी भाषा का अधिक से अधिक विकास करना
- जन जन तक इसे पहुंचाना
- सम्पूर्ण विश्व में हिंदी भाषा का विकास एवं उत्थान करना
- हिंदी अनेकता में एकता का बोध कराती है, यह पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधे हुए है
- भारत जैसे विशाल, अनेक समाजों, राज्यों, क्षेत्रों, विभिन्न धर्मो, संस्कृतियों, वर्गों को हिंदी भाषा एक साथ जोड़ती है। इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है।
- यह सम्पूर्ण देश में विचारों का आदान प्रदान करने में सहायक है।
विदेशी भाषाओं में “हिंदी” भाषा का स्थान Place and Ranking of Hindi Language in World
सम्पूर्ण विश्व में चीन की “मंदारिन” भाषा सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। दूसरे और तीसरे स्थान पर स्पेनिश और अंग्रेजी भाषा है। हिंदी विश्व में चौथे स्थान पर सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
भारत, पाकिस्तान, बांगलादेश, नेपाल, म्यामार, अमेरिका जैसे देशो में हिंदी बोली जाती है। विश्व में 80 करोड़ से अधिक लोग हिंदी भाषा बोल और समझ सकते है।
“हिंगलिश” भाषा की बढ़ती लोकप्रियता Popularity of Hindi Language
आजकल हिंदी में अंग्रेजी शब्दों का इस्तेमाल बहुत बढ़ गया है। हिंदी में अंग्रेजी भाषा के मिश्रण से “हिंगलिश” भाषा का जन्म हुआ है।
आज देश में हर बच्चा गुड मोर्निंग, सर, गुड ईवनिंग, गुड नाईट, हेलो, बाय, माँम डैड, सिटी, मीडिया, टीचर, वीडियो, मैसेज, क्लासरूम, कजन, मोबाइल, जैसे शब्द बोल रहा है। अब हिंगलिश भाषा बहुत लोकप्रिय हो गयी है। अख़बार वाले भी हिंगलिश भाषा का खूब प्रयोग कर रहे हैं।
हिंदी अखबारों की कुछ हिंगलिश पंक्तियाँ-
“यंग इंडिया को नए साल में बंपर जॉब्स की सौगात”
“राजनीति ने जॉइन किया रजनी को”
“अगर आप अपने किचिन मिक्सर ग्राइंडर यूज़ करती हैं, तो उसे क्लीन भी रखें वरना डेंजरस बीमारियाँ फ़ैल सकती हैं…”
इस तरह से हिंदी अखबार भी आजकल हिंदी और अंग्रेजी शब्दों को मिलाकर लेख लिख रहे है। कुछ विद्वान्, विचारक, लेखक, भाषाविद इसे हिंदी भाषा के साथ मजाक, अपमान कह रहे पर इसके बादजूद हिंगलिश भाषा खूब प्रचलित है।
हिंदी साहित्य अकादमी पुरस्कार Hindi Sahitya Academy Award
यह पुरस्कार हर साल “साहित्य अकादमी” संस्था द्वारा देश की 24 भाषाओं में प्रदान किया जाता है। इसकी शुरुवात 1954 में हुई थी। इसमें एक ताम्रपत्र के साथ 1 लाख रुपये नकद दिये जाते है। यह पुरस्कार हिंदी के साथ साथ अन्य 24 भाषाओं में साहित्यिक रचना, प्रचार, शोध, अनुसंधान के लिए दिया जाता है।
नासिरा शर्मा के “पारिजात” उपन्यास को 2016 का हिंदी साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया। रमेश कुंतल मेघ की साहित्यिक आलोचना “विश्व मिथक सरित सागर” को 2017 का हिंदी साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया।
विश्व हिंदी दिवस World Hindi Day in Hindi
सम्पूर्ण विश्व में “विश्व हिंदी दिवस” 10 जनवरी को हर साल मनाया जाता है। इसका लक्ष्य हिंदी भाषा का प्रचार प्रसार करना और इसे अंतराष्ट्रीय भाषा के रूप में विकसित करना है।
विदेशो में हमारे राजदूत विश्व हिंदी दिवस को खासतौर से मनाते है। विदेश में हिंदी का प्रचार प्रसार करने के लिए “विश्व हिंदी सम्मेलन” की शुरुवात 10 जनवरी 1975 को नागपुर में की गयी।
हिंदी भाषा के सामने चुनौतियाँ Challenges for Hindi Language
आज अंग्रेजी भाषा बहुत तेजी से अपना प्रभुत्व जमा रही है। आज के आधुनिक समय में माता पिता भी अपने बच्चो का नाम इंग्लिश मीडियम स्कूलों में लिखवा रहे है। बच्चो से स्कूल तथा घरों में अंग्रेजी में ही बात करने को कहते है।
आधुनिक युग में हर कोई अंग्रेजी सीखना चाहता है। माँ-बाप को डर रहता है कि अगर उनके बच्चो को अंग्रेजी नही आएगी तो वो समाज में पिछड़ जायेंगे। भविष्य में उनको अच्छी नौकरी भी नही मिलेगी।
आज हमे “हिंदी” भाषा पर बहुत गर्व है। देश में बहुत से साहित्यकार, पत्रकार, अनुवादक, निबंधकार हिंदी भाषा में निरंतर लिख रहे है। इसे समृद्ध बनाने की कोशिश कर रहे है, हिन्दी दिवस के रूप में इसका प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।
देश के प्रत्येक नागरिक को “हिंदी दिवस” गर्व एवं उल्लास से मनाना चाहिये। हमे अपनी भाषा का सम्मान करना चाहिये। भाषा के बिना किसी समाज, संस्कृति के अस्तित्व की कल्पना करना मुश्किल है। भाषा के द्वारा ही हम एक दूसरे से संवाद करते है। इन्ही शब्दों के साथ मैं अपना भाषण समाप्त करता हूँ!
धन्यवाद!
Very useful information sir.
Bhut acha
Very nice
thank bro
bhout aacha or ea aacha wala shot ma bhoj do
Thank you sirji
So beautiful and wonderful speech on Hindi Diwas .हमें आपने रास्ट्रभाषा पर गर्व होना चाहिये