इंटरनेट काम कैसे करता है? How internet works in Hindi?
दोस्तों आज का युग इंटरनेट का युग है, इंटरनेट ने आज दुनिया में धूम मचा कर रखी है, आज शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा, जिसने इंटरनेट का नाम ना सुना हो, और उसका उपयोग ना किया हो।
जब हम व्हाट्सएप, ईमेल या फेसबुक पर मैसेज भेजते हैं, और हजारों किलोमीटर दूर बैठे हमारे रिलेटिव हमारे मैसेज को कुछ ही सेकंड में पढ़ लेते हैं, यह सब इंटरनेट का कमाल ही है। आज दुनिया के किसी भी कोने में इंटरनेट के माध्यम से संदेश पहुँचाना बहुत ही आसान है, दुनिया के किसी भी कोने की ख़बरे हम सेकंड में प्राप्त कर सकते है।
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इंटरनेट क्या है? और इसका विकास What is internet and its development?
इंटरनेट दो शब्दों से मिलकर बना है inter एंड net, inter का मतलब आपस में होता है और net का मतलब जाल से है, तात्पर्य है, एक ऐसा जाल जो आपस में जुड़ा हो।
Internet एक महाजाल है। यह दुनिया का सबसे बड़ा और व्यस्त नेटवर्क है, अगर आसान शब्दों में कहा जाये तो दुनिया के कम्प्युटरों का आपस में जुड़ना ही Internet है। जब इससे नेटवर्क स्थापित हो जाता है तो हम एक विशाल जाल का हिस्सा हो जाते है, जिसे हम Global Network कहते हैं, और इस नेटवर्क से जुडे किसी भी कम्प्यूटर में उपलब्ध कोई भी सूचना अपने कम्प्यूटर में प्राप्त कर सकते है।
1969 टिम बर्नर्स ली ने इंटरनेट का निर्माण किया तथा 1989 में इंटरनेट पर संचार को सरल बनाने के लिए ब्राउज़रों, पन्नों और लिंक का उपयोग कर के वर्ल्ड वाइड वेब बनाया।
इंटरनेट से जुडे प्रत्येक कम्प्यूटर की एक अलग पहचान होती हैं। इस विशेष पहचान को IP Address के नाम से जाना जाता हैं। IP Address संख्याओं का एक Unique Set होता हैं (जैसे 103.195.200.182) जो उस कम्प्यूटर की लोकेशन को बताता हैं।
दो या दो से अधिक आपस में जुड़े नेटवर्क कनेक्शन को इंटरनेट (इंटरनेशनल नेटवर्क ऑफ कंप्यूटर) कहते है, जब 1969 में इंसान ने चाँद पर कदम रखा था, तो नेटवर्क के कार्य के लिए एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी को US द्वारा नियुक्त किया था। उस वक्त केवल 4 कंप्यूटर का नेटवर्क था। बाद में धीरे धीरे इसे कई एजेंसी के साथ जोड़ा गया और यह नेटवर्क बढ़ता गया और आम लोगों के लिए खुल गया।
इंटरनेट में किसी भी एजेंसी का कंट्रोल नहीं है। भारत में सबसे पहले 15 अगस्त 1995 को सरकारी कंपनी बीएसएनएल ने इंटरनेट की शुरुआत की थी बाद में धीरे-धीरे प्राइवेट सर्विस प्रोवाइडर एयर टेल, रिलायंस, आइडिया आदि ने इंटरनेट को स्टार्ट किया।
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1960 के दशक में इंटरनेट नेटवर्क की उत्पत्ति अमेरिका द्वारा कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से मज़बूत संचार के निर्माण के उद्देश्य के लिए शुरू की गई थी। 1990 के शुरुआती दिनों में वाणिज्यिक नेटवर्क और उद्यमों को जोड़ने से आधुनिक इंटरनेट की शुरुआत हुई, और तेजी से वृद्धि के कारण संस्थागत, व्यक्तिगत और मोबाइल कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़े थे। 2000 के दशक के अंत तक, इसका उपयोग सार्वजनिक रूप से किया जाने लगा और रोज़मर्रा की जिंदगी के लगभग हर पहलू में शामिल किया गया जाने लगा।
30 मार्च 2011 तक, इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की अनुमानित कुल संख्या 2.095 अरब (विश्व जनसंख्या का 30.2%) थी। यदि आज हम केवल भारत की बार करें तो लगभग 45. 1 करोड़ लोग आज इंटरनेट का इस्तेमाल करते है।
जिसमे से लगभग 67 प्रतिशत संख्या पुरषो की है। इंडिया इंटरनेट 2019 रिपोर्ट के अनुसार भारत अब चीन के बाद विश्व में दूसरे नंबर पर है। लेकिन अभी तक भारत के केवल 36 प्रतिशत क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुंच हो पायी है। इसलिए यह क्षेत्र और भी वृद्धि करेगा।
इंटरनेट काम कैसे करता है? How internet works in Hindi?
इंटरनेट काम कैसे करता है? आप सोच रहे होंगे हमारे ऊपर बादलों में कोई ऐसा सिस्टम लगा होगा, जिसके अंदर इंटरनेट के सारे डेटा स्टोर रहते हैं और इंटरनेट चलता है। लेकिन हम आपको बता दें कि ऐसा कुछ भी नहीं है और पहले यह हमारे द्वारा छोड़े गए उपग्रह से चलता था।
जिसके कारण डाटा बहुत स्लो डाउनलोड होता था, लेकिन हमारे इंजीनियर ने एक ऐसी तकनीक निकाली, वह है ऑप्टिकल फाइबर जिसे हम आज उपयोग में ला रहे है, ऑप्टिकल फाइबर का उपयोग करने से इन्टरनेट की स्पीड कई गुना बढ़ जाती है।
लगभग 8 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल अभी तक समुद्र में बिछाये जा चुके है। इस केबल से इंटरनेट का 90% उपयोग होता है। समुद्र में ऑप्टिकल फाइबर बिछाए जाते हैं जिसमें कम नुकसान और कम लागत आती है। लेकिन समुद्र में केवल बिछाने के कारण बड़े बड़े जहाज़ चलने के कारण कभी-कभी जहाज़ के लंगर से भी ऑप्टिकल फाइबर को नुकसान पहुंचता है।
ऐसा ही कुछ 13 जनवरी 2008 को इजिप्ट में हुआ था। जिसके कारण इजिप्ट का 70% इंटरनेट बंद हो गया था। इस समस्या का समाधान भी किया गया। इसमें आज कई ऐसी टीम काम कर रही है जो 24 घंटे ऑप्टिकल फाइबर की निगरानी करती है। जब इसमें कोई नुकसान होता है तो उसको तुरंत ही ठीक कर किया जाता है।
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इसको अच्छे से समझने के लिए हम इसको 3 भागों में बांट लेते है –
- पहला सर्वर
- सर्विस प्रोवाइडर (बीएसएनएल, एयरटेल, आइडिया, जिओ आदि)
- हमारा ब्राउज़र
असल में सभी जानकारी सर्वर पर उपस्थित रहती है। जैसे ही हम अपने पीसी, लैपटॉप, मोबाइल ब्राउज़र के माध्यम से कोई वीडियो या टेक्स्ट खोजते है तो ब्राउज़र खोजे हुए टेक्स्ट को इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के पास भेजता है।
वहां से सर्विस प्रोवाइडर सर्वर पर रिक्वेस्ट भेजता है, सर्वर स्वयं खोजता है और परिणाम को दोबारा सर्विस प्रोवाइडर को भेज देता है और सर्विस प्रोवाइडर हमें ब्राउज़र पर उसका रिजल्ट दिखाता है। यह प्रक्रिया इतनी जल्दी होती है कि हमें पता भी नहीं चलता और यह काम हो जाता है।
इंटरनेट को कंप्यूटर से जोड़ने के लिए हमें इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर से इंटरनेट कनेक्शन लेना पड़ता है। उसके बाद ही हम इंटरनेट को कंप्यूटर से जोड़ सकते हैं। क्योंकि यह हमें इंटरनेट से जुड़ने का रास्ता प्रदान करती है।
जब हमें इंटरनेट कनेक्शन मिल जाता है तो कंप्यूटर को इंटरनेट से जोड़ा जा सकता हैं। इस कनेक्शन को अपने कंप्यूटर में केवल या वायरलेस के माध्यम से एक्सेस किया जाता है इंटरनेट कंप्यूटर जोड़ा जाता है तो इस प्रक्रिया को ऑनलाइन कहा जाता है।
इंटरनेट किसी एक कंपनी या सरकार के अधीन नही होता है, अपितु इसमें बहुत से सर्वर जुड़े हैं, जो अलग अलग संस्थाओं या प्राइवेट कंपनीयों के होते हैं। कुछ प्रचलित इंटरनेट सेवाएं जैस gopher, file transfer protocol, World wide web प्रयोग इंटरनेट मे जानकारी प्राप्त करने के लिए होता हैं।
इन्टरनेट के उपयोग Uses of Internet
शुरुआत में इंटरनेट का उपयोग वैज्ञानिकों द्वारा शोध कार्य में ही किया जाता था। लेकिन धीरे-धीरे इसका उपयोग विस्तृत होकर सार्वजनिक हो गया। आज इसका उपयोग रोज़मर्रा के कामों में भी किया जाने लगा है। आज लगभग सभी कार्य घर पर इंटरनेट के माध्यम से किए जा सकते हैं। जैसे-
ई-मेल Email
आज के समय में किसी को संदेश भेजना बहुत ही आसान हो गया है। कंप्यूटर के एक क्लिक से ही एक जानकारी दूसरे तक पहुंचाना बहुत ही आसान है। उसका एक उदाहरण ईमेल है। ईमेल के माध्यम से हम अपने संदेश, डाटा आदि बहुत ही कम समय में प्रेषित कर सकते हैं।
संप्रेषण Communication
किसी के लिए संबंध साधने में भी इंटरनेट का उपयोग किया जा रहा है। पहले जो काम घंटों, दिनों, महीने में होता था। आज वही काम चंद मिनटों में किया जा सकता है। हम हजारों लाखो किलोमीटर दूर बैठे व्यक्ति से भी संबंध साध सकते है। जानकारी प्राप्त करने के लिए, उदहारण के लिए whatsapp, फेसबुक आदि।
आज के समय में जानकारी प्राप्त करना बहुत ही आसान है। एक क्लिक करते ही हम दुनिया की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इंटरनेट के माध्यम से हम यह काम घर बैठे ही आसानी से कर सकते हैं। इंटरनेट में सूचनाएँ खोजने के लिए Search Engines का उपयोग किया जाता है।
मनोरंजन Entertainment
मनोरंजन के क्षेत्र में भी इंटरनेट का उपयोग किया जाता है। इसके माध्यम से हम फिल्में, गाने, विडियों आदि को देख तथा सुन सकते है। पढने के शौकिन अपने मनपसंद लेखक को पढ सकते है।
खरीदी के लिए Online shopping
इसे ई-व्यापार कहते है। इंटरनेट के माध्यम से बाजार को घर से ही देखा जा सकता है और अपना सामान ख़रीदा जा सकता है। हम Internet के द्वारा घर बैठे ही किस दुकान पर कौन सा सामान है और कौन सा नही तथा उस सामान के ढेरों विकल्प एक साथ देखकर पसंद से अपना सामान ख़रीद सकते है। इसके अलावा प्रचलित फैशन को जान सकते है। आज प्रचलित ई व्यापार है- amazon, flipkart, snapdeal आदि।
शिक्षा Education
आज के समय में घर बैठे ही हम कोई कोर्स कर सकते है। अपना पसंदीदा स्कूल चुन सकते है हमारे पसंद के कोर्स किस कॉलेज में उपलब्ध है और उस कोर्स के बारे में सारी जानकारी जैसे कोर्स की फीस, कोर्स का समयावधि आदि, यह जानकारी हम अपने कम्प्यूटर पर प्राप्त कर कर सकते है। आज ई-लर्निंग का क्षेत्र काफ़ी विकसित हो चुका है। हम घर बैठे ही दुनिया के बेहतरीन अध्यापक से पढ सकते है।
दोस्तों यह थी इंटरनेट कि जानकारी कि कैसे वर्तमान में इंटरनेट का उपयोग करके इंसान अपनी मंज़िल को पा सकता है। देखा जाए जहां इंटरनेट वरदान साबित हो रहा है वहीं अभिशाप भी। इंटरनेट पर जहां सृजन की विधि भी है तो वहीं विध्वंस की।
अब यह हमें चुनना होगा कि इसको उपयोग में ला कर हम सृजन करेंगे या विध्वंस फैसला आपके हाथ में। क्योंकि जहां सृजन आपको मान सम्मान दिलाएगा वहीं विध्वंस आपको गुमनामी में ले जाकर छोड़ देगा। आशा करते हैं आप इस articles से जान पाए होंगे – इंटरनेट काम कैसे करता है?
Source –
https://medium.com/@User3141592/how-does-the-internet-work-edc2e22e7eb8
https://developer.mozilla.org/en-US/docs/Learn/Common_questions/How_does_the_Internet_work
https://en.wikipedia.org/wiki/Fiber-optic_communication