क्या आप डायरी लिखने के सही तरीके को जानना चाहते हैं?
(How to Write a Diary Properly in Hindi?)
एक बेहतरीन जर्नल या डायरी कैसे लिखें?
एक डायरी हर किसी व्यक्ति की निजी जानकारियों जैसे विचार, एहसास, निजी राय, और काम से जुड़ी निजी बातों से भरी हुई एक जगह होती है। डायरी सबसे अहम तरीका होता है जिससे आप अपनी यादों को रख सकते हैं। साथ ही डायरी लिखने से व्यक्ति का मानसिक विकास होता है और वह एक क्रिएटिव व्यक्ति के रूप में उभर कर सामने आता है।
अगर सही मायने में देखा जाए तो डायरी लिखना बहुत ही आसान है। ऐसा इसलिए क्योंकि डायरी लिखने का कोई नियम-कानून नहीं होते हैं। आपके दिल में जो आता है आप उसमें लिख सकते हैं। भले ही वह बात आपके काम से जुड़ी हो या निजी जिंदगी से जुड़ी हुई हो।
लोग डायरी को एक जर्नल के तरीके से भी लिखते हैं- जैसे खाने से जुड़ी हुई डायरी, स्वास्थ्य से जुड़ी हुई डायरी, अपने ऑफ़िस से जुड़ी हुई डायरी, या फिर स्कूल और कॉलेज की ज़न्दगी से जुड़ी हुई डायरी।
जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि डायरी लिखना कोई बड़ी बात नहीं है परंतु तब भी डायरी लिखने को और भी बेहतर बनाने के लिए आप कुछ मुख्य चीजों का ध्यान दे सकते हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे कि आप डायरी लिखना कैसे शुरू कर सकते हैं और साथ ही लिखते समय किन चीजों का ध्यान देकर आप अपनी डायरी लिखने के तरीके को और भी बेहतर बना सकते हैं?
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डायरी लिखने की शुरुआत कैसे करें?
अगर आप सच में डायरी लिखना चाहते हो तभी आप एक डायरी लिख सकते हो यानी कि सबसे पहले डायरी लिखने की इच्छा होना बहुत ही जरूरी है। सबसे पहले तय कर ले कि आखिर आप अपनी डायरी में लिखना क्या चाहते हैं?
डायरी लिखना एक नियमित कार्य है इसलिए हमेशा अपनी डायरी लिखने का एक समय निर्धारित करें अगर आप एक व्यस्त व्यक्ति हैं तो। हालांकि कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जिनका डायरी लिखने का कोई निर्धारित समय नहीं होता है परंतु ऐसे व्यक्तियों को हमेशा अपनी डायरी अपने साथ लेकर जाना होता है ताकि समय मिलते ही वह अपना डायरी लिख ले।
अपने व्यक्तित्व विकास के लिए डायरी लिखना बहुत ही कारगर साबित हो सकता है।आइए आपको बताते हैं 10 ऐसे बेहतरीन टिप्स जिनके माध्यम से आप एक बेहतर डायरी लिख सकते हैं।
डायरी कैसे लिखें? 10 बेहतरीन टिप्स How to write a diary properly in Hindi?
1. सबसे पहले तय करें कि आप डायरी लिखना चाहते हैं
डायरी लिखना कोई एक-दो दिन की बात नहीं है। एक बार शुरू करने पर बहुत ही लंबे समय तक या फिर पूरे जीवन भर डायरी लिखना पड़ता है इसलिए सबसे पहले आपको तय करना होगा कि आप डायरी लिखना शुरू करना चाहते हैं या नहीं?
2. तय करें कि आप किस विषय पर डायरी लिखना चाहते हैं?
हो सकता है आपको यह चुनने में मुश्किल हो कि आप किस विषय में डायरी लिखें लेकिन भले ही आपको थोड़ा समय लगे सही से आप इसका चुनाव करें। आप कई विषयों में अपनी इच्छा अनुसार डायरी लिखना शुरू कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए – निजी जीवन, फैशन, ट्रैवलिंग, खेल, फूड, एजुकेशन लाइफ, सपनों के बारे में, दोस्तों के बारे में, या परिवार के बारे में। जरूरी नहीं कि आप एक ही डायरी लिखें अगर आपकी इच्छा है और आपके पास समय है तो आ एक से अधिक विषयों पर भी अलग-अलग डायरी लिख सकते हैं। परंतु डायरी का नियमित लिखना बहुत ही जरूरी होता है।
3. ज्यादा बड़ी डायरी ना लें
कुछ लोगों के पास डायरी लिखने के लिए कोई निर्धारित समय नहीं होता है ऐसे में वह अपनी डायरी को हमेशा साथ रखते हैं। चाहे वह अपने ऑफ़िस में हो या कहीं घूमने गए हुए हो वह बैग में अपनी डायरी को हमेशा साथ रखते हैं। कुछ लोग तो अपने तकिए के नीचे भी डायरी को रखते हैं इसलिए डायरी का हेंडी होना बहुत ही जरूरी है जिससे कि आपको कहीं भी डायरी को पकड़कर लिखने में मुश्किल ना हो।
4. अपनी डायरी लिखने का एक निर्धारित समय बनाएं
डायरी लिखने की शुरुआत करने के लिए डायरी लिखने का निर्धारित समय होना बहुत जरूरी है। एक निर्धारित समय तय करने से आपको कई तरह के फायदे हो सकते हैं जैसे आप नियमित रूप से अपनी डायरी को लिख सकते हैं। इसके लिए अलार्म सेट करने पर आप अपनी डायरी लिखने को किसी भी दिन भूलेंगे नहीं।
अपनी डायरी लिखने को और बेहतर बनाने के लिए इसे नियमित रूप से लिखना बहुत ही जरूरी है इसलिए आप निर्धारित समय तय कर सकते हैं जैसे- सुबह उठने के समय, दोपहर को खाना खाने के बाद, या रात को सोने से पहले।’’
5. आपके दिल में जो है वह लिखें – दूसरों की राय ना लें
जैसे कि हम पहली बता चुके हैं डायरी एक निजी जानकारियों से भरी हुई वस्तु होती है इसलिए इसमें वही लिखे जो आपके मन में या दिल में है। डायरी लिखने के लिए दूसरे लोगों की राय लेने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि डायरी लिखने का कोई भी नियम नहीं होता है।
भले ही आपके डायरी लिखते समय आपके शब्दों में ग़लतियाँ हो या फिर आपकी राइटिंग खराब हो किस से रे ना लें। अगर आप दूसरों की राय सुनने लगोगे तो आप कभी भी डायरी नहीं लिख पाओगे।अगर आप स्वयं अपनी डायरी को नियमित रूप से लिखेंगे तो धीरे-धीरे आप एक बेहतर डायरी लेखक बन जाओगे और आपका मानसिक विकास तेजी से होगा।
6. तारीख देकर डायरी लिखें
डायरी वो चीज होती है जो आपके वर्तमान और अतीत के सभी जानकारियों को संजोए रहता है ऐसे में और बेहतर तरीके से उन दिनों को याद करने के लिए दिन और तारीख का लिखा होना बहुत ही जरूरी होता है। इसलिये ना सिर्फ नियमित लिखना बल्कि अपने हर एक डायरी लेख के साथ उस दिन का तारीख लिखना भी बहुत ही आवश्यक होता है।
7. डायरी को ईमानदारी से लिखें
आप स्वयं से कभी भी झूठ नहीं बोल सकते इसलिए डायरी में हमेशा सच लिखें। डायरी लिखने के लिए पूर्ण रूप से ईमानदार होना बहुत ही जरूरी है क्योंकि डायरी में आप अपने स्वयं के लिए लिखते हैं।
साथ ही डायरी लिखते समय हर एक जरूरी जानकारी को अच्छे से लिखें कुछ भी ना छोड़ें। हो सकता है आपको थोड़ा ज्यादा समय लगे परंतु आप पूरी जानकारी अपने लेख में लिखें। इससे आप डायरी लिखने में और बेहतर दिन-ब-दिन होते जाएंगे।
8. अपने लेख को शीर्षक दें
अपने लेखों को और भी सुंदर और बेहतर बनाने के लिए उनका एक शीर्षक ज़रुर दें। सबसे ऊपर एक टाइटल ने और बाद में जरूरी जानकारी को आप चाहें तो बुलेट प्वाइंट में भी लिख सकते हैं।इससे दोबारा पढ़ते समय आप जल्दी से उस जानकारी के विषय में जान सकते हैं। टाइटल और बुलेट प्वाइंट के उपयोग से आपका समय लिखने और पढ़ने दोनों के लिए बचेगा।
9. अपने लेख के साथ कोई छोटा चित्र या फोटो लगा सकते हैं
अपने डायरी को और भी सुंदर और बेहतर बनाने के लिए आप उसमें कोई भी चित्र या फोटो लगा सकते हैं या बना सकते हैं। अब उदाहरण के लिए आप मान लीजिए कि आप अपने किसी दोस्त के साथ कोई अच्छी सी मूवी देखने गए हैं और आपका वह दिन आपके लिए एक यादगार दिन है।
ऐसे में डायरी लिखते समय आप उस फिल्म की टिकट को भी उस पेज पर चिपका सकते हैं। अगर आप एक अच्छे चित्रकार हैं तो उस पेज पर आप एक सुंदर सा छोटा चित्र भी बना सकते हैं जो उस डायरी पर लिखे लेख से जुड़ा कुछ दृश्य दर्शाता हो।
10. लिखने में कोई दिन छूट जाए तो चिंता ना करें
भले ही डायरी हर दिन लिखने की चीज हो इसे हर दिन लिख पाना बहुत ही मुश्किल होता है।एक मनुष्य का जीवन बहुत ही उतार-चढ़ाव और मुश्किलों से भरा हुआ होता है ऐसे में हो सकता है किसी दिन आप डायरी ना लिख पाए। ऐसे में ना घबराए और डायरी लिखना ना छोड़ दें।
1 दिन बाद हो या 2 दिन बाद जो भी आपके साथ इस बीच हुआ हो या आप से लिखना छूट गया हो आपको जब समय मिले अपनी डायरी में लिख डालिए। बस धीरे-धीरे करके समय-समय पर आप अपनी डायरी को भरते रहिए। आपको पता ही नहीं चलेगा कि आप कब अपनी पहली डायरी को पूरा कर चुके होंगे।
11. अंत में कुछ और डायरी लिखने से जुड़े टिप्स
- हमेशा डायरी लिखते समय मोटिवेट रहें और खुशी के साथ डायरी लिखें।
- अपनी डायरी को कभी भी यह सोचकर ना लिखें कि – मैं जो लिख रहा हूं या लिख रही हूं उसे कोई और पड़ेगा तो उसे कैसा लगेगा?
- डायरी लिखने को अपनी आदत बना दें।
- कुछ दिन लिखना छूट जाए तो भी चिंता ना करें।
- जब आपका तबीयत ठीक हो या आपका मानसिक हालत सही हो तभी डायरी लिखें।
आशा करते हैं दोस्तों आपको यह डायरी लिखने के बेहतरीन टिप्स अच्छे लगे होंगे। अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा है तो अपने सोशल मीडिया पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करें।
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Thank you so much for teaps
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