महाबलीपुरम के आकर्षक तट मंदिर Mahabalipuram attractive places details in Hindi
महाबलीपुरम के आकर्षक तट मंदिर Mahabalipuram attractive places details in Hindi
Want to know about best places to see in Mahabalipuram?
क्या आप महाबलीपुरम के सुन्दर मंदिरों के विषय में जानना चाहते हैं?
महाबलीपुरम (मामल्लापुरम) शहर का नाम राक्षस राजा महाबली के नाम पर रखा गया था। महाबली का वध भगवान श्री विष्णु जी ने किया था। बाद में पल्लव राजा नरसिंह वर्मन, जिन्हें मामल्ला के नाम से जाना जाता था उन्होंने महाबलीपुरम का नाम मामल्लापुरम रख दिया।
महाबलीपुरम, तमिलनाडु का एक प्राचीन शहर है जो एक समुद्र तट पर स्थित है। यह स्थान कई भव्य मंदिरों, स्थापत्य और सागर-तटों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। 7वें और 10वें सदी के पल्लव राजाओं द्वारा बनाए गए कई मंदिर और स्थान यहां की शोभा बढ़ा देते हैं। कांचीपुरम पर राज करने वाले पल्लवों का यह दूसरा राजधानी था।
राजा नरसिंह वर्मन के द्वारा महाबलीपुरम का नाम मामल्लापुरम रखने पर भी आज लोग इस स्थान को महाबलीपुरम के नाम से ज्यादा जानते हैं। राजा नरसिंह वर्मन एक महान योद्धा और कुश्तीगीर थे इसलिए उन्होंने महाबलीपुरम का नाम मामल्लापुरम रखा क्योंकि इसका अर्थ होता है ‘ एक महान कुश्तीगीर’।
गुप्त राजवंश के पतन के बाद पल्लव राजाओं ने दक्षिण भारत में राज किया। उन्होंने लगभग तीन सदी AD, 9 वीं सदी के अंत तक अपना दबदबा बनाए रखा। 650 से 750 AD पल्लव राजाओं का सबसे बेहतरीन राज्य समय माना जाता है। पल्लव राजा बहुत ही शक्तिशाली हुआ करते थे और उनकी सोच बहुत ही अलग थी।
पल्लव राजाओं के शासन काल के दौरान कई महान कवि, नाटक कार, कलाकार, कारीगर, विद्वान और संत उभरे। माना जाता है पल्लवों मैं आगे बढ़ने, नई विचारधारा और वास्तुकला का ज्ञान भरा पड़ा था इसलिए उन्होंने महाबलीपुरम के कई जगहों पर अपनी कारीगरी के छाप छोड़ें हैं।
उनके कारीगरी में कई प्रकार के सुंदर चित्र और विचारधारा का वर्णन होता है। आज के दिन में महाबलीपुरम एक बहुत ही प्रसिद्ध पर्यटक स्थल बन चुका है जो इतिहास को और बेहतर तरीके से जानने का एक मौका देते हैं।
आज हम इस पोस्ट में महाबलीपुरम (मामल्लापुरम) के कुछ बेहतरीन स्थानों के विषय में आपको बताएंगे जिससे आपको महाबलीपुरम और भारत के इतिहास को जानने में और आसानी होगी।
महाबलीपुरम के आकर्षक तट मंदिर Mahabalipuram attractive places details in Hindi
शोर मंदिर महाबलीपुरम Shore Temple Mahabalipuram
Source – Wikimedia (Hussain27syed)
शोर मंदिर महाबलीपुरम के समुद्र तट पर स्थित है। यह मंदिर प्राचीन वास्तु कला का उदहारण है। पौराणिक काल के महान कला को यह मंदिर दर्शाता है। शोर मंदिर का निर्माण लगभग 700-728 AD के समय हुआ था। अब यह तटीय शहर महाबलीपुरम (मामल्लापुरम) UNESCO World Heritage का एक हिस्सा बन चूका है।
शोर मंदिर में देखने के लिए कुछ मुख्य स्मारक Best things to See at Shore Temple
स्टोन टेम्पल (पत्थर से बना हुआ मदिर) A Stone Temple
शोर मंदिर का मंदिर वाला भाग ग्रेनाइट पत्थर से बना हुआ है जो देखने में बहुत ही सुंदर दिखता है। यह मंदिर दक्षिण भारत की सबसे ऐतिहासिक मंदिरों में से एक है।
सात पगोडा की कथा The Tale of Seven Pagodas
शोर मंदिर से जुड़ी हुई सात पगोडा की कथा ऐतिहासिक है । मंदिर के प्रांगण में सात पगोडा की पत्थर की मूर्तियां है जो देखने में बहुत ही भारतीय दिखती हैं। यह साथ पगोडा दर्शाती हैं कि उसी प्रकार की और सात मंदिरे अलग-अलग जगहों में स्थित है। परंतु लोगों के सामने यह एक कहानी बनकर रह गया है।
भगवान् शिव और विष्णु Shiva and Vishnu
शोर मंदिर भगवान शिव और विष्णु जी का मंदिर है इसलिए मंदिर में पौराणिक काल से बना हुआ शिवलिंग भी आपको दिखेगा।
सुन्दर जानवरों की मूर्ति Beautiful Animal Sculpture
शोर मंदिर को पल्लव राजाओं ने बनाया था बाद में चोल राजवंश के लोगों द्वारा मंदिरों में कई प्रकार की गाय, सांड, दुर्गा और सिंह, जैसे कई अन्य मूर्तियां बनाई गई जो देखने में बहुत ही अद्भुत हैं।
पंच रथ मंदिर महाबलीपुरम Pancha Rathas Mahabalipuram
पंच रथ या पंच पांडवों का रथ नामक एक सुन्दर स्मारक परिसर है जो बंगाल की खाड़ी के कोरोमंडल तट तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में स्थित है। इस परिसर का निर्माण 7वीं सदी में महेंद्र वर्मन प्रथम और बेटे नरसिंह वर्मन प्रथम ने करवाया था।
पंच रथ के पांच स्मारकों, पूरी तरीके से रथ के समान बनाया गया है जो सभी ग्रेनाइट पत्थर को खोद-खोद कर बनाये गए हैं। यह उत्तर-दक्षिण दिशा की ओर बनाया गया है। यह रथ देखने में मंदिर जैसे दिखते हैं। इसमें महाभारत के कहानी को दर्शाते हुए कलाकृति भी देखने को मिलते हैं। यह सभी रात बड़े से छोटे आकार में इस प्रकार से हैं- धर्मराज रथ, भीम रथ, अर्जुन रथ, नकुल सहदेव रथ और द्रौपदी रथ।
गंगा अवतरण का स्मारक Descent of the Ganges Monument
Source Wikimedia – Ssriram mt
यह गंगा अवतरण के स्मारक महाबलीपुरम के कोरोमोंडल तट पर कांचीपुरम जिले में स्थित हैं। यह स्मारक पत्थर पर खुदे हुए महान सुन्दर कलाकारी को दर्शाते हैं। इसका आकार लगभग 96X43 फीट है। यह एक बड़ा पत्थर है जसमें खोद-खोद कर गंगा की उत्पत्ति और कई देवी देवताओं का बहुत ही सुन्दर वास्तुकला बनाया गया है। इसमें गंगा की कहानी को पूर्ण रूप से दर्शाया गया है।
टाइगर गुफाएं The Tiger Caves
Source – Tiger Caves
यह गुफाएं महाबलीपुरम की सबसे बेहतरीन कलाकृतियाँ हैं जो देखने में छोटे-छोटे गुफाओं की तरह दीखते हैं। इन गुफाओं में कोई सच के शेर नहीं रहते हैं। इनके बाहर में पत्थर के उभरे हुए शेर की मूर्तियाँ हैं जिनके कारण इसका नाम टाइगर गुफाएं रखा गया था। यह भी पल्लव राजाओं द्वारा बनाया गया था।
महाबलीपुरम तक कैसे पहुंचे?How to reach Mahabalipuram
महाबलीपुरम चेन्नई से लगभग 55 किलोमीटर दूर है। आपको आसानी से गाडी और रेल की सुविधा चेन्नई से महाबलीपुरम के लिए मिल जाएगी।