मक्का मदीना का इतिहास और तथ्य Makka Madina History Facts Hindi
इस लेख में हमने मक्का मदीना का इतिहास और तथ्य Makka Madina History Facts Hindi की पूरी जानकारी दी है। साथ ही आप इन निचे दिए हुए सवालों के उत्तर भी जान पाएंगे।
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क्या सच में मक्का मदीना में कोई शिवलिंग / शिव मंदिर है?
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इन सभी प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए मक्का मदीना के इस पुरे इतिहास को पढ़ें और जाने।
मक्का मदीना – पवित्र स्थल (Mecca) Makka Madina –The Holy Place
मक्का मदीना मुस्लिमों के लिए जन्नत का दरवाज़ा है। हर मुस्लिम की यह इच्छा होती है कि जीवन में वो एक ना एक बार मक्का मदीना जाकर अपनी हज यात्रा को पूरा कर सके। इसी जगह कई हज़ार वर्ष पहले प्रथम बार कुरान की घोषणा हुई थी। (पढ़ें: कुरान क्या है?)
इस्लाम धर्म में सबसे पवित्र स्थल माने जाने वाले मक्का मदीना अरब प्रायद्वीप पर स्थित है। पवित्र मक्का मदीना को इस्लाम धर्म की नींव के रूप में देखा जाता है। यह स्थल मुसलमानों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है।
प्रत्येक मुसलमान अपने पूरे जीवन काल में कम से कम एक बार इस स्थान का दर्शन करने की इच्छा जरूर रखता है। इस्लाम के मुताबिक हर मुसलमान को अपनी जिंदगी में एक बार मक्का मदीना का दर्शन जरूर करना चाहिए, इसके बिना उनका कर्तव्य अधूरा रहता है।
इस्लाम धर्म के 5 मुख्य स्तंभों में से एक पवित्र मक्का मदीना को भी माना जाता है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है, की जो मुसलमान अपनी जिंदगी में एक बार हज यात्रा करता है, उसे जन्नत नसीब होता है।
यह स्थान मुसलमानों के लिए खास इसलिए भी है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि पवित्र मक्का मदीना की पावन जमीन से ही पवित्र इस्लामिक ग्रंथ कुरान शरीफ की घोषणा की गई थी।
कहा जाता है, कि पैगंबर मोहम्मद साहब का जन्म इसी स्थान पर हुआ था। हर साल लाखों लोग अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए यहां आया करते हैं। मक्का में एक क्यूब के आकार का काबा स्थित है, जिसके चारों ओर सभी हज यात्री सात बार परिक्रमा करते हैं।
ऐसा करने पर ही अल्लाह को हज यात्रा मंजूर होती है ऐसी मान्यता है। जलवायु की दृष्टि से सऊदी अरब में स्थित यह पवित्र स्थल सबसे गर्म रेगिस्तान के बीच स्थित हुआ है। अरब प्रदेश के ज्यादातर जमीन अनुपजाऊ है, जहां हर साल ना के बराबर बारिश होती है।
पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब और मक्का मदीना की कहानी Story of Prophet Hazrat Muhammad Sahib and Mecca Medina in Hindi
इस्लामिक इतिहासकारों के मुताबिक पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब का जन्म ईसा पूर्व 570 में मक्का शहर में हुआ था। इसी कारण यह जगह सभी मुसलमानों के लिए बेहद मायने रखता है।
कहा जाता है, कि 620 ईसा पूर्व के आसपास मोहम्मद साहब मक्का से मदीना चले गए थे। ‘संवत हिजरी’ जिसकी शुरुआत मक्का मदीना के पावन स्थल से संबंधित है।
कुछ साक्ष्यों के मुताबिक ऐसा कहा जाता है, कि पैगंबर मोहम्मद साहब ने इस्लाम धर्म को मजबूत करने और दुनिया में फैलाने के लिए कड़े संघर्ष किए थे।
इस्लाम धर्म के पवित्र ग्रंथ कुरान की घोषणा भी यहीं से पैगंबर मोहम्मद साहब द्वारा की गई थी, जिसके लिए पैगंबर साहब ने अपने जांबाज शिष्यों के साथ मिलकर कई युद्ध भी किए थे। इस्लाम के मुताबिक हर मुसलमान को इस पावन स्थल का दर्शन एक बार जरूर करना चाहिए।
मक्का शहर का इतिहास और जानकारी Makka City History and Details in Hindi
सऊदी अरब के एतिहासिक हेज़ाज क्षेत्र में मक्का शहर (Mecca City) स्थित है। मक्का इस्लाम धर्म का सबसे पवित्रतम स्थल है जहाँ पर काबा तीर्थ और सबसे बड़ा प्रसिद्ध मस्जिद मस्जिद-अल-हरम स्थित है।
यहाँ की जनसंख्या 2020 की जनगणना के आधार पर लगभग 20 लाख से अधिक थी परन्तु प्रतिवर्ष इससे 3 गुना ज्यादा हज तीर्थयात्रि प्रतिवर्ष यहाँ पहुँचते हैं।
हज के लिए तीर्थयात्री प्रतिवर्ष धू-अल-हिजाह के समय यहाँ पहुंचते हैं। इस स्थान को महान पैगम्बर मुहम्मद का जन्म स्थान माना जाता है और यह भी माना जाता है कि यही वह स्थान है जहाँ पहली बार मुहम्मद द्वारा कुरान की क्रांति की शुरुवात हुई थी।
इस्लाम धर्म के प्रचार प्रसार के समय पहली शताब्दी में पवित्र मक्का पूरे इस्लाम जगत का आधार माना जाता था। कहा जाता है कि यहीं से इस्लाम धर्म का उदय हुआ है। मस्जिद ए क़ुबा, मस्जिद ए नबवी, और मस्जिद अल-क़िब्लातैन जो की दुनिया की सबसे प्राचीन मस्जिदों में से एक हैं, यह मदीना शहर में स्थित है।
ऐतिहासिक साक्ष्य के मुताबिक इस्लाम धर्म के आगमन से पहले ‘यसरीब’ नाम से इस पवित्र स्थल को पहचाना जाता था। इसके बाद पैगंबर साहब ने इस शहर का नाम मक्का रखा। इस्लाम धर्म के अनुयाई विश्व के चाहे किसी भी कोने में रहे लेकिन वह हमेशा 5 समय की नमाज उसी दिशा में अदा करते हैं, जहां मक्का में पवित्र काबा स्थित है।
अरब प्रायद्वीप में स्थित सऊदी अरब देश पूरे इस्लामिक जगत में सर्वश्रेष्ठ इस्लामिक देश माना जाता है, क्योंकि यहां पर पवित्र मक्का मदीना जो कि इस्लाम की नींव है वह स्थित है। मक्का मदीना में केवल मुसलमान ही हज यात्रा करने के लिए जा सकते हैं। गैर मुसलमानों को इस स्थल पर जाने की पूरी तरह से पाबंदी है।
पैगंबर मोहम्मद साहब की जन्म स्थल माने जाने वाली पवित्र मक्का शहर की आबादी 2015 से लेकर अब तक लगभग 20 लाख से अधिक हो चुकी है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि हज यात्रा करने के लिए आने वाले लोगों की संख्या यहां की आबादी का 3 गुने से भी अधिक पहुंच जाती है।
प्राचीन समय में पवित्र मक्का मदीना व्यापार का केंद्र हुआ करता था, जिसे ‘अल-मदीना अल-मुनव्वरा’ के नाम से जाना जाता था। पवित्र मक्का इस्लामिक रीति-रिवाजों में सबसे पवित्रतम स्थल माना जाता है, जिसके बाद पवित्र अल मदीना इस्लाम का दूसरा सबसे पवित्र शहर माना जाता है, जहां पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब को दफन किया गया है।
मक्का मदीना शहर की अर्थव्यवस्था यहां पर आने वाले लोगों द्वारा वसूल किए गए कर से चलता है। दुनिया के करोड़ों मुसलमानों के आस्थाओं से जुड़ी यह पवित्र स्थल पर पैगंबर साहब के पवित्र पद चिन्ह संभाल कर रखे गए हैं। सभी हज तीर्थयात्री पैगंबर साहब के पद चिन्हों को चुमकर अल्लाह की खिदमत करते हैं।
काबा Kaaba
मक्का में ही पवित्र काबा है। काबा वह पवित्र क्यूब आकार का ईमारत है जिसे माना जाता है की वह एक हज़ार चार सौ साल से भी पुराना है। परन्तु इस्लामी परंपरा के अनुसार इसे इब्राहीम के समय से जोड़ा जाता है। पुरे विश्व के सभी मुसलमान चाहे वह कहीं भी हों नमाज़ पढ़ते समय काबा की और मुहँ करके नमाज़ पढ़ते हैं।
यहाँ के नगर का खर्च, हज के लिए जाने वाले मुस्लमान लोगों से लिए गए कर से चलता है। मक्का में पत्थरों से बना हुआ एक विशाल मस्जिद है जिसके बीचों बिच काबा है। काबा ग्रेफाइट पत्थर से बना हुआ 40 फीट लम्बा और 33 फीट चौड़ा ईमारत है।
इसमें कोई भी खिड़की नहीं है परन्तु एक दरवाज़ा है। जो लोग भी हज के लिए जाते हैं वह तवाफ़ नाम की रस्म के अनुसार काबा की 7 परिक्रमायें करते हैं।
काबा के पूर्वी कोने में जमीन से लगभग 5 फीट की ऊंचाई पर पवित्र काला पत्थर स्थित है । काबा के 7 चक्कर लागाने के बाद इससे सभी मुस्लिम हज तीर्थयात्री चुमते हैं।
मक्का और मदीना क्षेत्र में गैर मुस्लिम लोगों का जाना मना है। काबा के ईमारत काले पत्थर और सोने से बना हुआ है। लोग इसका चक्कर लगाते समय इसके कोने के पत्थर को चुमते हैं।
आज के दिन में मक्का आकार और बुनियादी ढांचे में बहुत ही उन्नत हो चूका है। मक्का का अब्राज-अल बैत जो की मक्का रॉयल क्लॉक टॉवर होटल है दुनिया का तीसरा ऊँचा ईमारत है।
मुसलमानों के जीवन के लिए मक्का शहर एक बहुत ही महत्वपूर्ण जगह है। मक्का शहर समुद्र तट से लगभग 910 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। मक्का में शराब पीना पूरी तरीके से मना है क्योंकि यह एक पवित्र स्थल है।
मक्का मदीना हज तीर्थयात्रा Haj Pilgrimage
हर मुसलमान व्यक्ति को एक दिन में पांच बार पश्चाताप के साथ काबा की ओर मुख करके पूजा करना अनिवार्य है। साथ ही पैगम्बर मोहम्मद ने लोगों को अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए जीवन में एक बार मक्का जाना जरूरी बताया है।
सभी मुसलमान अपने गुनाहों के पश्चाताप करने और अल्लाह की रहमत को प्राप्त करने के लिए इस्लामिक कैलेंडर के 10 जिलहज के समय इस पवित्र स्थल की तीर्थ यात्रा करने के लिए आते हैं।
इस्लाम धर्म के अनुसार इस पवित्र तारीख को ‘बकरीद‘ अथवा ‘ईदुल अजहा’ भी कहते हैं। इस्लामिक कानून शरीयत के अनुसार हज यात्री पशु की कुर्बानी देते हैं।
विश्व के कोने-कोने से मुस्लिम लोग पैदल, ऊंट चढ़ कर, ट्रकों, और जहाजों से यहाँ पहुंचते है। मक्का में पैगम्बर मोहम्मद के पैरों के चिन्ह भी बहुत ही सलामती से रखा गया है जो तीर्थयात्रियों के दर्शनार्थ के लिए है। इसके दर्शन पाने के बाद हज तीर्थयात्री स्वयं को धन्य मानते हैं।
मक्का का हज यात्रा बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे इस्लाम का पांचवा स्तम्भ माना जाता है। यह भी कहा जाता है कि काबा वह स्थान है जहाँ से पृथ्वी की शुरुवात हुई थी।
मक्का शहर जाने वाले मार्ग पर ‘जेद्धाह’ नामक एक मुख्य द्वार स्थापित है, जोकि एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई मार्ग का केंद्र होने के साथ ही बंदरगाह भी है। यहां पवित्र मक्का के लिए अरबी भाषा में कई महत्वपूर्ण संदेश लिखे होते हैं।
यहां पहुंचने वाले प्रत्येक हज यात्री अपने आप को बहुत भाग्यशाली महसूस करते हैं। पूरी दुनिया के मुसलमानों की आस्था पवित्र मक्का मदीना से जुड़ी है।
मक्का मदीना जैसे पवित्र शहर के साथ ही पूरे सऊदी अरब में इस्लाम के अनुसार पवित्र कानून शरीयत लागू है। हज तीर्थ यात्रा करने वाले प्रवासियों के लिए कई खास निर्देश होते हैं, साथ ही सभी तीर्थ यात्रियों को मक्का मदीना के दर्शन के लिए कुछ भेंट अथवा धन चढ़ाना पड़ता है।
हज यात्रा करने के लिए हर मुसलमान अपनी पूरी जिंदगी की कमाई को ईकट्ठा करके एक बार मक्का मदीना तक पहुंचकर इस जन्नत के खूबसूरत द्वार का दर्शन जरूर करना चाहता है। (पढ़ें: पृथ्वी पर तथ्य)
मदीना शहर का इतिहास और जानकारी Madina City History Details in Hindi
मदीना शहर भी हेज़ाज़ क्षेत्र के पश्चिमी भाग में स्तिथ है। इसे सम्मानपूर्वक अल-मदीना अल-मुनव्वरा के नाम से बुलाया है। मक्का के बाद यह इस्लाम का दूसरा पवित्र स्थान है। यहाँ पैगम्बर मोहम्मद को दफनाया गया है।
मदीना शहर में इस्लाम के तीन प्रमुख मस्जिद मस्जिद अल नबवी (पैगंबर का मस्जिद), मस्जिद ए क़ुबा (इस्लाम के इतिहास का प्रथम मस्जिद) और मस्जिद अल क़िब्लतैन (वह मस्जिद जिसमें दो क़िब्लओं की तरफ़ मुंह करके नमाज़ पढी गयी) स्थित है।
मस्जिद अल हरम की जानकारी Information About Masjid Al Haram in Hindi
मस्जिद अल हरम यह दुनिया की सबसे प्रसिद्ध मस्जिदों में से एक है, जो मक्का शहर में स्थित है। कई इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार मस्जिद अल हरम की स्थापना हजरत इब्राहिम द्वारा करवाया गया था। यह मस्जिद बहुत विशाल और खूबसूरत है, जिसके चारों तरफ विशेष प्रकार के खंबे स्थापित है।
ऐसा कहा जाता है, कि हजरत मोहम्मद साहब इसी मस्जिद के समीप से ही अपने पंख वाले घोड़े जिसे ‘बुरर्क’ कहा जाता था, उस पर सवार होकर अल्लाह से मिलने जन्नत गए थे। पवित्र मक्का में दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद, मस्जिद अल हरम को ‘ग्रैंड मॉस्क’ के नाम से भी जाना जाता है।
आब ए ज़म ज़म का पानी Aab E Zam Zam Water
मक्का क्षेत्र में एक पवित्र कुआँ है जिसका नाम है आब ए ज़म-ज़म। शायद ही कोई मक्का-मदीना में हज के लिए जाने वाला तीर्थयात्री होगा जो ज़म-ज़म का पानी पिए बिना और लिए बना वापस लौटता होगा।
जिस तरह दूसरे धर्मों के लोग अपने पवित्र नदियों के पानी को जरूर पीते हैं, उसी तरह हज यात्री आब ए ज़म ज़म के पानी को जरूर ग्रहण करते हैं और इसे भरकर वे अपने घरों में एक शुभ संकेत के रूप में सजाकर रखते हैं।
माना जाता है ज़म-ज़म का पानी कुदरती तरीके से बहुत ही चमत्कारी है जो बीमार पड़े हुए लोगों को ठीक करने की शक्ति रखता है। साथ ही अद्भुत बात यह है कि पुरे सऊदी अरब में लगभग सभी कुए सुख चुकें हैं और पानी की बहुत किल्लत है परन्तु इस करिश्माई कुएं का पानी हजारों वर्षों से नहीं सुख पाया है।
ज़म ज़म के पानी के कुछ चमत्कारी तथ्य Interesting Facts About Zam Zam Water
पैगंबर मोहम्मद साहब से जुड़ा हुआ यह पवित्र कुआं कई रहस्यमई तथ्यों से भरा पड़ा है। जैसे –
- इस चमत्कारी कुआ के विषय में कहा जाता है, कि जो भी आब ए ज़म ज़म का पानी पीता है, उसके सभी बीमारियां और दोष नष्ट हो जाते हैं।
- ज़म ज़म का पानी कई वर्षों से लाखों-करोड़ों तीर्थयात्रियों द्वारा पीने के बाद भी आज जरूरत के मुताबिक मौजूद है। साथ ही यहां का पानी हमेशा से ही साफ सुथरा रहता है।
- यह कुआं बेहद प्राचीन है, जिसके पानी को आज तक अनगिनत जायरीनों द्वारा ग्रहण किया गया लेकिन कभी भी यह पानी खत्म नहीं हुआ।
- पवित्र आब ए ज़म ज़म के पानी का स्वाद हमेशा एक जैसा ही रहता है।
- ज़म ज़म के पानी कैल्शियम और मैग्नीशियम के साल्ट पाए गए हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं बल्कि बहुत ही स्फूर्तिदायक हैं।
- कहा जाता है ज़म ज़म के पानी को पीने से शरीर को ताकत मिलती है।
- ज़म ज़म का पानी पुरु तरीके से स्वच्छ है और इसके पानी में किसी भी प्रकार के जैविक विकास नहीं पाया गया है।
जेद्दाह Jeddah
जेद्दाह मक्का, सऊदी अरब के पश्चिमी क्षेत्र में स्तिथ एक प्रमुख शहर है। रिज़ॉर्ट होटल, समुद्र तट और अब्दुल-अज़ीज़ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भी यहीं स्तिथ है। हज तीर्थयात्रा के समय यहाँ बहुत ज्यादा भीड़ होती है।
यही पर मुख्य रोड पर जाते समय पुलिस गैर मुस्लिम लोगों को जाने से रोक दिया जाता है। वहीं से 50 मिल की दूरी पर एक सुन्दर पर्वतीय शहर है जिसका नाम है तैफ।
मक्का मदीना में शिवलिंग Shivlinga in Makka Madina
शरीयत के मुताबिक कोई भी गैर मुसलमान विशेषकर हिंदू धर्म के लोग पवित्र मक्का मदीना में तीर्थ यात्रा करने नहीं जा सकते है। कुछ इतिहासकार ऐसा मानते हैं की जिस जगह पर मक्का मदीना स्थापित है, वही किसी समय में महादेव मंदिर स्थापित था।
इस सापेक्ष में धर्म को लेकर हमेशा कई विवाद होते रहते हैं। यह बेहद विवादास्पद मुद्दा बन जाता है। ऐसा बहुत कुछ आपने सुना होगा और इन्टरनेट पर कई विडियो में देखा भी होगा कि मक्का में कुछ हिन्दू रस्म भी निभाए जाते हैं और वहां शिवजी का मंदिर और शिवलिंग भी है।
सोशल मीडिया पर हमेशा ही मक्का मदीना में शिवलिंग होने की खबरें आए दिन सुनाई देती हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि जिस पवित्र काबा की मुस्लिम परिक्रमा लगाते हैं वही शिवलिंग खंडित रूप में स्थापित है।
आपको मैं बताना चाहता हूँ की ऐसी कोई बात नहीं है। मक्का मैं ना ही कोई शिवलिंग है और शिव मंदिर। वहां कोई भी हिन्दू रीती रिवाज़ के अनुसार पूजा नहीं किया जाता है। वहां जो भी पूजा की जाती है इस्लामिक रीती रिवाजों के अनुसार होती है।
मक्का मदीना तक कैसे पहुंचे? How to Reach Mecca Medina?
किंग मोहम्मद बिन अब्दुलजाइज एयरपोर्ट जो जेद्दाह में स्थित है। यह हवाई अड्डा अंतर्राष्ट्रीय सेवाएं उपलब्ध कराता है, जो मक्का मदीना को अन्य बड़े देशों की राजधानियों से भी जोड़ता है। जैसे कि दुबई, काइरो, दोहा, कुवैत, इस्तांबुल और बहरीन इत्यादि।
सऊदी अरब में निर्मित किए जा रहे हरमन हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट अथवा हाई स्पीड इंटर-सिटी रेल लाइन पवित्र शहर मदीना मक्का को किंग अब्दुलजाइज़ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, जेद्दाह, अब्दुल्ला इकोनॉमिक सिटी, रबीघ से जोड़ेगा।
मदीना शहर से जुड़ने वाली प्रमुख सड़कों में राजमार्ग 15 (सऊदी अरब) और राजमार्ग 60 (सऊदी अरब) देश के अन्य भागों को जोड़ता है। इसके अलावा मदीना बस परिवहन के साथ साथ कई पर्यटक बस की सेवाएं भी उपलब्ध है, जो ऐतिहासिक स्थानों के आसपास भ्रमण करने की सेवाएं प्रदान करता है।
Note: आशा करते हैं आपको यह पोस्ट मक्का मदीना का इतिहास और तथ्य Makka Madina History Facts Hindi अच्छा लगा होगा। यह पोस्ट मात्र मक्का मदीना के इतिहास के विषय में जानकारी के लिए है। हिंदी लिखते समय कुछ छोटी गलतियां हो सकती है। इस पोस्ट में अगर आपको किसी भी प्रकार की गलती दिखे तो तुरंत comment के माध्यम से हमें बताएं।
I like your post. Thanks to give me this information.
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very nice I like your post
R u sure that in makka madina shiv-ling or statue not here…
maine suna he ki 7 bar fere hone ke bad.. Us makke ko yani black wale choras ko pathar marte he… aisa q.. Muze ans do plz.. Mere gmail pe ans post kr do
Very good
i like macca madina i miss macca madina i love macca madina
Kya makka madina me shivling nhi h yarr shi btao kuch khte h kuch mna krte h
No
मैं इसे पढ़कर बहुत अच्छा लगा आपका धन्यवाद
मक्का मदीना मे शिव लिंग है तो उस पर जल क्यूँ नहीं चढ़ाते है जबकि वो पवित्र स्थान है
Makkah me Hindu(Shree Ram) ke vanshaj kyu nahi ja sakte hai?
जैसे पूरी जगन्नाथ मंदिर मे विदेशी और अन्य धर्म के लोगों को जाने से रोका जाता है ठीक उसी प्रकार उनके भी कुछ नियम हैं
Veery good