नारी शिक्षा पर निबंध Essay on Women Education in Hindi (1000+ Words)
इस लेख में नारी शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay in Hindi) दिया गया है। यह निबंध परीक्षाओं में पूछा जाना कक्षा 6 से ही प्रारम्भ हो जाता है। निचे दिया गया निबंध सरल भाषा में दिया गया है।
मशहूर विचारक टॉलस्टॉय ने कहा है की किसी भी देश का उत्थान-पतन उस देश की स्त्रियों के हाथों में होता है जिस देश की नारी शिक्षित होगी तो स्वतः ही उस देश के नागरिक शिक्षित होंगे।
नारी शिक्षा पर निबंध Essay on Women Education in Hindi
प्राचीन समय से ही भारत अपनी शिक्षा तथा संस्कृति के कारण समस्त विश्व में अपनी एक अलग छाप अंकित किये हुए हैं। क्योंकि प्राचीन भारत में नालंदा, तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय थे जहाँ पर भारत देश के कोने-कोने से तो विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते ही थे, अपितु विश्व के हर कोने से विधार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते थे।
लेकिन कुछ समय बाद हमारा देश एक ऐसी भंवर में फँसा जिससे कि लगातार भारत में अशिक्षा का साम्राज्य बढ़ता गया और परिणामस्वरूप आज देश का बहुत ही बड़ा जनसमुदाय अशिक्षा का शिकार है। इसमें नारी शिक्षा एक मुख्य समस्या बनी हुई है।
वैदिक काल मे नारियाँ स्वतंत्र रूप से सदा से ही शिक्षित होती आई हैं, जिनमें प्रमुख हैं – अनुसुइया, गार्गी, लीलावती ये ऐसी विदुषी महिला है, जिन्होंने अपने बौद्धिक कला के द्वारा समस्त समाज को प्रभावित किया। किन्तु उत्तरवैदिक काल में नारी की स्थिति और शिक्षा दोनों ही दयनीय हो गयी तथा समाज की उद्धारक नारी ही अशिक्षा की बेड़ियों में जकड कर रह गयीं।
नारी शिक्षा का महत्व Importance of Women Education in Hindi
नारी और पुरुष दोनों ही इस समाज रुपी वाहन के दो पहिए हैं। अगर इनमें से एक पहिया भी खराब होता है तो समाज पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए दोनों का समान रूप से शिक्षित होना जरूरी है। क्योंकि नारी ही हमारे समाज के पथ प्रदर्शक और हमारे समाज की मूल आधार हैं उसके लिए शिक्षा ज्यादा जरूरी हो जाता है।
नारी मां बनती है और माँ बनकर बच्चों को पालती है, उन्हें गुणवान बनाती है,और उन्हें शिक्षा प्रदान करती है, इसलिए तो कहते हैं, कि माँ ही बच्चे की सबसे पहली गुरु होती है। अगर माँ शिक्षित है, तो बच्चा भी शिक्षित और गुणवान बनता है। इसलिए एक शिक्षित और सभ्य समाज के लिए नारी का शिक्षित होना अति आवश्यक है।
जयशंकर प्रसाद ने कहा है–
दया, माया, ममता लो आज।
मधुरिमा, लो अगाध विश्वास।
हमारा, ह्रदय, रत्न निधि स्वच्छ।
तुम्हारे लिए खुला है पास।
नारी दया, ममता, मधुरिमा, विश्वास, स्वच्छता, समर्पण और त्याग जैसे महान गुणों से विभूषित होती हैं। इसलिए नारी शिक्षा परम आवश्यक है। क्योंकि एक नारी ही होती है जो चिकित्सा, शिक्षा, बाल पोषण, सौंदर्य आदि में कुशल सिद्ध हो सकती है।
स्त्री शिक्षा की ओर ध्यान देते हुए सरकार ने भी कई प्रकार की योजनाएं चलाई हैं। जिनमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, कस्तूरबा गांधी विद्यालय योजना, प्रमुख है। जिनके तहत शिक्षा से वंचित गरीब बालिकाओं को नि:शुल्क शिक्षा के साथ उनके रहने खाने और संपूर्ण शिक्षा का खर्च सरकार उठाती है। इसलिए समाज के हर वर्ग को नारी शिक्षा की अलख जगानी होगी। कियोकि जब नारी शिक्षित होगी तब समाज भी शिक्षित होगा।
आज की नारी Today’s Woman in Hindi
आज के आधुनिक युग में चाहे पुरुष हो या महिला दोनों के लिए शिक्षा बराबर है। जिसका उल्लेख हमारे संविधान में भी है। हमारा संविधान सभी को शिक्षा का मूल अधिकार प्रदान करता है। जिसके चलते आज हम जहाँ पर भी नजर दौड़ाते हैं वहां नारी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़े जा रही है।
पुरुषों के साथ-साथ नारी भी इंजीनियर, डॉक्टर, शिक्षक, पायलट, पुलिस जैसे पदों पर अपनी सेवाएं दे रहीं है। रानी लक्ष्मीबाई, इंदिरा गांधी, सरोजिनी नायडू, किरण बेदी, कल्पना चावला आदि नारियों ऐसी है, जिन्होंने ना कि समाज में अपने वर्चस्व को स्थापित किया। बल्कि घर की दहलीज पार करने के लिए अन्य बेटियों को भी प्रोत्साहित किया।
जिसके परिणाम स्वरूप आज हमारे समाज में बहुत सुधार हो रहा है और अपनी बेटियों को शिक्षित करने में लगा हुआ है जिसका परिणाम हमारे सामने है की आज नारियाँ हर क्षेत्र में पुरषों से आगे होती जा रहीं है। चिकित्सा के क्षेत्र में जो सेवा भावना एक नारी में होती है, वह किसी पुरुष में नहीं।
विज्ञान के क्षेत्र में तो नारियों ने कीर्ति पताका फहरा रखी है। कल्पना चावला भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री है जो भारतीय समाज की नारियों के लिए प्रेरणाश्रोत है। हमारे देश की नारी हर क्षेत्र में यहाँ तक कि राजनीति में भी बढ़-चढ़कर भाग ले रही हैं। हमारे देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल हमारी समाज की बेटी और नारियों के लिए एक आदर्श बनी हुई है।
हाल ही के चंद्रयान 2 मिशन में देश की नारियों ने अपने अदभुत कौशल का परिचय दिया फिर भी आज के इस शिक्षित परिवेश में देश के विभिन्न स्थानों पर नारी की स्थिति संतोषजनक नहीं है। बहुत से ग्रामीण क्षेत्रों में नारी अब भी घर की दहलीज तक सीमित है।
किंतु वर्तमान सरकार के प्रयासों तथा सर्व शिक्षा अभियान के तहत समाज की स्थिति में सुधार आ रहा है। क्योंकि ग्रमीण क्षेत्र की बहुत सी लड़कियों ने कला, खेलकूंद, चिकित्सा, विज्ञान और प्रशासनिक सेवा में लड़कों को भी परास्त कर दिया है और लड़कियों का परिणाम लड़कों की तुलना में श्रेष्ठ गुणवत्ता में प्राप्त होता है।
आज की शिक्षित नारी अपने पैरों पर खड़ी हुई है और शिक्षा के तेज प्रकाश के कारण ही नारी अपने तेज से समाज को भी प्रकाशित कर रही है। जीवन के हर क्षेत्र में नारी अमूल्य योगदान देने के साथ शिक्षा जगत में भी अद्भुत कार्य कर रही है। और वह पुरुष से भी किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है। इसलिए नारी का शिक्षा के साथ जीवन के हर एक क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान है।
नारी शिक्षा पर नारे Best Slogans on Women Education in Hindi
- आज देश की यही पुकार
पढ़ लिख नारी हो होशियार।
- नारी बिना कुछ ना भाता है
नारी भाग्य विधाता है।
- अपने बच्चों को जो दे शिक्षा का वरदान
इसलिए नारी कहलाती है भगवान।
- नारी जीवन है नारी जीवन का है आधार
नारी से ही बनता परिवार।
- अगर समाज को शिक्षित पाना है
तो नारी शिक्षा को अपनाना है।
- नारी अबला नहीं अब सबला है
समाज के दुश्मनों का बजना अब तबला है।
7. हम सब ने यह ठाना है।
नारी को शिक्षित बनाना है।
8. नारी जाति है सबसे महान।
नारी शिक्षा में सब दें योगदान।
- घर घर में अब यह अलख जलाओ
हर घर की नारी सभी पढ़ाओ।
- नारी देश का अभिमान है
हम सब का सम्मान है।
निष्कर्ष Conclusion
नारी शिक्षा से ही समाज का निर्माण होता है और नारी के उत्थान से ही राष्ट्र का उत्थान होता है। यह आपने इस लेख नारी शिक्षा पर निबंध (Essay on Women Education in Hindi) में पढ़ा। आशा है यह लेख आपको सरल और अच्छा लगा होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे सोशल मीडिया में जरुर शेयर करें।
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