भारत के सभी प्रधानमंत्रियों की सूची Prime Minister of India List Hindi (1947-2022)
इस लेख में आप भारत के सभी प्रधानमंत्रियों की सूची (Prime Minister of India List Hindi) हिन्दी में पढ़ सकते हैं। 15 अगस्त 1947 में देश को स्वतंत्रता मिलने के बाद भारत देश में कई प्रधानमंत्री हुये, जिनके बारें में आज हम आपसे बात करेंगे, तो दोस्तों शुरू करते है –
जवाहर लाल नेहरू (15 अगस्त 1947 से 27 मई 1964)
पंडित जवाहर लाल नेहरु स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। इन्होंने सबसे लंबे समय तक यानि 16 साल, 286 दिन तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। इनका जन्म 14 नवम्बर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था।
बच्चों से अधिक लगाव होने के कारण आज भी इसका जन्म दिवस बाल दिवस के रूप में हर साल 14 नवम्बर को मनाया जाता है। इन्होंने उच्च शिक्षा कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से प्राप्त की। स्वतंत्रता संग्राम में भी इन्होंने भाग लिया था।
1920-22 के असहयोग आंदोलन के दौरान उन्हें दो बार जेल भी जाना पड़ा। उन्होंने 1926 में इटली, स्विट्जरलैंड, इंग्लैंड, बेल्जियम, जर्मनी एवं रूस का दौरा किया।
उन्होंने ‘भारतीय स्वतंत्रता लीग’ की स्थापना की एवं इसके महासचिव बने। इस लीग का मूल उद्देश्य भारत को ब्रिटिश साम्राज्य से पूर्णतः अलग करना था। अपने पूर्ण जीवन में वे नौ बार जेल गए।
गुलजारी लाल नंदा (27 मई 1964 से 9 जून 1964)
गुलजारी लाल नंदा स्वतंत्र भारत के ऐसे प्रधानमंत्री थे, जो मात्र 13 दिनों के लिए प्रधानमन्त्री बने। इनका जन्म 4 जुलाई 1898 को पंजाब के सियालकोट में हुआ था।
इनकी शिक्षा लाहौर, आगरा एवं इलाहाबाद में हुई। शिक्षा के बाद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय (1920 से 1921) में श्रम संबंधी समस्याओं पर एक शोधक के रूप में कार्य किया एवं 1921 में नेशनल कॉलेज (मुंबई) में अर्थशास्त्र के प्राध्यापक बने।
इसी वर्ष वे असहयोग आंदोलन में शामिल हुए। 1932 में हुए सत्याग्रह की बजह से उन्हें जेल भी जाना पड़ा। उन्होंने 1959 में जर्मन संघीय गणराज्य, यूगोस्लाविया एवं ऑस्ट्रिया का दौरा किया।
पंडित नेहरू की मृत्यु के बाद उन्होंने 27 मई 1964 को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। श्री लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद फिर से 11 जनवरी 1966 को उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
लाल बहादुर शास्त्री (9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966)
श्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ था। पिता एक स्कूल शिक्षक थे। बचपन में ही शास्त्री जी के पिता का देहांत हो जाने के कारण उनकी स्कूली शिक्षा कुछ खास नहीं रही। उच्च शिक्षा के लिए वो अपने चाचा जी के यहाँ चले गये।
बड़े होने पर लाल बहादुर शास्त्री देश को गुलामी से आजादी दिलाने के लिए देश के संघर्ष में अधिक रुचि रखने लगे। शास्त्री जी ने असहयोग आंदोलन में शामिल होने के लिए अपने देशवासियों से आह्वान किया था। उनके इस आह्वान पर शास्त्री जी ने अपनी पढ़ाई छोड़ देने का निर्णय कर लिया था।
1930 में महात्मा गांधी द्वारा नमक कानून को तोड़ते हुए दांडी यात्रा में शास्त्री जी भी शामिल हो गए। कुल सात वर्षों तक ब्रिटिश जेलों में रहे। 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 तक वो देश के प्रधानमंत्री रहे इस प्रकार उन्होंने 1 वर्ष, 216 दिन तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य भार संभाला
श्रीमती इंदिरा गांधी (24 जनवरी 1966 से 24 मार्च 1977)
पंडित जवाहर लाल नेहरु की पुत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने प्रथम महिला प्रधानमंत्री के रूप में 24 जनवरी 1966 से 24 मार्च 1977 तक 11 साल 59 दिनों तक कार्य भार संभाला।
इनका जन्म 19 नवम्बर 1917 को एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। इसके द्वारा इकोले नौवेल्ले, बेक्स (स्विट्जरलैंड), इकोले इंटरनेशनेल, जिनेवा, पूना, बंबई, ऑक्सफोर्ड जैसे प्रमुख संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की गयी।
श्रीमती इंदिरा शुरू से ही स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रहीं। सितम्बर 1942 में उन्हें जेल में डाल दिया गया। 1947 में इन्होंने गांधी जी के मार्गदर्शन में दिल्ली के दंगा प्रभावित क्षेत्रों में कार्य किया।
उन्होंने 26 मार्च 1942 को फ़िरोज़ गांधी से विवाह किया। वे वर्ष 1959 से 1960 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं। उन्होंने 5 सितंबर 1967 से 14 फ़रवरी 1969 तक विदेश मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला।
इंद्रा जी ने जून 1970 से नवंबर 1973 तक गृह मंत्रालय और जून 1972 से मार्च 1977 तक अंतरिक्ष मामले मंत्रालय का प्रभार संभाला। जनवरी 1980 से वह योजना आयोग की अध्यक्ष रहीं। 14 जनवरी 1980 में वे फिर से प्रधानमंत्री बनीं।
मोरारजी देसाई (24 मार्च 1977 से 28 जुलाई 1979)
श्री मोरारजी देसाई सबसे वृद्ध (81वर्ष) तक प्रधानमंत्री बनने वाले और अपने पद से इस्तीफ़ा देने वाले पहले प्रधानमंत्री थे। जिन्होंने 24 मार्च 1977 से 28 जुलाई 1979 तक 2 साल, 126 दिन तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला।
इनका जन्म 29 फ़रवरी 1896 को गुजरात में हुआ था। पिता एक स्कूल शिक्षक थे, इनकी आरंभिक शिक्षा सेंट बुसर हाई स्कूल से हुई। मुंबई के विल्सन सिविल सेवा से 1918 में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने बाद, बारह वर्षों तक डिप्टी कलेक्टर के रूप में कार्य किया।
1930 में महात्मा गांधी द्वारा शुरू किये गये आजादी के लिए संघर्ष में इन्होंने अपना योगदान दिया एवं स्वतंत्रता संग्राम के दौरान तीन बार जेल भी गये। वे 1931 में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सदस्य बने और 1937 तक गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव रहे।
अक्टूबर 1941 उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया एवं अगस्त 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। इस बार उन्हें 1945 में छोड़ दिया गया। 1946 में राज्य विधानसभा के चुनावों के बाद वे मुंबई में गृह एवं राजस्व मंत्री बने। वर्ष 1952 में वे बंबई के मुख्यमंत्री बने।
चरण सिंह (28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980)
श्री चरण सिंह का जन्म 1902 में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार में हुआ था। 1923 में विज्ञान से स्नातक करने के बाद 1925 में आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की।
सबसे पहले 1937 में छपरौली से उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए एवं 1946, 1952, 1962 एवं 1967 में विधानसभा में अपने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।
वे 1946 में पंडित गोविंद बल्लभ पंत की सरकार में संसदीय सचिव बने, 1951 में उन्हें राज्य के कैबिनेट मंत्री, 1952 में वे डॉ. सम्पूर्णानन्द के मंत्रिमंडल में राजस्व एवं कृषि मंत्री बने।
28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक 170 दिनों तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला, श्री चरण सिंह अकेले ऐसे पीएम बनें जिन्होंने संसद का सामना नहीं किया।
श्रीमती इंदिरा गांधी (14 जनवरी 1980 से 31 अक्टूबर 1984)
इंद्रा गांधी 24 जनवरी 1966 से 24 मार्च 1977 तक प्रथम महिला प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद 14 जनवरी 1980 से 31 अक्टूबर 1984 तक दोबारा 4 साल, 291 दिन तक प्रधानमंत्री पद पर दूसरी बार कार्यभार संभालने वाली पहली महिला बनी।
राजीव गांधी (31 अक्टूबर 1984 से 2 दिसंबर 1989)
राजीव गांधी देश के सबसे युवा प्रधानमन्त्री थे, जो मात्र 40 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री बने। 31 अक्टूबर 1984 से 2 दिसंबर 1989 तक इन्होंने 5 साल, 32 दिनों तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला।
उनकी माँ श्रीमती इंदिरा गांधी 1966 में पहली बार प्रधानमंत्री बनी थीं। वे राजनीति में अपने प्रवेश को लेकर अनिच्छुक थे एवं उन्होंने राजनीति में देर से प्रवेश भी किया।
श्री राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ था। वे सिर्फ तीन वर्ष के थे जब भारत स्वतंत्र हुआ और उनके दादा स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने।
स्कूल से निकलने के बाद राजीव गांधी कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज गए लेकिन जल्द ही वे वहां से हटकर लन्दन के इम्पीरियल कॉलेज चले गए। उन्होंने वहां से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। राजनीति में अपना करियर बनाने में उनकी कोई रूचि नहीं थी।
हवाई उड़ान उनका सबसे बड़ा जुनून था। अपेक्षानुसार इंग्लैंड से घर लौटने के बाद उन्होंने दिल्ली फ्लाइंग क्लब की प्रवेश परीक्षा पास की एवं वाणिज्यिक पायलट का लाइसेंस प्राप्त किया। जल्द ही वे घरेलू राष्ट्रीय जहाज कंपनी इंडियन एयरलाइंस के पायलट बन गए।
महीने भर के लंबे चुनाव अभियान के दौरान राजीव गांधी ने पृथ्वी की परिधि के डेढ़ गुना के बराबर दूरी की यात्रा करते हुए देश के लगभग सभी भागों में जाकर 250 से अधिक सभाएं की एवं लाखों लोगों से आमने-सामने मिले।
विश्वनाथ प्रताप सिंह (2 दिसंबर 1989 से 10 नवंबर 1990)
श्री वी.पी. सिंह का जन्म 25 जून 1931 को इलाहाबाद में हुआ था। इनकी शिक्षा इलाहाबाद एवं पूना विश्वविद्यालय में हुई। वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी, 1969 से 1971 तक इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कार्यकारी निकाय एवं उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य रहे।
वे 9 जून 1980 से 28 जून 1982 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, 21 नवंबर 1980 से 14 जून 1981 तक उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य और 15 जून 1981 से 16 जुलाई 1983 तक उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य रहे।
वे 1 सितंबर 1984 को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चुने गए और 31 दिसंबर 1984 को केंद्रीय वित्त मंत्री बने। इन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में 343 दिनों तक कार्यभार संभाला यह पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने अविश्वास प्रस्ताव पास होने से पद छोड़ा था।
चंद्रशेखर सिंह (10 नवंबर 1990 से 21 जून 1991)
10 नवंबर 1990 से 21 जून 1991 करीब 223 दिनों तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार सँभालने वाले चंद्रशेखर सिंह समाजवादी जनता पार्टी से सम्बंधित थे। इनका जन्म 1 जुलाई 1927 को उत्तर प्रदेश के बलिया के एक किसान परिवार में हुआ था।
वे अपने विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति की ओर आकर्षित थे एवं क्रांतिकारी जोश एवं गर्म स्वभाव वाले आदर्शवादी के रूप में जाने जाते थे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (1950-51) से राजनीति विज्ञान में अपनी मास्टर डिग्री करने के बाद वे समाजवादी आंदोलन में शामिल हो गए।
1962 में वे उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गए। 1969 में दिल्ली से प्रकाशित साप्ताहिक पत्रिका ‘यंग इंडियन’ के संस्थापक एवं संपादक थे। आपातकाल के समय उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। सजा के दिनों में उन्होंने हिंदी में एक डायरी लिखी थी जो बाद में ‘मेरी जेल डायरी’ के नाम से प्रकाशित हुई।
6 जनवरी 1983 से 25 जून 1983 तक दक्षिण के कन्याकुमारी से नई दिल्ली में राजघाट (महात्मा की समाधि) तक लगभग 4260 किलोमीटर की मैराथन दूरी पैदल (पदयात्रा) तय की थी।
पी. वी. नरसिम्हा राव (21 जून 1991 से 16 मई 1996)
21 जून 1991 से 16 मई 1996 तक 4 साल, 330 दिनों तक दक्षिण भारत से पहले प्रधानमंत्री रहे, पी.वी. नरसिंह राव का जन्म 28 जून 1921 को करीमनगर में हुआ था। इन्होंने हैदराबाद के उस्मानिया विश्वविद्यालय, मुंबई विश्वविद्यालय एवं नागपुर विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की।
वे पेशे से कृषि विशेषज्ञ एवं वकील थे, 1962 से 64 तक कानून एवं सूचना मंत्री, 1964 से 67 तक कानून एवं विधि मंत्री, 1967 में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री एवं 1968 से 1971 तक शिक्षा मंत्री का कार्यभार संभाला।
वे 1971 से 73 तक आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। वे 19 जुलाई 1984 से 31 दिसंबर 1984 तक गृहमंत्री एवं 31 दिसंबर 1984 से 25 सितम्बर 1985 तक रक्षा मंत्री रहे।
उन्होंने 5 नवंबर 1984 से योजना मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला था। 25 सितम्बर 1985 से उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्री के रूप में पदभार संभाला।
अटल बिहारी वाजपेयी (16 मई 1996 से 1 जून 1996)
मात्र 16 दिनों तक प्रधानमंत्री के पद पर कार्य करने वाले अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था पिता एक शिक्षक थे।
वह राजनीति विज्ञान और विधि के छात्र थे। उन्होंने वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया था। श्री वाजपेयी जी ने अपना केरियर पत्रकार के रूप में शुरू किया था और 1951 में भारतीय जन संघ में शामिल होने के बाद उन्होंने पत्रकारिता छोड़ दी।
13 अक्टूबर 1999 को दोवारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की नई गठबंधन सरकार के प्रमुख के रूप में भारत के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया। वे 1996 में बहुत कम समय के लिए प्रधानमंत्री बने थे।
पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद वह पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो लगातार दो बार प्रधानमंत्री बने। उनके कार्य राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण को दिखाते हैं।
एच. डी. देव गौड़ा (1 जून 1996 से 21 अप्रैल 1997)
1 जून 1996 से 21 अप्रैल 1997 तक, 324 दिनों तक प्रधानमंत्री रहे, श्री एच.डी. देवेगौड़ा का जन्म 18 मई 1933 को कर्नाटक के एक गांव में हुआ था। पिता एक किसान थे। इस प्रकार उन्होंने बचपन में कई परेशानियों का सामना किया।
20 वर्ष की उम्र में सिविल इंजीनियरिंग की पढाई करने के बाद वे राजनीति में आ गए। 1953 से 1962 तक वे कांग्रेस पार्टी के सदस्य बने रहे।
28 साल की उम्र में गौड़ा जी ने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा और 1962 में वे कर्नाटक विधानसभा के सदस्य बन गए। मार्च 1972 से मार्च 1976 तक और नवंबर 1976 से दिसंबर 1977 तक विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया।
इंदर कुमार गुजराल (21 अप्रैल 1997 से 19 मार्च 1998)
21 अप्रैल 1997 से 19 मार्च 1998 तक 332 दिनों तक प्रधानमंत्री पद पर कार्यरत रहे। श्री इंदर कुमार गुजराल का जन्म 4 दिसम्बर 1919 को झेलम में हुआ था। इनके माता-पिता स्वतंत्रता सेनानी थे।
जिन्होंने पंजाब के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था। 11 वर्ष की आयु में आन्दोलन का नेतृत्व करने के जुर्म में इनको गिरफ्तार कर लिया गया।
इन्होंने एम.ए, बी.कॉम, पीएच.डी. और डी. लिट. की उपाधि प्राप्त की थी। भारत के प्रधानमंत्री बनने से पहले इन्होंने निम्न पदों पर भी कार्य किया- विदेश मंत्री, जल संसाधन मंत्रालय, जल संसाधन मंत्री, भारत के राजदूत, संचार एवं संसदीय मामलों के मंत्री, सूचना, प्रसारण तथा संचार मंत्री, योजना मंत्री आदि।
अटल बिहारी वाजपेयी (19 मार्च 1998 से 22 मई 2004)
19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक दूसरी बार प्रधानमंत्री बने अटल बिहारी बाजपाई जी ने 6 साल, 64 दिन प्रधानमंत्री का पद संभाला। यह पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया।
मनमोहन सिंह (22 मई 2004 से 26 मई 2014)
भारत के पहले सिख प्रधानमन्त्री डॉ. मनमोहन सिंह जिन्होंने 22 मई 2004 से 26 मई 2014 तक 10 साल, 2 दिन तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। इनका जन्म 26 सितम्बर 1932 को पंजाब के एक गाँव में हुआ था।
इन्होंने 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से मैट्रिक की शिक्षा पूरी की एवं आगे की शिक्षा ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय से प्राप्त की। 1962 में ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी.फिल किया।
1971 में डॉ. सिंह वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार बने एवं 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्यभार संभाला। 1987 और 1990 में जिनेवा में दक्षिण आयोग के महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया। 1991 से 1996 तक भारत के वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया।
इन्हें कई पुरस्कारों और सम्मानों से नवाज़ा गया है जैसे नागरिक सम्मान पद्म विभूषण(1987); भारतीय विज्ञान कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू जन्म शताब्दी पुरस्कार (1995); वर्ष के वित्त मंत्री के लिए एशिया मनी अवार्ड (1993 और 1994); वर्ष के वित्त मंत्री के लिए यूरो मनी अवार्ड (1993), कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (1956) का एडम स्मिथ पुरस्कार; कैम्ब्रिज के सेंट जॉन्स कॉलेज में विशिष्ट प्रदर्शन के लिए राइट पुरस्कार (1955)।
डॉ. सिंह को जापानी निहोन किजई शिम्बुन एवं अन्य संघो द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
नरेंद्र मोदी (26 मई 2014 से अब तक)
श्री नरेन्द्र मोदी वर्तमान में 26 मई 2014 से दूसरी बार भारत के प्रधानमन्त्री चुने गये हैं। यह दूसरे गुजराती प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने लगातार दूसरी बार अपना कार्यकाल पूरा किया, पहले मोरारजी थे।
इनका जन्म एक गुजराती परिवार में हुआ था, अपने प्रारंभिक जीवन में इन्होंने चाय बेचने का कार्य किया एवं अपने पिता की मदद की। स्नातक की पढाई पूरी होने पर उन्होंने अपना घर छोड़ दिया।
मोदी जी स्वतंत्र भारत में जन्मे प्रथम प्रधानमंत्री हैं। इसके पूर्व वे गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। मोदी जी एक राजनेता और कवि भी हैं। वे गुजराती भाषा के अलावा हिन्दी में भी देशप्रेम से ओतप्रोत कविताएँ लिखते हैं।
1985 में वे बीजेपी से जुड़े और 2001 तक कई पदों पर कार्य किया, जहाँ से वे धीरे धीरे भाजपा में सचिव के पद पर पहुँचे। मोदी जी 2001 में गुजरात के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त हुए। अपने कार्यो के कारण वे लगातार 4 बार (2001 से 2014 तक) मुख्यमन्त्री चुने गये।
नरेन्द्र मोदी जी विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं और वर्तमान समय में देश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं। मोदी जी को पर्सन ऑफ़ द ईयर 2013 के 42 उम्मीदवारों की सूची में शामिल किया गया है।
2019 में दूसरी बार प्रधानमंत्री के चुनाव में उन्हें पहली बार से ज्यादा कुल 303 सीटों पर जीत हासिल हुई और 30 मई 2019 को प्रधानमंत्री के रूप में लगातार दूसरी बार मोदी जी प्रधानमंत्री बने।
शानदार आर्टिकल पढने को मिला पढ़कर बहुत ही अच्छा लगा. आपका ब्लॉग मुझे बहुत पसंद आता है.