पुष्प की अभिलाषा कविता हिन्दी भावार्थ सहित Pushp Ki Abhilasha Poem Meaning in Hindi

इस लेख मे हमने माखनलाल चतुर्वेदी जी पुष्प की अभिलाषा कविता हिन्दी भावार्थ सहित Pushp Ki Abhilasha Poem Meaning in Hindi प्रकाशित किया है। इस अनुच्छेद से स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी भी मदद ले सकते हैं। अपने कविता का अर्थ हिन्दी मे बहुत ही सरल भाषा मे दिया है।

आईए जानते हैं – माखनलाल चतुर्वेदी जी पुष्प की अभिलाषा कविता हिन्दी भावार्थ सहित..

माखनलाल चतुर्वेदी की पुष्प की अभिलाषा कविता Pushp Ki Abhilasha Poem by Makhanlal Chaturvedi

चाह नहीं, मैं सुरबाला के,
गहनों में गूँथा जाऊँ,
चाह नहीं प्रेमी-माला में,
बिंध प्यारी को ललचाऊँ,
चाह नहीं सम्राटों के शव,
पर हे हरि डाला जाऊँ,
चाह नहीं देवों के सिर पर,
चढूँ भाग्य पर इठलाऊँ,
मुझे तोड़ लेना बनमाली,
उस पथ पर देना तुम फेंक,
मातृ-भूमि पर शीश- चढ़ाने,
जिस पथ पर जावें वीर अनेक।

(कवि- माखनलाल चतुर्वेदी)

माखनलाल चतुर्वेदी जी की विश्व प्रसिद्ध कविता पुष्प की अभिलाषा (Pushp Ki Abhilasha) हर उस व्यक्ति के जुबान पर रहता है जो हिन्दी साहित्य में थोड़ी भी रूचि लेते हैं।

पुष्प की अभिलाषा कविता माखन लाल चतुर्वेदी जी की कलम यानी हिन्दी साहित्य के प्रति समर्पण की पराकाष्ठा है। इस अनुच्छेद मे नीचे पुष्प की अभिलाषा कविता का हिन्दी भावार्थ बेहद सरल भाषा में आप पढ़ सकते हैं।

पुष्प की अभिलाषा कविता का भावार्थ हिन्दी मे Meaning of Pushp Ki Abhilasha poem in Hindi

कवि माखनलाल चतुर्वेदी जी पुष्प या फूल के रूप मे कहते हैं की मुझे कोई चाह नहीं है की मैं किसी स्त्री के गहनों में गूँथ जाऊं, मुझे कोई इच्छा नहीं है की मैं किसी महिला के बालों का गजरा बनूँ।

मुझे कोई इच्छा नहीं की मैं किसी प्रेमी युगलों का माला बनूँ। मुझे इसकी बिलकुल चाह नहीं है की मैं फूल बनकर किसी राजा या सम्राट के शव पर चढ़ाया जाऊं।

मुझे इसकी भी इच्छा नहीं है की मुझे भगवान के मस्तक पर अर्पित किया जाय जिससे मुझे अपने भाग्य पर गर्व हो।

मैं सिर्फ इतना चाहता हूँ की हे वनमाली तुम मुझे तोड़कर उस मार्ग पर फ़ेक देना जिस मार्ग पर वीर देशभक्त, शूरवीर इस भूमि की रक्षा के लिए अपने आप को अर्पण करने जाते हों ,जो इस भूमि के लिए अपना शीष अर्पण करने जाते हों।

आशा करते हैं आपको पुष्प की अभिलाषा कविता हिन्दी भावार्थ सहित इस लेख से मदद मिली होगी। अपने सुझाव कमेन्ट के माध्यम से हमें जरूर भेजें।

11 thoughts on “पुष्प की अभिलाषा कविता हिन्दी भावार्थ सहित Pushp Ki Abhilasha Poem Meaning in Hindi”

  1. Mai un veero ke charno me rahna chahta hu jin veero ne matra bhumi ke liye apna walidaan diya hai.

    Pusp ki yahi abhilasha hai

    Reply

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