रुद्राक्ष क्या है? इसके प्रकार और फायदे Rudraksha types and benefits in Hindi

इस लेख मे हमने रुद्राक्ष क्या है? इसके प्रकार, फायदे (Rudraksha types and benefits in Hindi) के विषय मे हिन्दी मे बताया है। साथ ही आपको इसके पहनने के सही नियम और सावधानियों के विषय मे भी पूरी जानकारी मिलेगी।

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रुद्राक्ष क्या है? What is Rudraksha in Hindi?

रुद्राक्ष अर्थात – भगवान शंकर के अक्ष (अश्रु) , पुराणों के अनुसार एक बार भगवान शंकर वर्षों तक समाधी में लीन रहें और जब उन्होंने नेत्र खोला तो उनके नेत्रों से जल की कुछ बूँद निकलीं और धरती पर फ़ैल गईं और पहले बीज रूप में फिर विशाल वृक्ष के रूप विकसित हुईं।

भारतीय संस्कृति के अनुसार रुद्राक्ष को पवित्र माना जाता है और विज्ञान के अनुसार रुद्राक्ष में से कुछ विशेष कंपन्न उत्पन्न होते हैं जो हमारे आसपास रहे हुए नकारात्मक विकिरणों का नाश करतें है।

रुद्राक्ष के कई प्रकार होते हैं और साथ ही कुछ गूढ़ पहचान छिपाए होते हैं जिससे इनके गुणवत्ता की परख की जाती है। असली रुद्राक्ष सामान्य से थोड़ा महंगा होता है और बाज़ार में नकली रुद्राक्षों की भरमार है इसलिए रुद्राक्ष की सटीक जानकारी होना और भी जरूरी हो जाता है। तो दोस्तों आइये जानते हैं रुद्राक्ष के प्रकार साथ ही रुद्राक्ष के फायदे।

रुद्राक्ष के कितने प्रकार होते हैं? Types of Rudraksha

रुद्राक्ष के मामले में “मुखी” का प्रयोग इसके प्रकार को और फायदों को विभाजित करने के लिए किया जाता है। हम अक्सर सुनते हैं की पंडित जी ने उन्हें इतना मुखी रुद्राक्ष पहनने के लिए कहा है।

रुद्राक्ष के 21 प्रकार होते हैं यानी रुद्राक्ष 1 से लेकर 21 मुखी तक का होता है और सभी के अपने स्वतंत्र गुण धर्म और फायदे हैं।

1. एक मुखी रुद्राक्ष One Mukhi Rudraksha

एकमुखी रुद्राक्ष ॐ के आकार का होता है और इसमें साक्षात भगवान शंकर का वास होता है। ऐसा माना जाता है कि एक मुखी रुद्राक्ष (Eka Mukhi Rudraksha) धारण करने से शंकर भगवान  की शक्तियाँ हमें नकारात्मक उर्जाओं से बचाती हैं ।

एक मुखी रुद्राक्ष अधिक देखने को नही मिलता। यह कीमत में थोड़ा महँगा होता हैं और बाज़ार में सामान्य रुद्राक्ष को एक मुखी का आकार देकर बेच दिया जाता है इसलिए इसे चुनते समय सावधानी रखनी चाहिए।

एक मुखी रुद्राक्ष के फायदे Benefits of One Mukhi Rudraksha

  • एकमुखी रुद्राक्ष सिंह राशि के जातकों के लिए अत्यंत शुभ होता है।
  • ऐसा माना जाता है एक मुखी रुद्राक्ष की पूजा जहाँ होती है वहाँ से लक्ष्मी दूर नहीं होती।
  • एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से शरीर में उच्च रक्तचाप धीरे-धीरे नियंत्रित होने लगता है।

2. दो मुखी रुद्राक्ष Two Mukhi Rudraksha

दो मुखी रुद्राक्ष में भगवान शंकर की सौम्य और शांत मुद्रा को स्थित माना जाता है दो मुखी रुद्राक्ष अर्द्धनारेश्वर यानी शिव और शक्ति दोनों का प्रतिनिधित्व करता है। शिव और शक्ति दोनों की शक्तियाँ इस दो मुखी रुद्राक्ष में समाहित होती है।

दो मुखी रुद्राक्ष के फायदे Benefits of Two Mukhi Rudraksha

  • कर्क राशि के जातकों के लिए दो मुखी रुद्राक्ष लाभकारी है
  • दिमागी बैचेनी और राहु के दुष्प्रभाव को रोकने के लिये इस का प्रयोग किया जाता है
  • जिन लोगों को रात को नींद नही आती है साथ ही जिनका मन अशांत है उन्हें इसकी सलाह दी जाती है
  • दो मुखी रुद्राक्ष दांपत्य जीवन को सुखमय बनाने के लिए लाभकारी होता है।

3. तीन मुखी रुद्राक्ष Three Mukhi Rudraksha

तीन मुखी रुद्राक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों की शक्तियाँ विद्यमान रहतीं हैं। तीन मुखी रुद्राक्ष इन्हीं त्रिशक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है। तीन मुखी रुद्राक्ष सदा साक्षात फल प्रदान करता है।

तीन मुखी रुद्राक्ष के फायदे Benefits of Three Mukhi Rudraksha

  • मेष राशि के जातकों के लिए तीन मुखी रुद्राक्ष (Teen Mukhi Rudraksha) शुभ माना जाता है।
  • तीन मुखी रुद्राक्ष को पहनने से व्यक्ति हीन भावनाओं से मुक्त होता है साथ ही व्यक्ति का आत्मविश्वास भी बढ़ता है
  • तीन मुखी रुद्राक्ष को पहनने से पापों से छुटकारा मिलता है औरे बुद्धि कुमार्गों से दूर रहती है।
  • विद्यार्थियों को तीन मुखी रुद्राक्ष पहनने की अक्सर सलाह दी जाती है।

4. चार मुखी रुद्राक्ष Four Mukhi Rudraksha

चार मुखी रुद्राक्ष में ब्रह्मा तथा देवी सरस्वती का वास होता है इसलिए इस रुद्राक्ष को ब्रम्हा और सरस्वती का  प्रतिनिधि माना गया है।

चार मुखी रुद्राक्ष के फायदे Benefits of Four Mukhi Rudraksha

  • चार मुखी रुद्राक्ष मिथुन राशि के जातकों के लिए सर्वोत्तम होता है
  • जो अन्दर से कमज़ोर होते हैं और अत्यंत शर्मीले और डरपोक किस्म के होते हैं उन्हें चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है।
  • जिन्हें संतान की चाह होती है उन्हें भी इस रुद्राक्ष का सुझाव दिया जाता है।

5. पंचमुखी (पाँच मुखी) रुद्राक्ष Five Mukhi Rudraksha

पाँच मुखी रुद्राक्ष में भगवान शिव की सभी शक्तियाँ निहित होती हैं और साथ ही इस रुद्राक्ष को धारण करने से पाँच तत्वों से शक्ति मिलती है।

पाँच मुखी रुद्राक्ष पूरी दुनिया में सबसे अधिक पैदा होते है। इसलिए ये बहुत ही सामान्य रूप से प्राप्त हो जाते है। अन्य रुद्राक्षों की अपेक्षा ये नकली या बनावटी बहुत ही कम मिलते है।

पंचमुखी रुद्राक्ष के फायदे Benefits of Five Mukhi Rudraksha

  • पंचमुखी रुद्राक्ष धनु और मीन राशि वालों’ के लिए शुभ होता है।
  • पंचमुखी रुद्राक्ष को धारण करने से यश और धन की प्राप्ति होती है।
  • पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करने से हर प्रकार के मानसिक विकार, मधुमेह व रक्तचाप से मुक्ति मिलती है।

6. छः मुखी रुद्राक्ष Six Mukhi Rudraksha

छः मुखी रुद्राक्ष साधना और वैराग्‍य के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। यह भगवान शंकर का भगवान कार्तिकेय के प्रति प्रेम माना जाता है।

छह मुखी रुद्राक्ष को ज्‍योतिष विज्ञान में शुक्र ग्रह से संबंधित माना जाता है। छह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से भगवान शिव, कार्तिकेय की शक्तियों से नकारात्मक भावों का नाश होता है।

छः मुखी रुद्राक्ष के फायदे Benefits of Six Mukhi Rudraksha

  • वृषभ और तुला राशि वालों को यह रुद्राक्ष धारण करने का आग्रह विशेष तौर पर होता है।
  • दाम्पत्य जीवन में सफलता और प्रेम की वृद्धि के लिए छः मुखी रुद्राक्ष उत्तम माना जाता है।
  • छः मुखी रुद्राक्ष कलात्मक भावनाओं का विकास करता है इसलिए इसे संगीतकार या किसी भी कालाकार को धारण करने के लिए आग्रह किया जाता है।

7. सात मुखी रुद्राक्ष Seven Mukhi Rudraksha

सात मुखी रुद्राक्ष शनि देव की शक्तियों का विशेष अनुदान प्रदान करता है जिससे तमाम नकारात्मक उर्जाओ का नाश हो जाता है।

सात मुखी रुद्राक्ष के फायदे Benefits of Seven Mukhi Rudraksha

  • सात मुखी रुद्राक्ष मकर और कुंभ राशि के जातकों के सर्वोत्तम बताया जाता है।
  • जो कोर्ट कचहरी के दिक्कतों से जूझ रहे हों उन्हें इस रुद्राक्ष को धारण करने की सलाह की जाती है।
  • यह रुद्राक्ष भी पंचमुखी की तरह ही आसानी से उपलब्ध हो जाता है लेकिन अगर इसका ख्याल ठीक तरह से रखा जाए तो यह सालों तक वैसे ही बरकरार रहता है।

8. आठ मुखी रुद्राक्ष Eight Mukhi Rudraksha

आठ मुखी रुद्राक्ष भी नजदीक रहे सारे नकारात्मक उर्जाओं का नाश कर देता है और पहनने वाले को विशेष अनुभूतियाँ भी प्रदान करता है अष्टमुखी रुद्राक्ष अष्ट देवियों का स्वरुप माना जाता है। इसे धारण करने से आठ देवियों की विशेष कृपा बनी रहती है।

आठ मुखी रुद्राक्ष के फायदे Benefits of Eight Mukhi Rudraksha

  • जिनकी कुंडली में राहु की दशा की वजह से परेशानियों हो रही हों उन्हें इसे धारण करना चाहिए।
  • आठमुखी रुद्राक्ष को उन लोगों को अवश्य पहनना चाहिए जो शारीरिक व मानसिक रुप से कमजोर हैं।
  • जिन्हें कमर या रीढ़ की हड्डी से सम्बन्धित कोई समस्या होती है उन्हें इसकी सलाह दी जाती है।

9. नौ मुखी रुद्राक्ष Nine Mukhi Rudraksha

नौ मुखी रुद्राक्ष को महाशक्ति भवानी के नौ रूपों और शक्तियों का प्रतिबिम्ब माना जाता है यह रुद्राक्ष राहू और केतु के दुष्प्रभावों को दूर करता है।

नौ मुखी रुद्राक्ष के फायदे Benefits of Nine Mukhi Rudraksha

  • जिन जातकों को राहू-केतु दोष प्रभावित करता है उन्हें यह रुद्राक्ष जरुर धारण करना चाहिए।
  • नौ मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से धन-सम्पत्ति और सम्मान की वृद्धि होती है।
  • महिलाओं को खासकर यह रुद्राक्ष तमाम बुरी नज़रों से बचाता है क्योंकि भवानी दुर्गा स्वयं शक्ति स्वरुप हैं।

10. दस मुखी रुद्राक्ष Ten Mukhi Rudraksha

दस मुखी रुद्राक्ष दशों दिशाओं और नारायण के आठो अवतारों  का प्रतिनिधित्व करता है। दस मुखी रुद्राक्ष धारण करने से तंत्र आदि के प्रयोग से पहनने वाले को बचाता है। दस मुखी रुद्राक्ष मिलना बेहद कठिन हैं।

दस मुखी रुद्राक्ष के फायदे Benefits of Ten Mukhi Rudraksha

  • दस मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाला अकाल मृत्यु, भय नाश और सभी बाधाओं से सुरक्षित रहता है।
  • कोर्ट कचहरी के मामलों में फसे व्यक्तियों को दस मुखी रुद्राक्ष जीत और सुरक्षा प्रदान करता है।
  • दस मुखी रुद्राक्ष धारण करने से भगवान विष्णु और लक्ष्मी साथ ही शीतलता की प्रतिक माँ गंगा की कृपा मिलती है।

11. ग्यारह मुखी रुद्राक्ष Eleven Mukhi Rudraksha

जिस रुद्राक्ष पर ग्यारह लाइन होती है उन्हें ग्यारह मुखी रुद्राक्ष कहा जाता है ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से हनुमान जी के जैसे गुण प्राप्त होते हैं।

ग्यारह मुखी रुद्राक्ष के फायदे Benefits of Eleven Mukhi Rudraksha

  • ग्यारह मुखी रुद्राक्ष घर के क्लेश, उलझन व समस्याओं को दूर कर पराक्रम, साहस और आत्मशक्ति को बढ़ाता है।
  • जिनके घर या शरीर पर किसी नकारात्मक उर्जा जैसे भुत प्रेत का साया हो उन्हें ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की सलाह दी जाती है।

12. बारह मुखी रुद्राक्ष Twelve Mukhi Rudraksha

बारह मुखी रुद्राक्ष श्री हरी का प्रतिक माना जाता है। इसके देवता सूर्य हैं। सूर्य व्यक्ति को शक्तिशाली तथा तेजस्वी बनाता है। बारह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से सूर्य का ओज एवं तेज प्राप्त होता है।

बारह मुखी रुद्राक्ष के फायदे Benefits of Twelve Mukhi Rudraksha

  • जिन जातकों का सूर्य कमज़ोर होता है जिसके कारण वे बहुत बीमार पड़ते हैं उन्हें बारह मुखी रुद्राक्ष को पहनने की सलाह दी जाती है।
  • आर्थिक स्थिति को कमज़ोर बनाने वाली नकारात्मक विचारों और हिन भावनाओं से बारह मुखी रुद्राक्ष बचाता है।

13. तेरह मुखी रुद्राक्ष Thirteen Mukhi Rudraksha

तेरह मुखी रुद्राक्ष भगवान इंद्र का प्रतिनिधित्व करता है। कामदेव का आशीर्वाद प्राप्त होने के कारण से इसके धारण करने से सभी प्रकार की कामनाएँ पूर्ण होती हैं।

तेरह मुखी रुद्राक्ष के फायदे Benefits of Thirteen Mukhi Rudraksha

  • तेरह मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले लोगों को इंद्र और कामदेव के गुणों की प्राप्ति होती है।
  • तेरह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से दरिद्रता का नाश होता है और  सभी प्रकार के भोगों की प्राप्ति होती है।

14. चौदह मुखी रुद्राक्ष Fourteen Mukhi Rudraksha

चौदह मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव और श्री हनुमान का प्रतिक माना जाता है। इससे जीवन की सभी परेशानियाँ दूर होती हैं और आत्‍मविश्‍वास बढ़ता है। इस रुद्राक्ष पर शनि देव की विशेष कृपा भी होती है।

चौदह मुखी रुद्राक्ष के फायदे Benefits of Fourteen Mukhi Rudraksha

  • जो जातक शनि के दोषों से प्रभावित हैं उन्हें चौदह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की सलाह दी जाती है।
  • हनुमान जी से संबंधित होने के कारण 14 मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्‍यक्‍ति को हुनमान जी की भी विशेष कृपा मिलती है।

15. पंद्रह मुखी रुद्राक्ष Fifteen Mukhi Rudraksha

पंद्रह मुखी रुद्राक्ष पशुपतिनाथ का प्रतिबिम्ब माना जाता है  यह रुद्राक्ष स्वास्थ्य, धन, शक्ति, ऊर्जा, समृद्धि, आत्मा के उन्नयन और आध्यात्मिक शक्ति में वृद्धि करता है।

पंद्रह मुखी रुद्राक्ष के फायदे Benefits of Fifteen Mukhi Rudraksha

  • यह त्वचा के रोग को दूर करने में सहायक होता है।
  • पन्द्रह मुखी रुद्राक्ष भूमि के काम करने वालों के लिए और भूमि खरीदने में भी लाभकारी हो सकता है।

16. सोलह मुखी रुद्राक्ष Sixteen Mukhi Rudraksha

सोलह मुखी रुद्राक्ष सोलह कलाओं एवं सिद्धियों का प्रतिनिधित्व करता है। सोलह मुखी रुद्राक्ष विष्णु और शिव का संयुक्त रूप है।

सोलह मुखी रुद्राक्ष के फायदे Benefits of Sixteen Mukhi Rudraksha

  • सोलह मुखी रुद्राक्ष को भगवान नारायण और भगवान शंकर का रुप माना जाता है।
  • सोलह मुखी रुद्राक्ष अध्यात्मिक शांति प्रदान करता है  तथा केतु के बुरे प्रभावों से बचाता है।

17. सत्रह मुखी रुद्राक्ष Seventeen Mukhi Rudraksha

सत्रह मुखी रुद्राक्ष भगवान विश्वकर्मा का प्रतिनिधित्व करता हैं। यह रुद्राक्ष धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्रदान करता है। देवी कात्यायनी के रूप में देवी दुर्गा का प्रतिनिधित्व करता है।

सत्रह मुखी रुद्राक्ष के फायदे Benefits of Seventeen Mukhi Rudraksha

  • जिन्हें अत्यधिक क्रोध आता है ऐसे लोगों को सत्रह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से लाभ होता है।
  • 17 मुखी रुद्राक्ष शारीरिक ऊर्जा की कमी से पीड़ित लोगों के लिए बहुत उपयोगी है।

18. अठारह मुखी रुद्राक्ष Eighteen Mukhi Rudraksha

अठारह मुखी रुद्राक्ष माँ पृथ्वी और शिव के भैरव रूप का प्रतिनिधित्व करता है।  अठारह मुखी रुद्राक्ष एक दुर्लभ रुद्राक्ष है।

अठारह मुखी रुद्राक्ष के फायदे Benefits of Eighteen Mukhi Rudraksha

  • 18 मुखी रुद्राक्ष गर्भवती महिलाओं के लिए अत्यंत लाभदायक होता है इसे धारण करने से गर्भ में पल रहे शिशु कि बुरी उर्जाओं से रक्षा होती है साथ ही शाररिक क्षमता एवं उर्जा का विकास होता है।
  • इस रुद्राक्ष में यह 18 शक्तियों का निवास है जो बुराइयों और समस्याओं का नाश करने में सहायक होती है।

19. उन्नीस मुखी रुद्राक्ष Nineteen Mukhi Rudraksha

उन्नीस मुखी रुद्राक्ष भगवान शंकर-पार्वती, श्री गणेश तथा प्रभु नारायण का प्रतिनिधित्व करता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से सांसारिक सुखों में कमी नहीं रहती।

उन्नीस मुखी रुद्राक्ष के फायदे Benefits of Nineteen Mukhi Rudraksha

इस रुद्राक्ष को धारण करने से भगवान हरि और माता लक्ष्मी का आशीष मिलता है जिससे सांसारिक व्याधियाँ और आर्थिक कठिनाईयाँ दोनों दूर हो जाती है।

20. बीस मुखी रुद्राक्ष Twenty Mukhi Rudraksha

बीस मुखी रुद्राक्ष के प्रथम आरूढ़ देव श्री ब्रम्हा को माना जाता है और साथ ही ब्रम्हा विष्णु और महेश के शक्तियों का सम्मिश्रण भी होता है बीस मुखी रुद्राक्ष बड़ी मुश्किल से प्राप्त होता है।

बीस मुखी रुद्राक्ष के फायदे Benefits of Twenty Mukhi Rudraksha

  • 20 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से भूत-पिशाच और अन्य नकारात्मक उर्जाओं के परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
  • 20 मुखी रुद्राक्ष नेत्र दृष्टि समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए बहुत उपयोगी होता है।

21. इक्कीस मुखी रुद्राक्ष Twenty one Mukhi Rudraksha

इक्कीस मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के साथ भगवान कुबेर का प्रतिनिधित्व करता है इसके अलावा यह रुद्राक्ष भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश और अन्य  सभी देवताओं का प्रतिक भी माना जाता है इक्कीस मुखी रुद्राक्ष का मिलना थोड़ा कठिन है।

इक्कीस मुखी रुद्राक्ष के फायदे Benefits of Twenty one Mukhi Rudraksha

  • 21 मुखी रुद्राक्ष धन धान्य की कमी को दूर करता है।
  • इससे रुके हुए काम या काम के बिच आ रही नकारात्मक उर्जाओं की व्याधियाँ दूर हो जाती है।

असली रुद्राक्ष की पहचान कैसे करें? How to check a original Rudraksha?

रुद्राक्ष की पहचान करने के लिए एक पात्र में जल लें और रुद्राक्ष को उसमे डाल दें अगर रुद्राक्ष पूर्णतः डूब जाता है तो वह असली रुद्राक्ष होता है और अगर रुद्राक्ष सतह पर तैरता हो तो बह नकली रुद्राक्ष होता है। साथ ही इसके असली होने का प्रमाण पत्र (कार्ड) की भी जांच करें।

रुद्राक्ष पहनने के नियम Rules for wearing Rudraksha

रुद्राक्ष एक सात्विक तत्व है इसलिए इसे पहने हुए व्यक्तियों को सात्विकता पर ख़ास ध्यान देना पड़ता है। रुद्राक्ष को भगवान शंकर के चरण स्पर्श के बाद ही पहनना चाहिए और साथ ही भगवान शंकर के मंत्र “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का प्रातः और सायं जाप करना चाहिए। कभी भी मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए इससे रुद्राक्ष की शक्तियाँ रुष्ट हो जाती है और विपरीत प्रभाव छोड़ती हैं।

रुद्राक्ष पहनने की सावधानियाँ Precautions to wear Rudraksh

अगर किसी जातक को रुद्राक्ष के विपरीत असर मिलते हों तो महामृत्यंजय मंत्र का जाप करें और गर्भवती स्त्रियाँ किसी जानकार से परामर्श लेकर ही रुद्राक्ष को धारण करें।

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