लड़की बचाओ-बेटी बचाओ पर निबंध Save girl child essay in Hindi
लड़की बचाओ – बेटी बचाओ पर निबंध Save girl child essay in Hindi
क्या आप जानती है महिलाएं और बालिकाओं का इस दुनिया में कितना महत्व है?
क्या बेटी और बेटा में भेदभाव करना सही है?
लड़की बचाओ-बेटी बचाओ पर निबंध Save girl child essay in Hindi
बालिकाओं की रक्षा करें निबंध Save Girl Child Article in Hindi
इस पृथ्वी पर मानव जाती के अस्तित्व को बनाये रखने के लिए पुरुष और महिला दोनों को होना बहुत आवश्यक है। भले ही हम विश्व के किसी भी देश या राज्य में रहते हों हर जगह यह नियम लागू होते हैं। इसमें किसी भी प्रकार की शंका नहीं है की एक महिला का मनुष्य के जीवन में बहुत ज्यादा महत्व होता है क्योंकि एक औरत ही कई हद तक कष्ट सहने के पश्चात एक शिशु को जन्म देती है।
महिलाओं के बिना इस दुनिया का विस्तार असंभव है इसलिए बालिकाओं को बचाना आवश्यक है। साथ ही हमें महिलाओं का सम्मान करना चाहिए और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के समान अवसर प्रदान किये जाने चाहिए।
आज के इस आधुनिक और शिक्षित युग में भी भारत में ज्यादातर स्थानों में कन्या भ्रूण हत्या हो रहे हैं जो हमारे देश और विश्व के लिए एक बहुत ही दुख का विषय है। हमें इसे पाप होने से रोकना चाहिए और साथ ही इसके खिलाफ आवाज़ उठाना चाहिए। जो लोग अपने मां के पेट पर पलते हुए शिशु का लिंग जाँच करवाते हैं उन्हें शर्म आना चाहिए।
कन्या भ्रूण हत्या का प्रभाव Effects of Female Foeticide in Hindi
कन्या भ्रूण हत्या के कारण हमारे समाज में बालिकाओं की संख्या बहुत कम होते जा रही है। खासकर भारत में बेटे की चाह में लोग गर्भ में पल रही बेटियों की बलि चढ़ा देते हैं जो की शर्म की बात है।
कई हॉस्पिटल में अल्ट्रा-साउंड के गलत कानूनी तरीके से लिंग जाँच किया जा रहा है और कन्या होने पर उन्हें पेट में ही मार दिया जा रहा है। यह सोच कर भी कितना घिनौना लगता है कि वह व्यक्ति भी एक माँ से जन्म लेता है और एक बालिका से नफरत करता है।
बेटियों को क्यों बचाएं? Why to Save Girl Child?
एक बात जो सबसे पहली यह है कि बेटी-बीटा एक सामान। लड़कियाँ हर क्षेत्र में लड़कों के सामान हैं चाहें वह शिक्षा हो या सरहद पर डटी हुई सेना की लडकियां हों। आज के इस आधुनिक युग में महिलाएं हर क्षेत्र में अपना कदम बढ़ा चुके हैं। आज कल्पना चावला जैसे महिलाएं पृथ्वी से बाहर जा कर लोगों को अन्तरिक्ष का ज्ञान बाँट चुकी हैं।
दूसरी बात कन्या भ्रूण हत्या सन 1961 से बहुत बड़ा कानूनन अपराध है जिसे करने वाले व्यक्ति को बहुत बड़ी सजा मिलने का प्रावधान है। यहाँ तक की बच्चे की लिंग जाँच करवाने वाले माता पिता या करने वाले डॉक्टर को भी कड़ी सजा का प्रावधान है।
लड़कों के मुकाबले लड़कियाँ माता पिता का ज्यादा ख्याल रखते हैं। आज तक लड़कियों ने अपने परिवार, ससुराल, नौकरी, समाज और हर क्षेत्र में अपने कर्तव्य को लड़कों से कई अधिक अच्छे तरीके से संभाला है। तब भी पता नहीं लोग लड़कों की तलाश में क्यों रहते हैं। एक महिला एक माँ, पत्नी, बेटी, बहन की भूमिका अपने एक जीवन में निभाती है जिसके लिए हमें महिलाओं का सामान करना चाहिए।
सरकार द्वारा बालिकाओं की रक्षा के लिए योजनायें Steps by Government to Save Girl Child
- बेटी बचाई बेटी पढ़ो अभियान
- सुकन्या समृद्धि योजना
- प्री-नेटाल डायग्नॉस्टिक टेक्निक्स एक्ट या पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994
निष्कर्ष Conclusion
हमें लड़कियों के महत्व को समझना चाहिए और उन्हें भी दुनिया में एक अच्छा सम्मान प्रदान करना चाहिए। साथ ही लड़का-लड़की को काबिलियत के नाम पर अलग-अलग सोचकर कभी भी भेदभाव नहीं करना चाहिए। हमें लड़कियों को लड़कों के समान ही अवसर देने चाहिए जिससे वह जीवन में बहुत आगे बढ़ सकें और विश्व में अपनी एक अलग छाप छोड़ सकें।
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