स्पैम क्या है? इसके प्रकार, दुष्प्रभाव What is Spam? Its Types and Effects in Hindi

स्पैम क्या है? यह कितने प्रकार का होता है? इसके दुष्प्रभाव क्या हैं? (What is Spam? What are its types? What are its bad effects? In Hindi

अगर आप किसी भी तरह से ऑनलाइन एक्टिव हैं, तो ये तय है कि एक दिन आपको स्पैम का सामना करना होगा| स्पैम जैसा कुछ पहली बार में तो शायद आपकी समझ में भी न आए, लेकिन जब तक आप इस बला को समझ पाएंगे, तब तक यह आपका काफी ज़्यादा नुकसान कर चुकी होगी|

अगर आप यूट्यूबर हैं तो यूट्यूब पर नुकसान होगा, ब्लॉगर हैं तो ब्लॉग पर, लेकिन अगर आप केवल एक स्मार्टफोन यूजर हों तब, तब सबसे पहले आपकी प्राइवेसी को नुकसान पहुंचाया जाएगा| आपकी फोटोज से लेकर, बैंक डिटेल्स तक, सब कुछ खतरे में हो सकता है, अगर आप स्पैम से सही तरह से नहीं निबटते| आइए जानते हैं, आखिर क्या होता है स्पैम (What Is spam)? क्या हैं इसके प्रकार (Types of spam) और इसके दुष्प्रभाव (Bad effects of Spam)?

स्पैम क्या है? क्यूं है? (Meaning of Spam)

स्पैमिंग (spamming) एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमे कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के कम्प्यूटर या उससे जुड़ी जानकारी को अनचाहे और नुक्सान पहुँचाने वाले मैसेज भेजकर उसे किसी भी प्रकार की हानि पहुँचाने की कोशिश करता है। अभी तक के स्पैम से जुड़े मामलों में सबसे बड़े और चर्चित स्तर ई मेल- स्पैम (e- mail spam) जाने जाते हैं। जो व्यक्ति स्पैमिंग करता है, उसे स्पैमर (spammer) जाता है। 

स्पैम ई- मेल एक तरह से व्यावसायिक विज्ञापन (commercial advertisement) भेजने का तरीका है, जो कि काफी किफायती साबित होता है, क्योंकि ई- मेल भेजने में किसी भी प्रकार का धन तथा साधन खर्च नही करने पड़ते हैं। यदि भेजे गए मैसेज में से चंद लोग भी उस विज्ञापन को देखकर वह उत्पाद खरीद लेते हैं, तो भी इन स्पैमर्स का काफी फायदा होता है और स्पैम मैसेज भेजने का इनका मकसद सफल हो जाता है। 

स्पैमर्स सार्वजनिक वेबसाइटों से किसी व्यक्ति का ई- मेल एड्रेस चुराते हैं, और फिर ऐसे करते – करते लाखों यूजर्स का ई- मेल एड्रेस ये विशिष्ट प्रोग्राम्स की मदद से चुरा लेते हैं। इसके बाद ये उन सभी पर अपने उत्पाद से जुड़ा विज्ञापन भेजते हैं। वर्तमान समय में, समस्त विश्व में इंटरनेट से भेजे जाने वाले ई- मेल मैसेज में से 95 प्रतिशत मैसेज स्पैम होते हैं।

स्पैम तथा वायरस: (Spam and Virus)

स्पैम आजकल बड़ी संख्या में ऐसे कंप्यूटर्स से भेजे जा रहे हैं, जो कम्प्यूटर पहले से ही वायरस- जनित होते हैं। वायरस बनाने वाले लोग और स्पैमर्स, ये लोग साथ मिलकर, कम सुरक्षा वाले कंप्यूटर सिस्टम को हैक करके उनसे अपनी स्वार्थ- सिद्धि हेतु स्पैम भेजते हैं। ऐसे कम्प्यूटर को स्पैम भेजने वाले “ड्रोन्स” अथवा ” ज़ॉम्बी” (Drones or Jombie) भी कहा जाता है।

ऐसे प्रोग्राम तेज़ गति से अपना आकार और क्षेत्र बढ़ाते हैं और भारी संख्या में स्पैम भेजते हैं, और पहचान छुपाने के लिए ये किसी वैध ई- मेल एड्रेस के नाम का प्रयोग करते हैं। इसलिए कम्प्यूटर उपयोग करने वाले सभी यूजर्स को अपने कम्प्यूटर पर किसी एंटी- वायरस सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल तथा अपडेट रखना चाहिए, जिससे कि उनके कम्प्यूटर बिना उनकी जानकारी के किसी भी प्रकार की स्पैम- धोखा- धड़ी में संलिप्त होने से बच जाएंगे।

स्पैम से बचने के लिए यूजर्स को क्या करना चाहिए? (What should users do in order to avoid spam)?

  • यूजर्स को हमेशा किसी भी संदेहात्मक मैसेज के विवरण और ई-मेल एड्रेस को ध्यान से पढ़कर ही उस पर क्लिक करना चाहिए। 
  • ऑटोरेप्लिइस (auto replies) को सेट करने से पहले यह समझिये कि इसके कारण स्पैमर्स को आपके ई- मेल एड्रेस की सटीक जानकारी हो जाएगी। 
  • जब आप एक साथ कई लोगो को कोई मैसेज फॉरवर्ड करते हैं, तो ऐसे एड्रेस जो कि आपको संदेहप्रद और गलत लगें, उन्हें पहले ही हटा दीजिये।
  • अपने कंप्यूटर पर फ़ायरवॉल (Firewall) सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करें, यह आपको दूसरे कम्प्यूटर- यूजर्स द्वारा किये जाने वाले हैकिंग के प्रयासों से सुरक्षित रखेगा

स्पैम से बचने के लिए यूजर्स को क्या नही करना चाहिए? What should users not do in order to avoid spam?

  • अपने ई-मेल एड्रेस के लिए बहुत छोटे और आसान यूजर नेम और यूजर आई डी बनाने से बचे, क्योंकि ऐसे नामों पर बड़े और कठिन नामों की अपेक्षा स्पैम- अटैक होने का खतरा कहीं अधिक होता है। आपको अपने यूज़रनेम तथा आई डी में संकेतों, अंकों, अक्षरों तथा चिन्हों सभी का प्रयोग करना चाहिए। 
  • अपने ई – मेल एड्रेस को हर आम जगह पर प्रयोग करने से बचें, और खासकर ऐसी जगहों पर जहाँ इसे सभी व्यक्ति आसानी से देख सकते हैं। 
  • किसी भी प्रोग्राम, सॉफ्टवेयर, गेम इत्यादि जिन्हें आप फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं, उन्हें डाउनलोड करने के लिए अपनी वास्तविक ई-मेल एड्रेस और आई डी का प्रयोग ना करें। 
  • संदेहास्पद दिखने वाले ई- मेल और अटैचमेंट्स (attachments) को ना खोलें। इनके अंदर हानिकारक वायरस हो सकते हैं, जो आपके ई- मेल और एड्रेस को हैक कर लेंगे। और आपकी जानकारी के बिना ही वे आपके कम्प्यूटर का प्रयोग स्पैम मैसेज भेजने में करेंगे। 
  • जो स्पैम मैसेज आप प्राप्त करते हो, उससे प्रभावित होकर कोई भी सामान ना खरीदें, इससे स्पैमर्स को आर्थिक लाभ नही मिलेगा और स्पैम भेजने वालों के हौसले पस्त होंगे। 
  • एक ही ई- मेल एड्रेस का प्रयोग हर जगह व बार-बार ना करें। 
  • अलग अलग डोमेन पर एक ही यूजर नेम का प्रयोग ना करें, अन्यथा स्पैमर्स आपको अन्य सर्विसेज के ज़रिये से ढूंढ लेंगे और वे आपके कंप्यूटर से लेकर आपके निजी जीवन तक को नुकसान पहुंचा सकते हैं। 

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