अनुशासन पर भाषण व इसका महत्व Speech on Discipline in Hindi
अनुशासन पर भाषण व इसका महत्व Speech on Discipline in Hindi
सभी आदरणीय श्रोताओं को सुप्रभात। आज मैं अनुशासन के विषय पर अपने विचार आपके समक्ष रखना चाहता हूं। यह बताने की जरूरत तो बिल्कुल भी नहीं है कि अनुशासन का हमारे जीवन में क्या महत्व है।
अनुशासन पर भाषण व इसका महत्व Speech on Discipline in Hindi
किसी भी व्यक्ति के जीवन में समय काफी ज्यादा सीमित होता है और यदि समय की बर्बादी की जाए तो इसका भुगतान काफी भयानक हो सकता है। समय को बर्बादी से रोकने के लिए हमें अनुशासन की जरूरत होती है।
इस चीज को समझने के लिए यह जानना होगा कि समय आखिर बर्बाद किस तरह होता है। देखिए आप यदि किसी ऐसे दिन के बारे में सोचें जब आपने अपने मन को बिल्कुल खुला छोड़कर सब कुछ करने की आजादी दे दी हो। उस दिन क्या होगा? उस दिन आप अपने कार्यस्थल पर देरी से पहुंचेंगे या शायद पहुंचे भी नहीं।
उस रोज आप बिल्कुल भी अध्ययन नहीं करेंगे, क्यूंकि अध्ययन करना मन को आनंदित नहीं करता। उस दिन शायद आप पूरा दिन सोएं और अपना एक दिन, चौबीस घंटे पूरी तरह बर्बाद कर दें। गौर करने पर यह पाएंगे कि यह दिन भर में अनुशासन से न रहने के कारण हुआ है।
आप सभी के मन में यह सवाल तो जरूर उठा होगा कि आखिर यह अनुशासन होता क्या है? इसकी हदें क्या हैं? इसकी जरूरत क्या है? अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है, अनु और शासन। अनुशासन का शाब्दिक अर्थ होता है मन पर शासन करना। यहीं से इस बात का उत्तर भी निकलता है कि अनुशासन की जरूरत क्या है? अनुशासन मन को काबू में रखने के लिए किया जाता है।
आप सर्दियों के दिनों की सुबह याद कीजिए जब आपका बिस्तर से उठने का बिल्कुल भी मन नहीं था, उठकर कार्यालय जाने में आपको आलस्य आ रहा था। उस वक़्त अगर आप उठकर आगे बढ़े तो आपने अनुशासन से काम लिया।
अब जरा सोचिए अपने कार्यस्थल के बारे में, घर, स्कूल, कार्यालयों के बारे में, जरा सोचिए क्या सेना अनुशासन के बिना कार्य कर सकती है। क्या किसी भी स्कूल में बिना अनुशासन के बच्चों को पढ़ाया जा सकता है। जरा सोचिए यदि सड़क पर गाड़ियां अनुशासन से न चलें तो कितनी ही त्रासदियां हमें रोज रोज देखने को मिलेंगी।
आप अपने कार्यस्थल से लौटकर आते हैं और टीवी ऑन करके देखते हैं कि आपके पसंदीदा कार्यक्रम को उसके निश्चित समय पर प्रसारित नहीं किया जा रहा है। अनुशासन के कारण काम न करने पर इस तरह की स्थिति बन सकती है। अनुशासन कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए सर्वाधिक महत्पूर्ण है, अन्यथा किसी भी कार्य को सफलता पूर्वक नहीं चलाया जा सकेगा।
जानवरों और इंसानों के मध्य यही एक अंतर है कि वे अनुशासन में नहीं रहते, उनकी कोई कार्यप्रणाली नहीं है। अनुशासन क्या है और क्यूँ जरूरी है यह तो मैं आपको बता चुका हूं लेकिन अनुशासन किस तरह कार्य करता है क्या आप यह जानते हैं?
अनुशासन के अंतर्गत समय पद्धति और समय सूची आती है। अनुशासन में रहकर किसी कार्य को करने के लिए उसकी रूपरेखा और समयसीमा तैयार करनी होती है।
दरअसल अनुशासन जीवन के सभी कार्यों में अनिवार्य रूप से महत्वपूर्ण है। अनुशासन में रहकर ही हम अपने निजी एवं औपचारिक कार्यों को सफलता पूर्वक कर सकते है। जीवन में यदि सभी कामों को रूपरेखा तैयार करके किया जाए तो वे आसानी से हो जाते हैं।
मानव जीवन मे कभी भी ऐसा मौका नहीं आता जब आपको अनुशासन की आवश्यकता न हो या अनुशासन के बिना कोई काम हो जाए। अनुशासन के बिना सुखद जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती।
ऐसा हो सकता है कि कुछ पल आलस्य में रहकर सुखी हुआ जाए लेकिन वह खुशी क्षणिक होती है। मुझे आशा है कि आप सभी मेरे कथनों से प्रेरित होकर अनुशासन को अपने जीवन का आधार बनाएंगे और अपनी कार्यप्रणाली को बदलकर अपने जीवन को सफल बनाएंगे। धन्यवाद
Nice
Life is anushasan
Good I really enjoyed it
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